मेरी बीवी दूसरी बार अपने यार से कैसे चुदी

मेरी बीवी दूसरी बार अपने यार से कैसे चुदी

इस देसी गर्लफ्रेंड सेक्स कहानी में मेरी बीवी अपनी शादी से पहले की चुदाई बता रही है। पहली चुदाई के बाद उसने कैसे दोबारा अपने बॉयफ्रेंड से चुदकर मजा लिया!

दोस्तो, मैं फरियाज आपके लिए आज एक और नई कहानी लेकर आया हूं।
यह कहानी मेरी बीवी की उसके बॉयफ्रेंड से दूसरी बार चुदाई की कहानी है।
आप इस देसी गर्लफ्रेंड सेक्स कहानी को मेरी बीवी की जुबानी ही सुनेंगे।

हैलो फ्रेंड्स, मेरा नाम सीमा है और मैं एक हाउसवाइफ हूं। मैं अपने पति से बहुत प्यार करती हूं। हम दोनों रोज चुदाई का मजा लेते हैं।

आज की यह कहानी पति के साथ चुदाई की नहीं बल्कि, मेरे बॉयफ्रेंड से चुदाई की है।

मेरी पिछली कहानी
मेरी बीवी की पहली चुदाई उसके यार से
भी मेरे बॉयफ्रेंड से मेरी पहली बार चुदाई की थी। आपने वो देसी गर्लफ्रेंड सेक्स कहानी नहीं पढ़ी तो है पढ़ सकते हैं।

मैं आपको बता दूं कि मेरी उम्र 24 साल की है और मेरा फिगर 34-30-36 है। मैं देखने में मस्त माल लगती हूं और कोई भी मुझे चोदने के लिए मचल सकता है।
जब मैंने अपने बॉयफ्रेंड योगेश के साथ पहली बार चुदाई की तो मुझे बहुत दर्द हुआ लेकिन फिर बहुत मजा आया।

उस चुदाई के बाद मैं दर्द के मारे बीमार पड़ गई और मैंने सोच लिया कि दोबारा से चूत नहीं चुदवाऊंगी।
लेकिन आप तो जानते हैं कि एक बार चुदाई का मजा मिल जाए तो फिर बार बार वही मजा लेने का मन करता है।

तो मुझे बार बार लंड की याद आने लगी।
मैंने ये बात योगेश से कही तो हम दोनों ने फिर से चुदाई करने का मन बनाया।

उस वक्त हमें मौका नहीं मिल पा रहा था।
फिर इसी बीच मेरे नाना की तबियत खराब हो गई और घरवालों को 4-5 दिन के लिए वहां जाना पड़ा।

अगले ही दिन मेरे घर वाले मुझे और मेरे भाई को घर में छोड़कर चले गए।
उसी दिन मैंने पार्लर जाकर अपनी चूत की सफाई करवाई। मैंने वैक्सिंग भी करवा ली।

आते टाइम मैं योगेश की पसंद की लाल रंग वाली और मेरे साइज से 1 इंच छोटी ब्रा और पैंटी खरीद लाई।

फिर उसके अगले दिन मैंने अपने भाई से कहा- मुझे ऑफिस के लिए बस स्टैंड तक छोड़ दे।
मैं तैयार होकर भाई के साथ बस स्टैंड पहुंच गई।
भाई मुझे छोड़कर वहां से चला गया।

उसके जाते ही मैंने योगेश को कॉल किया और वो पांच मिनट बाद वो मुझे लेने के लिए आ गया।
हम दोनों वहां से निकल लिए।
मैंने पिंक कलर की टीशर्ट और जींस पहनी हुई थी।

बीच रास्ते में कई बार सुनसान रोड आ जाने पर योगेश मेरे मम्में दबा देता था जिससे मैं रास्ते में ही गर्म हो गई थी।
चुदाई की आग मेरे अंदर कई दिनों से लगी हुई थी और इसी कारण मेरी चूत जल्दी ही गीली हो गई थी।

मस्ती करते हुए हम दोनों होटल पहुंचे।

होटल पहुंचकर मैं सीधी वॉशरूम में गई और मैंने पेशाब किया।
तभी योगेश ने पीछे से आकर मुझे पकड़ लिया, अपनी ओर खींचकर वो मुझे जोरों से किस करने लगा।

मैंने उससे कहा- मैं बाहर आ रही हूं, उसके बाद आराम से करेंगे।
लेकिन वो नहीं माना।
उसने वहीं पर मेरी जीन्स को उतार दिया और मेरी पैंटी नीचे खींच दी।

मेरी चूत पहले से ही गीली हो चुकी थी जिसमें योगेश ने मुंह लगा दिया और जीभ अंदर घुसा दी।

मेरी चूत में करंट सा दौड़ गया और जांघें एकदम से सिकुड़ गईं लेकिन योगेश ने चूत में जीभ को अंदर बाहर करना शुरू कर दिया।
मैं वहीं पर तड़पने लगी और योगेश के सिर को पकड़ कर रोकने की कोशिश करने लगी।

वो मेरी जांघों के बीच में सिर के साथ जैसे अंदर घुसा जा रहा था और मेरी जांघें कांपने लगी थीं।
मैं मस्ती में भरती जा रही थी।

उसकी जीभ मेरी चूत में गुदगुदी कर रही थी और मुझे इतना मजा आ रहा था कि मैं खड़ी भी नहीं रह पा रही थी।

पांच मिनट तक लगातार वो मेरी चूत को चाटता रहा, फिर उसने खुद ही मुझे छोड़ दिया।
फिर मैं बाहर आकर तौलिया लेकर फिर से बाथरूम में घुस गई और फिर फ्रेश होकर लौटी।

उसके बाद योगेश भी फ्रेश होकर आ गया।
मैं नंगी होकर कम्बल में खुद को घुसाए हुए बेड पर बैठी थी।
वो भी सीधा बेड पर आकर मेरे कम्बल में घुस गया।

अंदर आते ही उसने मेरी टांगें फैला दीं और मेरी चूत को कुत्ते की तरह चाटने लगा।

मैं एकदम से गर्म होने लगी और उसके सिर को पकड़ कर चूत पर दबाने लगी।
वो मेरी चूत को छोड़ने का नाम नहीं ले रहा था और मैं बदहवास सी होने लगी थी।

जब मुझसे रहा न गया तो मैं भी उसको चूमने चाटने लगी और हम दोनों अब 69 की पोजीशन में आ गए थे।
वो मेरी चूत को चाटता रहा और मैं उसके लंड को चूसती रही।

फिर ऐसा मौका आया कि हम दोनों एक साथ झड़ने लगे।
उसने मेरी चूत का सारा पानी पी लिया और मैंने उसके लंड का सारा माल अंदर निगल लिया।

फिर हम दोनों लिप किस करने लगे और वो मेरे बूब्स को दबाने लगा।
मैं उसके सोए हुए लंड को हाथ से सहलाने और हिलाने लगी।

धीरे धीरे हम दोनों फिर से गर्म हो गए।
अब योगेश मेरी टांगों के बीच में आ गया और मेरी चूत पर अपने लंड को रगड़ने लगा।

वो मुझे लगातार किस भी किए जा रहा था।
किस करते हुए एकदम से उसने चूत के छेद पर लंड को हाथ से सेट किया और एक ही झटके में पूरा लंड मेरी चूत में घुसा दिया।
मुझे बहुत दर्द होने लगा।

योगेश के होंठ मेरे होंठों पर कसे थे इसलिए मेरी आवाज उसके मुंह के अंदर ही दब गई।

इतने में ही मेरे फोन की घंटी बजने लगी; देखा तो मेरे भाई का फोन था।

मैंने फोन उठाया और दर्द को भूलकर नॉर्मल होकर बात करने की कोशिश करने लगी।
योगेश का लंड मेरी चूत में था और उसने उसे अंदर बाहर करना शुरू कर दिया था।
मेरी चूत में लंड के धक्के लग रहे थे और उधर से भाई पूछ रहा था- दीदी कब, कितने बजे तक आओगी घर?

धक्के मरवाते हुए मैं उसको जवाब दे रही थी, जैसे मुझे हिचकी लग रही हो।
फिर मैंने जैसे तैसे बात खत्म की और योगेश का साथ देने लगी।

वो गपागप मेरी चूत में लंड के धक्के दे रहा था और अब मेरी चूत खुलकर उसके लंड को आराम से अंदर ले रही थी।

मुझे बहुत मजा आ रहा था।
मैं पहली बार चुदी थी तो बहुत ज्यादा दर्द हुआ था लेकिन आज दर्द कम और मजा ज्यादा आ रहा था।
अब मैं खुद योगेश को नीचे खींचकर उसके होंठों को चूसने लगी।

मैं उसकी जीभ को बाहर निकलवाकर लंड की तरह चूस रही थी। वो भी नीचे से लगातार धक्के लगा रहा था।
फिर उसने अपनी स्पीड तेज कर दी और वो बहुत तेजी से चूत में लंड को अंदर बाहर करने लगा।

उसका लंड मेरी चूत में अंदर तक जाकर टकराने लगा।
अब फिर से मुझे ज्यादा दर्द होने लगा था।
मेरी चूत फैलना बंद हो गई थी और अब वो मेरे यार के लंड को किसी तरह बर्दाश्त करने की कोशिश कर रही थी।

कुछ देर चोदने के बाद योगेश ने मुझे उठने के लिए कहा।
वो नीचे लेट गया और मुझे उसके लंड के ऊपर बैठने के लिए कहा।
उसने लंड को हाथ में पकड़ लिया।

उसका लंड पूरा चिकना हुआ पड़ा था और उसके हाथ में छत की ओर मुंह उठाकर खड़ा था।
उसके लंड का आकार अब पहले से भी ज्यादा बड़ा लग रहा था।
वो काफी मोटा लग रहा था।

मेरी चूत में अंदर बाहर होते हुए उसकी वर्जिश हो रही थी जिससे लंड फूल गया था।
उसका गुलाबी सुपारा देखने में अब बहुत रसीला लग रहा था।
लंड पूरा का पूरा ऊपर से नीचे तक मेरी चूत के रस में नहाया हुआ था।

मैं उसके पेट के ऊपर आ गई और उसकी तरफ मुंह करके गांड को उसके लंड की ओर नीचे ले जाने लगी।
फिर हाथ में पकड़ते हुए मैंने चूत के द्वार पर उसके लंड को लगवा लिया और उस पर बैठती चली गई … आह्ह … उसका लंड सरकता हुआ मेरी चूत में उतर गया।

मुझे बहुत मजा आया इस पोजीशन में उसका लंड अंदर लेकर!
फिर मैं धीरे धीरे आगे पीछे होने लगी और उसको चोदने लगी।
मुझे बहुत मजा आ रहा था।

योगेश के हाथ मेरी चूचियों पर आ गए और वो उनको भींचते हुए चुदाई का मजा लेने लगा।
बीच बीच में वो मुझे अपने ऊपर झुकाकर मेरे मुंह में जीभ दे देता था।
मैं भी उसे पूरा मजा देने की कोशिश कर रही थी।

कुछ देर लंड की सवारी करवाने के बाद उसने मुझे उठा दिया और बेड पर झुका लिया।
मैं गांड उठाकर उसके सामने घोड़ी बन गई और पीछे से उसने मेरी चूत में लंड को पेल दिया। वो तेजी से मेरे चूत में पीछे से लंड के धक्के लगाने लगा।

अब उसकी जांघें मेरी जांघों पर टकरा रही थीं जिससे पट-पट की आवाज हो रही थी।

चुदाई करते हुए 20 मिनट से ऊपर हो चुकी थीं. फिर एकदम से मेरा बदन अकड़ने लगा और मेरी चूत ने ढेर सारा गर्म गर्म पानी छोड़ दिया।

एकदम से चूत पच-पच की आवाज करने लगी और ऐसा लगने लगा जैसे मेरी चूत में बहुत सारा चिकना पदार्थ भर गया हो।
इसी बीच योगेश की स्पीड भी एकदम से कम होने लगी और उसके लंड का गर्म गर्म पानी मेरी चूत में गिरने लगा।
उसने मुझे कसकर भींच लिया और उसका मुंह मेरी पीठ पर आकर गड़ गया।

हम दोनों का स्खलन पूरा हुआ और इस पल में दोनों ही एकदूसरे में खो गए।
काफी देर तक हम दोनों बेड पर एक दूसरे से लिपटे रहे और फिर अलग हुए।

पहला राउंड पूरा हुआ।

उसके बाद चुदाई के तीन और राउंड हुए।
योगेश ने मेरी चूत को चोद चोदकर सुजा दिया और मेरी पूरी तृप्ति हो गई।

लेकिन जब मैं उठकर चलने लगी तो मुझसे चला भी नहीं जा रहा था।
मेरी चूत में बहुत दर्द हो रहा था। मैं घर जाने की हालत में नहीं थी।

मैंने योगेश से कहा कि वो कुछ करे।
उसने मुझे दर्द की गोली लाकर दी। उसको लेने के आधे पौने घंटे बाद दर्द में राहत मिली।

फिर वो मेरी चूत को गर्म कपड़े से सेंकने लगा।
मेरी चूत सूजकर पूरी लाल हो गई थी।

चूत को छेड़ते हुए योगेश का फिर से मन करने लगा और उसने अपना लंड बाहर निकाल लिया।
वो मेरी चूत मारना चाहता था लेकिन मैं अब लंड लेने की हालत में नहीं थी।

मैंने उसके लंड को मुंह में लिया और चूसने लगी।

वो फिर नंगा हो गया और बेड पर नंगा लेटकर अपने लंड को चुसवाने लगा।
मैंने 10 मिनट तक उसका लंड चूसा और फिर उसने अपना माल मेरे मुंह में छोड़ दिया।

अब तक काफी देर हो गई थी और शाम के 5 बज गए थे।
उसने मुझे मेरे घर पर छोड़ दिया।
मैं जाते ही थकी हुई सो गई।

उसके बाद फिर मैं अगले दिन ही उठी।
मुझे सामान्य होने में एक दिन का समय और लगा।

मेरे पास अभी 2-3 दिन का मौका था क्योंकि मेरे घरवाले अभी लौटने वाले नहीं थे।

चुदने के अगले दिन तो मेरा फिर से चुदने का मन नहीं किया लेकिन फिर दो दिन बाद एक बार फिर से चूत में खुजली उठना शुरू हो गई।
फिर मेरे और मेरे बॉयफ्रेंड के बीच में क्या क्या हुआ वो मैं आपको आगे की कहानियों में बताऊंगी।
बाय।

तो दोस्तो, मैं फरियाज आपके लिए लाया था मेरी बीवी की चुदाई की कहानी जिसमें उसने दूसरी बार अपने बॉयफ्रेंड से अपनी चूत सुजवाई।
आपको ये देसी गर्लफ्रेंड सेक्स कहानी कैसी लगी, मुझे जरूर बताना।
मेरा ईमेल आईडी है- [email protected]

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