Xxx मासी सेक्स कहानी में पढ़ें कि मेरी मासी मेरे नाना के घर में रहती थी. एक बार मैं नाना के घर रहने गया तो मौसी ने मुझे अपने पास ही सुलाया. उसके बाद क्या हुआ?
दोस्तो, मेरा नाम राहुल है. मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ. यह अन्तर्वासना पर मेरी सेक्स पहली कहानी है.
मैं आपको अपने बारे में बता देता हूँ. मैं बनारस का रहने वाला हूँ. मेरा रंग गोरा है, कद 5 फुट 6 इंच है और मेरा लंड 7 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है.
लड़कियां मेरी तरफ आकर्षित तो होती हैं लेकिन मुझे किसी से दिल लगाने में दिलचस्पी नहीं है.
बचपन से ही अपनी नानी के घर जाना बहुत पसंद था.
मेरी नानी मुझे बहुत प्यार करती हैं और मेरी मौसी भी.
यह Xxx मासी सेक्स कहानी उसी मौसी की चुदाई की है.
अब मैं आपको मेरी मौसी के बारे में बताता हूं. मेरी मौसी 35 साल की हैं और दिखने में बहुत सेक्सी हैं. वह दूध सी गोरी हैं और उनका फिगर करीब 34-32-36 का होगा.
वो दिखने में एकदम ऐसी कांटा माल हैं कि उनको देख कर किसी का भी लंड खड़ा हो जाए.
पहले मेरे मन में मौसी को लेकर कोई भी ग़लत विचार नहीं था. मौसी बचपन से ही मुझसे बहुत प्यार करती थीं और जब भी मैं उनके घर जाता था, वो मुझे कसके गले से लगा लेती थीं.
बचपन में तो कुछ समझ में नहीं आता था लेकिन अब मैं बड़ा हो चुका था.
मेरे नाना और नानी की तबियत खराब रहने की वजह से मौसी नानी के साथ ही रहती हैं.
उनके पति अपनी जॉब के चलते कभी कभी ही अपनी ससुराल आ पाते हैं.
मैं अपनी बारहवीं के बाद नानी के घर गया.
सब मुझे देख कर बहुत ही खुश थे.
मौसी ने हमेशा की तरह मुझे अपने गले से लगा लिया. उनकी चूचियां मेरे सीने से रगड़ गईं, जिसकी वजह से मेरा लंड खड़ा हो गया.
इस बार मौसी ने मेरे पैंट में बने तम्बू को महसूस कर लिया था.
इस पर उन्होंने स्माइल देते हुए कहा- राहुल, तुम तो काफी बड़े हो गए हो.
उनकी स्माइल से मैं तो समझ गया लेकिन कुछ कह नहीं पाया. मैं हंस कर रह गया.
मैं नानी के यहां रहने गया था तो मैं रात में बैठ कर मौसी के एक साल के बच्चे के साथ खेल रहा था.
तभी मौसी आईं और लड़के को अपनी गोद में लेकर दूध पिलाने लगीं.
वो मेरे बगल में कुछ इस तरह बैठी थीं कि अगर कोई सामने बैठा होता तो उन्हें उनकी पीठ दिखाई देती.
लेकिन वह मेरे बगल में थीं, तो मुझे उनके चूचों के दर्शन हो गए.
मौसी के रसीले चूचे देख कर मेरा लंड फिर से सलामी देने लगा.
तभी बच्चे ने अपना हाथ कुछ इस तरह से फिराया कि मौसी की कुर्ती एक तरफ से पूरी उठ गई, जिससे मुझे उनकी पूरी चूची दिख गई. मैं आंख फाड़ कर मौसी के मम्मे देखता रह गया.
मौसी ने तुरंत अपनी कुर्ती को नीचे कर दिया और मेरी तरफ देखने लगीं.
मैं उन्हें अनदेखा करके टीवी देखने लगा लेकिन मैंने तिरछी नजर से ध्यान दिया तो देखा कि मौसी का ध्यान बार बार मेरी पैंट में तम्बू बनाए हुए मेरे लंड पर जा रहा था.
कुछ देर बाद हम खाना खा कर बैठे गए थे.
तभी मौसी ने कहा- तुम्हारे मौसा एक हफ्ते से आए नहीं हैं और वो कुछ दिन तक नहीं आएंगे.
मैंने पूछा- क्यों?
तो मौसी ने ठंडी आह भरते हुए कहा- उनका काम ही कुछ ऐसा है कि वो कम बार आ पाते हैं. तुम आज मेरे साथ ही सो जाना.
सच कहता हूं दोस्तो मौसी की ये बात सुनकर मैं तो बहुत ज्यादा खुश हो गया था कि मौसी के साथ सोने का मौका मिल गया.
रात हुई और वो बच्चे को बीच में सुलाने लगीं.
तभी मैंने कहा- मौसी इसे उधर साइड सुला दो और आप बीच में सो जाओ.
मैं नींद में हाथ पैर बहुत चलाता हूं और यह बात मौसी जानती थीं. इसलिए उन्होंने उसे अपनी दूसरी तरफ सुला दिया और खुद बीच में सो गईं.
हम सब सो गए.
रात में मेरी नींद खुली तो मेरा ध्यान मौसी कि तरफ गया तो वो मेरी तरफ मुँह करके सो रही थीं.
तभी मैंने अपने हाथ का कमाल चालू कर दिया.
हालांकि मुझे डर भी लग रहा था मगर मेरी वासना जाग चुकी थी तो मैं अपने काम पर लग गया.
मैंने धीरे धीरे अपने हाथ उनके चूचों पर रख दिए.
मुझे महसूस हुआ कि उन्होंने ब्रा पहन रखी थी.
मुझे मजा आ रहा था.
मौसी बहुत गहरी नींद में सो रही थीं.
मैंने उनके चूचों को सहलाना शुरू कर दिया.
वो भी गहरी नींद में थीं तो नहीं जागीं.
मैं मौसी के चूचों को धीरे धीरे दबाने लगा.
मुझे बहुत ज्यादा मजा आने लगा.
मैंने उनकी कुर्ती में हाथ डालने की कोशिश की लेकिन कुर्ती टाइट होने के कारण मैं ऐसा नहीं कर पाया.
तभी मैंने उनके चेहरे को देखा तो ऐसा लग रहा था जैसे ये मेरी मौसी नहीं, कोई जन्नत की परी हों.
अब मैंने उनके होंठों को छुआ, तो मुझे महसूस हुआ जैसे मैंने किसी गुलाब की पंखुड़ी पर हाथ रख दिया हो.
तभी मैंने उनके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और उनकी गर्म सांसों को महसूस करने लगा.
मैं गर्म होने लगा था तो मैंने उन्हें थोड़ा थोड़ा किस करने लगा.
शायद वो बहुत गहरी नींद में थीं इसलिए उन्होंने कोई विरोध नहीं किया.
कुछ देर बाद मौसी ने थोड़ी सी हरकत की.
जैसे ही मौसी हिलीं, मेरी तो गांड ही फट गई.
मैं फट से हटा और पलट कर सोने का नाटक करने लगा.
मौसी की तरफ से कुछ देर तक जब कोई हरकत नहीं हुई तो मैंने समझ लिया कि मौसी अब भी नींद में थीं.
मेरी आंखें फिर से खुल गईं और मैंने सर घुमा कर देखा कि अब मेरी मौसी की गांड मेरी तरफ हो गई थी.
जैसे औरतों की गांड शादी के बाद चौड़ी हो जाती है, मेरी मौसी की भी गांड काफी चौड़ी हो गई थी.
मैं उनकी गांड पर हाथ रख कर सहलाने लगा. उनकी तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई तो मैंने अपना लंड अपने पैंट के बाहर निकाला और उनकी गांड की दरार पर रगड़ने लगा.
मुझे मौसी की गांड की खाई में लंड रगड़ने से मजा आने लगा.
मैं लंड रगड़ते रगड़ते ही एकदम से कामोत्तेजित हो गया और मेरे लंड ने अंडरवियर के अन्दर ही पानी छोड़ दिया.
मेरी आग शांत हो गई और मैं अपनी अंडरवियर बाथरूम में रख कर वापिस बेड पर आ गया.
ये सब होते होते सुबह के 4 बज चुके थे.
मौसी हमेशा से ही 5 बजे उठ जाती थीं.
तभी मेरे मन में फिर से वासना जागने लगी.
मुझे अभी बाथरूम से आए हुए 15 मिनट ही हुए होंगे कि मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया और मैं उसे पैंट के बाहर ही छोड़ कर सो गया.
मैंने ऐसा इसलिए किया था ताकि मौसी उठ कर मेरा मोटा लंड देख लें और उन्हें ऐसा लगे कि मैंने नींद में ऐसा किया.
मैं अब सोने का नाटक करके लेट गया.
थोड़ी देर बाद मौसी जाग गईं.
उनका मुँह मेरी तरफ था.
उठते ही उनकी नजर लंड की तरफ गई. उनका मेरे चेहरे की तरफ ध्यान नहीं था, वो सिर्फ मेरे लंड को निहार रही थीं.
मैं सोने का नाटक कर रहा था और साथ ही थोड़ी सी आंख खोल कर उनकी तरफ देख रहा था.
मैं उनकी प्रतिक्रिया देखने चाहता था. वह घूर घूर कर मेरे लंड की तरफ देख रही थीं.
फिर उन्होंने मेरी तरफ देखा, तो मैंने आंखें बंद कर लीं.
तभी मौसी ने बच्चे को देखा, जो सो रहा था.
उन्होंने मुझे आवाज लगाई, जिसका मैंने उत्तर नहीं दिया ताकि उन्हें ऐसा लगे कि मैं गहरी नींद में सो रहा हूं.
फिर वह उठीं और मेरे लंड की तरफ ध्यान लगाने लगीं.
मेरी तरफ देख कर वो मेरे लंड को छूने लगीं.
उनके मुलायम और नाज़ुक हाथों का स्पर्श मिला तो मैं झनझना उठा.
मैं शब्दों में बयान नहीं कर सकता कि मुझे कैसा लग रहा था. मैं मानो आसामान में उड़ रहा था. मैं दम साधे लेता रहा और मैंने कोई भी प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की.
वो मेरे लंड को अब अपने हाथ में पकड़ कर उसे आगे पीछे करने लगी थीं.
मैं आंख बंद करके पड़ा रहा.
वो मेरे लंड की खाल को पूरा पीछे तक ले जा रही थीं, जिससे मुझे थोड़ा दर्द हो रहा था.
चूंकि मैंने अब तक कभी किसी को चोदा नहीं था तो मुझे बड़ा अजीब लग रहा था.
मौसी मेरे लंड के साथ रह रह कर अपनी चूत को भी सहला रही थीं.
उनके नाज़ुक स्पर्श के आगे मैं ज्यादा देर नहीं टिक पाया और मेरा पानी निकल गया.
मेरे लंड का रस मौसी के हाथ पर ही गिर गया.
उन्होंने अपने हाथ की तरफ देखा, फिर दूसरे हाथ से मेरे लंड को मेरे लोअर अन्दर करके वो उठ कर वहां से चली गईं.
कुछ देर बाद जब मैं उठा, तो मौसी मुझसे नजरें चुरा रही थीं और बार बार मेरे लंड की तरफ देख रही थीं.
उनका व्यवहार भी आज बदला हुआ था.
आज बच्चे दूध पिलाते समय वह अच्छे से अपने चूचे दिखा रही थीं.
तभी मौसी मुझसे मेरे बारे में पूछने लगीं.
हम दोनों बात करने लगे.
बातचीत में मालूम हुआ कि मौसा अभी दस दिन तक नहीं आने वाले थे.
आज तो मैंने ठान ली थी कि आज मौसी को चोद कर ही रहूंगा.
हम दोनों खाना खा कर सोने चले गए.
आज मेरे बोले बिना ही मौसी ने बच्चे को एक साइड में सुला दिया और खुद बीच में आकर लेट गईं.
आज मौसी गहरे गले की मैक्सी पहन कर आई थी.
उन्हें देख कर लग रहा था कि उन्होंने अन्दर ब्रा नहीं पहनी है.
रात हो गई, मौसी सो गईं.
मेरी नींद रात में खुली, तो मैंने पाया कि मौसी दूसरी तरफ मुँह करके सो रही थीं.
अब मुझे पता था कि मौसी भी मुझसे चुदवाना चाहती थीं इसलिए मैंने बेफिक्र होकर उनकी चूची पर अपना हाथ रख दिया और कुछ पल बाद एक चूची को दबाने लगा.
तभी मैंने पाया कि मौसी अपनी गांड पीछे करके मेरे खड़े लंड पर रगड़ रही थीं.
मैंने उनकी चूची दबा रहा था.
वह जाग गईं और अचानक मेरी तरफ मुड़ गईं.
एक बार को तो मैं डर गया लेकिन सुबह की बात याद करके मैं वैसे ही पड़ा रहा.
मौसी ने मेरी तरफ देखा और धीरे से कहा- इसके आगे भी कुछ करोगे?
मैं मौसी की इस अदा को देख कर चौंक गया था. मैं अभी कुछ बोलता, इसके पहले ही उन्होंने मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए और जोर जोर से चूसने लगीं.
मैं उनका विरोध तो नहीं कर रहा था, लेकिन साथ भी नहीं दे रहा था.
तभी मौसी मुझसे अलग हुईं और उन्होंने कहा- कल तो बड़ा किस कर रहे थे. आज क्या हो गया?
इस बात से मुझे फिर एक झटका लगा.
इसका मतलब साफ़ था कि जब मैं उन्हें कल चूम रहा था, तब मौसी जाग रही थीं.
इस बात से मैं बेफिक्र हो गया. मैं उन्हें अपने करीब खींच कर किस करने लगा.
मौसी मेरे साथ चूमाचाटी में मस्त होने लगीं.
फिर मैंने कहा- मौसी अगर कल ही बता देतीं, तो आपको आज तक का इंतज़ार नहीं करना पड़ता.
इस पर वह हंस पड़ीं और बोलीं- पहले तो ये मौसी मौसी कहना बंद करो. मुझे रीना कह कर पुकारो!
मेरी मौसी का नाम रीना है.
मैंने कहा- हां रीना रानी.
मौसी- हां अब सही लाइन पर आ गए. सुनो मेरी जान अब भी कौन सी देर हुई है. आज की रात अपनी है.
मैं खुश हो गया और कहा- मेरी जान, मैं आज तुमको जम कर चोद कर मजा दूंगा.
उन्होंने कहा- हां अब ज्यादा बात मत कर … बस जल्दी से चालू हो जा. राहुल आज मुझे शांत कर दे. मैं बहुत दिन से प्यासी हूं. तेरे मौसा तो अपने काम में ही व्यस्त रहते हैं. उन्हें तो मेरा ख्याल ही नहीं रहता है.
यह बात कह कर वो थोड़ी दुखी हो गईं.
मैंने कहा- अरे आप चिंता क्यों करती हो, मैं हूं ना. मैं आपका पूरा ख्याल रखूंगा.
मेरी इस बात पर मौसी हंस दीं और हम दोनों के बीच में फिर से चुम्बन शुरू हो गए.
मैं उनके होंठों को चूस रहा था. मौसी मेरी जीभ चूस रही थीं. मेरे हाथ उनके चूचों पर चलने लगे. मैं उनके होंठ से हट कर उनकी गर्दन और उनके कान पर किस करने लगा, साथ ही एक हाथ से मैक्सी के बाहर से ही उनकी चूची के निप्पल को अपनी उंगलियों में पकड़ कर मींजने लगा.
जैसे ही मैंने उनको कान के निचले हिस्से को चूसा, वो पागल सी हो गईं और मुझे पागलों की तरह चूमने लगीं.
मैंने उनकी मैक्सी को ऊपर तक उठा दिया और उनकी चूत पर उंगली फिराने लगा.
आज मौसी पूरी तैयारी करके आई थीं.
उनकी चूत बिल्कुल चिकनी थी और गीली हो चुकी थी.
मैंने उनकी मैक्सी पूरी उतार दी. अब मौसी मेरे सामने सिर्फ गीली पैंटी में रह गई थीं.
मेरे उंगली करने की वजह से वो गर्म हो गई थीं और उन्हें पसीना आने लगा था, जिसकी वजह से उनका बदन हीरे की तरह चमक रहा था.
कुछ देर मौसी के बदन को निहारने के बाद मैं मौसी को फिर से किस करने लगा.
चूत में उंगली करने के कारण मौसी बेकाबू हो गई थीं और मेरे होंठों को काटने लगी थीं.
तभी मैं उनकी गर्दन पर किस करते हुए उनकी चूचियों पर पहुंच गया.
मैं एक हाथ से उनके चूचे को दबा रहा था और एक हाथ से उनकी चूत में उंगली कर रहा था.
साथ ही साथ निप्पल भी चाट रहा था.
मैं मौसी के एक चूचे को चूसने लगा.
उसमें से दूध आने लगा.
मुझे मौसी का दूध पीने में बड़ा मजा आ रहा था और इसी वजह से मैं बेकाबू होता जा रहा था.
मैं अतिउत्तेजना में कभी कभी उनके निप्पल को काट लेता, जिससे मौसी उत्तेजित होकर मेरे सर को अपनी छाती पर दबाते हुए सिसकारियां लेने लगतीं.
मौसी ने मादक आवाज में कहा- आहह … खा जा इन्हें राहुल … आज पूरा खा जा.
मैं कुछ देर मौसी के दिनों मम्मों का रस पीने के बाद नीचे आ गया, उनकी नाभि में जीभ चलाने लगा.
उसी समय मैंने मौसी की पैंटी नीचे कर दी.
मैं एक हाथ से चूचे को दबा रहा था और दूसरे हाथ की उंगली चूत में चल रही थी.
इन सबसे मौसी एकदम मस्त हो चुकी थीं.
तभी मैं उन्हें चूमते हुए उनकी चूत पर पहुंच गया.
उनकी चूत पूरी गीली हो चुकी थी.
मैं बहुत देर से उनकी चूत में उंगली कर रहा था इसलिए चूत भभक गई थी.
चूत में 5-6 बार जीभ चलाते ही मौसी मेरे सिर को अपनी चूत पर दबाती हुई कराहने लगीं- आहह … उमह … यस्स … ओइ मां … आह आह जोर से … खा जाओ इसे राहुलहह … साली बहुत परेशान करती है.
ये सब कहती हुई मौसी झड़ गईं.
मैं उनकी चूत का सारा पानी गटक गया लेकिन मैंने फिर भी चूत चाटना नहीं छोड़ा.
अब मौसी निढाल होकर हांफ रही थीं.
कुछ देर और जीभ चलाने से मेरी मौसी फिर से गर्म हो गईं और मुझसे कहने लगीं- ये सब बाद में कर लेना राहुल, अभी पहले मुझे चोद कर शांत कर दो. अब मुझे ज्यादा मत सताओ. जल्दी से अपना लंड मेरी चूत में डाल दो प्लीज.
मैं उनको थोड़ी देर तड़पाना चाहता था.
मगर मौसी मान ही नहीं रही थीं.
मैं उनकी चूत को चाटते हुए 69 की पोजिशन में आ गया.
उन्होंने झट से अपना मुँह खोला और मेरा लंड अपने मुँह में लेकर चूसने लगीं.
कुछ देर चूत चाटने के बाद मौसी मेरे लंड पर दांत लगाने लगीं जिससे मुझे दिक्कत होने लगी.
मैं उठ गया और मौसी की चूत के सामने आ गया.
अभी तक मौसी दो बार झड़ चुकी थीं.
अब मौसी मुझसे गिड़गिड़ाने लगी थीं- राहुल, प्लीज अब चोद दे … साले क्यों तड़पा रहा है. मैं बहुत दिन से प्यासी हूं, अब जल्दी से चोद से मुझे.
मुझे इस बात पर उन पर प्यार आ गया.
मैंने उन्हें एक किस किया और कहा- रीना, मेरी जान चिंता मत कर, आज तो मैं तुझे जम कर चोदूंगा.
वो बोलीं- हां राहुल, मुझे रगड़ कर चोद दे. मैं लंड की प्यासी हूँ.
मैं उनकी चूत के सामने आया. उनकी चूत भी पहले से गीली थी.
मैंने अपना लंड उनकी चूत पर रखा और धक्का लगा दिया. मुझे दर्द हुआ क्योंकि ये मेरी पहली चुदाई थी.
मौसी को भी थोड़ा दर्द हो रहा था क्योंकि वो काफी समय से चुदी नहीं थीं.
मौसी को कुछ देर दर्द हुआ लेकिन फिर मौसी गांड उठा उठा कर मजा लेने लगीं.
‘अह … अह … हांह …’
मौसी मेरा सहयोग करने लगीं. धकापेल चुदाई चलने लगी.
इसी बीच मौसी एक बार फिर से झड़ गई थीं.
चूंकि ये मेरा पहली बार वाला सेक्स था इसलिए मुझे ज्यादा तेज स्पीड में चोदने में दिक्कत हो रही थी.
मैंने पोर्न में देखा है कि लड़कियां लंड पर बैठ कर चुदवाना बहुत पसंद करती हैं.
मैंने मौसी को उठाया और खुद बेड पर लेट गया. मौसी समझ गईं और वो मेरे ऊपर आ गईं.
उन्होंने मेरे लंड पर चूत सैट की और बैठ कर मस्त होकर कूदने लगीं.
इस समय मौसी की उछलती हुई चूचियां देख कर मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था.
मौसी बहुत मजे ले रही थीं और ‘अम्हं … आह … यस … स्स फक मी … आह आंह …’ करती हुई मेरे लौड़े पर कूद रही थीं.
उनकी आवाज नीचे नाना नानी के कमरे तक जा सकती थी इसलिए मैंने थोड़ा सा उठ कर मौसी को अपनी तरफ खींच लोया.
वो चिल्ला न सकें इसलिए मैंने किस करके उनका मुँह बंद कर दिया.
मैं अपने हाथ पीछे मौसी की गांड पर ले गया और मौसी की गांड में पर उंगली चलाने लगा.
इससे मौसी कुछ ज्यादा ही पागल हो गईं और जोर जोर से मेरे लंड पर कूदने लगीं.
वो मुझे जोर जोर से किस करने लगीं.
मैं इस सबसे इतना उत्तेजित हो गया था कि खुद को संभाल नहीं पाया और उनकी चूत में ही अपना पानी छोड़ दिया.
मेरे साथ ही मौसी भी झड़ चुकी थीं.
झड़ने के बाद मौसी मेरे ऊपर गिर गईं और हम दोनों हांफने लगे.
मैं मौसी की आंखों में संतुष्टि साफ़ देख सकता था.
मौसी की चूत से मैं भी संतुष्ट हो चुका था.
एक बार की चुदाई के आधा घंटा बाद फिर से चुदाई का खेल शुरू हो गया.
इस बार मैंने मौसी को कुतिया बना कर चोदा और उनकी गांड में एक साथ दो उंगलियों को चला कर उनकी गांड ढीली करने का प्रयास किया.
मैंने मौसी से गांड मारने के लिए कहा तो वो राजी तो थीं मगर कुछ हिचक रही थीं.
उन्होंने कहा- मैंने कभी गांड में लंड नहीं लिया है. तुम मेरी गांड को उंगलियों से ढीला कर दो, फिर मार लेना.
मैंने हामी भर दी और उस रात उनकी गांड को सिर्फ उंगलियों से चोद कर उन्हें 3 बार चोदा.
बाद में मैंने मौसी की गांड में तेल लगाकर उसे लंड लेने के लायक बना दिया.
मुझे मौसी की गांड का छेद ढीला करने में चार दिन लगे.
मौसा जी अभी आने वाले नहीं थे. मौसी रोज मुझे अपने साथ सुला लेती हैं और मैं हर रात Xxx मासी सेक्स के मजे करता रहा.
इसी दौरान मैंने मौसी की गांड भी मारी. उनकी गांड चुदाई की कहानी को मैं अगली बार लिखूंगा.
दोस्तो, आप मुझे मेल लिख कर बताइएगा कि आपको मेरी Xxx मासी सेक्स कहानी कैसी लगी.
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