मेरी सास की रसभरी चूत चुदाई की दास्तान- 1

मेरी सास की रसभरी चूत चुदाई की दास्तान- 1

यूज्ड कॉन्डोम सास के हाथ लग गया जब मैं अपनी ससुराल गया था. वहां मैंने बीवी कि चुदाई करके यूज्ड कंडोम बेड के नीचे फेंक दिया था जिसे सफाई करते हुए मेरी सास ने उठा लिया.

नमस्कार दोस्तो,
मैं राज मल्होत्रा, मैं बिहार का रहने वाला हूं.
लेकिन सभी मुझे राज के नाम से बुलाते हैं, तो आप भी राज बुलाओ.

आज मैं आपको सासु मां की चुदाई की दास्तान सुना रहा हूं.
मेरी सास का नाम सुशीला है.

मैं आज की स्टोरी में बताने जा रहा हूं कि कैसे मेरा यूज्ड कॉन्डोम सास के हाथ लग गया मैंने अपनी सासु मां की चूत मारी.

मेरे भाइयो, आप अपना लंड हाथ में ले लें; लड़कियां और भाभियां अपनी चूत में उंगली डाल लें क्योंकि आज की सेक्स कहानी पढ़ते-पढ़ते आपका रस निकल जाएगा.

वैसे तो हमारे गांव में शादी कम उम्र में हो जाती है लेकिन मैंने लव मैरिज किया था.

अब मैंने लव मैरिज कैसे किया था, इसके पीछे भी बहुत लम्बी और रोमांटिक कहानी है, वो मैं आपको बाद में बताऊंगा.

तो मित्रो, अब मैं कहानी शुरू करता हूं.

हम लोग दिल्ली में किराए के मकान में रहते हैं.

मैं उस समय 24 साल का था और मेरी सास की उम्र 40-42 साल लगभग होगी.

बात उस समय की है जब मेरी नई-नई शादी हुई थी और मैं ससुराल गया हुआ था.

मेरे ससुराल में मेरी बीवी, 2 साली और ससुर रहते हैं.

एक रात मेरी सास और ससुर छत पर सो रहे थे.
मैं और मेरी बीवी नीचे कमरे में और साली हॉल में सो रही थी.

उस रात इस बीच मैं अपनी बीवी के साथ कंडोम लगा के 2-3 बार चुदाई कर चुका था.

सेक्स के बाद इस्तेमाल किया कंडोम मैंने बेड के नीचे डाल दिया था और अगले दिन कंडोम को डस्टबिन में डालना भूल गया.
2 नए कंडोम भी मेरे तकिये के नीचे रह गए थे.

अगले दिन जब घर पर कोई नहीं था, मेरी साली सुधा 19 साल की थी, वह स्कूल गई हुई थी.
मेरी बीवी किसी काम से कॉलेज गई हुई थी, ससुर जी काम पर गए हुए थे.

घर पर मैं और मेरी सास ही रह गए थे.
फिर सास ने मुझे चाय बना कर दी और खुद भी चाय लेकर हॉल में बैठ गई.

चाय पीते-पीते सास बोली- राज बेटा, वैसे एक बात बोलनी थी आपसे … अब कैसे बोलूं, समझ में नहीं आ रहा!

अब मैं सोच में पड़ गया कि ऐसी क्या बात है जो सासु मां बोलना चाहती हैं, तो मैं बोला- बोलिए सासु मां? आखिर क्या बात है.

इसके बाद उन्होंने कहा- देखो बेटा, मैं भी आपको अपना बेटा ही मानती हूं. इसलिए, गलत मत समझना.

अब मैं सोचने लगा क्या बात हो गई.
मैंने कहा- बोलिए सासु मां, जो भी कहना है. बोलिए ना, आप भी तो मेरी मां हैं.

फिर सासु मां थोड़ा शरमाती हुई बोलीं- घर पर छोटे बच्चे हैं, थोड़ा ध्यान रखा कीजिए.
मैं बोला- मैं कुछ समझा नहीं माँ जी!

इस पर सासु मां ने अलमारी से कंडोम का पैकेट निकाला और मुझे देते हुए बोला- आज सुधा जब झाड़ू लगा रही थी, तब उसने मुझसे पूछा कि ये क्या है. इस पर ये गन्दी सी फोटो भी लगी हुई है.
उन्होंने आगे बताया- तो मैंने उसे किचन भेज दिया, बोली कि जा तू किचन में सब्जी देख. मैं घर साफ कर देती हूं! वह किचन में चली गई और मैं झाड़ू लगाने लगी. मुझे बेड के नीचे भी ये चीजें मिली (यूज्ड कॉन्डोम) जो कि इस्तेमाल की हुई थी. वो तो अच्छा हुआ कि सुधा ने देखा नहीं, नहीं तो फिर पूछने लगती.

मैं बता दूं कि मेरी पत्नी का नाम नीतू है.
सासु मां ने बोला- अगर आप नीतू से बोलते तो वह डस्टबिन में फेंक देती लेकिन आप दोनों ने इसे (यूज्ड कॉन्डोम) सही जगह नहीं फेंका.

बातें करते करते सासु मां ने शरमा के मुंह नीचे कर लिया और चाय पीने लगीं.

इसके बाद मैंने उन्हें सॉरी बोला, कहा- हम रात में यह काम करके थक के सो गए थे इसलिए सुबह दिमाग में ही नहीं रहा. अब से ध्यान रखूंगा!

सासु मां की बातें सुनकर मेरा लंड फिर से एक बार खड़ा हो गया और गलती से मेरा हाथ अपने लंड पर चला गया.
जिसे सासु मां ने तिरछी नजरों से देख लिया.

और चाय का कप लेकर किचन में चली गईं, जाते जाते धीमी आवाज में बोली- हाय … नीतू को 3 बार करने के बाद भी मन नहीं भरा? फिर से खड़ा हो गया. क्या खाता है?

मैंने सासु मां की बातें सुन ली थीं.
इसलिए उत्तेजना के कारण ऐसा लग रहा था कि मेरा लंड पेंट फाड़ के बाहर आ जाएगा.

मैं अपने लंड को शांत करने के लिए जल्दी से बाथरूम की तरफ गया और गेट में बिना कुंडी लगाए मुठ मारने लगा.

तभी अचानक बाथरूम का गेट खुला और मेरी सास की नजर सीधे मेरे लंड पर पड़ी.
वे मेरे लंड को कुछ पल के लिए देखती रह गई और उनके मुंह से निकला- आआ अह्ह ह्ह्ह ह्ह्हआ आआ!

उनकी आंखें लाल हो गयी थी.
शायद सासु मां की भी चूत गीली हो गई होगी.

उन्होंने शरमा के बस इतना ही बोला- राज, कुंडी तो लगा लेते!
और धीरे से बोली- आह्ह हह … इसने तो मेरी चूत में आग लगा दी.

इसके बाद उन्होंने बोला- बेटा थोड़ा जल्दी निकलना.
और वे बाथरूम से बाहर चली गईं.

लेकिन मैं कहां रुकने वाला था मैंने जल्दी से मुठ मारा और बाथरूम से बाहर निकल गया.

सासु मां शायद बाहर ही खड़ी थीं, वे फट से अंदर चली गईं और गेट बंद कर लिया और चूत खोलकर बैठ गईं.

मैं बाथरूम के पास खड़ा था.
वे धीमी आवाज में कह रही थीं- आह्हह राज, ये तुमने क्या किया. मेरे तन-बदन में आग लगा दी. हाय मेरी चूत!

और फिर फच फच की आवाजें आने लगी.
शायद वे अपनी चूत में काफी तेजी से उंगली कर रही थीं.

इस बीच एक तेज आवाज आई ‘आहहह राज … मैं तो मर गई!’
और फिर वो झड़ गईं.

जैसे ही उन्होंने बाहर आने के लिए दरवाजा खोला तो मुझे गेट पर ही खड़ा देखा.
क्योंकि मैं उनकी आवाजें सुनने में लगा था.

मैं जैसे भूल गया था कि मैं कहां हूं.
सासु मां मुझे देखते ही जैसे शरमा सी गई और बोली- आप यहां क्या कर रहे थे?
और फिर वे भागती हुई अपने कमरे में चली गईं.

करीब 2 बजे तक मेरी साली सुधा कॉलेज से आ गई और मेरी बीवी भी कॉलेज से आ गई.

फिर शाम को सासु मां, साली और मैं अपने घर के पास बने पार्क में घूमने गए.
घर के पास वाले पार्क में साली मैदान में राउंड लगाने लगी.

मैं और सासु मां पार्क में एक कुर्सी पर बैठ गए.
और फिर हमारी बातें होने लगी.

तो सासु मां बोलीं- राज, आप बहुत बदमाश हो!
इस पर मैं बोला- क्या किया है सासु मां मैंने?

उन्होंने कहा- चलो चुप रहो आप, आपसे तो मैं बात नहीं कर रही.
तो मैं बोला- अरे सासु मां, आप बताओ तो सही?

फिर सासु मां बोली- आप सब जानते हो और बन रहे हो ऐसे कि जैसे कुछ पता ही न हो.
इसके बाद मैंने बोला- अरे सॉरी सासु मां … लेकिन आप भी तो …
सासु मां बोली- क्या बताओ?
तो मैं बोला- कुछ नहीं.
तबी वे बोली- कोई नहीं … छोड़ो.

इस पर मैंने सिर हिलाते हुए बोला- हम्म्म!

कुछ देर बाद वे बोलीं- बात ये है कि … आपके पापा …
और फिर वे चुप हो गईं.

तो मैं बोला- बताओ न अब … आप चुप क्यों हो गई?
उन्होंने कहा- कुछ नहीं!
और शरमा के हंस दी.

फिर सब आ गए.
हमने गोल गप्पे खाए और घर आ गए.

अगले दिन सभी के स्कूल जाने के बाद हम दोनों किसी काम से राजीव चौक गए.

काम ख़त्म करके मैं सासु मां से बोला- चलो, हम पार्क घूम के आते हैं!
और फिर हम पार्क चले गए.

लेकिन मेरी किस्मत उस दिन खराब थी क्योंकि तभी अचानक घर से फ़ोन आया कि पापा की तबियत खराब है, जल्दी घर आओ.

और फिर हम घर की तरफ निकल गए.
मेट्रो से फिर हम जल्दी जल्दी घर पहुंचे.

पापा को सासु मां डॉक्टर के यहां दिखाने चली गईं.

इस बीच मेरे एक दोस्त का कॉल आया और मैं चला गया दारू पीने!
फिर रात में लेट घर आया तो बिजली नहीं थी.

इसके बाद हम खाना खाकर छत पर चले गए.

मेरी सास और ससुर खाना खाकर पहले ही सो गए थे.
इसके बाद हम दोनों भी छत पर जाकर सो गए.

रात में लाइट आ गयी थी तो सभी नीचे चले गए और छत पर मैं और मेरी छोटी वाली साली रह गए थे बस.

अचानक रात में मेरी नींद खुली क्योंकि मुझे तेज की सुसु आई थी तो मैं छत पर ही पेशाब करके वापस बेड पर चला गया.

मैं सुसु करके वापस बिस्तर पर आ गया और अपनी साली के बगल में लेट गया.

मैंने दारू तो पहले से पी रखी थी और साली को सोते हुए देखा तो मेरा लंड बेकाबू हो गया.
फिर मैं साली के पास खिसक गया और धीरे से अपना हाथ साली के बूब्स पर रख दिया.

फिर हल्के-हल्के प्यार से चूचियों को सहलाने लगा.
साली गहरी नींद में सो रही थी.
इसलिए मेरी हिम्मत बढ़ती चली गई.

धीरे-धीरे मैं उसकी चूचियों को तेज-तेज दबाने लगा.

मेरा लंड मानो कह रहा हो अभी चोद दो साली को और चूत फाड़ के भोसड़ा बना दो.
लेकिन डर भी लग रहा था कि कहीं साली जाग गई तो बवाल हो जाएगा.

फिर भी हिम्मत करके मैंने अपना हाथ टी-शर्ट के अंदर डाला और चूचियों का आनंद लेने लगा.
जैसे मैं उस जन्नत में खो सा गया था.

फिर इसके बाद बूब्स को दबाने के बाद मुझे अहसास हुआ कि साली के बूब्स धीरे धीरे टाइट हो चुके हैं.

मैं उसके निप्पल को दबाने लगा जिससे साली के बदन में थोड़ी सिहरन-सी पैदा हो गई.

लेकिन मैं यहीं नहीं रुका और थोड़ रिस्क लेते हुए अपना हाथ धीरे-धीरे नीचे की तरफ ले गया.

मैंने जैसे ही चूत के ऊपर हाथ डाला तो मैं हैरान हो गया क्योंकि मेरी साली की चूत गीली हो गयी थी.

इसके बाद फिर मैंने अपना हाथ उसकी पेंटी के अंदर डाला तो मुझे वहां सिर्फ बाल ही बाल महसूस हुआ.

क्योंकि उसने अभी तक शायद चूत के बाल साफ नहीं किए थे.
इसके बाद मैंने अपनी एक उंगली उसकी चूत में घुसा दी.

उसकी चूत बहुत टाइट थी, वह बिना चुदी बुर थी.
मैं तो मानो स्वर्ग में चला गया था.

इस बीच सुधा की सांसें तेज हो गयी थी और मैंने धीरे-धीरे पूरी उंगली उसकी बुर में डालनी शुरू कर दी.

साली गर्म हो गयी थी और उसकी सांसें तेज चलने लगी.

फिर मैं अपनी दूसरी उंगली भी उसकी बुर में डालने लगा.
शायद उसे अब दर्द होने लगा था तो वह अब थोड़ा कसमसाने लगी थी.

मैं समझ गया और धीरे धीरे उंगली डालने लगा.
अब मैं एक हाथ से उसके चूचे दबा रहा था तो दूसरे हाथ से 2-2 उंगली बुर में कर रहा था.

मेरी साली सांस रोककर सोने का नाटक कर रही थी.
फिर अचानक चूत ने पानी छोड़ना शुरू किया.
इससे मैं समझ गया.

और जैसे ही उसका पानी निकला, उसने मेरा हाथ पकड़ के हटा दिया और नीचे चली गई.
अब तो मेरा KLPD हो गया था.

फिर मैं भी नीचे आ गया और रूम के फर्श पर ही सो गया.

फिर थोड़ी देर में मुझे सुसु आई और मैं सुसु करने के लिए उठा.

लेकिन सभी लाइट बंद थी.
तो मैंने फ़ोन का टॉर्च जैसे ही जलाया, तो सामने का नजारा देखते ही मेरे होश उड़ गये.

अब क्या बताऊं दोस्तो …
सामने मेरी नजर सीधे चूत पर गयी, क्लीन बिना बालों वाली बड़ी सी चूत और चूत का बड़ा सा छेद!
चूत का द्वार बहुत बड़ा, जैसे कुआं हो.

मैं चूत को देखता ही रह गया.
फिर मैंने देखा कि दोनों टांगें चौड़ी होकर फैली हुई थी, नाइटी घुटनों तक उठी हुई थी.

धीरे-धीरे मेरी नजर ऊपर के साइड पर पड़ी तो देखा कि ये तो मेरी सास थी.

वे बिलकुल गहरी में नींद में सो रही थी दुनिया से बेखबर सिर्फ नाइटी में, बिना ब्रा और पेंटी के.

मैं तो उनकी चूत में जैसे खो सा गया और मेरा लंड उछलने लगा.
एक तो मैं पहले से ही गर्म था.

इसके बाद मैं धीरे-धीरे उसकी चूत के पास गया और अपना एक हाथ उसकी चूत पर हाथ रखा और दूसरे हाथ से अपने लंड को हिलाने लगा.

एक हाथ से चूत को सहला रहा था और दूसरे हाथ से मुठ मार रहा था.

मेरी सास गहरी नींद में सो रही थी.
तो मेरी हिम्मत बढ़ने लगी और धीरे-धीरे मैंने उसकी चूत में एक साथ दो उंगली डाल दी.

फिर मैं सास के करीब आ गया और चूत में उंगली के साथ लंड डालकर सटासट उसे पेलने लगा.

मेरी सास की भी चूत गीली होने लगी और मेरी सास मेरी तरफ पलटी, लेकिन कमरे में अंधेरा था.

अचानक मेरी सास ने मेरी तरफ करवट ली और मेरे पर अपना पैर रख दिया.
शायद, वो मुझे पापा समझ रही थी और नींद में ही अपना हाथ मेरे लंड पर रख दिया.

मेरे प्यारे दोस्तो, आपको मेरी सेक्सी कहानी पढ़ कर खूब आनन्द आया होगा.

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यूज्ड कॉन्डोम की कहानी का अगला भाग: मेरी सास की रसभरी चूत चुदाई की दास्तान- 2

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