मैंने अपने देवर से चुदवा लिया-2

मैंने अपने देवर से चुदवा लिया-2

कहानी का पहला भाग : मैंने अपने देवर से चुदवा लिया-1
अब तक की देवर भाभी की चुदाई की कहानी में आपने पढ़ा कि मुझे मेरे देवर ने चोदने के लिए नंगी कर लिया था और अपना लंड मेरी चूत में अभी घुसाया ही था कि तभी एक महिला हमारे घर घर में आ गई.
अब आगे..

मैं उस औरत की तरफ सवालिया निगाहों से देखने लगी.
जय ने मुझसे कहा- भाभी, ये निशा है. हमारे पड़ोस में रहती है. इसे मेरा लंड बहुत पसंद है. ये मुझसे चुदवाने आई है.
मैंने कहा- कब से चोद रहे हो इसे?
जय बोला- लगभग 2 साल से.
मैंने पूछा- इसे तुम्हारा लंड अपनी चुत में लेने में तकलीफ़ नहीं होती. तुमने तो अभी मेरी चुत में केवल अपना लंड ही घुसाया भर है और मेरी हालत एकदम खराब हो गई है.

निशा बोली- पहली पहली बार तो जय ने मुझे मार ही डाला था. इसने बड़ी बेरहमी से अपना पूरा का पूरा लंड मेरी चुत में घुसेड़ दिया था. मैं बहुत चीखी और चिल्लाई थी लेकिन इसने मुझ पर कोई रहम नहीं किया था. मेरी चुत एकदम सूज गई थी और कई जगह से कट फट गई थी. दो दिनों तक मैं ठीक से चल फिर भी नहीं पाई थी. लेकिन एक बार जय से चुदवाने के बाद मैं अपने आप को रोक नहीं पाई क्योंकि इसने मुझे बहुत ही अच्छी तरह से चोदा था. मुझे अपने पति से चुदवाने में ऐसा मजा कभी नहीं मिला था.
“फिर?”

“फिर दो दिनों तक मैंने अपनी चुत की गर्म पानी से खूब सिकाई की तब कहीं जाकर मैं कुछ चलने फिरने के काबिल हुई. उसके बाद मैं फिर से इसके पास आ गई. इसने मुझे सारा दिन बहुत ही बुरी तरह से चोदा. शाम को जब मैं घर वापस गई तब तक ये मुझे 5 बार चोद चुका था. उसके बाद से तो मैं इसके लंड की दीवानी हो गई हूँ. आज तुमने भी इसका पूरा लंड अपनी चुत में ले लिया है. अब जब ये तुम्हें चोदेगा तब तुम्हें पता चल जायेगा कि असली चुदाई क्या होती है और उसमें कितना मजा आता है.”

मैंने कहा- मैं भी तो जय से चुदवा कर जवानी का मजा लेना चाहती हूँ. अभी इसने मेरी चुत में अपना पूरा लंड घुसाया ही था कि तुम आ गईं. तुम थोड़ी देर आराम कर लो. पहले मुझे जय से चुदवा लेने दो उसके बाद तुम चुदवा लेना.
निशा बोली- नहीं दीदी, पहले तुम मुझे जय से चुदवा लेने दो. उसके बाद जब जय तुम्हारी चुदाई करेगा तो जल्दी नहीं झड़ेगा और तुम्हें पहली पहली बार की चुदाई में ही पूरा मजा आ जायेगा.

जय बोला- भाभी, निशा ठीक कह रही है. पहले मुझे इसकी चुदाई कर लेने दो. उसके बाद जब मैं तुम्हारी चुदाई करूँगा तब तुम्हें खूब मजा आएगा.
मैंने कहा- जैसा तुम ठीक समझो वैसा करो.

जय ने निशा से कपड़े उतारने को कहा तो उसने अपने कपड़े उतार दिए और एकदम नंगी हो गई. निशा का बदन एकदम गोरा था और वो मुझसे भी ज्यादा खूबसूरत थी.
मैंने जय से कहा- तुम्हारी पसंद तो बहुत ही अच्छी है.

निशा जय के लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी. थोड़ी ही देर में जय का लंड खड़ा हो गया. मेरी चुत भी जोश के मारे फिर से गीली होने लगी. मैं भी जल्दी से जल्दी जय से चुदवाना चाहती थी.
मैं जानती थी कि जय से चुदवाने में मुझे खूब मजा आएगा. अगर निशा नहीं आई होती तो अब तक जय मेरी चुदाई कर चुका होता.

निशा डॉगी स्टाइल में हो गई तो जय उसके पीछे आ गया. जय ने अपना लंड निशा की चुत में घुसाना शुरू कर दिया. निशा के मुँह सा जरा सी भी आवाज नहीं निकल रही थी. देखते ही देखते जय का पूरा का पूरा लंड उसकी चुत में समा गया. मैं आँखें फाड़े निशा को देखती रही.
पूरा लंड घुसा देने के बाद जय ने निशा की कमर को जोर से पकड़ लिया और बहुत ही जोर जोर के धक्के लगाते हुए उसकी चुदाई करने लगा. अब हर धक्के के साथ निशा के मुँह से “ओह्ह.. आह..” की आवाज निकलने लगी.

दो मिनट में ही निशा पूरी तरह से मस्त हो गई और उसने “और तेज.. और तेज… उम्म्ह… अहह… हय… याह… आह फाड़ दो मेरी चुत को..” कहते हुए जय से चुदवाना शुरू कर दिया. वो अपने चूतड़ आगे पीछे करते हुए जय का साथ देने लगी थी.
जय भी पूरी ताकत के साथ बहुत जोर जोर के धक्के लगा रहा था. जय का 8″ लम्बा और खूब मोटा लंड निशा की चुत में सटासट अन्दर बाहर हो रहा था. उसकी चुत की फांकों ने जय के लंड को जकड़ रखा था.

जय ने मुझसे पूछा- भाभी, कैसा लग रहा है. अच्छी तरह से चोद रहा हूँ ना?
मैंने कहा- तुम्हारा तो जवाब नहीं है. तुम तो बहुत ही अच्छी तरह से निशा की चुदाई कर रहे हो. मेरी भी चुदाई इसी तरह करना.
जय ने कहा- भाभी, अभी तुमने पूरी तरह से निशा की चुदाई कहाँ देखी है. अब देखो कि मैं निशा के साथ क्या करता हूँ.

अब तक 10 मिनट गुजर चुके थे. निशा अब तक एक बार झड़ चुकी थी. जय ने अपना लंड निशा की चुत से बाहर निकाला और निशा की गांड में घुसाने लगा. मैं आँखें फाड़े जय के लंड को निशा की गांड में घुसता हुआ देखती रही. थोड़ी ही देर में जय का पूरा का पूरा निशा भाभी की गांड में लंड समा गया. उसके बाद जय ने बहुत ही बुरी तरह से निशा की गांड मारनी शुरू कर दी. निशा भी पूरी तरह से मस्त हो चुकी थी.

निशा को चुदवाती हुई देख कर मेरी चुत गीली हुई जा रही थी. मैं भी अपनी चुत में उंगली डाल कर अन्दर बाहर करने लगी. थोड़ी देर बाद जय ने अपना लंड निशा की गांड से बाहर निकाल कर उसकी चुत में डाल दिया और पूरी ताकत के साथ जोर जोर के धक्के लगाते हुए उसकी चुदाई करने लगा.

जय बहुत ही अच्छी तरह से निशा की चुदाई कर रहा था और उसकी गांड मार रहा था.

लगभग 15 मिनट की चुदाई के बाद जय ने अपना लंड निशा भाभी की गांड से निकाल कर भाभी की चूत में घुसा दिया और कुछ देर में झड़ गया. निशा भी अब तक 2 बार झड़ चुकी थी. लंड का सारा जूस निशा की चुत में निकाल देने के बाद जय ने अपना लंड उसकी चुत से बाहर निकाला तो निशा ने तुरंत ही उसके लंड को अपने मुँह में ले लिया और उसके लंड को चाट चाट कर साफ़ करने लगी.

उसके बाद निशा ने अपने कपड़े पहने और मुझसे बोली- दीदी, अब तुम सारा दिन जय से चुदाई का मजा लो.
उसके बाद वो घर चली गई. मेरे दिमग में बार बार निशा की चुदाई का सीन घूम रहा था. जय ने निशा को बहुत ही अच्छी तरह से चोदा था.

फिर 15-20 मिनट के बाद जय बोला- भाभी तुम मेरा लंड सहआओ, अब मैं तुम्हारी चुदाई करूँगा.

मैं तो जय के लंड की दीवानी हो चुकी थी. मैंने तुरंत ही उसके लंड को हाथ में पकड़ लिया और सहलाने लगी. उसने मेरे मम्मों को मसलते हुए मेरे होंठों को चूमना शुरू कर दिया. थोड़ी ही देर में उसका लंड टाईट हो गया. वो बोला- भाभी अब थोड़ी देर तक तुम लंड को मुँह में लेकर चूसो.. इससे मेरा लंड और ज्यादा टाईट हो जायेगा.
मैंने देवर के लंड को अपने मुँह में ले लिया और तेजी के साथ चूसने लगी. मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था. मैं उसका लंड चूसती रही और वो जोश में आकर आहें भरते हुए मेरे मम्मों को मसलता रहा.

थोड़ी ही देर में उसका लंड पूरी तरह से टाईट हो गया. उसके बाद जय मेरे पैरों के बीच आ गया. उसने मेरे पैरों को मोड़ कर मेरे कंधे पर सटा कर दबा दिए. मैं एकदम दोहरी हो गई और मेरी चुत ऊपर उठ गई. मैं इस स्टाइल में राज से कई बार चुदवा चुकी थी. इस स्टाइल में चुदवाने पर राज का 3″ लम्बा लंड भी मेरी चुत में ज्यादा गहराई तक घुस जाता था.
देवर का लंड तो राज के लंड बहुत ज्यादा लम्बा और मोटा था. मैं जानती थी कि मुझे जय से चुदवाने में बहुत ज्यादा तकलीफ़ होने वाली है लेकिन मुझे ये भी मालूम था कि मुझे मजा भी खूब आएगा.

मेरे देवर ने अपने लंड का सुपारा मेरी चुत के मुँह पर रखते हुए कहा- भाभी, आज मैं पहली पहली बार तुम्हारी चुदाई करने जा रहा हूँ. तुम चाहे जितना भी चीखोगी या चिल्लाओगी मैं तुम्हारी एक भी नहीं सुनूंगा क्योंकि इसी तरह की चुदाई में औरत को मजा आता है और वो अपनी पहली पहली बार की चुदाई को सारी जिन्दगी याद करती है. मैं तुम्हारी चुत में पूरा का पूरा लंड घुसाते हुए तुम्हें बहुत ही बुरी तरह से चोदूँगा.
मैंने कहा- जय प्लीज़, ऐसा मत करो. मुझे बहुत दर्द होगा. मैं मर जाऊंगी.
वो बोला- फिर मुझसे चुदवाने का इरादा छोड़ दो. मैं तुम्हें नहीं चोदूँगा.

इतना कह कर उसने अपना लंड मेरी चुत के मुँह पर से हटा लिया. मैं ठीक उसी तरह से तड़फ उठी जैसे कई दिनों के भूखे के सामने से खाने की थाली हटा ली गई हो.
मैंने कहा- अच्छा बाबा, तुम जैसे चाहो मुझे चोदो.. मैं तुम्हें मना नहीं करूँगी.
वो बोला- फिर ठीक है.

उसने अपने लंड का सुपारा फिर से मेरी चुत के मुँह पर रख दिया और अपने सारे बदन का जोर देते हुए एक धक्का मारा. मेरे मुँह से जोर की चीख निकली. मैं दर्द के मारे तड़फने लगी. जबकि मैं उसका पूरा लंड अपनी चुत में एक बार अन्दर ले चुकी थी. मुझे लग रहा था कि कोई गर्म लोहा मेरी चुत को चीर कर अन्दर घुस गया हो. मेरी चुत का मुँह उसकी सीमा से बहुत ज्यादा फैल गया था.
उसने मुझे इस तरह से पकड़ रखा था कि मैं जरा सा भी हिल डुल नहीं पा रही थी.

जय का लंड इस एक ही धक्के में मेरी चुत में 4″ तक घुस चुका था. इसके पहले कि मैं जय को मना कर पाती, उसने फिर से एक बहुत ही जोर का धक्का लगा दिया. मेरा सारा बदन थर थर कांपने लगा. मैं पसीने से नहा गई. मैं दर्द के मारे जोर जोर से चिल्लाने लगी. मैंने जय से रुक जाने को कहा लेकिन जय तो जैसे पागल हो चुका था. वो तो कुछ सुन ही नहीं रहा था.

उसका लंड दूसरे धक्के के साथ ही मेरी चुत में और ज्यादा गहराई तक समा गया. उसने पूरे ताकत के साथ बहुत ही जोर का तीसरा धक्का लगाया. इस धक्के के साथ ही उसका लंड मेरी चूत में पूरा समा गया.
पूरा लंड मेरी चुत में घुसा देने के बाद जय रुक गया और मेरे मम्मों को मसलते हुए बोला- क्यों भाभी, मजा आया ना?

मैंने कहा- देवर जी, तुम बड़े बेरहम हो. तुमने तो मुझे मार ही डाला. धीरे धीरे नहीं घुसा सकते थे क्या?
वो बोला- भाभी 3 ही धक्के तो लगाए हैं मैंने. इस तरह से लंड घुसवाने में जो मजा आता है वो मजा धीरे धीरे घुसाने में कहाँ है.

इतना कहने के बाद जय ने धक्के लगाने शुरू कर दिए. मेरी चुत ने उसके लंड को इतनी बुरी तरह से जकड़ रखा था कि वो चाह कर भी तेजी के साथ धक्के नहीं लगा पा रहा था. मुझे भी बहुत तेज दर्द हो रहा था और मेरे मुँह से चीख निकल रही थी.

वो धक्के लगाता रहा.. धीरे धीरे मेरी चुत ने उसके लंड को रास्ता देना शुरू कर दिया. अब मेरा दर्द कुछ कम होने लगा. मैं दर्द के मारे आहें भरती रही और जय धक्के पर धक्के लगाए जा रहा था. मेरी चुत ने अभी भी उसके लंड को बुरी तरह से जकड़ रखा था, इस वजह से जय का लंड आसानी से मेरी चुत में अन्दर बाहर नहीं हो पा रहा था.
वो मुझे धीरे धीरे चोदता रहा.

करीब 5 मिनट की चुदाई के बाद जब मैं झड़ गई तो मेरी चुत गीली हो गई. मेरी चुत ने भी अब जय के लंड को थोड़ा सा रास्ता दे दिया था. जय ने अपनी स्पीड बढ़ानी शुरू कर दी. मेरा दर्द भी अब बहुत हद तक कम हो चुका था और मुझे भी मजा आने लगा था.
जय अपनी स्पीड बढ़ाता रहा. अब वो पूरे जोश के साथ मुझे चोद रहा था. मैं भी मस्त हो चुकी थी. मैं इसी तरह की चुदाई के लिए इतने दिनों से तड़फ रही थी.

फिर 5 मिनट की चुदाई के बाद मैं फिर से झड़ गई. अब मेरी चुत पूरी तरह से गीली हो चुकी थी. मेरी चुत का ढेर सारा जूस जय के लंड पर भी लग गया था. मेरी चुत ने भी अब जय के लंड से हार मान ली थी और अपना मुँह खोल कर उसके लंड को पूरा रास्ता दे दिया.

अब जय का लंड मेरी चुत में सटासट अन्दर बाहर होने लगा था. जय की स्पीड भी अब बहुत तेज हो चुकी थीं. सारा बेड जोर जोर से हिल रहा था. ऐसा लग रहा था कि जैसे रूम में तूफान आ गया हो. मैं भी जोश में आ कर अपने चूतड़ उठाने की कोशिश कर रही थी लेकिन जय ने मुझे इतनी बुरी तरह से जकड़ रखा था कि मैं चाह कर भी अपने चूतड़ नहीं उठा पा रही थी.

जय जब अपना लंड मेरी चुत में अन्दर घुसाने लगता तो वो मेरे पैरों को मेरे कंधे पर जोर से दबा देता था. ऐसा करने से मेरी चुत एकदम ऊपर उठ जाती थी और उसका लंड मेरी चुत में पूरी गहराई तक घुस जाता था.

उसके लंड का सुपारा मेरी बच्चेदानी के मुँह का चुम्बन लेते हुए उसे पीछे की तरफ़ धकेल रहा था. मुझे इसमें खूब मजा आ रहा था. जय मुझे बहुत ही बुरी तरह से चोद रहा था.

करीब 10 मिनट की चुदाई के बाद मैं तीसरी बार झड़ गई. मैं पूरे जोश में थी और मेरी जोश भरी सिसकारियां रूम में गूँज रही थीं.

मैं अब जय से “और तेज… और तेज.. खूब जोर से.. आह और जोर से…. चोदो.. मुझे.. जय फाड़ दो.. अपनी भाभी की चुत को..आह्ह..” कहते हुए चुदवा रही थी.

जय भी जोश में आ कर आहें भरता हुआ मुझे बहुत बुरी तरह से चोद रहा था. जय ताकतवर तो था ही.. वो बहुत जोर जोर के धक्के लगा रहा था. मेरे बदन का सारे जोड़ हिलने लगे थे. रूम में “धप धप..” और “चप चप..” की आवाज गूँज रही थी. साथ ही साथ पूरा बेड जोर जोर से हिल रहा था.

लम्बी चुदाई के बाद जब जय मेरी चुत में झड़ गया तो मैं भी उसके साथ ही साथ चौथी बार झड़ गई. उसने मेरे पैर छोड़ दिए और अपना लंड मेरी चुत में ही पेले हुए मेरे ऊपर लेट गया. उसका लंड और मेरी चुत हम दोनों के जूस से एकदम भीग चुका था. ढेर सारा जूस बेड की चादर पर भी लग गया था और मेरी जाँघों पर भी.

जय मेरे ऊपर ही लेटा रहा. हम दोनों एक दूसरे को चूमते रहे. मैं जय की पीठ और कमर को सहलाती रही. वो मेरे होंठों को चूमता रहा और मेरी चूचियों को मसलता रहा.

इसके बाद आपको मैं कहानी का अगले भाग में बताऊंगी कि मैंने अपने देवर के मोटे लंड से चूत चुदाई की डिग्री हासिल कर लेने के बाद क्या क्या गुल खिलाए.

कहानी का अगला भाग : मैंने अपने देवर से चुदवा लिया-3

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