हॉट गर्ल मसाज़ स्टोरी में पढ़ें कि मेरी दोस्त सहकर्मी को जब पता चला कि मैंने अभी तक लड़की नहीं चोदी है तो उसके भाव बदल गए. उसने कैसे मुझे अपना नंगा बदन दिखाया.
हैलो फ्रेंड्स, मैं संजू आपको अपनी शादीशुदा दोस्त अंकिता की सेक्स कहानी सुना रहा था.
कहानी के पहले भाग
मेरी सहकर्मी से दोस्ती और खुली बातें
में आपने पढ़ा कि अंकिता के साथ बातचीत में उसने मुझसे कुछ बात करनी शुरू कर दी थीं और उन्हीं बातों के दरमियान उसने मुझसे कहा कि आजकल तो लड़के पैदा होते ही चोदने की सोचने लगते हैं.
उसने जैसे ही मुझे चोदना शब्द कहा, तो मेरी आंखें फ़ैल गईं.
अब आगे हॉट गर्ल मसाज़ स्टोरी:
वो हंस दी और बोली- कुंवारे हो क्या अभी तक?
मैंने हां में सर हिला दिया.
आज अंकिता का ये रूप देख कर मैं हैरान था.
वो बोली- अरे हम दोनों दोस्त हैं और एडल्ट भी हैं, तो ये बातें कर सकते हैं… और फिर मुझे तुम पर विश्वास है.
मैं बस उसकी तरफ एकटक देखे जा रहा था.
मैंने उससे कहा- मैंने अभी तक किसी लड़की को टच भी नहीं किया है. आज पहली बार स्कूटी पर किसी लड़की के इतना करीब बैठा हूँ.
अंकिता की कातिल मुस्कराहट मुझे कुछ और सोचने पर मजबूर कर रही थी.
न जाने उसके दिमाग में क्या चल रहा था.
इन सब बातों में बहुत समय गुजर गया था.
मैंने जाने के लिए बोला.
अंकिता ने कहा- अब खाना खाकर ही जाना. वैसे भी तुम बाहर ही खाओगे, तो साथ में खा लेते हैं.
मैंने कहा- मुझे नहाना भी तो है, तो मैं अपने रूम से नहा कर आ जाता हूँ.
इस पर उसने कहा- यहीं नहा लो, थोड़े टाइम के लिए मेरा लोअर पहन लेना, टी- शर्ट तो आएगी नहीं. अब तुम बैठो, मैं नहा कर आती हूँ.
ये कह कर वो हंस दी.
खैर … अंकिता नहाने चली गयी और मैं चूतियों सा वहीं बैठ गया.
मुझे पता था कि आज कुछ होने वाला है.
फिर भी मैं डरा हुआ था क्योंकि मैंने अभी तक ये सब पोर्न में ही देखा था.
थोड़ी देर बाद अंकिता नहा कर बाथरूम से बाहर आयी.
उसने स्काई ब्लू कलर की बहुत ही पतली सी मैक्सी पहनी थी.
उसके बाल गीले थे और उसके बूब्स की गोलाइयां मैक्सी में साफ़ नजर आ रही थीं. उसके निप्पल मैक्सी के बाहर निकल रहे थे.
मेरी नज़रें अपने मम्मों पर देख कर वो बोली- देखना छोड़ो महोदय जाओ, जा कर नहा लो.
मेरा ध्यान टूटा और मैं जल्दी से वॉशरूम में चला गया.
बाहर से अंकिता ने अपना एक लोअर मुझे दे दिया.
मैंने जींस निकाल कर अंकिता को दे दी धोने के लिए जो उसने वाशिंग मशीन में अपने कपड़ों के साथ डाल दी.
बाथरूम में अन्दर अंकिता के अभी के बदले हुए ब्रा और पैंटी रखे हुए थे जो गीले नहीं थे.
मैंने उठा कर देखा तो उसकी पैंटी में कुछ गीला गीला सा लगा था.
न जाने मेरे मन को क्या हुआ … मेरी आंखें बंद हो गईं और मैं उस पैंटी को बेतहाशा सूंघ रहा था.
उसकी महक कुछ अलग ही अहसास दे रही थी.
उसकी पैंटी को मैंने अपने लंड से लपेट दिया और अपने लंड को हिलाने लगा. दूसरे हाथ में मैंने उसकी ब्रा को लिया और उसको भी सूंघने लगा.
सच में बड़ी मस्त महक थी उसकी चूचियों की!
इस कामुक मूड में मैंने मुठ मारी और अपना लंड झाड़ दिया.
लेकिन आज अभी भी मेरा लंड अपने अलग ही जोश में था. उसे पता था कि जो चीज़ आज मैं देख और महसूस कर रहा था, वो एक सपना नहीं हक़ीक़त थी.
फिलहाल मैं नहा कर बाहर आ गया.
मैंने अंकिता का लोअर पहना था जो कि बहुत टाइट था और उसमें मेरा लंड एकदम से बाहर आने जैसा लग रहा था.
अंकिता मुझे आंख फाड़ कर देख रही थी.
उसने मुझसे पूछा- खाने में क्या खाना है … ऑनलाइन ऑर्डर करना है.
हम लोगों ने आलू गोभी और बटर रोटी आर्डर कर दी.
लगभग तीस मिनट में खाना आ गया और दोनों ने खाना शुरू कर दिया.
खाते खाते उसने कहा- कोविड-19 की वजह से घर में बैठे बैठे उसका जिस्म बहुत दर्द करता है. पहले उसका हस्बैंड उसकी थोड़ी बहुत मसाज कर देता था.
मैंने भी उसकी हां में हां मिलायी.
मैंने कहा- हम लोग दिन भर एक ही चेयर में बैठ कर ऑफिस का काम करते हैं. उसी वजह से सबको बॉडीपेन होता है.
ये कहते कहते मैंने उसकी ओर देखा, तो वो मेरे लंड की तरफ देख रही थी.
मेरे दोबारा आवाज़ देने पर वो थोड़ा शर्मा गयी.
मैंने कहा- अगर तुम बुरा न मानो तो मैं तुम्हारी बैक मसाज कर देता हूँ, आज वैसे भी संडे है और कोई काम भी नहीं है.
ये सुनकर वो बहुत खुश हो गयी.
लंच फिनिश करके अंकिता बोली- मैं थोड़ा टहलने जाना चाहती हूँ.
मेरी जींस अभी भी सूखी नहीं थी, तो वो अकेली ही चली गयी.
मैं उसका लोअर पहने था जिसकी वजह से मैं बाहर नहीं जा पाया.
थोड़ी देर बाद अंकिता रूम में आ गयी.
मैंने उससे कहा- थोड़ी देर में मैं तुम्हारी बैक की मालिश कर दूंगा.
वो बोली- ओके.
फिर मैंने फ्रेश होकर अंकिता को आवाज़ दी जो अपने बेडरूम में थी.
वो एक ढीली सी टी-शर्ट और लोअर पहन कर आ गयी.
उसने एक कम्फर्टर निकाला और उसके ऊपर एक पुरानी बेडशीट फर्श पर बिछा दी.
मैंने उससे पेट के बल लेटने को कहा.
वो मेरी तरफ पीठ करके लेट गयी और एक तरफ सिर करके आंखें बंद कर लीं.
मैंने उसके पैरों को हल्के हल्के दबाना शुरू किया और धीरे धीरे उसकी जांघों को भी दबाना शुरू कर दिया.
फिर मैंने हल्के हाथों से उसके पीछे गांड को दबाना शुरू किया और बढ़िया तरीके से उसकी मालिश करना शुरू कर दी.
उससे बहुत अच्छा लगा.
वो आंखें बंद किए स्माइल कर रही थी.
फिर मैं उसकी जांघों पर बैठ गया और उसकी पीठ पर अपने हाथों का मूवमेंट शुरू किया.
अंकिता बहुत ही रिलेक्स फील कर रही थी.
फिर मैंने उसके दोनों हाथों को पकड़ा और उसको अपनी और खींच कर धनुष आकार बना दिया जिससे उसकी दोनों चूचियां सामने की तरफ एकदम सीधी तन गईं.
मैंने फिर उसको शोल्डर मसाज दिया जिससे वो काफी रिलेक्स हो गयी.
फिर मैंने उसकी बगल से हाथ डालकर उसको स्ट्रेच किया जिससे उसकी चूचियां मरे हाथ को टच होने लगी थीं.
उसके मुलायम दूध और गांड की छुअन से मेरा लंड अपने तेवर दिखने लगा था.
मेरा लंड मेरे लोअर में से बाहर आने को उतावला हो चुका था.
धीरे धीरे मेरा लंड अंकिता की जांघों को टच करने लगा था जिसका अहसास अंकिता को भी हो रहा था.
थोड़ी देर में अंकिता ने कहा कि एक लोशन मेरी ड्रावर में है, उससे मेरी पीठ की मालिश कर दो.
मैंने कहा- लोशन? और तुम्हारी टी-शर्ट?
उसने कहा- टी-शर्ट थोड़ा ऊपर कर देना, अन्दर हाथ डाल कर लगा देना.
मैं लोशन उठा लाया, वो लोशन खुशबूदार और मसाज के लिए ही बना था.
मैंने उसकी टी-शर्ट को उसकी पीठ पर थोड़ा ऊपर किया और उसकी चुचियों के बाजू तक लाकर छोड़ दिया.
फिर थोड़ा सा लोशन अपने हाथ में लिया और उसकी पीठ पर लगाना शुरू किया.
मैंने धीरे धीरे उसके लोअर को थोड़ा नीचे किया और लोशन उसकी गांड के ऊपरी हिस्से पर लगाना शुरू कर दिया.
अंकिता ने कुछ नहीं कहा और आराम से आंखें बंद किए हुए लेटी रही.
मेरी हिम्मत बढ़ती जा रही थी और लंड में तनाव भी.
मैंने थोड़ा लोशन लेकर उसके शोल्डर को भी मसाज करना शुरू किया लेकिन टी-शर्ट की वजह से हाथों का मूवमेंट सही से नहीं हो पा रहा था.
थोड़ी देर बाद उसने मुझसे कहा- अगर टी-शर्ट निकाल दूँ, तो कोई प्रॉब्लम तो नहीं?
मैंने कहा- मुझे क्या प्रॉब्लम होगी? तुम्हें कुछ प्रॉब्लम न हो.
फिर उसने लेटे लेटे ही अपनी टी-शर्ट निकाल दी.
दोस्तो, उसकी नंगी पीठ अपने सामने देखकर मैं पागल सा हो गया.
उसने अपने बूब्स को नीचे ही दबाकर रखे थे. उसकी बगल से बूब्स बहुत ही सुन्दर और मुलायम से लग रहे थे.
मैं अच्छी तरह से उसकी पीठ की मालिश करने लगा.
मेरा लंड उसकी गांड को टच करके लगातार अपनी उपस्थिति अंकिता और मुझे बता रहा था.
मैंने लम्बे लम्बे हाथों का स्ट्रोक लगाना शुरू किया. शोल्डर से उसकी गांड तक मेरे हाथ चलने लगे थे जिससे उसका लोअर थोड़ा थोड़ा नीचे आ रहा था.
अब उसकी गांड लगभग आधी दिखने लगी थी और आधी गांड लोअर से अभी भी ढकी हुई थी.
मैंने अंकिता से कहा- तुम्हारे पैरों को भी लोशन लगा दूँ? मगर लोअर में लोशन लग जाएगा.
उसने मेरी तरफ देखा, फिर मेरे लोअर को देखकर कहा- ये कौन बोल रहा है?
फिर आंख मारकर बोली- ठीक है, लेकिन कुछ गड़बड़ मत करना.
वो फिर से आंखें बंद करके लेट गयी.
मैंने धीरे से उसका लोअर निकाला.
उसने अन्दर रेड कलर की बहुत बारीक नेट की जी-स्ट्रिंग थोंग पैंटी पहनी थी जो इतनी मुलायम थी कि लोअर के ऊपर से पता ही नहीं चली.
अब वो सिर्फ एक पैंटी पहने हुए अपने पेट के बल लेटी हुई इतनी सेक्सी लग रही थी कि पूछो मत.
उसकी गांड की गोलाइयों की न के बराबर ढकती हुई उसकी पैंटी, उसका सफ़ेद गोरा रंग … और उस पर रेड कलर की पैंटी क़यामत लग रही थी.
ये सब मुझे एक सपने जैसा लग रहा था. मैंने लोशन से उसकी पैरों की मसाज करना शुरू कर दिया.
अब मैंने उसकी गांड के ऊपर भी लोशन लगा दिया और थोड़ा दाब देते हुए गांड की मसाज करने लगा.
ये सब अंकिता को बहुत अच्छा लग रहा था. वो हॉट गर्ल मसाज़ को बहुत एन्जॉय कर रही थी.
जब पीठ और पैरों की मसाज कर दी तो मैंने कहा- बैक का मसाज तो हो गया और कुछ हो तो बोलो?
अंकिता ने कहा- और कुछ से क्या मतलब?
मैंने कहा- पेट की मालिश और हेड मसाज?
उसने कहा- हां कर दो, लेकिन मैंने ब्रा नहीं पहनी है.
वो थोड़ा शर्माने लगी.
मैंने कहा- ब्रा में लोशन लग जाएगा तो ख़राब हो जाएगी, पैंटी आलरेडी ख़राब हो गयी है.
ये सुन कर वो चौंक गयी, बोली- मेरी बहुत महंगी वाली पैंटी है ये… खराब हो गई.
वो परेशान होने लगी.
मैंने कहा- कोई प्रॉब्लम नहीं पैंटी पर इतना भी नहीं लगा. मैंने ध्यान रखा था लेकिन ब्रा में लग जाएगा, तो प्रॉब्लम होगी.
और मैंने उसे भरोसा दिलाया- तुम चिंता न करो, मैं ध्यान रखूँगा और अगर तुम चाहो तो मैं आंखें बंद कर लेता हूँ.
वो मेरी तरफ देखने लगी.
मैंने फिर कहा- बस आंखें बंद करके मेरे हाथ कहां जाते हैं, वो मुझे पता नहीं चलेगा.
इस पर वो हंसने लगी.
फिर वो धीरे से करवट बदलने लगी और मेरे दिल की धड़कन फार्मूला कार की तरह तेज़ी से धड़कने लगी थी.
जब वो सीधी लेट गयी तो उसने अपनी आंखें बंद कर ली थीं.
कुछ समय के लिए मैं स्तब्ध सा रह गया.
उसका संगमरमर सा शरीर, उस पर दो 36 इंच के दो बड़े ही सुडौल गोल गुम्बद से तने हुए मस्त स्तन.
दोनों स्तनों के ऊपर बहुत ही सुन्दर भूरे रंग के निप्पल और उनके चारों ओर हल्के भूरे रंग का गोल एरोला, उसकी सुंदरता में चार चाँद लगा रहे थे.
निप्पल सीधे तने हुए छत की तरफ देखते हुए प्रतीत हो रहे थे.
उसकी कमर बड़ी ही ढली हुई थी. उसके पेट बड़ा ही सपाट था और उसकी नाभि एकदम गोल और गहरी.
सामने की तरफ उसकी पैंटी जालीदार थी जिसमें से उसकी चूत का ऊपरी भाग थोड़ा सा दिख रहा था.
उसकी चूत का हिस्सा एकदम क्लीन शेव था. दरअसल उसके बदन पर एक भी बाल नहीं दिख रहा था.
मेरे लोअर में अब पूरा टेंट बन चुका था.
मैंने लोशन की कुछ बूंदें उसकी नाभि पर डाल दीं जिससे वो सिहर उठी.
दोस्तो, आपके लंड चुत में गीलापन लाने में मैं कामयाब हुआ या नहीं. प्लीज़ मुझे मेरी इस सेक्स कहानी के लिए अपने ईमेल लिख कर बताएं.
आगे क्या हुआ, वो मैं हॉट गर्ल मसाज़ स्टोरी के अगले भाग में लिखूंगा.
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हॉट गर्ल मसाज़ स्टोरी का अगला भाग: मेरे कुंवारे लंड का भोग लगाया मेरी सहकर्मी ने- 3