सेक्सी सिस्टर की गरम जवानी का मजा चखने को मेरे मुहल्ले के लड़के आतु थे. यहाँ तक कि मेरा एक दोस्त तो मेरी बहन को सेट भी कर चुका था, बस अब चुदाई बाकी थी.
दोस्तो, मेरा नाम दीपू है.
आज मैं जो सेक्स कहानी लेकर आया हूँ, वह मेरा बड़ी बहन मीतू की कहानी है.
यानि मेरी दीदी की चुदाई की कहानी ही है.
मेरी यह बहन मुझसे 3 साल बड़ी है.
उसकी उम्र 24 साल की है.
दोस्तो, मैं अपनी दीदी के बारे में क्या ही कहूँ … उसका 34-30-36 का मस्त फिगर है.
मेरे मोहल्ले में मेरी दीदी ही सबसे कड़क माल हैं.
मोहल्ले का जो भी लड़का सेक्सी सिस्टर की गरम जवानी को देखता था तो बस वह अपना लंड हाथ से मसल देता था.
कई बार तो मैंने अपने दोस्तों को भी लंड हाथ से मसलते देखा है.
जब भी वे मेरी दीदी को कहीं बाहर जाते समय देखते हैं, तो उनके लौड़े फनफनाने लगते हैं.
एक बार की बात है, उस दिन ऐसा हुआ था कि मैं और मेरा दोस्त निखिल घर से कुछ दूर एक दुकान पर खड़े होकर सिगरेट पी रहे थे.
मेरे बगल में ही 4-5 आवारा टाइप के लड़के आपस में बकचोदी कर रहे थे.
उसी वक्त मैंने देखा कि दीदी सामने से कहीं जा रही थी.
उसने मस्त ब्लैक कलर का एकदम चुस्त टॉप और ब्लू जीन्स पहना हुआ था.
सच में वह गजब की मस्त कड़क माल लग रही थी.
उसके एकदम मस्त गोल मध्यम आकार के दूध उसके चुस्त टॉप में हर कदम पर थिरक रहे थे और उसी के साथ उसकी उभरी हुई मस्त गांड ठुमक रही थी.
उफ्फ़ … क्या जानलेवा नज़ारा था.
मेरी दीदी रास्ते में चलते वक़्त क़यामत ढा रही थी.
तभी मैंने उन 4-5 लड़कों में से एक को कहते हुए सुना कि भाई लोग देखो ये मीतू … साली क्या गजब की माल है. ये तो साली एकदम पटाखा है. जब ये साली ऊपर से इतनी कड़क माल दिख रही है इसकी चूत कितनी मस्त होगी!
दूसरा बोला- हां भाई, इस साली रंडी मीतू की चूत अगर चोदने को मिल जाती तो मज़ा ही आ जाता.
इस पर तीसरा लड़का बोला- यार ये मीतू तो हमारे मोहल्ले की सबसे कड़क माल है. हमारे मोहल्ले में इतनी सुंदर चूत घूम रही है और हम सब अपना लंड हाथ में लेकर हिला रहे हैं.
उनके इस तरह से कहने पर मेरी नज़रें उन्हीं आवारा लड़कों पर टिक गई थी.
बहन के लौड़े सब के सब मेरी दीदी को देख कर अपने अपने लंड मसल रहे थे.
यहां तक कि एक ने तो अपना लंड अपनी पैंट से बाहर निकाल लिया था और वह खुल्लम खुल्ला हिला रहा था.
सभी मेरी दीदी को देखकर कुछ न कुछ बोल रहे थे.
वह लौंडा भी अपने लौड़े को मुठियाता हुआ कहे जा रहा था- साली रंडी, अपनी चूत दे दे ना … हम सबको एक बार चोदने दे दे … आह साली क्या मस्त माल है तू … आह उफ्फ़!
तो दोस्तो, वे सभी मेरी दीदी के ऊपर ऐसे गंदे गंदे कमेंट्स मार रहे थे.
मुझे गुस्सा तो बहुत आया.
और मैं उन लड़कों की तरफ अभी बढ़ ही रहा था कि तभी मेरे दोस्त निखिल ने मुझे रोक लिया.
वह बोला- भाई रुक जा, इन लोगों से भिड़ने का कोई फायदा नहीं है. ये तो हैं ही सब साले हरामी. जब देखो तब बस चूत की जुगाड़ में ही लगे रहते हैं.
अपने दोस्त के मुँह से यह सुन कर मुझे थोड़ा अजीब सा लगा.
तभी मैंने देखा कि मेरे दोस्त का पैंट भी लौड़े के पास से कुछ उभरा हुआ सा लग रहा था.
मैंने ध्यान से देखा तो उसका लंड भी खड़ा हो गया था.
मैंने उससे पूछा- भाई ये क्या है?
उसने झेंपते हुए कहा- अरे भाई … कुछ नहीं वह तो यूं ही हो गया है.
मैंने बोला- साले तेरा लंड अपने आप कैसे खड़ा हो गया … सच सच बता!
मेरे जोर देने पर उसने कहा- भाई बुरा मत मानना यार … देख तेरी दीदी है तो गजब की कंटाप माल, मेरा तो क्या किसी बुझे हुए बुड्ढे का भी लंड खड़ा कर सकती है.
मैंने कहा- भाई तू ये सब क्या बोल रहा है … वह मेरी बहन है और तेरी भी बहन जैसी ही है!
तभी निखिल बोला- देख यार, माना कि वह तेरी बहन है, पर है तो गजब की माल … यार तू बुरा मत मानना तेरी दीदी को देखते ही मेरा लंड उफान मारने लगता है. बस मन करता है कि साली को वहीं पटक कर चोद दूँ. यार तेरी दीदी की चूत बस एक बार रगड़ने को मिल जाए, तो मैं तो समझो जन्नत की सैर कर लूँगा.
मुझे निखिल पर गुस्सा तो बहुत आया. पर साला मेरा पक्का दोस्त था तो मैंने कुछ नहीं कहा.
फिर मैं दुकानदार को पैसा दे ही रहा था कि उसने कहा- साहब, पैसा मत दीजिए आज तो मज़ा ही आ गया, इतनी मस्त माल को देखकर … ये आपकी दीदी है ना!
मैंने कहा- हां मेरी दीदी है, तो तुझे क्या?
उसने कहा- साहब एक बात बोलूँ, बुरा मत मानना. मेरा लंड भी आपकी दीदी को देखकर उफान मार रहा है … विश्वास न हो तो ये देखिए.
यह कह कर उसने अपना लंड बाहर निकाल कर दिखा दिया.
उस मादरचोद पनवाड़ी के चोदे का लंड भी बहुत बड़ा और लंबा लंड था.
मेरे दोस्त ने भी उसका लंड देखकर देख कर मुझसे कहा- यार सुन ना, देख तेरी दीदी को बस देखते ही सबके लंड का यही हाल है. इससे तुम अंदाज़ा लगा सकते हो कि तेरी दीदी कितनी गजब की माल है साली … अया उफ्फ़!
यह सब कहते हुए मेरा दोस्त मेरे सामने ही अपने पैंट में फूलते हुए लौड़े को सहलाने लगा था.
उसे देख कर पान वाला दुकानदार भी मुठ मारने लगा.
वे सब आवारा लड़के तो अपना अपना सामान सहला ही रहे थे.
हर तरफ बस मेरी दीदी का नाम लेकर सब मुठ मार रहे था और गंदी गंदी गालियां दे रहे थे.
वह आवारा लड़का जो अपना लंड बाहर निकाल कर मुठ मार रहा था, सिसयाते हुए अपने लंड को आगे-पीछे करते हुए कह रहा था- अह उफ़फ्फ़ साली रंडी तेरी चूत चोदने मिल जाए … बस एक बार मेरे लौड़े को चूत की लज्जत दे दे उफ्फ़ साली छिनाल हाय … मेरा लंड उफ़फ्फ़ हह एक बार अपनी चूत दे दे मुझको आह तेरी ऐसी चुदाई करूँगा कि साली तेरी चुत, चूत नहीं रहेगी चबूतरा बन जाएगी!
बाजू में खड़ा मेरा दोस्त भी यही सब कह रहा था- अया उफ्फ़ मीतू … एक बार चुदवा ले अपने भाई के दोस्त से … आहह.
साला हर तरफ यही सुनाई दे रहा था.
फिर आख़िर में सबका माल छूटने वाला था तो सबने ने ‘आह मीतू …’ करके अपना माल बाहर निकाल दिया.
अब मेरा दोस्त मुझसे बाय बोल कर अपने घर चला गया और मैं भी अपने घर के लिए निकल गया.
अभी मैं कुछ दूर गया ही था कि तभी मेरे पीछे से वे चारों आवारा लड़के बाइक से आए और मेरे सामने खड़े हो गए.
उसमें से एक ने कहा- तेरा ही नाम दीपू है ना!
मैंने कहा- हां.
तो उसने कहा- वह जो माल लड़की अभी जा रही थी, वह तेरी दीदी है न?
मैंने कहा- हां, वह मेरी दीदी थी.
‘भाई सुन, तेरी दीदी गजब की माल है इसमें कोई शक नहीं है. हम सबको तेरी दीदी की चूत चोदनी है. तूने तो देखा ही होगा कि हमारे लौड़ों का क्या हाल हो गया था. भाई सुन, तू अपनी दीदी की चूत बस एक बार दिला दे … उसके बाद तू जो कहेगा, वह हम सब करेंगे. तू जो बोलेगा, जो मांगेगा, वह तुम्हें दे देंगे. बस एक बार तेरी दीदी को हमारे लंड के नीचे ला दे प्लीज़ यार.’
मैंने कहा- भाई आप यह सब क्या बोल रहे हैं. वह मेरी दीदी है. आप लोगों को शर्म नहीं आ रही है?
यह सुन कर उनमें से एक ने कहा- सुन बे भैनचोद … भोसड़ी के तेरी बहन की चूत तो हम चोद कर ही रहेंगे, ये हम सब हमने ठान लिया है. बस अगर तू जरा मदद कर देता, तो तेरा भी अच्छा हो जाता. तू भी एक बार अपनी कांटा बहन को चोद लेता!
मैंने जरा गुस्सा करते हुए कहा- जाओ जो करना है, कर लो … मैं कुछ नहीं करूँगा.
सबने अपनी अपनी बाइक स्टार्ट की और जाते जाते यह बोल गए- सुन बे भैनचोद भोसड़ी वाले … अब तो हम जब तक तेरी दीदी की चूत नहीं चोद लेंगे, हमको चैन नहीं मिलेगा … और हां चूत तो पेलेंगे ही, तेरी दीदी की साथ में उसकी गांड भी मार लेंगे … और यह सब तेरे सामने करेंगे … तू खुद अपनी बहन को कुतिया की तरह चुदते हुए देखेगा. हम सबका लंड बारी बारी से तेरी दीदी की चूत को फाड़ेगा और यह सब तू खुद अपनी आंखों से देखेगा बेटा. बस तू भैनचोद अपनी दीदी की चुदाई का इंतजार कर … और उस दिन का इंतजार भी कर, जब तेरी दीदी हम सबकी रखैल बनेगी और अपनी रसीली चूत हम सबको चोदने के लिए उठा उठा कर देगी … वह हमारे लंड के नीचे आएगी.
यह कहते हुए वे सब चले गए.
मुझे बहुत बुरा लगा.
ये सब बातें सुनकर मेरी आंखों से आंसू भी आ गए.
पर मैं अकेला था, तो कुछ नहीं कर पाया.
एक बहन का भाई होकर भी मुझे खुद पर गुस्सा आ रहा था.
इसके बाद मैं घर आ गया और सो गया.
अगले कुछ दिन तक मैं अपने दोस्तों से नहीं मिला.
बाद में एक दिन मैंने देखा कि मेरी बहन किसी से फोन पर बात कर रही थी.
वह हंस रही थी और उसकी हंसी से लग रहा था कि वह अपने किसी ब्वॉयफ्रेंड से बात कर रही है.
कुछ देर बाद मेरी बहन अपना मोबाइल रख कर बाथरूम में चली गई.
मैंने झट से उसका मोबाइल उठाया और कॉल डिटेल देखी तो सन्न रह गया.
मेरी बहन मेरे दोस्त निखिल से बात कर रही थी.
मैंने उसकी फाइल में जाकर देखा तो कॉल रिकार्ड एप्लीकेशन चालू थी.
तब मैंने उसकी सारी कॉल रिकॉर्ड वाली फ़ाइलें सिलेक्ट की और अपनी मोबाइल पर ट्रांसफर कर लीं.
उसके बाद मैंने एक एक करके सारी रिकॉर्डिंग सुनी तो हैरान हो गया.
मेरी बहन मेरे दोस्त निखिल से सैट हो चुकी थी और उसके साथ सेक्स करने के लिए राजी हो गई थी.
अब मैं अपनी बहन पर नजर रखने लगा.
यह शायद उसने समझ लिया था कि मैं उसके ऊपर नजर रख रहा हूँ.
एक दिन वह कमरे में अपने कपड़े बदल रही थी और उस वक्त पूरी नंगी थी.
मैं अचानक से कमरे में आ गया.
उसके नग्न बदन को देख कर, सेक्सी सिस्टर की गरम जवानी देखकर मैं हैरान था कि मेरी बहन इतनी मादक कैसे हो सकती है. ऊपर से तो वह सेक्सी लगती ही थी पर अन्दर से उसका बदन इतना सेक्सी होगा, यह मैं भी नहीं जानता था.
मुझे उस दिन उन आवारा लड़कों की बातें याद आने लगीं.
वे उस दिन कह रहे थे कि जब ऊपर से तू इतनी हॉट है तो अन्दर से कितनी हॉट होगी.
तभी मेरी बहन ने मेरी तरफ देखा और वह अपना जिस्म छुपाने लगी.
मैं भी घूम गया और उससे सॉरी कहने लगा.
तभी मैं वह सुना, जो मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था.
मेरी बहन ने कहा- भाई तू मुझ पर नजर रखता है न … तो आज सही से नजर डाल ले. मैं तेरे सामने पूरी न्यूड हूँ!
यह कहती हुई वह मेरे सामने आ गई.
मैंने अपनी आंखें बंद कर लीं और अपनी बहन को न देखने की बात कहने लगा.
उसी वक्त मेरी बहन ने मुझे पकड़ कर झँझोड़ दिया.
इससे मैं कहने लगा- नहीं नहीं दीदी मुझे माफ कर दो!
तभी मेरी आंख खुल गई.
मेरी दीदी मेरे सामने खड़ी हंस रही थी और पूछ रही थी- किस बात की माफी मांग रहा है … चल उठ जा. कॉलेज नहीं जाना है क्या?
आह … तो यह सब एक सपना था.
मेरी खोपड़ी भन्ना गई थी.
ऊपर वाला भी किस किस तरह के सपने दिखाता है.
यही सब सोचता हुआ मैं उठ कर बाथरूम में चला गया.
दोस्तो, आपको मेरी यह सेक्सी सिस्टर की गरम जवानी की कहानी कैसी लगी … प्लीज मुझे जरूर बताएं
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