एक हॉट मैरिड गर्ल मेरे साथ मेरे ऑफिस में थी. उससे मेरी दोस्ती हो गयी. हम चाय पीने खाना खाने साथ जाने लगे. बातों में खुलापन आने लगा.
दोस्तो, इस लॉक डाउन में हम सभी अपने अपने घरों में कैद से हो गए थे.
इस दौरान खाली समय में मैंने सोचा क्यों ना अपने साथ घटी एक घटना को सेक्स कहानी के रूप में आप लोगों के साथ साझा की जाए.
मुझे सभी दोस्त प्यार से संजू कहते हैं. मेरी उम्र 33 साल है और लम्बाई साढ़े पांच फुट की है.
आपको यकीन नहीं होगा लेकिन मैंने अपनी 33 साल तक की उम्र में सेक्स नहीं किया था. ऐसा लगता था जैसे एक ओल्ड वर्जिन वाली किताब मुझ पर ही लिखी गयी थी.
मैं बैंगलोर में रहता हूँ और एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हूँ.
बैंगलोर में रहने के दौरान मैंने बहुत सी कंपनी चेंज की थीं.
इन्हीं में से एक कंपनी में एक मेरी एक सहकर्मी थी, उस हॉट मैरिड गर्ल का नाम अंकिता था. ये नाम बदला हुआ है.
उसकी शादी हो चुकी थी लेकिन वो अपने पति के साथ नहीं रहती थी.
उसके बारे में मेरा कभी कोई गलत ख्याल नहीं रहा था.
उस कंपनी को छोड़ने के बाद भी हम दोनों एक दूसरे के संपर्क में रहते थे.
ऐसे ही कभी कभी मैसेज आदि कर लेते थे या फोन पर बात कर लेते थे.
कभी कभी वीकेंड पर चाय पीने के लिए हम लोग बाहर मिल जाते थे.
अंकिता एक बेहद खूबसूरत और कामुक फिगर की मालकिन थी.
उसकी उम्र लगभग तीस साल की थी. उसकी चूचियों का साइज 36 इंच का था, उसकी टी-शर्ट में से हमेशा उसकी चूचियां बाहर निकलने को बेताब रहती थीं.
उसकी कमर करीब 30 इंच की रही होगी और उसकी गांड लगभग अड़तीस साइज की थी.
जब वो चलती थी तो उसकी गांड और चूचियां मदमस्त कर देती थीं.
हालांकि जब भी मैं उससे मिलता तो कभी अपने जज्बात बाहर नहीं आने देता था.
लेकिन मेरे छोटे उस्ताद को कौन समझाए.
अरे हां पाठिकाओं को मैं अपने छोटे उस्ताद के बारे तो में बताना भूल ही गया.
बस अभी उसकी फिगर लिखते हुए जाग गया वो!
जी हां, मेरे छोटे उस्ताद यानि मेरे लंड की लम्बाई 7 इंच है और ये लंड पर इंची टेप घुमा कर नापा तो 5 इंच की मोटाई सामने आई थी.
इस समय मेरा लंड फुल मूड में आप सभी पढ़ने वालों को हैलो बोल रहा है.
ये बात साल 2021 के मध्य की है, जब लॉकडाउन थोड़ा ढीला हुआ था.
मैं और अंकिता शाम को चाय पीने के लिए उसके घर के पास मिले.
हम लोगों ने चाय पी.
चाय पीते पीते उसने कहा- अब तो शाम हो गयी है. थोड़ी देर में खाने का भी टाइम हो जाएगा तो कहीं अच्छी जगह खाना खाने चलें?
वीकेंड का दिन था तो मैंने भी कहा- हां ठीक है, चलो चलते हैं.
मेरे पास मेरी एक स्कूटी थी तो मैंने उसको दूसरा हेल्मेट लेकर आने को कहा.
उसका रूम पास में ही … वो जल्दी से अपना हेल्मेट लेकर आ गयी.
वो जब हेल्मेट लेकर आई तो अपनी ड्रेस भी चेंज करके आ गयी थी.
अब इस समय वो ब्लैक टी-शर्ट और ब्लू जींस में कमाल लग रही थी.
मैंने स्कूटी स्टार्ट की.
वो मेरी स्कूटी पर बैठ गयी लेकिन वो मुझसे थोड़ा दूर होकर बैठी थी.
मैंने भी उससे कुछ नहीं कहा.
लेकिन बैंगलोर का ट्रैफिक तो आप सब जानते ही हो. बार बार मुझे ब्रेक लगाने पड़ रहे थे. इस दौरान वो काफी आगे आ गयी थी और उसकी चूचियां मेरी पीठ पर लगने लगी थीं.
ये मेरे लिए पहला अहसास था, जब मैं किसी की चूचियों को मेरी पीठ में महसूस कर रहा था.
फ़िलहाल इसी आनन्द के साथ हम लोग होटल पहुंचे और हम दोनों ने डोसा, चाट और आइसक्रीम खायी.
थोड़ी देर हम लोग ऐसे ही टहलते रहे.
उसने कहा- चल यार, मुझे मेरे घर छोड़ दो अब देर हो रही है. कर्फ्यू का समय भी हो रहा है.
उस टाइम रात के 8 बजे के बाद कर्फ्यू लग जाता था.
फिर मैंने उसे अपनी स्कूटी पर बिठाया और वापस उसके रूम पर छोड़ दिया.
इस बार मैंने जानबूझकर ब्रेक मारे और वो फिर से मेरे पास खिसक कर आ गयी.
मैं उसके स्तनों का मर्दन अपनी पीठ से करने लगा.
खैर … उस रात तो मैं अपने रूम पर आ गया था, पर मेरे छोटे उस्ताद को चैन नहीं मिल रहा था.
जैसे तैसे मैंने लंड को शांत किया और सोने की तैयारी में लग गया.
इतने में ही उसका मैसेज आया- तुम रूम पर पहुंच गए?
मैंने उसके मैसेज की रिप्लाई करने की ज्यादा जल्दी नहीं की.
थोड़ी देर मैंने रिप्लाई किया- हां.
अब मैं चैक करता रहा मगर वो ऑनलाइन नहीं आयी.
मैंने सोचा शायद सो गई होगी.
मैंने भी कुछ पोर्न साइट्स देखीं और मुठ मार कर सो गया.
अगला पूरा दिन उस हॉट मैरिड गर्ल के बूब्स के बारे में सोचते सोचते मैंने शाम को सोचा कि अंकिता को मैसेज करके उसे चाय के लिए पूछूं.
फिर लगा कि कहीं ये ज्यादा अधीरता न हो जाए.
मैंने कुछ नहीं किया.
मगर मेरी उम्मीद से परे उसका मैसेज आया.
वो मुझे शाम की चाय पर बुला रही थी.
मैं और मेरे छोटे उस्ताद सातवें आसामान पर आ गए थे.
मैंने फटाफट तैयार होकर उसके पास पहुंचने के लिए अपनी स्कूटी फुल स्पीड में दौड़ा दी.
लेकिन ट्रैफिक कहां मानने वाला था.
फिर 20 मिनट के बाद मैं उसके पास पंहुच गया.
आज उसने सफ़ेद रंग का टॉप पहना था जो कि ट्रांसपेरेंट था.
अपने टॉप के अन्दर उसने पिंक कलर की ब्रा पहनी थी जो बड़ी सहजता से दिख रही थी.
उसको देख कर मेरी हालत ख़राब हो रही थी.
मैंने हिम्मत करके उससे कहा- यू आर लुकिंग ब्यूटीफुल.
जवाब में वो बस हंस दी.
हम लोग चाय पीने के लिए बैठे और इधर उधर की बातें करने लगे.
बातों बातों में उसने कहा- यार मुझे भी स्कूटी सीखना है. ऑफिस आने जाने के लिए मुझे स्कूटी जरूरी लग रही है.
मैंने भी उसकी बात को मंजूरी दी.
उसने पूछा- क्या तुम मुझे अपनी स्कूटी सीखने के लिए दोगे?
ख़ुशी में मैंने अपना सर हिला दिया.
मैंने उससे कहा- रोज़ सुबह सुबह हम लोग स्कूटी सीखेंगे.
वो खुश हो गयी.
मैंने उससे कहा- तुम स्कूटी सीखते टाइम जींस ही पहनना.
वो कुछ समझी नहीं, तो मैंने उससे कहा- मेरी हाइट कम है, तो मैं तुमसे ज्यादा दूर नहीं बैठ पाऊंगा और वो तुम्हें थोड़ा असहज लगेगा.
इस पर उसने कुछ नहीं कहा और सुबह आने का बोल कर अपनी ठंडी हो चुकी चाय को एक सांस में खत्म कर दी.
मैं भी चाय खत्म करके बोला- डिनर करना है आज?
उसने मना कर दिया.
फिर मैंने उसे उसके रूम पर छोड़ दिया और वापस अपने कमरे पर आकर सोचने लगा कि कहीं उसे मेरी वो बात बुरी तो नहीं लगी?
कहीं वो मेरे साथ स्कूटी पर बैठने से मना तो नहीं कर देगी
इन्हीं सब उलझनों के सोचते सोचते मैं सो गया
अगली सुबह मैं पांच बजे उठ गया, फ्रेश होने के बाद मैंने अंकिता को मैसेज कर दिया- मैं रास्ते में हूँ.
उसने तुरंत हां कहा- मैं भी रेडी हूँ.
जब मैं उसके रूम पर पंहुचा, तब तक वो नीचे आ चुकी थी.
दोस्तो, उसने एक ढीली ढाली सी टी-शर्ट पहनी थी और एक लोअर पहना हुआ था.
अब मैं सोचने लगा कि आज मैं उसके पीछे नहीं बैठ पाऊंगा.
यही सोचते हुए मैंने उसे स्कूटी के बारे में बताना शुरू किया और उसे चाबी दे दी.
उसने स्कूटी स्टार्ट की और चलाने की कोशिश की लेकिन वो बैलेंस नहीं बना पायी और उसने स्कूटी रोक दी.
उसने मुझे बुलाया और कहा कि तुम साथ में बैठो और सपोर्ट दो.
ये सुन कर मैं और मेरा लंड ख़ुशी में झूम उठे.
मैं तुरंत उसकी पीछे स्कूटी पर बैठ गया.
पहले मैंने ट्राई किया कि उससे टच न हो जाऊं.
लेकिन फिर थोड़ी देर बाद मैं बिल्कुल उसकी पीठ से चिपक कर बैठा था और वो स्कूटी चला रही थी.
मेरा लंड मेरी जींस को फाड़ कर बाहर आने को उतावला हो रहा था. मेरा लंड लगातार उसकी गांड में टच कर रहा था और अंकिता को देखकर ऐसा लग रहा था कि जैसे उससे कोई फर्क ही नहीं पड़ा था.
बार बार उसकी मस्त गांड में मेरा लंड लगने से मेरा लंड बैठने का नाम ही नहीं ले रहा था.
इसी दौरान कभी हैंडल सही करने और कभी हॉर्न और इंडिकेटर बताने के लिए मैं अपने हाथ उसकी साइड से आगे ले जाता और उसकी चूचियों से मेरा हाथ टकरा जाता.
मैंने महसूस किया कि उसने ब्रा नहीं पहनी थी.
अब मेरे कण्ट्रोल की सीमा खत्म हो रही थी.
मैंने ऐसे ही आधा घंटा तक उसे स्कूटी चलाना सिखाया.
बाद में उसके रूम के पास आकर मैंने उससे कहा- मुझे बाथरूम जाना है, बहुत तेज़ लगी है.
इस पर वो हंसने लगी और बोली- ठीक है … मेरा वॉशरूम यूज़ कर लो.
मैंने स्कूटी उसके अपार्टमेंट में पार्क की और हम दोनों उसके रूम की तरफ चल दिए.
उसका रूम चौथे फ्लोर पर एकदम कॉर्नर वाला था.
मैं फटाफट उसके वॉशरूम में गया और अपने लंड को आज़ाद किया.
वो तो मानो फटने की कगार पर था.
मैंने एक नंबर करने की कोशिश की मगर कोई फायदा नहीं हुआ.
लंड अकड़ा हुआ था तो मैंने मुठ मारना ही सही समझा.
मैं अंकिता के मम्मों को याद करके मुठ मारने लगा.
मुठ मारते मारते मुझे करीब बीस मिनट हो गए थे जिसका मुझे कोई अहसास नहीं था.
अंकिता ने बाथरूम का दरवाजा नॉक किया और पूछा- अन्दर सब ठीक है ना?
उसकी आवाज़ सुन कर मेरे हाथ से मेरा लंड छूट गया, जो कि बस माल निकालने वाला ही था.
इस वजह से मेरा कुछ वीर्य मेरी जींस के ऊपर गिर गया.
मैंने फटाफट कमोड फ्लश किया और हाथ वाश करने के लिए बेसिन की तरफ मुड़ा.
मैंने देखा कि सामने अलग अलग कलर की उसकी ब्रा और पैंटी बाथरूम में टंगी हुई थीं.
मेरा लंड एकदम फिर से अपने उफान पर आ गया.
मैंने अपनी जींस को साफ़ किया लेकिन वो पानी में भीग गयी थी और उस पर स्पॉट बन गया था.
मैं जैसे तैसे बाहर निकला.
उसके बाद अंकिता वॉशरूम गयी और थोड़ी देर में वापस आ गयी.
अंकिता मेरी तरफ देख कर मुस्कुरा रही थी और मैं पूरी तरह शर्मिंदा हो रहा था.
मैंने कुछ कहने की कोशिश की तो उसने बोला- होता है यार!
शायद मुठ मारते हुए मेरा माल इधर उधर गिर गया था और अंकिता ने वो देख लिया था.
फिर उसने अपने रूम पर ही चाय बनायी और हम दोनों ने साथ में चाय पी.
मैंने उससे पूछा- तुम अपने पति के साथ क्यों नहीं रहती हो?
उसने बताया- यार मेरा पति लंदन में है. वहां वो अपनी एमएस की पढ़ाई करने गया है, इसलिए वो साथ नहीं जा सकती थी.
उसने भी मुझसे पूछा- तुमने अभी तक शादी क्यों नहीं की?
मैंने उसको बताया- यार पहले मैं कुछ सही से कमाने तो लगूँ.
उसने कहा- यह कारण नहीं हो सकता, कुछ और बात है … सही बताओ?
मैंने उससे कहा- तुम सुनकर मजाक तो नहीं बनाओगी?
वो हंस दी.
मैंने कहा कि मैं लड़कियों से बात ही नहीं कर पाता हूँ, जिस वजह से लड़कियों से मेरी दोस्ती कम ही हो पाती है. तुमसे ऑफिस के काम की वजह से बोल पाया और दोस्ती हो गयी.
मेरी इस बात पर वो बड़ी अदा से होंठ गोल करती हुई बोली- ओ, हाउ इनोसेंट.
फिर उसने थोड़ा गंभीर होकर पूछा- शादी की ऐज हो गयी तो क्या अभी तक किसी लड़की के साथ वो सब नहीं किया?
मैंने उसकी तरफ देखा, वो बोली- आजकल तो लड़के पैदा होते ही चोदने की सोचने लगते हैं.
उसके मुँह से चोदना शब्द सुनकर मेरे होश उड़ गए.
मैंने उसकी ओर विस्मयी नजरों से देखा.
दोस्तो, मैं आपको अपनी मित्र अंकिता के साथ बिताए अन्तरंग पलों को बड़ी बेबाकी और विस्तार से लिखना चाहता हूँ.
आप थोड़ा धीरज बनाएं रखें.
बाकी अन्तर्वासना जैसी मस्त सेक्स कहानी वाली साईट पर आपको चुदाई कहानी तो एक से एक मिल ही जाएंगी.
आपको हॉट मैरिड गर्ल की कहानी कैसी लग रही है, प्लीज़ मुझे मेल करें.
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हॉट मैरिड गर्ल की कहानी का अगला भाग: मेरे कुंवारे लंड का भोग लगाया मेरी सहकर्मी ने- 2