Xxx पेनफुल सेक्स कहानी में पढ़ें कि जब NRI भाभी की चूत में मेरा मोटा लंड घुसा तो उसे बहुत दर्द हुआ. फिर भी उसें मजा आया और वो दोबारा चुदना चाहती थी.
साथियो, मैं अगम एक बार फिर से आपके सामने अपनी प्रेयसी फ़लक के साथ हाजिर हूँ.
कहानी के पिछले भाग
होटल में NRI भाभी संग मस्ती
में अब तक आपने पढ़ा था कि हम दोनों ने मस्त सेक्स का मजा ले लिया था और थक कर सो गए थे.
अब आगे Xxx पेनफुल सेक्स कहानी:
फिर हम दोनों तक़रीबन 6:30 बजे उठे.
मैंने फ़लक से कहा- चलो जल्दी से फ्रेश हो लो. फिर हम कहीं चलते हैं.
वो उठने लगी, पर उससे खड़ा नहीं हुआ गया. उसे बहुत दर्द हो रहा था. वो कुछ बोल भी नहीं रही थी.
मैंने उससे कहा- तुमको तो बहुत दर्द हो रहा होगा, पर तुमने बताया क्यों नहीं?
वो बोली- कुछ नहीं.
मैंने कहा- कुछ नहीं क्या … तुमसे तो खड़ा भी नहीं हुआ जा रहा है.
वो कुछ नहीं बोली.
मैंने कहा- रुको, तुम जरा बैठो.
वो बोली- क्या हुआ?
मैंने कहा- बैठो.
फिर मैं बाथरूम में गया और वहां से गर्म पानी और टॉवल लेकर आ गया. मैंने उसकी चूत की सिकाई की, जिससे उसे थोड़ा आराम मिला.
कोई 20-25 मिनट सिकाई के बाद उसका दर्द काफी कम हो गया.
अब हम दोनों नहाने चले गए.
मैंने बाथरूम में उसके साथ कुछ नहीं किया हालांकि वो तो रेडी थी पर उसे दर्द तो हो ही रहा था.
मैंने सोचा चुदाई से उसे ज्यादा दर्द हो सकता है.
तब बस हम साथ में नहाये और बाहर आ गए.
हम जब कपड़े पहनने लगे तो वो बोली- ऐसा करो, तुम मुझे कपड़े पहनाओ … और मैं तुम्हें पहनाऊंगी.
मैंने उससे ओके कहा.
उसने मुझे अंडरवियर पहनाया और फिर जींस, टी-शर्ट पहना दी.
मैंने उसे ब्लैक कलर की ब्रा पहनाई और पैंटी पहनाई.
ये वो ही बिकिनी थी, जो मैं उसके लिए लाया था. वो इसमें मुझे काफी अच्छी लग रही थी.
मैं उसे देखता रहा.
वो बोली- बस देखते ही रहोगे?
मैंने कहा- हां.
तो वो बोली- ये तुमको ही उतारनी है … बाद में देख लेना.
मैंने स्माइल दी और उसे जींस पहना दी.
फिर टॉप पहनाया.
हमने कैब बुक की हुई थी तो उसका कॉल आ गया.
हम दोनों बाहर आ गए और थोड़ा घूमने के बाद हमने कुछ शॉपिंग भी की.
फिर हमने एक अच्छे रेस्टोरेंट में डिनर किया.
तब तक 10 बज गए थे.
रास्ते में मैंने उससे पूछा- फ़लक एक बात बताओ, आज तुमको इतना दर्द क्यों हुआ … और तुम्हारा खून भी निकला.
वो बोली- कैसा खून … साफ़ साफ़ बताओ?
उसने मेरी तरफ देख कर स्माइल की.
तो मैंने कहा- आज जब तुम्हारी ठुकाई कर रहा था, तो तुम्हारी चूत से खून आया था. अब समझ में आ गया कि कैसा खून!
वो बोली- अच्छा ऐसे बोलो न … तुम्हारी बात अब समझ आयी.
वो हंसने लगी, फिर बोली- मैंने काफी टाइम से सेक्स नहीं किया था.
मैंने पूछा- क्यों?
वो बोली- मेरा बस तुम्हारे साथ सेक्स करने का मन था तो जब से मेरा इंडिया आना पक्का हुआ, मैंने सेक्स ही नहीं किया. और सेक्स करके भी क्या फायदा होना था … मजा तो कुछ आता नहीं. बस मेरे पतिदेव ही हिलते रहते हैं, उनका लंड कुछ करता ही नहीं है.
इस पर हम दोनों हंसने लगे.
फिर वो बोली- मैं कुछ क्रीम भी इस्तेमाल करती हूँ, जिससे मेरी चूत इतनी टाइट हो गयी, जैसे कोई सील पैक लड़की की हो.
मैंने पूछा- ऐसा क्यों?
तब वो बोली- तुमको भी तो ऐसा लगना चाहिए कि तुम्हारी फ़लक की सील तुमने ही तोड़ी हो.
हम ऐसे ही बात कर रहे थे तो मैंने उससे पूछा- तुम मुंबई कब जाओगी?
वो बोली- प्लान तो कल का था, पर अभी घर से कॉल आयी थी. मेरी कजिन की शादी है, तो वो कुछ काम से दिल्ली आएगी. उसका यहां कुछ सामान भी है, तो बस उसी के साथ जाऊंगी. अब मैं इधर 3 दिन एक्स्ट्रा रुकूंगी, फिर जाऊंगी.
मैंने उसे कस के गले लगा लिया.
वो एकदम से अलग हुई और बोली- कोई देख लेगा?
फिर हम हंसते हुए चल पड़े.
वैसे फ़लक ने घर पर यह बहाना बनाया था कि वो इतने टाइम बाद इंडिया आ रही है, तो उसकी सहेली ने उसे अपने यहां दिल्ली में बुलाया है.
मैंने उससे कहा कि अच्छा हुआ कि तुम्हारी कजिन की शादी है. अब हमें और टाइम मिल जाएगा.
उसी समय मेरे घर से कॉल आया और घर वालों ने पूछा- घर कब आओगे?
मैंने कहा- अभी तो एग्जाम 3 दिन डिले हो गए हैं. उसके बाद ही आऊंगा.
फोन कट गया.
फिर हम चल दिए. वहां से होटल अब ज्यादा दूर नहीं था. हम चलते हुए होटल आने लगे.
रास्ते में एक आईसक्रीम की शॉप थी.
फ़लक ने कहा कि मुझे आईसक्रीम खानी है.
मैंने मजाक में बोल दिया कि कल खाएंगे.
इस पर वो किसी बच्ची की तरह जिद करने लगी और बोली- अच्छा नहीं होगा अगर मना किया तो.
मैंने कहा- मजाक कर रहा हूँ बाबा … गुस्सा मत हो.
हमने वहां पर आईस क्रीम खायी, फिर हम होटल आने लगे.
हम रास्ते में एक दूसरे के हाथ में हाथ डाल कर आ रहे थे और ऐसा लग रहा था जैसे वो मेरी गर्लफ्रेंड हो.
होटल पहुंच कर मैंने कहा- यार काफी थक गए हैं, थोड़ा आराम कर लेते हैं.
इस पर फ़लक ने मुँह फुला लिया.
मैंने ड्रेस चेंज की और फ़लक बिना कुछ बोले वही ड्रेस पहने लेट गयी.
हम सोने लगे तो फ़लक ने पहले कुछ सोचा और उसने मेरी तरफ कातिलाना नजरों से देख कर एक स्माइल दी और मुझे किस करके मेरी छाती पर सर रख कर लेट गयी.
मैं सोचने लगा कि इसे क्या हुआ … अभी तो नाराज थी और अभी ऐसे स्माइल कर रही है.
कुछ देर बाद मुझे नींद आ गयी.
तब 11 बजे थे.
फिर लगभग 12:30 बजे मुझे कुछ हलचल महसूस हुई और मेरा लंड काफी उत्तेजित हो रहा था.
मैंने आंखें खोली तो देखा फ़लक मेरा लंड चूस रही थी.
उसने मुझे देखा और एक स्माइल करके फिर से लंड चूसने लगी.
वो बोली- अब बचो मेरे वार से … बहुत नींद आ रही थी ना … अब सो कर दिखाओ.
उसने मेरे लंड पर जीभ लगानी शुरू कर दी.
कुछ देर तक मेरे लंड पर जीभ फिराने के बाद उसने मेरे लंड का सुपारा चाटना शुरू कर दिया.
मैं और भी ज्यादा उत्तेजित हो गया.
उसने मेरा पूरा लंड अपने मुँह में ले लिया.
अब मैंने भी उसका सर पकड़ा और अपने लंड पर दबाने लगा.
उसने कुछ देर ऐसे ही मेरा लंड अपने गले तक ले लिया.
मुझे उसका गला अपने लंड पर महसूस हुआ.
फिर उसकी जब सांस घुटने लगी तो एकदम मेरा लंड बाहर निकाला और सांस लेने लगी.
वो उठी तो मैंने देखा कि वो पूरी नंगी थी. वो मेरे लंड के ऊपर आकर बैठ गयी और मेरा लंड हाथ से पकड़ कर अपनी चूत पर लगा लिया. वो लौड़े पर बैठने लगी.
अभी मेरा आधा ही लंड उसके अन्दर गया था कि वो एकदम से चिल्लाई और अपने मुँह पर हाथ रख लिया.
मैंने उसके दोनों मम्मों को दबाना शुरू कर दिया और मसलने लगा.
वो मेरे आधे लंड पर ही हल्का हल्का ऊपर नीचे होने लगी और सिसकारियां लेने लगी.
मैंने एक हाथ उसकी कमर पर रखा और दूसरे हाथ से उसके मम्मों को दबाने लगा.
फिर वो एकदम मेरे लंड पर तेजी से नीचे हो गई जिससे मेरा पूरा लंड उसकी चूत में चला गया.
वो जोर से चिल्लाई- अअअई ईईई आआह … मेरी चूत में मूसल घुस गया … आउउच … आह!
मैं हंस कर रुका और उसके मम्मों को दबाने लगा, फिर थोड़ा सा ज्यादा उठ कर उसे किस करने लगा.
उसका दर्द जब कम हुआ तो वो अपनी गांड ऊपर नीचे करने लगी और सिसकारियां लेने लगी ‘आह्ह ऊऊह्ह …’
मैंने भी अपने दोनों हाथों से उसकी कमर पकड़ी और उसे लंड पर उछालने लगा, नीचे से गांड उठा कर उसकी चूत में धक्के मारने लगा.
थोड़ी ही देर में वो अकड़ने लगी. मुझे अपने लंड पर कसावट महसूस होने लगी पर मैंने धक्के मारने जारी रखे.
तभी एक दो धक्के के बाद वो झड़ गयी और मेरे ऊपर ही गिरने को हो गई.
मैंने उसे पकड़ा और आराम आराम से धक्के मारता रहा.
जब मुझे महसूस हुआ कि उसकी चूत की कसावट कम हो गयी है तो मैंने अपने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी.
वो ‘आह्ह ऊह्ह्ह आ गयीई ओहह्ह …’ की आवाजें निकालने लगी.
इसी के साथ ही वो ‘यस्स आअह उउउह … फक मी …’ की आवाजें निकालती रही और मुझे किस करती रही.
कुछ देर में मुझे लगा कि मेरा होने वाला है, तो मैंने उससे कहा कि मेरा होने वाला है.
वो बोली- हां बस मेरा भी होने वाला है … और तुम मेरे अन्दर ही अपना निकाल दो, मैं तुम्हारा पानी अपने अन्दर फील करना चाहती हूँ.
मैंने ओके बोला और अपने धक्कों की स्पीड और बढ़ा दी.
वो तेजी से आवाज निकालती हुई उछलने लगी.
इसी के साथ वो और मैं दोनों एक साथ झड़ गए.
हमने एक दूसरे को कसके जकड़ लिया और हमारा सारा पानी निकल गया.
वो मेरे ऊपर ऐसे ही लेटी रही. मेरा लंड अभी भी उसकी चूत में ही था.
कुछ देर बाद हम दोनों अलग हुए और वो मेरी साइड में लेट गयी.
हम दोनों ऐसे ही नंगे लेटे रहे.
फिर न जाने हमें कब नींद आ गयी, कुछ पता ही नहीं चला.
दूसरे दिन सुबह 9 बजे के लगभग मुझे अपने होंठों पर कुछ गीला गीला महसूस हुआ.
मुझे कोई अलग ही मादक सी खुशबू आने लगी.
मैंने आंख खोलीं, तो देखा फ़लक मेरे ऊपर है और मुझे लगातार किस किए जा रही है.
इससे मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगा.
पर हम दोनों ही कल की चुदाई से थके हुए थे … तो मैंने कुछ करना सही नहीं समझा और बस किस करता रहा.
मैंने उसे कसके गले लगा लिया. उसके होंठ मेरे होंठों पर … और उसके मम्मे मेरी छाती पर दब गए.
उसे मेरे खड़े लंड का अपनी चूत पर अहसास होने लगा.
उसने तब एक बाथरोब पहना था, तो मैं उसे ऐसे ही गले लगा कर लेटा रहा.
फिर आधे घंटे बाद हम दोनों उठ गए.
मैंने उससे पूछा- ये क्यों पहना है?
वो बोली- ऐसे ही.
ये कहते हुए उसने अपना बाथरोब उतार दिया और उसे नंगी देखते ही मेरा लंड और ज्यादा कड़क होने लगा.
वो मेरे पास अपनी गांड मटकाती हुई आयी और मेरे गले में हाथ डाल कर बोली- अब सही है सर!
मैंने कहा- परफेक्ट मैम … एकदम मस्त लग रही हो.
मेरा लंड बार बार उसकी चूत को टच कर रहा था और वो अपने हाथ अपने मम्मों पर फिरा रही थी.
कभी वो अपना हाथ मेरे ऊपर भी फिरा देती.
हम दोनों नहाने जाने लगे.
वो मेरे आगे चल रही थी तो मैंने उसके नंगे चूतड़ों पर एक चपत मारी.
‘पट …’ की आवाज आई.
वो एकदम से ‘आउच …’ बोली और मुड़ कर मुझे देखने लगी.
फिर मैंने उसे एकदम से गले लगा लिया और बाथरूम में चले गए.
वो सोच रही थी कि मैं बाथरूम में उसकी चूत चुदाई करूंगा पर मेरे मन में तो उसकी वो मटकती गांड ही दिख रही थी.
मेरा दिल उसकी गांड पर आ गया था.
बस मैं तो यही सोच रहा था कि इन 3 दिनों में तो इसकी गांड फाड़ कर रहूँगा.
फिर उसने मेरे ऊपर थोड़ा पानी डाला, जिससे मैं अपनी सोच से बाहर आया.
वो मेरे पास आयी और मेरे ऊपर साबुन लगाने लगी. उसने सबसे ज्यादा साबुन मेरे लंड पर लगाया.
मेरे लंड पर उसका हाथ पड़ते ही मेरा फिर से मूड बनने लगा.
वो तो थी ही उत्तेजित, फिर वो पीछे को हुई और अपने जिस्म पर साबुन लगाने लगी.
वो ऊपर अपने मम्मों पर साबुन लगाती हुई अपनी चूत तक आयी और रुक गयी.
मैं बस उसे ही देख रहा था.
तभी वो बोली- मेरी चूत को साफ़ कर दो, मुझसे इसकी सफाई नहीं हो रही है.
मैं आगे हुआ और समझ गया था कि ये फिर से चुदवाना चाहती है.
मैंने जानबूझ कर साबुन अपने हाथों पर लिया और उसकी चूत में लगाने लगा.
वो एकदम से बोली- मैंने तुम्हारे लंड पर इतना साबुन इसीलिए लगाया है कि तुम इससे मेरी चूत साफ़ करो, पर तुम तो बस हाथ से लग गए.
मैंने उसकी तरफ एक स्माइल दी और उसका हाथ पकड़ लिया.
फिर उसे अपने से चिपका लिया. हमारे मिलते ही एक छप्पपाआक से आवाज आयी और काम हो गया.
मैं उसके शरीर पर हाथ फिराने लगा और वो मेरे लंड को अपनी चूत में लेने की कोशिश कर रही थी.
पर मैंने उसे पकड़ा हुआ था.
फिर मैंने उसे पीछे को करके दीवार से लगा दिया. उसने अपनी दोनों टांगें खोल दीं, तो मैं थोड़ा नीचे हुआ और उसकी चूत पर लंड रख कर दाब दे दी.
मेरा लंड एकदम से उसकी चूत में फिसलता हुआ अन्दर घुस गया.
उसकी बस एक ‘आह …’ निकली.
उसी वक्त उसने शॉवर चालू कर दिया. मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रखे और एक हाथ से उसके मम्मों को दबाने लगा.
लंड घुस चुका था तो मैंने उसकी एक टांग अपने हाथ में उठायी और उसे धक्के मारने लगा.
हर धक्के पर पानी से छप-छप की आवाज आने लगी.
वो मस्ती में अपने मम्मों को दबाने लगी और मुझे किस करने लगी.
उसके जिस्म पर ठंडा पानी गिर रहा था जिससे उसके मम्मे और भी टाइट होते जा रहे थे व मेरी छाती में गड़े जा रहे थे.
कुछ देर धक्के मारने के बाद उसका स्खलन होने लगा और वो ऐसे ही आआह ऊह्ह करती हुई झड़ गयी, पर रुकी नहीं.
मैं भी धक्के मारता रहा, फिर मेरा भी पानी उसकी चूत में निकल गया और मैं शांत हो गया.
फ़लक की चूत चुदाई की इस मस्त Xxx पेनफुल सेक्स कहानी पर आपके मेल का स्वागत है.
अभी फ़लक की चूत गांड की चुदाई में बहुत रस आना बाकी है.
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