मुझे अपनी चुत गांड चुदवाने को लंड चाहिए- 2

मुझे अपनी चुत गांड चुदवाने को लंड चाहिए- 2


कॉलेज गर्ल Xxx कहानी में पढ़ें कि एक लड़की अपनी अन्तर्वासना को ठंडी करने के लिए क्या क्या कर रही है. वो दूध वाले से चुदी. उसके बाद उसने नया लंड ढूँढा.
हैलो फ्रेंड्स, मैं आपकी अरुणिमा एक बार फिर से अपनी चुदाई की कहानी में स्वागत करती हूँ.
कॉलेज गर्ल Xxx कहानी के पिछले भाग
दूध वाले के घर जाकर चूत में लंड लिया
में अब तक आपने पढ़ा था कि दूध वाले ने मेरी चुत में अपना मोटा लंड पेल दिया था.
अब आगे कॉलेज गर्ल Xxx कहानी:
इस कहानी को सेक्सी आवाज में सुनकर मजा लें.

पूरा लंड पेल कर वो अपनी पूरी रफ्तार से मुझे चोदने लगा और मैं भी उसके सुर में सुर मिलाते हुए ‘उफ़ हहहह यस आई लाइक इट … ओह्ह फ़क आह आह आह हहहहह … उफ़ उफ़ उई मम्मी … आह और तेज़ और तेज़ ..’ की कामुकता भरी सिसकारियां निकालने लगी.
उसने मुझे बड़ी तेजी से कम से कम बीस मिनट तक मेरी चूत चोदी.
इसके बाद उसने मुझे उल्टा कर दिया और मेरी गांड पर आ गया.
उसने मेरी गांड को पहले तो सूंघा. फिर खूब बढ़िया से चाटा और थूक से गीली कर दी.
उसके बाद उसने मेरी गांड में अपना लंड घुसा कर धकापेल मचाना शुरू कर दी.
पूरे आधे घंटे तक उसने मुझे अलग अलग तरीकों से चोदा. मेरी गांड और चूत का बाजा बजा दिया.

जब वो झड़ने को हुआ तो मैंने उसका सारा वीर्य अपने मुँह में छुड़वाया.
मुझे चोदने के बाद वो बोला- बीबी जी, आप बहुत ही नमकीन माल हो. आज आपको चोदकर मज़ा आ गया. क्या आगे भी मुझे आपका स्वाद चखने को मिलेगा?
उस पर मैं बोली- हां क्यों नहीं, जब मन करे तब आप मुझे मेरे घर में ही मुझे चोद लीजिएगा. अगर मुझे बढ़िया वाली चुदाई करवानी होगी तो मैं यहां चली आउंगी.
वो खुश हो गया.
फिर मैं अपने घर के लिए चल दी.
जिस वक़्त मैं अपने घर पहुंची, तो 9 बज चुके थे.
मैं खाना खाकर अपने कमरे में आ गयी और सो गई.
इसी तरह बीच बीच में मैं उसके यहां चली जाती और अपनी चुत की खुजली मिटा लेती.
फिर एक दिन मुझे धोबी से चुदने का मन हुआ तो मैं उस शाम उसके घर कुछ कपड़े धुलने को देने के बहाने गयी.
मैंने उससे कहा कि पिछली बार आप जो कपड़े लाए थे, उसमें एक कपड़ा कम निकला था.
धोबी बोला- नहीं मालकिन, पूरे 15 कपड़े थे.
मैंने बोला- नहीं … उसमें मेरी एक पैंटी भी थी वो नहीं मिली.
वो बोला- पैंटी मतलब क्या?
मैंने उसकी हिंदी में समझाया कि मेरी काले रंग की एक चड्डी थी, वो नहीं मिली.
इस पर उसने कहा- अच्छा चड्डी. रुकिए मैं देखता हूँ.
कुछ देर बाद उसने मुझे मेरी पैंटी ढूंढ कर दे दी.
वो मेरी मसलता हुआ बोला- ये तो बड़ी मक्खन सी मुलायम है. महंगी मिलती होगी!
मैंने उसकी मदहोश आंखों में झांक कर कहा- नहीं … ज़्यादा महंगी तो नहीं है.
उसने भी मेरी चूचियों को घूरते हुए कहा- इसमें आप कितनी अच्छी लगती होंगी.
मैंने इठलाते हुए कहा- क्यों तुमने कभी अपनी बीवी को चड्डी पहने नहीं देखा क्या?
इस पर वो हंसने लगा और बोला- मालकिन शहर की औरतें ही ये पहनती हैं … गांव में कोई नहीं पहनती.
मैं अपनी चुत सहलाते हुए उसकी बात के मजे लेने लगी.
वो मेरे हाथ की तरफ देखते हुए बोला- आज अपने किस रंग की पहनी है?
मैं बिंदास बोली- आज पिंक है.
उसने बोला- अच्छा पिंक माने कौन सा रंग?
मैंने अपने होंठों पर अश्लील भाव से जीभ फिरते हुए कहा- एकदम गुलाबी है.
वो मेरी जीभ देख कर गनगना गया. उसका लंड फूलने लगा था जो मुझे उभरा हुआ सा दिखने लगा था.
फिर कुछ देर बाद जब मैं जाने लगी तो उसने कहा- अरे मालकिन ज़रा देर बैठिये न … कहां जाएंगी. आप थोड़ी देर बैठेंगी तो मेरा भी काम में मन लगेगा वरना मैं अकेला ही काम करते करते ऊब जाता हूं.
उसके कहने पर मैं बैठ गयी.
वो पहले तो मुझसे इधर उधर की बात करने लगा. फिर बोला कि शहर की लड़कियां बड़ी मस्त होती हैं.
मैंने उससे सवालिया तरह से पूछा- वो कैसे?
वो बोला कि अब देखिए हमारे गांव में कितनी भी अच्छी लड़की हो, लेकिन उसको अपना सबकुछ छुपा कर रखना पड़ता है. लेकिन शहर का माहौल बिंदास है और आप भी कितनी अच्छी हो.
वो मेरी अनेकों तारीफें करने लगा, तो मैं समझ गयी कि अब इसका मौसम बन गया है.
मैंने उसको उकसाने के लिए अपने मम्मे फुलाते हुए उससे पूछा- तुमको मुझमें क्या पसंद है?
ये सुनते और मेरे फूले हुए मम्मे देख कर एकाएक उसने अपना सारा काम छोड़ दिया और मेरी चूचियों को ललचाई नजरों से देख कर बोलने लगा- आप तो पूरी ऊपर से नीचे तक कमाल हो.
मैं उसके थोड़ा करीब होकर उसे अपनी चूचियां दिखाने लगी.
तो वो भी मेरे पास को आ गया और मेरे बालों को छूकर बोला- आपके बाल कितने मस्त हैं.
मैंने कुछ नहीं कहते हुए एक तरह से हरी झंडी दे दी थी. इससे उत्साहित होकर उसने मेरे गाल छुए और मस्त हो गया.
उसका एक हाथ नीचे मेरी नंगी जांघ पर आ गया था. मेरी स्कर्ट के नीचे हाथ सरकाते हुए उसने मेरी नंगी जांघ को सहलाते हुए कहा- वाह मालकिन, आपकी जांघें कितनी कोमल हैं.
अब तक मैं उसके प्रति सम्मोहित हो चुकी थी और उसकी आंखों में वासना से देखे जा रही थी.
वो भी मेरी आंखों में आंखें डालकर मेरी वासना को समझने लगा था.
जब उसने मेरी हालत देखी तो अब वो मेरे कंधे पर हाथ रख कर मसलने लगा.
फिर वो एकदम से मेरी चूचियों पर अपना हाथ ले आया और मेरी एक चूची मसल दी.
इससे मैं एकदम से खड़ी हुई और उसको डांटने लगी- ये क्या कर रहे हो … तुम्हारा दिमाग खराब है क्या?
ये सब मैं उसको दिखावे के तौर पर डांट रही थी.
मेरी डांट पर उसने मुझे उठा लिया और मुझे अन्दर ले जाकर लिटा दिया.
वो बोला- मेरा दिमाग खराब नहीं है बल्कि अब काम करने लगा है.
मैं उससे झूठ-मूठ की ज़बरदस्ती करने लगी और उसे कुछ कुछ कहने लगी.
तो उसने गुर्राते हुए कहा- चुप साली रंडी … मुझे पता है तू बहुत बड़ी छिनाल है.
बस इतना कहते हुए उसने मेरे दोनों हाथों और पैरों को बांध दिया और अब वो मेरे शरीर से खेलने लगा.
अब तक मुझे भी मज़ा आने लगा था … लेकिन मैं नाटक करते हुए उससे कहने लगी- नहीं तुम ऐसा मत करो; जाने दो मुझे.
लेकिन उसने मेरी एक न सुनी और एक एक करके मेरे सारे कपड़े उतार कर मुझे पूरी नंगी कर दिया.
उसने पहले मेरी चुचियों को बड़ी बुरी तरह से चूसा और फिर मेरी चूत चाट कर मुझे अपना बदबूदार लंड चुसाया.
फिर मुझे करीब आधे घंटे तक चोदा.
मुझे रगड़ कर चोदने के बाद उसने बोला- सुन मेरी रंडी … अब जब भी मैं तुमको बुलाऊं, तो चुपचाप चली आना. आज की चुदाई को किसी से बताना मत; वरना तुझे लंड नहीं मिलेगा.
मैं धोबी से चुद कर अपने घर चली आयी.
अब मौज करने के लिए मेरे पास दो लंड हो गए थे. फिर कुछ इन दोनों के लंड से चुत चुदवाते हुए दिन बीते.
एक दिन मम्मी मेरे लिए सूट का कपड़ा ले आयी थी.
हमारे किसी रिश्तेदार की शादी थी तो वो उसी में पहनने के लिए सूट लायी थीं.
मैंने उनसे इस सिलवाने के लिए कहा.
मम्मी ने मुझे अपने टेलर का पता बताया और बोलीं- उसके पास जाकर नाप दे देना वो सिल देगा.
मैंने सोचा कि शादी में तो अभी बहुत दिन हैं. बाद में जाकर सिलवा लूंगी.
एक दिन सुबह मैं घर में बैठी थी, तो वहीं रखे शादी के कार्ड पर मेरी नज़र पड़ी. उसमें शादी की आज की डेट पड़ी थी. जबकि मुझे लग रहा था कि अभी एक हफ्ता बाकी है.
मैं तुरंत मम्मी के पास गई और बोली- शादी तो आज ही है … और मेरा सूट भी नहीं सिल पाया है.
मम्मी ने उलाहना देते हुए कहा- ठीक ही हुआ … अब किसी पुराने सूट में ही जाना.
मैंने मम्मी से बहुत ज़िद की, तो उन्होंने अपने टेलर को यह कहते हुए फ़ोन किया कि बहुत मुश्किल आ गई है. आज ही मेरी बेटी का सूट सिल कर दे दो.
वो साला टेलर भी बहुत अकड़ू निकला. लेकिन मम्मी ने जब उससे बात करके कहा, तो वो बोला- ठीक है आज कपड़ा लाकर दे दो, एक हफ्ते बाद दे दूंगा.
मतलब शादी के लिए नया सूट नहीं सिल रहा था.
मैंने भी उस टेलर के कस बल ठीक करने के लिए सोच लिया. मैंने टेलर के पास कपड़ा लेकर जाने के लिए एक बहुत ढीली टी-शर्ट बिना ब्रा के पहनी और नीचे स्कर्ट बिना पैंटी के पहन ली.
फिर मैं मम्मी से कह कर उस टेलर के पास चली गयी.
मम्मी ने बताया था कि आज उसकी दुकान बंद रहती है, तो तुम पीछे के दरवाज़े से अन्दर चली जाना. अन्दर उसका काम चलता रहता है.
मैं मम्मी की बात सुनकर हां में सर हिलाते हुए मन में सोचने लगी कि आज तो मैं अपना काम करवा कर ही लौटूंगी.
मैं टेलर की दुकान के पीछे के दरवाजे पर पहुंची तो मैंने खटखटाया.
अन्दर से एक 40 साल का बहुत खड़ूस सा आदमी निकल कर आया और भुनभुनाते हुए बोला- क्या है?
मैंने उसको मम्मी का नाम बताया, तो बोला- ठीक है आओ अन्दर.
वो मुझे अपने कारखाने से होते हुए अन्दर अपनी दुकान में ले गया. जिसके आगे से शटर बंद था.
उसने मुझसे बोला- नाप का कपड़ा लाई हो?
मैंने बोला- नहीं.
वो कुछ बड़बड़ाते हुए अपना इंचीटेप निकालने लगा और मुझसे बोला- सीधी खड़ी हो जाओ … तुम्हारा नाप लेना है.
मैं अपनी नाप देने के लिए रेडी थी. मन में सोच रही थी कि साला खोल कर नाप ले ले भोसड़ी के दर्जी मादरचोद.
उसने मेरा नाप लेने के लिए मेरे ऊपरी शरीर को छुआ, तो पता नहीं कैसे … मैं उसके छूने भर से गीली हो गयी.
जैसे ही उसने मेरी कमर का नाप लिया तो मेरी चूत से पानी रिसता हुए मेरी टांगों से बहने लगा. मैंने पैंटी पहनी नहीं थी तो पानी मेरी जांघों पर आ गया था. उसने जैसे ही मेरी टांगों की नाप लिया, तो उसके हाथ में वो पानी लग गया.
अब तक वो भी समझ गया था कि मैं गर्मा गई हूँ.
उसने बोला- इन कपड़ों मैं मैं सही से नाप नहीं ले पा रहा हूँ. इसके लिए तुम्हें कपड़े उतारने पड़ेंगे.
मैंने बोला- नहीं, ये नहीं हो सकता.
उसने बोला- ठीक है फिर नाप गलत हो गया, तो बाद में मत कहना और आज शाम तक तो सूट फिर किसी कीमत पर नहीं मिल सकता.
अब मैं मजबूर हो गयी थी. मैंने अपनी टी-शर्ट उतार कर किनारे रखी और अपने दोनों हाथों से अपने स्तनों को छुपा लिया.
उस हरामी टेलर ने मेरा हाथ नीचे करते हुए कहा कि अब इतना शर्माओगी, तो कुछ नहीं हो पाएगा.
मेरा हाथ उसने नीचे कर दिया तो मैं ऊपर से पूरी नंगी थी. मेरी बड़ी बड़ी चूचियां उसके सामने तनी हुई खड़ी थीं.
वो हरामी टेलर मास्टर मेरी चूचियों का नाप लेने के बहाने मेरे ऊपरी बदन को रगड़ रहा था और नीचे मेरे दोनों चूतड़ों से खिलवाड़ करता जा रहा था.
अब तक उसकी इस हरकत पर मैं खामोश थी.
वो मेरे सामने आकर नीचे बैठ गया और मेरे दोनों हाथ मुझसे ऊपर उठाने को बोला.
फिर जैसे ही मैंने अपने हाथों को ऊपर किया तो उसने एक झटके में मेरी स्कर्ट खींच कर उतार दी और बोला- अब सही नाप आएगा.
वो नाप लेते लेते मेरी जांघों को सहलाते हुए मेरी गांड को छूने लगा. वो मेरी गांड को दबा दबा कर नाप लेता रहा.
तभी उसने एकदम से मेरी चूत में अपनी एक उंगली रगड़ दी और उसके दूसरे ही पल उसने अपनी दो उंगलियां एक साथ मेरी चुत में घुसा दीं.
मेरी मीठी सी आह निकल गई.
मैं अपनी आंख बंद करके इस पल का मज़ा लेते हुए अपनी चुचियां दबा रही थी और हल्की सी अहह अहह की मादक आवाजें भरने लगी.
उसने मेरी टांगों को फैला दिया और उनके बीच में बैठ कर मेरी चूत चाटने लगा.
उसकी इस उत्तेजना से चूत चाटने पर अगले पांच मिनट में ही मैं एक बार फिर से झड़ गयी.
इस बार मेरी चुत का रस उसके मुँह में निकला था, जिसे उसने चाट लिया.
दोस्तो, टेलर मास्टर से चुदाई की कहानी का अगला भाग शीघ्र ही आपके सामने होगा.
मेरी कॉलेज गर्ल Xxx कहानी पर मुझे मेल से अपना प्यार देना न भूलिए.
आपकी ही अरुणिमा
[email protected] कॉलेज गर्ल Xxx कहानी का अगला भाग: मुझे अपनी चुत गांड चुदवाने को लंड चाहिए- 3

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