मेरी क्यूट सी कस्टमर दोस्त बन कर चुद गयी

मेरी क्यूट सी कस्टमर दोस्त बन कर चुद गयी


कॉलेज सेक्सी गर्ल देसी कहानी मेरी एक ग्राहक की है. मैं उसका कम्प्यूटर ठीक करता था. उससे मेरी दोस्ती हो गयी. एक दिन वो मेरे पास आयी तो कैसे चुद गयी?
नमस्कार दोस्तो.
मैं प्रेम नील लंबे अरसे बाद एक बार फिर आपके समक्ष प्रस्तुत हूँ अपनी नयी कहानी के साथ!
अन्तर्वासना के पाठकों को के लिए परिचय:
मेरा नाम प्रेम नील है, और मैं नागपुर का रहने वाला हूँ.
मैं एक साधारण शरीर और लिंग का मालिक हूँ.
मेरी पिछली कहानी
वो मुझे भावनाओं में बहा ले गई
थी.
इसके अलावा भी मेरी कई कहानियाँ अन्तर्वासना पे पहले भी प्रकाशित हो चुकी हैं जिन्हें आप पढ़ सकते हैं.
दोस्तो, मेरा कम्प्यूटर सर्विस का छोटा सा बिजनेस है और मेरी यह कॉलेज सेक्सी गर्ल देसी कहानी भी मेरे बिजनेस की वजह से ही शुरू हुई.
यह काफी अरसे पहले की बात है.
हुआ यह कि मेरे दोस्त ने मुझे एक कॉल दिया था मुझे उसके कस्टमर के घर जाकर कस्टमर का कम्प्यूटर रिपेयर करना था.
तो तय समय नुसार मैं उनके घर गया.
घर पे आंटी ने मुझे कम्प्यूटर दिखाया और बताया कि इसमें प्राब्लम है, आप चेक कर लो.
आपको लग रहा होगा कि यह मेरी और आंटी की कहानी होगी.
पर कहानी की हिरोइन की एंट्री बाकी है.
मुझे कम्प्यूटर ठीक करने को 1 घंटा लग गया.
तब तक आंटी ने चाय पानी भी पिला दिया था.

और मैं अब वापस जाने को हुआ, आंटी को सब बता दिया और पेमेंट के लिए बोला.
तो आंटी ने कहा- 5 मिनट और रुक जाओ, मेरी बेटी आ रही है. वो अपना कम्प्यूटर चेक कर ले तो पेमेंट भी मिल जाएगी.
मैंने आंटी से कहा- मेरा काम ख़त्म हो गया है और दूसरी जगह भी जाना है.
और दूसरा यह भी था कि ना मैं आंटी में दिलचस्पी ले रहा था ना आंटी मुझमें!
फिर भी पेमेंट के लिए तो मुझे रुकना ही था.
थोड़े वक़्त बाद उनकी लड़की आई.
लड़की बहुत क्यूट थी.
उसने आते ही पहले अपना कम्प्यूटर चेक किया जो उसे ठीक लगा.
फिर वो मुझसे बोली- ये तो ठीक काम कर रहा है. पर इसमें हमेशा प्राब्लम आती है, मेरे कॉलेज के कुछ सॉफ्टवेयर इसमें काम नहीं करते और ये हैंग हो जाता है.
मैंने उसको बताया- अब ये पुराना हो गया है और अभी आपको नया सिस्टम ले लेना चाहिए.
तो वो बोली- मैं भी घर वालों को कब से यही बोल रही हूँ कि मुझे अब नया लॅपटॉप दिला दो. पर घर वाले मान ही नहीं रहे. अब आप ही बताओ इनको!
मैंने आंटी को समझाया.
तो आंटी ने कहा- हाँ लेकर देना है. पर इसकी कॉलेज फीस और ऊपर से ये महँगा लॅपटॉप माँग रही है जो अभी मुश्किल लग रहा है!
मैंने उनसे कहा- आप ई एम आई पे भी तो ले सकते हो.
और मैंने उनसे कहा- आपको जब भी न्या लैपटॉप लेना हो, मुझे बता दीजिएगा. मैं अपने पहचान वाले से मार्केट से कम में दिला दूँगा.
मेरी बात उनको पसंद आई.
मैंने उनको अपना सम्पर्क नंबर दे दिया और पेमेंट लेकर वहाँ से चला आया.
उसके बाद ना मैंने उनसे सम्पर्क किया ना उनकी तरफ से कोई कॉल आया.
मैं भी बात भूल गया था.
2 महीने बाद मुझे एक अनजान नंबर से कॉल आया.
मैं- हेलो कौन?
उधर से- जी मैं मिहिरा बोल रही हूँ.
मैं- जी बोलिए?
उधर से- जी, आप ने मेरा कम्प्यूटर ठीक कर दिया था. उसमें फिर से खराबी आ गई है.
मैं- जी मैम … पर मैं कितने सारे कम्प्यूटर ठीक करता हूँ. मुझे कैसे पता होगा कि आपका कौन सा है.
उधर से- ओह सॉरी!
फिर उसने मुझे बाकी सारी बातें बताई तो मैं बोला- ठीक है, मैं शाम तक आकर चेक कर लूँगा.
मैंने शाम को उसके घर जाकर कम्प्यूटर को चेक किया तो उसके मदर बोर्ड में प्राब्लम आ गयी थी.
तो मैंने उसको बताया- इसका मदर बोर्ड रिपेयर करना पड़ेगा. और रिपेअर नहीं हुआ तो रीप्लेस करना पड़ेगा. खर्चा ज़्यादा हो सकता है.
आंटी भी वहीं थी.
उन्होंने पूछा- क्या बेटर रहेगा?
मैंने उनको खर्चा बता दिया.
तो मिहिरा बोल पड़ी- इसको सुधारने से अछा है कि आप मेरे को नया लॅपटॉप ही दिला दो.
माफ़ करना, मैंने आपको मेरी हीरोइन का परिचय नहीं करवाया.
आपको नाम पता चल ही गया है मिहिरा और वो अभी 22 साल की स्टूडेंट है जो इंजिनियरिंग की पढ़ाई कर रही है.
उसकी हाइट 5 फीट 1 इंच, दूधिया रंग है.
मैंने भी आंटी को बोला- इसको सुधारने के बाद भी ये ठीक तरीके से काम करेगा भी या नहीं इसका भरोसा नहीं.
इस तरह से मैंने भी मिहिरा की हाँ में हाँ मिलाई तो वो भी खुश हो गयी.
इसपे आंटी ने कहा- ठीक है, अगले हफ्ते देखते हैं. मैं मिहिरा के पापा से बात करती हूँ. पर अब इसका क्या करेंगे?
मैंने कहा- बाद में इसको सुधार के या ऐसे ही किसी को बेच दीजिएगा.
बिज़्नेस के लिए लोचा करना पड़ता है.
वो मान गये.
एक हफ्ते बाद मुझे फिर से मिहिरा की कॉल आई- मुझे लॅपटॉप लेना है.
मैंने पूछा- कब?
मिहिरा- आज ही लेना है, अगले हफ्ते से मेरे प्रॉजेक्ट शुरू होने वाले हैं.
मैं- पर अभी मैं बाहर हूँ और आज मुझे और दो जगह जाना है.
मिहिरा- आपने कहा था कि आप हमें मार्केट से सस्ते में लॅपटॉप दिलाओगे और अभी आप बहाने बना रहे हैं.
मैं- अभी मैं काम में हूँ और तुरंत नहीं आ पाउँगा.
मिहिरा- आप अपने दोस्त के लिए वक़्त भी नहीं निकल सकते?
मैं- दोस्त … वो कब बने?
मिहिरा- अरे आप उस दिन मेरे हाँ में हाँ मिला रहे थे ना … तो मुझे लगा हम दोस्त बन गये हैं.
मैं- वाह … क्या लोज़िक है. ठीक है, अब दोस्त बने हैं तो आपका काम भी कर ही देते हैं.
फिर मैंने उनको अपने एक परिचित के शॉप का नाम बताया और उनको वहाँ पहुँचने के लिए कहा.
इधर मैंने भी काम ख़त्म किया और अपने बाकी क्लाइंट को बोला कि कुछ ज़रूरी काम की वजह से मैं आज नहीं आ पाऊंगा.
वहाँ से कम्प्यूटर शॉप पहुँचा. वहाँ मिहिरा और उसकी मम्मी पहले ही आ गये थे.
मिहिरा ने अपने लिए लॅपटॉप लिया.
बाकी प्रोसेस करते हुए हमें 2 से 2.30 घंटा लग गया.
तब तक मैंने उसके बारे में थोड़ा बहुत पता कर लिया.
अब मैं वापस जाने को हुआ तो उन्होंने मुझे घर चलने को बोला.
मैं उनके साथ उनके घर तक गया. वहाँ चाय पानी पीने के बाद मैं वापस आ गया.
मिहिरा को अब जब भी कोई हेल्प की ज़रूरत पड़ती, वो मुझे कॉल करती थी.
2 3 बार तो मैं उसके घर चला गया.
पर मेरा हमेशा उसके घर जाना सम्भव नहीं था तो मैंने उससे कहा कि ज़रूरत पड़ने पर वो खुद मेरे ऑफिस आ जाया करे.
मैं उसकी प्राब्लम अब मेरे ऑफिस में ही सॉल्व करने लगा.
उसके बार बार आने से हमारी बातें भी बढ़ने लगी थी.
अब हमारी व्हाट्सअप पे भी बात होने लगी थी. सब तरह की बातें … पर सिर्फ़ एक फ्रेंड की तरह!
कभी कभार हम चाट खाने बाहर चले जाते.
एक रविवार को उसने पहली बार मुझे मूवी के लिए पूछा और हम साथ में राजकुमार राव और श्रद्धा कपूर की स्त्री देखने गये.
मूवी के डरावने सीन और साउंड से वो डर जाती और कसके मेरे हाथ को दबा देती.
उस टाइम पहली बार मेरे दिल में उसके लिए ग़लत ख़याल आए थे.
अब वो अक्सर मेरे घर पर भी आने लगी थी.
रविवार को मेरा ऑफ होता है तो ज़्यादातर मैं दोस्तों के साथ होता हूँ या घर पर!
नवम्बर में मेरी फॅमिली दीदी के घर प्रोग्राम में गयी थी.
घर पर मैं अकेला वेब सीरीस देखते हुए बैठा था.
कि दोपहर में मिहिरा मेरे घर आई, उसके कॉलेज के प्रॉजेक्ट में उसको मेरी हेल्प चाहिए थी.
आधे घंटे में उसकी प्राब्लम सॉल्व हो गयी.
मिहिरा- वैसे तुम क्या कर रहे थे?
मैं- घर में कोई नहीं है तो वेब सीरीस देख कर टाइम पास कर रहा हूँ.
मिहिरा- कौन सी वेब सीरीस?
मैं- जो अभी ज़्यादा चर्चा में है.
मिहिरा- स्केर्ड गेम?
मैं- नहीं लस्ट स्टोरीस.
मिहिरा- मुझे भी देखनी है.
मैं- ठीक है पेन ड्राइव दो, तुम्हें दे देता हूँ, घर जाकर देख लेना.
मिहिरा- क्यों तुम्हारे साथ नहीं देख सकती क्या?
मैं- नहीं, अडल्ट सीरीस है. तुम घर जाकर देख लेना.
मिहिरा- क्यों, मुझे भगा रहे हो क्या?
मैंने मिहिरा को टालने की बहुत कोशिश की पर उसको मेरे साथ ही देखनी थी.
तो अब मैं और मिहिरा मेरे लॅपटॉप पे लस्ट स्टोरीस का विकी कौशल और कियारा आडवाणी वाला पार्ट देख रहे थे.
थोड़ी देर बाद मैंने अपना लॅपटॉप मिहिरा को दे दिया और मैं चाय बना के ले आया.
उससे लॅपटॉप लेते वक़्त मेरा हाथ उसकी जाँघ पे छू गया.
उसने एक बार मेरे तरफ आँख उठाकर देखा और फिर नज़र झुका ली.
मैंने सॉरी बोल दिया और वापस हम सीरीस देखने लगे.
वो पूरी सीरीस कामोतेजक दृश्यों से भरी है.
जब भी ऐसे सीन आते, हम एक दूसरे को देखने लगते.
मैं अपने आपको बहुत कंट्रोल करके बैठा था.
इतने वक़्त में मेरा छोटा बड़ा हो गया था.
ऊपर से लॅपटॉप की गर्मी … मेरा खुद पे कंट्रोल करना मुश्किल हो रहा था.
मुझे मूतने जाना था तो मैंने मिहिरा को लॅपटॉप उठाने बोला.
ये मेरी ग़लती थी क्योंकि लॅपटॉप उठाते वक़्त मिहिरा का हाथ मेरे लंड से टच हो गया.
और मैं सातवे आसमान में पहुँच गया.
मिहिरा को भी करेंट लगा होगा.
मैं बाथरूम जाकर अपने लंड को शांत करके आ गया.
पर ये कहाँ मानने वाला था.
मैं वापस आके फिर से लॅपटॉप पे नज़रें गाड़ कर बैठ गया.
थोड़ी देर बाद जब कियारा आडवाणी का वाइब्रटर वाला सीन शुरू हुआ तो अब हम दोनों की हालत खराब हो गयी.
हम दोनों एक दूसरे को देख रहे थे और कब हम एक दूसरे के होंठों को चूम रहे थे, हमें पता ही नहीं चला.
अब तीर कमान से निकल चुका था तो रोकते भी कैसे!
मैं उसको गर्दन से चूमते हुए उसके बूब्स तक आ गया था.
मध्यम आकार के एकदम नर्म और गर्म सॉफ्ट बॉल की तरह, मैं एक हाथ से उसके बूब्स दबा रहा था और उसका एक बूब मेरे मुंह से चूस रहा था.
मैं अब उसकी चूत की गहराई नापने के लिए गया तो वो पहले तो मुझसे अलग हो गयी और इसके आगे ना बढ़ने के लिए बोला.
पर बाद में खुद ही मुझसे लिपटकर उसने मुझे सहमति दे दी.
अब मैं उसकी चूत को अपने हाथों से सहला रहा था.
उसने जींस और टॉप पहना था जिसकी वजह से मेरा हाथ आगे नहीं जा पा रहा था.
तो मैंने उसे खड़ी किया और उसका टॉप निकाल दिया.
उसने अंदर पिंक ब्रा पहनी थी. मैंने उसे भी उतारा.
नीचे से उसका जींस और चड्डी भी उतार दी.
अभी तक हम बैठे थे तब तक तो ठीक था. पर खड़े होते ही हमें हमारी उँचाई का फर्क पता चला.
उसका सिर मेरे कंधे तक ही था, उसके बूब्स मेरे पेट को टच हो रहे थे और मेरा लंड उसके पेट को.
मुझे उसे किस करने के लिए भी झुकना पड़ रहा था.
मैंने अपने भी कपड़े उतारे, मिहिरा अब मेरे निप्पल चूस रही थी मुझे गुदगुदी हो रही थी और मज़ा भी आ रहा था.
मिहिरा को मैं गोदी में उठा के अपने रूम में ले गया, बेड के साइड पे बिठा के मैं उसके सामने खड़ा हो गया.
मेरा लंड ठीक उसके मुंह के सामने था.
मैंने उसको मेरा लंड चूसने क लिए बोला पर उसने मना कर दिया और हाथ से ही मेरे लंड की मुठ मारने लगी.
मैं उसको चूमने लगा.
मिहिरा से मैंने कहा- ठीक है, तुम भले ही मेरा लंड मत चूसो … पर मुझे तो तुम्हें जन्नत का मज़ा देने दो.
मैंने उसको पीछे धकेला जिससे वो बेड पे गिर गयी.
मैं नीचे बैठ गया.
उसकी चूत पर हल्के हल्के बाल थे पर मुझे उससे घंटा फर्क नहीं पड़ने वाला था.
मिहिरा की चूत को मैं जीभ से चोदने लगा जिससे वो अंदर तक कांप गयी.
मुझे लगा कि ये तो झड़ गयी.
पर उसने कहा- रूको, पहले मुझे सूसू करके आने दो.
वो मेरे कमरे के ही बाथरूम में गयी.
तो मैं भी उसके पीछे गया.
वो दरवाजा लगा रही थी तो मैंने मना किया, बोला- अब सब कुछ तो देख लिया है तो अब क्या छुपा रही हो? मुझे तुम्हें पेशाब करते हुए देखना है.
तो वो मेरे सामने अपनी चूत का दीदार करते हुए मूतने लगी.
मूतने के बाद उसने अपनी चूत को पानी से साफ किया.
मैं उसको वापस बेड पे ले आया और उसकी चूत को गर्म करने लगा.
वो पूरी तरह तड़प रही थी और बोल रही थी- प्रेम जल्दी से अपना अंदर डाल दो, अब नहीं रहा जा रहा!
मैंने उसको बेड पे अड्जस्ट किया और धीरे धीरे अपना लंड उसकी चूत में डालने लगा.
मिहिरा ने पहले भी सेक्स किया होगा क्योंकि सील टूटने पर खून निकलता है वो उसकी चूत से नहीं निकला.
पर उसकी चूत बहुत टाइट थी जिससे मुझे ज़्यादा ज़ोर लगाना पड़ रहा था और उसे भी तकलीफ़ हो रही थी.
वो चीखना चाहती थी पर उसके होंठ मेरे होंठों ने लॉक कर रखे थे.
मेरे कमरे में सिर्फ़ तेल और वैसलीन थी तो मैंने वसलीन ली और उसको घोड़ी बनने बोला.
थोड़ी वसलीन मैंने उसकी चूत पर लगाई और थोड़ी अपने लंड पर!
और मैं उसे डोगी स्टाइल में चोदने लगा.
इस पोज़िशन में मैं उसे आसानी से चोद पा रहा था.
20 मिनट की चुदाई में हम दोनों झड़ के थक चुके थे.
मैंने उसको माथे पे चूमा और बाथरूम में गये.
वहाँ मैंने उसे मूतते वक़्त अपना लंड पकड़ने के लिए कहा.
और उसके बाद उसको गोदी में उठा के एक बार फिर उसकी चूत मारी.
मुझे उसकी गांड मारनी थी पर उसने मना कर दिया.
कुछ चीजें प्यार से करने में ही मज़ा आता है.
उसके बाद हम फ्रेश हुए और बेड पे फिर से एक दूसरे को किस करते हुए बैठ गये.
बाद में हम अपने कपड़े लेकर आए जो अभी तक बाहर हॉल में ही पड़े थे.
मैंने मिहिरा से कहा- चलो अब सीरीस कंप्लीट देख लें?
तो वो बोली- अभी रहने दो. इसे बाद में साथ में देखेंगे.
उसके बाद हम कई बार मिले और बची हुई सीरीस ख़त्म की.
दोस्तो, आपको यह कॉलेज सेक्सी गर्ल देसी कहानी कैसी लगी मुझे ज़रूर बतायें.
मेरा ई मेल आईडी है
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