मेरी प्यारी सी अभिलाषा संग मेरी लव और सेक्स स्टोरी

मेरी प्यारी सी अभिलाषा संग मेरी लव और सेक्स स्टोरी

हैलो फ्रेंड्स, मैं राज, राजस्थान के करौली शहर से हूँ. मैं अभी 19 साल का हूँ, मैं बड़ा ही रोमाँटिक हूँ. ये मेरी फर्स्ट सेक्स स्टोरी है, उम्मीद करता हूँ कि आप सबको बहुत पसंद आएगी.

ये बात पिछले साल पहले की है, जब मैं स्कूल में पढ़ता था. मेरे बगल वाले घर में एक लड़की रहती थी, उसका नाम अभिलाषा था. यहां उसके मामा रहते हैं, वो उनके घर रह कर अपनी पढ़ाई कर रही थी. मैं उसकी मासूमियत से प्यार कर बैठा था. सच में वो बहुत ही प्यारी लड़की थी. उसका फिगर 32-28-36 का था. मैं बस उसको देखता ही रहता था. वो अपने बाल गोल कटिंग और छोटे बाल रखना पसंद करती थी… जो कि उसके लुक को और भी ज्यादा खूबसूरत बना देते थे. मैं तो बस उसे देखते ही उसका दीवाना हो गया था.

थोड़े दिन ऐसे ही चलता रहा. उसे भी पता था कि मैं उसे देखता हूँ.

गर्मियों के दिन थे… एक दिन मैंने मेरी एक फ्रेंड थी, जिसका नाम हरकेशी था, उसको बताया कि मैं अभिलाषा को बहुत प्यार करता हूँ… प्लीज़ तुम मेरे प्यार को रूप देने में मेरी हेल्प करो और अभिलाषा को बताओ कि मैं उसको कितना प्यार करता हूँ.
क्योंकि मेरी उससे सीधे इजहार करने की हिम्मत नहीं हो थी.

शाम को जब मैं हरकेशी से मिला तो उसने बताया कि अभिलाषा तेरे प्यार को स्वीकार नहीं कर रही है क्योंकि उसको डर है कि कहीं उसके मामा को पता चल गया तो उसको प्राब्लम हो जाएगी.

लेकिन दूसरे दिन मैंने अभिलाषा से पूछा कि क्या तुम मुझे प्यार करती हो?
उसने हां कहा और चली गई.

मैंने उसको उसके और मेरे घर वालों से छिपा कर एक मोबाइल दिया और उससे कहा कि अभिलाषा मैं रोज तुम्हें इस पर कॉल किया करूँगा.

मुझे मालूम नहीं था कि ये लव था या आकर्षण था, लेकिन मैं उसको बहुत पसंद करता था. वो भी इस बात पर मुझसे कुछ नहीं बोली और स्माइल कर दी.

तभी मुझे उसका मामा आता हुआ दिख गया. थोड़ी देर बात करने के बाद मैं वापस घर चला आया. उस पूरी रात मैं अभिलाषा के बारे में सोचता रहा था. दो दिन कोई बात ना हो पाई, तीसरे दिन मेरे सेल पर उसका मैसेज आया ‘हाई…’

मैंने पूछा तो पता चला कि अभिलाषा थी. उसने नई सिम खुद से खरीद कर चालू कर ली थी. फिर पूरा दिन हम दोनों ने मैसेज में बात की और रात को एक बजे उसका कॉल आया.

मैं छत पे सोया हुआ था, तभी उसका कॉल आया- क्या कर रहे हो?
मैं- छत पर हूँ, तुम्हें सोचने के सिवा कोई काम ही नहीं है.
वो- ओह… क्या सोच रहे थे?
मैं- जब मैं तुम्हें देखता हूँ तो लगता है तुझमें पूरा पागल होकर समा जाऊं.
वो- ओह… और…
मैं- जब तुम अपने बाल सुखाती हो तो सोचता हूँ कि काश मैं तेरे पास हो कर उन पानी की हर बूँदों को महसूस करूँ जो तेरे बालों से उड़ रही हैं.
वो- उफ़…!

मैं- मुझे कितना कुछ कहने का मन कर रहा है लेकिन डर भी लग रहा है कि कहीं तुम्हें किसी बात का बुरा ना लगे, इसलिए नहीं कह रहा हूँ.
वो- अरे नहीं यार… आई नेवर माइंड.
मैं- अकेले सोई हो?
वो- हां क्यों?
मैं- क्योंकि अकेली होगी तो मुझे हग करने में दिक्कत नहीं होगी ना…
वो- आह… वो क्यों?
मैं- जब तुम सामने होती हो तब ऐसा लगता है कि तुम्हारी पतली कमर को देखते ही ऐसा लगता है कि मैं अपने दोनों हाथ तुम्हारी कमर पर रख कर धीरे से हाथ की उंगलियों से कमर को सहलाते हुए तुम्हारी बैक पर ले जाऊं और धीरे से तुम्हें अपनी तरफ खींच लूँ और मैं अपना चेहरा तुम्हारे फेस के पास इतने करीब ले आऊं कि तुम्हारी सांसें महसूस करूँ… तुम्हारी आँखों में देखता ही रहूँ…
‘और…’
‘और मेरे हाथ की उंगलियों को तुम्हारे कान के पीछे हल्के से सहलाऊं… ‘ह्म्म्म्म … और…’
‘और… धीरे से मेरे होंठ तुम्हारे फेस के करीब ले जाकर तुम्हारे सॉफ्ट लिप्स के ऊपर रख दूँ… और अपनी जीभ को तुम्हारे ऊपर वाले होंठ से नीचे वाले लिप पे हल्के हल्के फिराऊं… तुम्हारे होंठ को मेरे दोनों होंठों के बीच में लेकर धीरे से किस करूँ… मुउऊ मुउ… मुउउह… आह… एम्म्म…

इतने से ही उसकी आवाज एकदम बदल गई थी, उसने अपनी लरजती आवाज में पूछा- तुम किधर हो?
मैं- छत पर ही हूँ.
वो- वेट…
मैं- वेट क्यों?

उसने मुझे फोन पर भी एक चुम्मा दिया और फोन कट कर दिया.

थोड़ी देर बाद वो छत पर आ गई. मैं शॉक रह गया. वो पिंक कलर की टी-शर्ट और ब्लैक जींस में थी.
वाउ… क्या मस्त दिख रही थी.
मैं बिस्तर से उछल कर खड़ा हो गया… इतने में वो मेरे पास आई और स्माइल देने लगी.

मैं- यू लुकिंग ब्यूटिफुल…
मैंने उसका हाथ अपने हाथ में लिया और उसकी उंगलियों को सहलाने लगा.

हम दोनों एक दूसरे को देख रहे थे. मैंने वक़्त ना गंवाते हुए उसके गालों पे अपना हाथ रखा और धीरे धीरे मेरी उंगलियों को उसके कान के नीचे ले जाकर गले पर फेरने लगा.
वो कुछ नहीं बोल पा रही थी. मैंने अपने हाथ उसकी कमर पे रख दिए और उसे अपनी तरफ खींच लिया.

अब मेरा एक हाथ उसकी पीठ पे घूमते हुए उसे सहला रहा था, दूसरा हाथ उसकी कमर को अपनी तरफ खींचे जा रहा था. अब मैं अपने होंठों को उसके फेस के करीब ले गया और उसके माथे पे किस किया. फिर धीरे से अपने होंठों को उसके कान पे ले गया और मेरी जीभ उसके कान की लौ पर फेरने लगा.

वो कुछ बोल नहीं पा रही थी, उसकी सांसें तेज चल रही थीं.

फिर मैं अपनी जीभ उसके कान से गले तक फेर रहा था और हल्के से किस भी कर रहा था. उसने अपने हाथ से मुझे पकड़ लिया और मेरे गले पे अपनी उंगलियों से सहलाने लगी. फिर मैंने अपने होंठ उसके होंठों पे ले जाकर उसके ऊपर वाले लिप को अपने दोनों होंठ के बीच ले कर हल्के से चूसने लगा. उसकी सांसें तेज हो चुकी थीं, वो उत्तेजित हो रही थी. फिर इसी तरह उसके निचले लिप को भी ऐसे ही चूसा.

अब मैंने अपना सीधा हाथ उसके टी-शर्ट के ऊपर ले गया और उसके मम्मों को हल्के से सहलाने लगा. फिर टी-शर्ट के ऊपर से ही मैंने उसके मम्मों को अपने हाथों में ले लिया और एकदम धीरे धीरे सहलाने लगा… साथ ही उसके होंठों पर, गाल पर, गले पर किस भी किये जा रहा था. फिर मैंने उसे किस करते हुए बेड पे बिठाया और उसकी टी-शर्ट को उतार दिया.

वॉव… मैं तो उसको ब्रा में देखते ही पागल हो गया और उसके कंधे पे अपने होंठ रख कर उसे बेतहाशा किस करने लगा ‘मुहह मुहह मुउऊह मुऊउऊहह…’
वो भी गरम सिसकारियां ले रही थी. मैं उसकी पीठ को सहला रहा था और ब्रा के आस पास की हर जगह पे किस कर रहा था.

इसी तरह उसे किस करते हुए मैंने उसको बेड पे लिटा दिया और उसके मम्मों को बारी बारी से ब्रा के ऊपर से ही चूसने लगा. वो भी मस्त हुए जा रही थी. मैं किस करते हुए उसकी कमर तक जाने लगा. तभी मैंने अपनी टी-शर्ट को भी निकाल दिया और उसे उल्टा कर दिया. फिर उसकी पीठ पे हल्के हल्के जीभ फेरने लगा और उसकी पिछाड़ी तक आते हुए उसको चूमने लगा. वो तड़प रही थी. मैंने चूमते हुए उसकी ब्रा का हुक खोल दिया और उसकी नंगी हो चुकी पीठ पर फिर से जीभ फेरने लगा… और चूमने लगा.

वो एकदम पगला उठी थी और सीत्कार ले रही थी. फिर उसे मैंने सीधा किया और उसके दूध की तरह सफ़ेद चूचों को और उन पर एकदम पिंक निप्पलों की छटा को देख कर मैं भी पागल हो गया.

मैंने देर न करते हुए उसकी चूचियों के निप्पल पर अपनी जीभ सहलाना शुरू कर दी. उसकी आह निकल गई… तभी मैंने उसके एक निप्पल को होंठों से दबाया और छोड़ कर जीभ को गोल गोल घुमाते हुए रगड़ने लगा.

उसने मेरे बाल पकड़ लिए और मेरे पूरे चेहरे को अपने मम्मों पे खींच लिया.

मैं अपनी जीभ को उसके दोनों मम्मों पर बारी बारी से फेर रहा था. जब एक पर जीभ फेरता तो दूसरे को अपने हाथ से सहला देता. फिर उसके एक चूचे को हाथ से दबाया और दोनों होंठ के बीच लेकर चूसने लगा ‘मुऊऊह म्मूउऊह म्मूउउह…’
वो आहें भर रही थी… तड़प रही थी- ओह म्मऊह आआआआहह…

मैंने इसी तरह उसके दूसरे चूचे को भी चूसा. करीब 15-20 मिनट तक बारी बारी से उसके दोनों मम्मों को चूसता रहा और उसकी जींस के ऊपर से उसकी चुत को सहलाने लगा. उसके मुँह से आवाज़ निकल रही थी- ओह एमेम आआहह…

फिर मैं उसकी कमर को अपनी जीभ सहलाने लगा और उसकी जींस को भी धीरे से निकाल दिया. इसके बाद उसकी मक्खन जांघों पर अपना हाथ फेरने लगा. मैंने कुछ ही पलों में उसकी नाभि पर अपनी वासना के रस में डूबी जीभ फेर रहा था और उसके पेट पर किस कर रहा था. वो थरथरा रही थी. मैंने किस करते हुए उसकी पेंटी निकाल दी और अपनी उंगलियों से उसकी चुत को सहलाने लगा.

अब मैंने भी मेरा ट्राउज़र निकाल दिया. इसके बाद मैं उसकी कमर से किस करते हुए उसकी चुत पर आया… उसकी चुत पूरी गीली हो गई थी. मैं उसकी चुत पे अपनी जीभ फिराने लगा और उसको अपने दोनों होंठ के बीच ले कर चूसने लगा ‘मुऊउऊहह…’

उसने मेरा सर पकड़ लिया और अपनी चुत पे दबाते हुए तेज सांसें लेने लगी. वो बहुत गरम आवाज में मोनिंग कर रही थी- ओह ओह… आआअह…

मैंने अपनी अंडरवियर निकल दी और उसकी पूरी चुत को अपने मुँह में ले कर पागलों की तरह चूसने लगा. उसने अपनी दोनों टांगें पूरी तरह फैला दी थीं और मेरे सर पर अपनी चुत को दबाए जा रही थी.

करीब 20 मिनट तक मैं उसकी चूत और जाँघों को चूसता रहा. वो इसी दौरान एक बार झड़ भी चुकी थी.

फिर उसने मेरी तरफ चुदासी आँखों से देखा तो मैंने उसकी दोनों टांगों को फैलाया और खुद उसकी टांगों के बीच में आकर बैठ गया. अब मैंने धीरे से उसकी चुत के ऊपर अपना लंड टिका दिया और धीरे धीरे रगड़ मारने लगा.
वो पागल ही चुकी थी और मोनिंग कर रही थी ‘आआआ… अह…’

फिर मैंने अपने होंठ उसके होंठ पे रखे और अपने लंड को थोड़ा धक्का दिया. वो चीखना चाहती थी पर मैं उसे किस कर रहा था और उसके मम्मों सहला रहा था.

अब तक उसकी न सील टूटी होने की वजह से उसे दर्द हो रहा था, इसलिए दो मिनट तक मैं ऐसे ही रुका रहा और उसकी पूरी बॉडी को किस करता रहा. फिर थोड़ी देर बाद मैंने वापस धीरे धीरे अपने लंड को अन्दर धक्का लगाया. वो अब भी तड़प रही थी और मोनिंग कर रही थी.

‘ओह म्म्म्म ममम आआअम्म्म…’ फिर मैंने आहिस्ता से अपना लंड थोड़ा सा बाहर निकाला और तेज रफ्तार से अन्दर करने लगा. फिर थोड़ा बाहर निकाला फिर अन्दर पेल रहा था. अब मेरा पूरा लंड उसकी चुत में जा रहा था और बाहर आ रहा था.

करीब दो मिनट के बाद चुदाई की रफ्तार बन गई और उसे भी मजा आने लगा. धकापेल चुदाई के बाद जब मैं झड़ने वाला था उस समय मैं रुक गया.
वो अपनी गांड हिला रही थी… और उसके मुँह से तेज आवाजें निकल रही थीं- ओह म्म्म्म मम… और चाहिए…
मैंने फिर से धक्के देने स्टार्ट कर दिए.

तभी वो अकड़ गई और झटके से कुछ ऊपर को उठती हुई निढाल हो गई. मैं भी कुछ देर बाद उसकी प्यारी सी चुत में झड़ गया. इस तरह मैंने उसे चार बार अलग स्टाइल में जमकर चोदा.

कई दिनों तक उसकी चुदाई का मजा लिया. वो मौका पाते ही मेरे पास कमरे में आ जाती थी और हम दोनों सेक्स का मजा लेते थे.

अब मेरा उससे ब्रेकअप हो गया है और वो जयपुर में रहा कर अपनी पढ़ाई कर रही है.

मैं उसको अपने जीवन में भुला नहीं पाऊंगा… आई लव यू अभिलाषा.

यह थी मेरी प्यारी सी अभिलाषा संग मेरी लव और सेक्स स्टोरी, प्लीज़ मुझे मेल कीजिएगा.
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