मेरा पहला प्यार

मेरा पहला प्यार

दोस्तो मैं अनूप… मध्यप्रदेश का रहने वाला हूँ और साइन्स का स्टूडेंट हूँ.

मैं आज जो कहानी आप लोगों को बताने जा रहा हूँ, वो मेरे पहले प्यार की है. उसका नाम अंकिता था (बदला हुआ नाम) वो इंदौर से थी. जब मैंने पहली बार अपनी एमएससी की क्लास में गया तो मैंने उसे पहली बार देखा और देखते ही मुझे उससे प्यार हो गया.
पर वो बहुत कम बात करती थी, उसके फ्रेंड्स में कोई लड़का नहीं था.

मैं उसके बारे में आपको बताता हूँ. वो बहुत ही सुन्दर थी, उसका फिगर 32-28-26 का था. कुल मिला कर वो बहुत ही गदराए हुए जिस्म की मालकिन थी.

मैंने उससे कई बार बात करने की कोशिश की, पर वो हमेशा मुझसे दूर जाने की कोशिश करती थी.
मैं भी इतनी जल्दी हार नहीं मानने वाला था. मैंने किसी तरह धीरे-धीरे उससे दोस्ती कर ली. दोस्ती आगे बढ़ी तो फिर हमने अपने फ़ोन नंबर भी ले-दे लिए. अब तो मेरी उससे लगभग रोज बातें होने लगीं.

एक दिन मैं और वो दोनों एक सेमिनार में थे. तब उसी वक़्त मुझे मेरी क्लास की एक लड़की ने मैसेज में आई लव यू लिख कर भेजा, जिसे उसने पढ़ लिया. वो बहुत नाराज़ हुई और मुझे उस लड़की को तुरंत मना करने के लिए बोलने लगी. अब मैं उसे चाहता था, तो मैंने उसकी बात मान कर उस लड़की को ना बोल दिया.

फिर एक बार मैं छुट्टियों में घर गया हुआ था, तभी उसका फ़ोन आया और उसने कहा- तुम मुझे अपनी बहन बना लो.
तो मैंने साफ मना कर दिया, इस पर उसने पूछा- बहन बनाने में क्या परेशानी है?
मैंने हिम्मत करके उसे बोल दिया कि मैं उसे पसंद करता हूँ और उसे ‘आई लव यू..’ बोल दिया.

उसने इतना सुनते ही फ़ोन काट दिया और फिर अगले 3 दिनों तक हमारी बात नहीं हुई. मुझे लगा वो गुस्सा हो गई है. पर अगले दिन ही उसका फ़ोन आया और उसने मेरे प्रेम प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया.
फिर क्या था हम रोज रात को बहुत देर तक बातें करने लगे थे. धीरे-धीरे हम आपस में बहुत खुल गए और फ़ोन पर ही सेक्स की बातें करने लगे.

अब हम दोनों के अन्दर आग बराबर की लगी हुई थी.. बस मिलना बाकी था.

एक दिन मैंने अपने दोस्त के रूम पर मिलने का प्रोग्राम बनाया. इस पर वो राज़ी हो गई और हम शाम को रूम पर मिले तो उसने ज़िद की कि हम साथ में आशिक़ी-2 मूवी देखेंगे. मैंने अपने लैपटॉप पर मूवी लगा दी और उसकी गोद में सिर रख के देखने लगा. जब मूवी में श्रद्धा और आदित्य का बेड सीन आया तब उसने मेरी आँखें बंद कर दीं और बड़े प्यार से मेरी तरफ देखने लगी.

तब मैंने उसे अपने गले से लगा लिया और फिर धीरे से अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए. पहले तो वो थोड़ा शरमाई पर धीरे-धीरे मुझे भी किस करने लगी.
कुछ ही देर बाद मेरे हाथ उसे मक्खन जैसे बदन पर फिसलने लगे. मेरी इस हरकत से वो भी गर्म होने लगी और उसके मुँह से अजीब-अजीब सी आवाजें निकलने लगीं, जिससे मुझे और जोश आ गया.

फिर मैंने अपने हाथ धीरे से उसे टॉप में डाल दिए और उसकी ब्रा के ऊपर से उसके मम्मों को दबाने लगा, जिससे वो और भी गर्म हो गई. मैंने उसका टॉप और ब्रा दोनों एक साथ निकाल दिए, जिससे उसके मम्मे मेरे सामने बिल्कुल नंगे हो गए. उनको देख कर मैं एक पल के लिए रुक गया.

उसने नशीले अंदाज में अपने चूचों को उठाते हुए बोला- क्या हुआ? अच्छे नहीं लगे क्या?
मैंने बोला- तुम्हारे दूध इतने प्यारे हैं कि मन कर रहा है कि इनको पूरा निचोड़ कर पी जाऊँ.
उसने इठला कर एक निप्पल मेरे होंठों की तरफ बढ़ा दिया और कहा- तो पी लो ना.. मना किसने किया है.

उसके इतना बोलते ही मैं उस पर भूखे शेर की तरह टूट पड़ा. वो इतनी कामुक हो गई थी कि मेरे सिर को अपने सीने में दबा रही थी. मैंने उसकी घुंडी को चूसते हुए धीरे से अपना एक हाथ उसकी पैंटी में डाल दिया. जैसे ही मैंने उसकी बुर को छुआ तो वो उछल गई और बोली- आह.. ये सब मत करो..

पर मैं कहाँ सुनने वाला था. मैंने एक झटके में उसकी जींस और पैंटी निकाल फेंकी. अब वो मेरे सामने बिल्कुल खुदा की बनाई खूबसूरत परी की तरह थी. मैंने उसके जिस्म को पूरी तरह देखा.. फिर जल्दी से अपने सारे कपड़े उतार दिए.
जैसे ही मैंने अपना अंडरवियर निकाला.. तो वो मेरे 6 इंच लंबे और हैवी लंड को देखती ही रह गई. वो अपना मुँह हैरत से खोलते हुए बोली- ओह.. इतना लंबा और मोटा.. मेरे अन्दर कैसा जाएगा.. मेरी तो बुर ही फट जाएगी!
मैंने कहा- लंड से किसी की बुर नहीं फटती डार्लिंग. बलि इसी बुर में से बच्चा तक बाहर आ जाता है.

लेकिन वो डर रही थी क्योंकि उसका और मेरा दोनों का पहली बार था. मैंने बड़े प्यार से उसे समझाया, तो वो मान गई. फिर मैंने उसके पूरे जिस्म को धीरे-धीरे चाटना और चूमना शुरू कर दिया.. जिससे उसके अन्दर चुदास की आग जलने लगी.

अब मैं धीरे से उसकी गोरी जाँघों के पास आ गया और उनको चूमने लगा. जाँघों को सहलाता हुआ मैंने अपने धीरे-धीरे अपने होंठ उसकी बुर के ऊपर रख दिए और उसकी चिकनी चमेली और गोरी बुर पर चुम्मा कर लिया. अपनी मरमरी बुर पर चुम्मा पाते ही वो एकदम से सिहर उठी.

फिर मैंने उसकी बुर को चूसना चालू कर दिया और कई मिनट तक बुर चुसाई की, वो इतनी मस्त बुर चुसाई से 2 बार झड़ चुकी थी. वो मुझसे गिड़गिड़ाते हुए कहने लगी- अनूप बस करो.. अब लंड डाल दो, मुझे और नहीं सहा जाता.

तो मैंने अपना लंड उसकी बुर के मुहाने पर टिकाया और धीरे-धीरे अन्दर डालने की कोशिश करने लगा. उसकी बुर बहुत टाइट थी, तो मैंने थोड़ा सा तेल लगाया और सुप़ारा उसकी बुर की फांकों में फंसा कर एक ज़ोर का झटका दे मारा. इस तेज और बम-पिलाट झटके में मैंने अपना आधा लंड उसकी बुर में उतार दिया.

मुझे मालूम था कि लंड घुसते ही वो चिल्लाएगी. वही हुआ भी, वो चिल्लाने ही वाली थी कि मैंने उसका मुँह अपने मुँह से बंद कर दिया. वो रोने लगी और मैंने देखा कि उसकी बुर से खून निकलने लगा. मतलब वो पहली बार मुझसे चुद रही थी और मैंने ही उसकी सील तोड़ी है. मुझे ये सोच कर ही मजा आ रहा था कि मैंने उसकी बुर का उदघाटन किया है.

मैंने थोड़ी देर लंड डाले हुए रुक कर लंड को बुर से दोस्ती करने दी, फिर आराम से उसकी बुर चुदाई करने लगा. थोड़ी देर में वो भी शांत हो गई और लंड के मज़े लेने लगी. अभी मेरा आधा लंड ही उसकी बुर में था. जैसे ही मैंने उसको मस्त होते हुए पाया, तभी एक और जोरदार झटका देकर अपना पूरा लंड उसकी बुर में उतार दिया.

पूरा लंड घुसते ही वो रोने लगी और दर्द से तड़फ कर बोली- उई माँ मर गई.. निकाल लो अनूप इसे.. बहुत दर्द हो रहा है..
पर मैंने लंड नहीं निकाला और उसके निप्पलों को चुसकते हुए धीरे-धीरे उसकी बुर चुदाई शुरू कर दी.

जैसे ही उसे थोड़ा आराम मिला, तो वो भी चुदाई का मज़ा लेने लगी और बहुत तेजी से मादक सिसकारियां लेने लगी ‘आह आह.. आई आज अनूप फाड़ ही दो इसे.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… साली बहुत परेशान करती है ये.. आह..’
इतना सुन कर मैं और जोश से उसको चोदने लगा. हम दोनों ने काफी देर तक जोरदार चुदाई की और अंत में मैंने अपना वीर्य उसके मम्मों पर गिरा कर उसके ऊपर ही ढेर हो गया.
मैं लंड डाले हुए लेटा रहा. बाद में उसने बताया कि वो इस चुदाई में 3 बार झड़ी थी.

फिर हम दोनों बाथरूम में जाकर साथ में नहाये. उसके बाद वो तैयार हो कर अपने घर चली गई.

इसके बाद हम दोनों ने कई बार चुदाई की.. पर एक दिन वो मुझे छोड़ कर बिना कुछ कहे चली गई. बाद में पता चला कि उसकी शादी कहीं और तय हो गई थी. मैंने उसे कई बार सम्पर्क करने की कोशिश की पर कुछ नहीं हुआ. दो माह बाद उसकी शादी हो गई और इस तरह मेरा पहला प्यार मेरा होकर भी मेरा नहीं रहा. अब मैं अकेला हूँ, फिर से किसी के सच्चे प्यार की तलाश में हूँ.

ये अन्तर्वासना पर मेरी पहली चुदाई की कहानी है, आप मुझे अपनी राय मेल कर सकते हैं.
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