मेरी बीवी की सहेली ने षड्यन्त्र करके मेरे साथ सेक्स किया

मेरी बीवी की सहेली ने षड्यन्त्र करके मेरे साथ सेक्स किया


Xxx ऑफिस गर्ल सेक्स कहानी में मेरी बीवी की सहेली ने मेरे और मेरी बीवी के साथ दगा किया. उसने धोखे से हमारा तलाक करवा दिया और मेरे साथ सेक्स का मजा लिया.
नमस्कार मित्रो, मैं एक नया और गुमनाम सा लेखक हूं.
मैं आज पहली बार अपनी Xxx ऑफिस गर्ल सेक्स कहानी या यूं कहिये कि अपनी आपबीती आप लोगों के सामने ला रहा हूं.
पहले तो आप लोग मेरे बारे में जान लीजिए.
मैं एक मिडिल क्लास फैमिली का आदमी हूं. एक कंपनी में जॉब करता हूं. मेरी पर्सनालिटी औसत से कुछ बढ़िया है.
मेरी शादी मेरे घर वालों ने अपने मन से की थी और मुझे भी इस बात से कोई ऐतराज नहीं था.
शुरूआत में सब कुछ बढ़िया था.
मेरे पास एक अच्छी पत्नी थी, जो सुन्दर भी थी और हर काम में परफेक्ट थी.
हमारी सेक्स लाइफ भी अच्छी खासी चल रही थी.
पर शादी के कुछ महीनों बाद ही मेरी पत्नी का इंट्रेस्ट मुझमें कम सा होने लगा.
पहले हम दोनों रोज सेक्स करते थे और जैसे ही मौका मिलता था, हम दोनों शुरू हो जाते थे.
पर अब वो इस पर ध्यान ही नहीं देती थी.
मैं सेक्स करने की कोशिश करता तो वो सो जाती थी या मुझे झिड़क देती थी.
उसके इस बर्ताव से मैं बहुत परेशान हुआ.
पहले तो मुझे ऐसा लगा कि जैसे कि उसका किसी और आदमी के साथ संबंध है, पर ये बात गलत निकली.

फिर मैंने हम दोनों के मेडिकल चेकअप करवाए, लेकिन वो भी सब नार्मल था.
हमारे सभी बॉडीपार्ट्स सही काम कर रहे थे.
समय बीतता गया … मैं मानसिक तनाव में आ गया और मुझे एक गंभीर बीमारी हो गई जिसे सेक्सोमेनिया कहते हैं.
इस बीमारी से ग्रसित व्यक्ति नींद में सेक्स करने की कोशिश करता है.
मैं कई बार नींद में ही मुठ मारता या कभी कभी तो अपनी पत्नी के साथ जबरदस्ती सेक्स करने की कोशिश करता.
फिर नींद टूटने पर मुझे इस बारे में कुछ याद नहीं रहता था.
मेरी इस बीमारी की वजह से मेरी पत्नी ने मुझे तलाक दे दिया.
मैंने डॉक्टर्स को दिखाया लेकिन कोई फायदा नहीं निकला.
अब मैंने इसे स्वीकार कर लिया था कि मैं अब ऐसे ही रहने वाला हूँ.
लेकिन भगवान को कुछ और ही मंजूर था.
मुझे मेरे ही आफिस की एक जूनियर संध्या के साथ एक मीटिंग में बाहर जाना पड़ा.
मैं 28 साल का था और वो 24 साल की थी.
हालांकि वो देखने में बला की खूबसूरत थी लेकिन मैंने कभी उसकी तरफ उन निगाहों से नहीं देखा था.
खैर … हम दोनों होटल में पहुंचे.
वहां हमारे रूम कंपनी ने बुक किए थे.
हम जब पहुंचे तो पता चला कि हमारे नाम पर सिर्फ एक ही रूम बुक हुआ है.
मैंने थोड़ी हिचकिचाहट महसूस की औऱ मैंने अपने पैसे देकर रूम लेने की बात की. लेकिन होटल का कोई कमरा खाली ना था.
तो मुझे दूसरा कमरा नहीं मिला.
संध्या ने मुझसे कहा कि हम दोनों एक ही रूम में रह सकते हैं, उसे कोई प्रॉब्लम नहीं है.
मैं डर गया कि कहीं आज रात वही सब ना कर बैठूं.
इसलिए मैंने मना किया.
परन्तु उसके बार बार कहने पर मुझे राजी होना पड़ा.
हम दोनों रूम में आ गए.
फ्रेश होकर खाना खाने आए.
खाना खाकर हम दोनों वापस रूम में आ गए.
हम दोनों कपड़े चेंज करके सोने लगे.
वो बेड पर सोने चली गयी और मैं सोफे पर सोने चला गया.
संध्या ने मुझसे कहा- आप मेरे साथ सो सकते हो.
लेकिन मैंने मना कर दिया.
थोड़ी देर जागने के बाद, थकान की वजह से कब मुझे नींद आ गई, मुझे पता ही नहीं चला.
लेकिन जब मेरी नींद टूटी, तब मेरा लम्बा मोटा लंड संध्या के बुर में फंसा हुआ मिला और संध्या बुरी तरह से हांफ रही थी.
मुझे कुछ समझ में आता, उससे पहले मेरे लंड का सारा माल संध्या की गर्म चूत में चला गया.
मैं शर्म के मारे पानी-पानी हो गया और बिना कुछ बोले सो गया.
संध्या ने भी मुझसे कुछ नहीं कहा, जैसे उसे पता ही न हो कि मैंने जो कुछ भी किया वो नींद में किया.
अब हम दोनों एक ही बेड पर सो गए.
जब सुबह उठा तो देखा कि संध्या नहा धोकर मीटिंग के लिए तैयार हो चुकी थी.
उसने मुझसे कहा- सर आप भी जल्दी से तैयार हो जाइए.
मैं भी तैयार हो गया और मीटिंग में गया लेकिन मेरा पूरा दिमाग ये सोच रहा था कि संध्या मेरे बारे में क्या सोच रही होगी.
मीटिंग पूरी हुई उसके बाद हमने पार्टी एन्जॉय की और होटल में वापस आ गए.
अब मैंने अपने अन्दर हिम्मत जुटाई और संध्या से बात की.
मैंने उसे सारी बात बताई और उससे सॉरी भी बोला.
पर वो चुप रही. उसने एक लफ्ज़ भी नहीं कहा.
मुझे उसकी खामोशी और भी ज्यादा चुभ रही थी.
मैं यह जानना चाहता था कि जब मैंने रात में सेक्स किया तो उसने मुझे रोका क्यों नहीं?
मैंने संध्या से बार-बार पूछा, पर वो कुछ नहीं बोली.
अंत में मैं गुस्से से उस पर चिल्लाया.
तब वो मुझसे बात करने को तैयार हुई और उसने मुझे रात की कहानी बताई.
संध्या ने मुझे बताया कि मैंने उसके साथ सेक्स करने की शुरुआत नहीं की थी.
उसने एक एक बात को बताना शुरू किया.
मैं भी अपनी रात की चुदाई की कहानी को बड़े ध्यान से सुनने लगा.
संध्या ने बताया कि मेरे सो जाने के बाद उसने बिस्तर से उतर कर मेरा पास आकर मुझे हिलाया और देखा कि मैं सो गया हूँ या नहीं.
फिर जब उसे ये समझ आ गया कि मैं सो गया हूँ, तब उसने धीरे धीरे मेरी लोअर नीचे उतारी.
वो मेरे सोते हुए 4 इंच के लंड को अपने हाथों से धीरे धीरे सहलाने लगी थी और मुझे जरा भी होश नहीं था.
थोड़ी देर बाद मेरे लंड में हलचल शुरू हुई और मैं नींद में अपना आपा खोने लगा.
संध्या के सहलाने के कारण मेरा लंड अपने आप बड़ा होने लगा.
इसके बाद संध्या ने मेरा लंड अपने मुँह में लिया और उसे प्यार के साथ चूसने लगी.
तभी मुझे दौरा पड़ा और मैं संध्या के बाल पकड़ कर उसके पूरे मुँह में अपने लंड को घुसाने लगा.
अब मेरा लंड फैल कर 7 इंच का हो गया था और मैं नींद में ही संध्या के मुँह को जोरदार तरीके से चोद रहा था.
संध्या भी मेरे लंड को अपने मुँह में लेने की पूरी कोशिश कर रही थी.
मेरा लंड संध्या के गले के अन्दर तक जाता और उसके गले को चोक कर देता, जिससे वो सांस भी नहीं ले पाती.
कुछ देर उसके मुँह को चोदने के बाद मैंने उसकी नाईट ड्रेस उतार दी और उसकी ब्रा के ऊपर से उसकी बड़ी बड़ी 34 इंच की चूचियों को मसलने लगा.
संध्या ने मुझे बताया कि मैं उसे बहुत मजा दे रहा था.
वो भी अपनी चूचियों को मेरे हाथों से बेदर्दी से मिंजवाने का लुत्फ़ उठा रही थी.
मैं भी अपने पूरे जोश में था.
मेरे हाथों के दबाव से संध्या की चूचियां ब्रा से निकल आईं.
अब संध्या ने अपने हाथ से अपनी चूची पकड़ कर मुझे चुसवानी शुरू की.
मैं गहरी नींद में उसकी चूचियों का हलवा सा बना रहा था.
उसकी चूची के निप्पल को अपने होंठों से दबा आकार खींचता और फिर जोर से छोड़ देता … जिससे संध्या को बड़ा मजा आ रहा था.
उसकी वासना न जाने कब से ऐसा करवाने के लिए बेचैन थी.
उसने अपने दोनों मम्मों के साथ ऐसा ही करवाया और उसकी चूत की गर्मी भड़क उठी.
अब उसने मेरे सर को सहलाते हुए अपने पेट की तरफ धकेलना शुरू कर दिया था.
मैंने भी जी भरके उसकी दोनों चूचियों को चूसा और उसके मुलायम पेट पर आ गया था.
मैं उसके पेट पर कभी किस करता कभी दांत से काटता.
संध्या ने बताया कि मैं जानवरों की तरह उसकी जवानी का मजा लूट रहा था.
मैंने उसकी गोल बड़ी नाभि में अपनी जीभ डाल दी और उसे चूसने लगा.
संध्या मेरी इस हरकत से चुदने के लिए तड़पने लगी.
तभी मैंने उसकी पैंटी फाड़ दी और उसकी गुलाबी रंग की चूत को अपनी जीभ से पेलने लगा.
इससे संध्या की सिसकारी छूटने लगी.
मैं अपनी जीभ उसकी चूत में गोल गोल घुमाता और बीच बीच में अपने दांत से काट लेता.
वो भी अपनी गांड उठा उठा कर चूत चुसवाने का मजा ले रही थी.
इसी तरह मैंने उसकी चूत को 10 मिनट तक चूसा.
इससे संध्या अपने चरम पर आ गई थी और उसका सारा कामरस निकल गया.
मैं तब भी संध्या की चूत को चाटता रहा और उसकी चूत के सारे रस को चाट कर मैंने साफ़ कर दिया.
फिर मैंने संध्या के पैरों को हवा में उठाया और उसके कूल्हों से मोड़ दिया जिससे उसकी चूत मेरे सामने हो गई.
मैंने अपने लंड को एक ही बार में पूरा उसकी बुर में डाल दिया.
संध्या दर्द से तड़प रही थी लेकिन मैं रुका ही नहीं.
मैं लगातार संध्या को तेज तेज चोद रहा था.
कुछ ही देर में संध्या को भी चूत चुदवाने में मजा आने लगा और वो भी मेरे साथ चुदाई में बढ़चढ़ कर हिस्सा लेने लगी.
कभी मैं उसके ऊपर आ जाता तो कभी वो मेरे ऊपर आ जाती.
पूरे रूम में फच फच की आवाज़ आ रही थी.
तभी मेरी नींद खुल गई और मेरा सारा माल संध्या की चूत में चला गया.
लंड से माल झड़ जाने के बाद मानो मेरी तंद्रा एकदम से टूट गई और मैं अपनी बीमारी की हालत से बाहर आकर एक सामान्य व्यक्ति बन गया था.
संध्या से ये बात जानकर मुझे बहुत हैरानी हुई कि मैंने पहले सेक्स की पहल नहीं की थी.
मैंने संध्या से पूछा कि उसने ऐसा क्यों किया.
तो उस Xxx ऑफिस गर्ल का जवाब सुनकर मेरे पैरों के नीचे की जमीन फिसल गई.
संध्या मेरी पत्नी रीता की सहेली थी.
उसने मुझे हम दोनों की शादी में देखा था, तब से वो मुझे पसंद करने लगी थी.
उसने उसी समय मेरी पत्नी से कहा था कि यदि रीता चाहे तो वो मेरे साथ सेक्स करना चाहती है.
इस बात पर रीता संध्या से नाराज हो गई थी और संध्या ने मौके की नजाकत को भांप कर रीता से हंसी मजाक की बात करते हुए माफ़ी मांग ली थी.
लेकिन संध्या के दिमाग में मुझे पा लेने का कीड़ा कुलबुलाता रहा.
कुछ महीनों बाद वो मेरे शहर आ गई और मेरी ही कंपनी में जॉब करने लगी.
वही रीता को एक दिन डॉक्टर के पास ले गई थी और वो ही डॉक्टर के साथ मिलकर रीता को ठंडी होने की दवा दिलवा रही थी.
ये वही दवा होती है, जिससे इंसान को सेक्स करने का मन नहीं करता है.
तभी से रीता को सेक्स करने का मन नहीं करता था.
संध्या को रीता से पता चला था कि मैं सेक्स के बिना नहीं रह सकता था … और यह भी कि अगर रीता मेरे साथ सेक्स नहीं करेगी, तो मैं उसे तलाक दे दूंगा.
लेकिन बाद में संध्या को रीता से पता चला कि मुझे सेक्सोमेनिया हो गया है और इस वजह से रीता मुझसे तलाक ले रही है.
संध्या ने ही होटल में बुकिंग भी की थी और उसने ये सब किया.
ये सब जानने के बाद मैंने वो शहर छोड़ दिया और अब अकेले अपनी ज़िंदगी गुजार रहा हूँ.
दोस्तो, आपको यह Xxx ऑफिस गर्ल सेक्स कहानी पसंद आई होगी.
तो कमेंट जरूर करें और मुझे मेरे मेल पर जरूर बताएं.
धन्यवाद.
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