मैं सोनू, प्रभा रंडी का बेटा और शीतल का बड़ा भाई।
तो अपने मेरी पिछली कहानी
मेरी मम्मी रंडी निकली
पढ़ी और देखा कि कैसे मुझे और मेरी छोटी बहन शीतल को पता चला कि हमारी मम्मी एक रंडी है और इस कहानी आप लोगों ने सराहा, इसके लिए आप सभी का आभार।
अब आइये मैं आपको आगे की बात बताता हूँ जो पिछले कुछ दिनों में हुई है।
अब सिर्फ बाहर के लोगों के सामने ही हम प्रभा को मम्मी कहकर पुकारते थे अन्यथा हम लोग उस साली को रांड, कुतिया छिनाल कहकर ही बुलाते हैं और मम्मी को भी ये बहुत अच्छा लगता है कि मैं और बहन उसे गाली दें।
शीतल ने भी अपने लिए सेक्सी कपड़े मंगवा लिये, अब वो वही पहनती है जो मुझे अच्छा लगता है.
और मम्मी कब किसके साथ चुदेगी, कितने में चुदेगी, इस सबका हिसाब और मैनेजमेंट मैं और शीतल ही देखा करते हैं।
मम्मी तो पहले से ही छोटे कपड़े पहनती थी लेकिन अब मेरे और शीतल के हिसाब से पहनती हैं ताकि वो और सेक्सी लगे और ग्राहक मिलें।
लेकिन हम मम्मी को सिर्फ इतना ही चुदवाते है जितने में हमारा घर आराम से चल जाए।
जैसा कि आप लोगों को ध्यान होगा कि शीतल ने मुझे कसम दी थी कि मम्मी की कोख में वो मेरा बच्चा देखना चाहती है.
लेकिन इस शहर में अधिकतर लोग पहचान के थे तो यहाँ यह संभव नहीं था तो एक रोज़ मैंने मम्मी और शीतल ने मिल कर प्लान किया कि हम किसी दूसरे शहर में चले जाते हैं लेकिन वहां भी बच्चा होने के पहले समाज को बताना पड़ेगा हमारा रिश्ता और सच रिश्ते बता कर बच्चा नहीं हो सकता और न ही कोई फ्लैट देगा किराये पे रहने को।
तो शीतल ने दिमाग चलाया और मेरी गोद में आकर बैठ गयी और कहा- सोनू भैया, हम ऐसा करते हैं कि तुम और ये रांड यानि मम्मी शादी कर लो समाज को दिखाने के लिए ताकि बच्चा टिके तो समाज में बदनामी न हो और मैं इस साली छिनाल की छोटी बहन बन के रहूंगी।
इतना सुनते ही मेरा लौड़ा तन के खड़ा हो गया, मैंने मम्मी की बूबे मसल दिए वो साली सिसकारी मारने लगी.
तभी शीतल उठी और बाल खींच के नीचे पटक कर उसके 4-6 थप्पड़ मार के बोली- साली, अभी कुछ दिन सिसकारी मत मार तू… अभी कुछ रोज़ तक नहीं चुदेगी, अब सीधा सोनू भैया सुहागरात पे चोदेगा तुझे! तू जितनी प्यासी रहेगी, उतना ही मज़ा देगी मेरे भाई को! इसलिए कुछ दिन रुक, अब रही बात भैया की तो चूत उसे मैं भी नहीं दूंगी, बस मुठ मार के गिरा दूंगी ताकि तुम दोनों माँ बेटे की सुहागरात जबरदस्त रहे।
इतना कहकर शीतल अपने घुटने पे बैठ गयी और मेरा लौड़ा पकड़ कर मुठ मारने लगी और जोश दिलाने की लिए बोलने लगी- भैया अब तो तुम मम्मी के पति बनोगे, सोचो इतनी प्यासी औरत कितना मज़ा देगी तुम्हें, इसकी कोख में तुम्हारा बच्चा जन्मेगा और मैं तो तुम्हारी हूँ ही, मैं भी तुम्ही से शादी करूँगी जब बच्चे का दिल करेगा तो।
यह सब सुनते ही मेरा फर्श पे गिर गया।
अब हम लोगों ने शहर सोचना शुरू किया और पाया कि ऐसे काम के लिए कोलकाता बढ़िया जगह है। हमने इंटरनेट से खाली फ्लैट देखा, बात की और मैं अकेले फ्लैट देखने गया. फ्लैट काफी पसंद आया और मैंने एडवांस किराया दे दिया और कहा कि 3-4 दिनों में हम आ जायेंगे पूरे परिवार समेत।
करीब 10 दिन निकल गए इसमें।
अब हम लोग सब कोलकाता के लिए निकल पड़े और फ्लैट अपार्टमेंट में था और चाभी मेरे पास थी तो हम घर में घुसे और सामान रखा।
शीतल को भूख लगी थी तो हमने पिज़्ज़ा आर्डर किया। पिज़्ज़ा खाकर फिर हम लोगों ने आराम किया और शाम को उठे।
शाम को शीतल ने कहा- भैया कल तुम और मम्मी शादी कर लो मंदिर में, फिर कल ही सुहागरात मनाना।
मैंने कहा- ठीक है… लेकिन पंडित कहाँ से लायें, इस शहर में हम नये हैं।
शीतल ने कहा- बाहर पता करते हैं, मिला तो ठीक, वर्ना मैं ही शादी करवा दूंगी घर में ही। फिर शादी का जोड़ा, पैंटी वगैरह ले लेते हैं।
मैं और शीतल बाहर निकले लेकिन पंडित नहीं मिल पाया तो हमने खरीदारी की, शादी का लाल जोड़ा लिया, ब्राइडल पैंटी और ब्रा खरीदी, माला ली रोली, सिन्दूर और जो जो सामान हमने इंटरनेट पे देखा शादी के लिए वो सब ले लिया और घर आ गये।
काफी रात हो गयी थी तो खाना वगैरह खा के शीतल ने मम्मी को मेहँदी वगैरह लगा दी और हम सब सो गए, सुबह हमारी शादी होनी थी।
हमने घर में ही शादी करने का फैसला किया.
तो सुबह नाश्ता वगैरह करके हमने घर सजाना शुरू कर दिया और करीब 2 बजे तक सारा घर सज़ा दिया गया और सुहागरात मानाने के लिए बेड भी सजा दिया।
अब मैं और मम्मी और शीतल तीनों नहा कर तैयार हो गए।
मैंने मैरून रंग की शेरवानी पहनी और मम्मी ने लाल लहंगा पहना, चूड़ा पहना और वो भी तैयार हो गयी।
शीतल ने सूट पहना और पूजा स्थान तैयार किया और मुझे बिठाया, फिर इंटरनेट से पढ़ के मंत्र बोलने लगी।
फिर उसने मम्मी को बुलाया- प्रभा कुतिया आ जा, आ के बैठ भैया के बगल में, तेरी 15 दिन की चुदाई की प्यास आज मिटेगी!
मम्मी बैठ गयी बगल में मेरे, फिर शीतल ने कहा- मम्मी को सिन्दूर लगाओ!
मैंने मम्मी की मांग भर दी और फिर मंगलसूत्र पहनाया।
करीब 8 बजे हमारी शादी संपन्न हो गयी. फिर हमने खाना खाया, मम्मी को अपनी जांघों पे बिठा के खाना खिलाया मैंने।
और अब सुहागरात की तैयारी करने लगे।
करीब 10 बजे मैं बिस्तर पे आया, शीतल ने कहा- मैं देखूँगी और तुम्हारी मदद करूँगी यहीं रह कर!
तो वो टाइट स्कर्ट और टॉप पहन कर मम्मी को लेकर आई और उसे बिस्तर पे बिठा दिया और खुद कुर्सी पे बैठ गयी।
पहले शीतल ने जोशवर्धक दवा खिलाई मम्मी को… फिर मुझे चूमा होठों पे और बोली- चूत फाड़ देना साली की आज, भैया। रंडी समझ के चोदना इसे कि इसकी चुदाई देखकर मेरी चूत में पानी भर जाए।
मम्मी जो अब मेरी पत्नी थी, लेटी थी, उसके दोनों गाल पे पहले मैंने एक थप्पड़ मारा फिर कस के दांत से काटा और चूमा।
दवा ने असर दिखाना शुरू कर दिया था, प्रभा रांड सिसकारी मारने लगी, मैंने साली के दोनों बूबे कस के मसल के उन पे दांत काटा।
शीतल ने कहा- भैया, चोली फाड़ के बूब्स बाहर निकाल साली के!
मैंने तुरंत ही मम्मी की चोली पकड़ी और फाड़ डाला; अंदर लाल ब्रा में साली के बूब्स बहुत प्यारे लग रहे थे। मैंने ब्रा के ऊपर से बूब्स मसल के दांत काटा और ब्रा उतार दी साली की।
अब कमर के ऊपर मम्मी पूरी नंगी थी।
तभी शीतल ने लिक्विड चॉक्लेट मम्मी के बूब्स पे डाली और कहा- भैया सारा चॉकलेट चूस लो अपनी बीवी के बूब्स पर से।
मैंने निप्पल पे दांत काटा, फिर जीभ से चाट पे और बूब्स मुह में लेकर मम्मी के बूब्स पर से सारी चॉकलेट खाने लगा।
प्रभा रांड के जोश का अब कोई ठिकाना ना रहा; कस कस के सिसकारी मार रही थी और बोली- आह मेरे पतिदेव, आज तो मुझे सच में रंडी छिनाल समझ के चोद। सालों बाद ऐसा मज़ा मिल रहा है।
अब मैंने अपने सारे कपड़े उतार दिए और एकदम नंगा हो गया और मम्मी के पेट एवं नाभि पे चॉकलेट चाटने लगा।
अब मम्मी की कमर पे दांत काटा और मम्मी का लहंगा धीरे धीरे उसके बदन को चूमते हुए नीचे सरकाने लगा।
अब सिर्फ पैंटी बची थी, शीतल ने उसकी पैंटी में ढेर सारा चॉकलेट उड़ेल दिया। अब मैंने दांतों से पकड़ कर उसकी पैंटी उतारी और उसकी चूत चाटने लगा जिससे मम्मी गांड उठा के पटकने लगी बेड पे जोश में!
इस पे शीतल ने कहा- भैया, ये छिनाल बहुत गांड पटक रही है… रंडी की गांड मारो पहले।
यह सुनते ही जोश में भरी मेरी प्यारी पूजनीय रंडी मम्मी बोली- मारिये पतिदेव मेरी गांड को… साले भड़वे मेरा मरद बना है शादी करके तो अपनी बीवी की गांड और चौड़ी कर कि लोग सड़क पे देख के बता दें कि साली ने खूब गांड मरवाई हैं अपने पति से।
इतने सुनते ही शीतल ने बाल पकड़े मम्मी के और उसे कहा- कुतिया बन साली, मरवाती हूँ तेरी गांड आज ढंग से।
अब मम्मी कुतिया बन के बैठी थी बेड पे, मामी की गोल गोल मोटी गांड मेरा जोश और बढ़ा रहे थे मैंने दोनों साइड कस के दांत काटा फिर जैसे ही लौड़ा छेद पे रखा, शीतल ने आकर मुझे रोक दिया और अपनी हील वाली सैंडल देकर बोली- भैया पहले इसकी गांड पे थप्पड़ और सैंडल से मारो ताकि लाल हो जाए!
इतना कहकर शीतल ने खींच खींच के मम्मी की गांड पे थप्पड़ मारे और मैंने सैंडल।
मम्मी ‘आह्ह्ह्ह साले… और मार मादरचोद रंडी की औलाद… और मार, बहुत अच्छा लग रहा है…’ कहने लगी।
हम दोनों भाई बहन ने और खींच खींच के मारे और साली की गांड लाल कर दी. फिर शीतल ने मेरा लौड़ा उसके छेद पे लगाया और बोली- एक ही बार में ठेल दो पूरा लौड़ा!
मैंने वैसा ही किया, मम्मी की साँस रुकने जैसे हो गयी तो शीतल ने आगे जाकर उसे थप्पड़ मारे गाल पे, उसके बाल पकड़ के और मुझे कहा- भैया, तुम मम्मी की गांड मारो अब।
मैंने बूब्स पकड़ के साली की गांड मारना शुरू किया, छेद कसा हुआ था, मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और मम्मी को भी।
करीब 10 मिनट गांड मारने के बाद शीतल ने कहा- लौड़ा साली के मुंह में दे!
मैंने वैसा ही किया, उसकी छाती पे बैठ पे लौड़ा साली के मुख में पेल दिया और मुख चोदने लगा।
थोड़ी देर बाद शीतल ने कहा- भैया, अब असली चीज़… इसकी चूत चोदो गोदी में उठा कर।
मैंने तुरंत ही मम्मी को गोदी में उठा लिया, मम्मी ने अपने पैर मेरी कमर पे लपेट लिए और शीतल ने पीछे से मेरा लौड़ा मम्मी की चूत के छेद पे रख दिया और बोली- भैया घुसाओ अब साली की चूत में।
मैंने भी सटाक से पेल दिया लौड़ा मम्मी की चूत में और गोद में लेकर चोदने लगा, पीछे से शीतल मम्मी की गांड पे मारे जा रही थी।
शीतल बोली- भैया, कस के चोदो साली छिनाल को, इस बार इसका महीना आएगा उसके अगले ही दिन चोदना और बच्चा टिकाना, पटको साली को बेड पे! मेरी चूत पूरी गीली हो गयी है, चटवाती हूँ कुतिया से, तुम चूत चोदते जाना।
मैंने तुरंत बेड पे पटका मम्मी को और टांगें उठा कर चूत कस के पेलने लगा और शीतल ने अपनी चूत मम्मी के मुख में ठूँस दी और बाल पकड़ के बोली- पी साली छिनाल पी… सब मेरी चूत का पानी।
मम्मी भी भयानक जोश में थी तो मम्मी ने अपनी जीभ शीतल की चूत में घुसा दी और मुख में चूत भरकर उसका पानी पीने लगी।
इतने में शीतल का पानी मम्मी के मुख में ही गिर गया, मम्मी भी झड़ गयी, मेरे लौड़े पे उसका गरम पानी महसूस हो रहा था.
तभी जोश में मेरा भी मुठ मम्मी की चूत में ही गिर गया।
फिर हम सभी नंगे ही सो गए, मैं मम्मी के ऊपर लौड़ा बिना निकले ही सो गया और 3 बजे सुबह में एक बार फिर से चोदा साली मम्मी को।
अगले दिन काफी देर से उठे हम सब!
अब घर से बाहर मैं और मम्मी पति पत्नी जैसे चलते हैं।
और बहुत जल्द मेरी मम्मी मेरा बच्चा अपनी कोख में लेगी। मम्मी के गर्भवती होने पे मैं शीतल को चोद के काम चलाऊंगा.
और शीतल ने वादा किया है कि वो बढ़िया से बढ़िया लड़कियाँ देगी मुझे चोदने के लिए और उसके पैसे मम्मी को लोगों से चुदवाकर आएंगे और उसी से हमारा घर चलता रहेगा।
लेकिन बाहरी लोग कंडोम लगा के ही चोदते हैं मम्मी को।
अगली कहानी में आप देखेंगे कि कैसे मैंने मम्मी को गर्भवती किया एवं मेरी बहन के साथ मेरी चुदाई कैसी रही।
दोस्तो, आपको मेरी माँ की चुत चुदाई का दूसरा भाग कैसा लगा, मुझे मेल करें!
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