हॉट स्कूल गर्ल पोर्न कहानी में मैं अपनी क्लासमेट को पसंद करता था पर उसने मुझे भाई बना लिया. लेकिन एक दिन स्कूल में ही कुछ ऐसा हुआ कि हमने सेक्स कर लिया!
मेरा नाम विपुल गुप्ता है. मैं चंडीगढ़ से हूँ.
ये मेरी सच्ची सेक्स कहानी है.
यह हॉट स्कूल गर्ल पोर्न कहानी सन 2011 की उस वक्त की है, जब मैं बारहवीं में पढ़ता था.
मैं उस स्कूल में बचपन से पढ़ता आ रहा था.
जिस लड़की के साथ सेक्स की यह कहानी है उसका नाम सुनयना था.
वह उत्तराखंड की लड़की थी और बहुत ही सुंदर पतली सी लड़की थी.
सुनयना भी मेरे साथ मेरी ही क्लास में थी.
सुनयना ने उसी साल दाखिला लिया था.
मैं कुछ दिन बाद से ही सुनयना को पसंद करने लगा था.
हमारी ही क्लास का एक और लड़का था उसका नाम प्रवीण था.
प्रवीण बिल्कुल भी सही लड़का नहीं था.
वह देखने में भी काला कलूटा और भद्दा सा था.
प्रवीण सुनयना को बहुत तंग करता था.
वह चाहता था कि सुनयना उसकी जीएफ बन जाए.
जब सुनयना ने उसको मना कर दिया तो उसने उसे ज़्यादा तंग करना शुरू कर दिया.
इस बात का मुझे पता चल गया और मैंने सुनयना की काफ़ी मदद की.
अब रोजाना मैं स्कूल से छुट्टी के वक्त उसको अपने साथ लेकर आता और उसको उसके घर तक छोड़ देता.
इस सबसे सुनयना बड़ी खुश थी और उसने एक दिन मुझसे कहा- क्या तुम मेरे भाई बनोगे?
मेरे तो समझो सारे अरमान ही टूट गए.
फिर भी मैंने उससे हां बोल दिया क्योंकि वह मुझसे इसी बहाने कम से कम जुड़ी तो रहती.
अब रक्षा बंधन पर वह मुझे राखी भी बाँधने लगी.
ऐसे ही कुछ महीने निकल गये.
हम दोनों जीव विज्ञान के छात्र थे, तो जीवविज्ञान की कक्षा में प्रजनन वाला विषय भी था.
एक दिन सुनयना ने जीव विज्ञान वाली टीचर से प्रजनन वाला विषय समझाने के लिए कहा.
मैडम ने मना कर दिया.
उसने मुझसे मदद मांगी.
मैंने भी अपनी बहन की मदद कर दी.
वह प्रजनन के विषय को लेकर काफी गंभीर थी और हर बात को गहराई से समझने की चेष्टा कर रही थी.
वह हर एक बात को कुछ ज़्यादा ही कुरेद कुरेद कर पूछ रही थी.
उसके सवालों में प्रजनन अंगों के लिए विशेष स्थान था.
वह पूछ रही थी कि जैसे लिंग सिर्फ़ लड़कों के पास ही क्यों होता है अथवा योनि व स्तन सिर्फ लड़कियों को ही क्यों प्रदत्त है?
अब उसके ऐसे वाहियात सवालों से मेरी खोपड़ी चटक गई और मैं उससे ऐसे सवाल पूछने पर नाराज़ हो गया.
मैंने उससे कह दिया- तुम गंदी बातें कर रही हो?
वह चुप हो गई और मैं उसके पास से उठ कर चला गया.
उस दिन स्कूल से छुट्टी के समय भी मैंने उसको अपने साथ नहीं लिया.
मैं अकेला ही घर चला गया.
अगले दिन सुनयना ने मुझसे सॉरी कहा.
उसने बताया- मुझको नहीं पता था कि ये बात तुमको गंदी लगेंगी. अगर मुझको पता होता, तो मैं तुमसे ये विषय कभी भी समझाने को नहीं बोलती.
मैं चुप रहा और उससे कुछ नहीं कहा.
फिर ऐसे ही दिन निकलते गए.
रक्षा बंधन पर वह मुझे राखी बाँधने मेरे घर आई.
उस वक्त मैं घर पर अकेला था.
मैंने राखी बन्धवा कर उसको शगुन दिया.
फिर मैं चाय बना कर लाया।
हम दोनों चाय पीने लगे और बातें करने लगे.
उसने मुझसे पूछा- क्या तुमने कभी किसी लड़की को नंगी देखा है?
मैंने जवाब दे दिया.
फिर मैंने भी उससे यही सवाल पूछा तो उसने बताया- हां, मेरी बहन सुप्रिया मुझसे एक साल छोटी है. हम दोनों एक साथ ही पली बढ़ी हैं, तो हम दोनों एक दूसरे के सामने नंगी भी हो जाती हैं और एक साथ नहा भी लेती हैं. हम दोनों एक दूसरे से अपने सभी कपड़े भी साझा करती हैं. लेकिन सुप्रिया के वक्ष थोड़े बड़े हो गए हैं, इसलिए अब मुझे सुप्रिया के कपड़े नहीं आते हैं.
मैं सुनयना की बात को ध्यान से सुन रहा था.
फिर सुनयना आगे बोली- मैं तुम्हें नंगा देखना चाहती हूँ!
मैंने मना कर दिया- नहीं, हम दोनों भाई बहन के रिश्ते में बंध चुके हैं और ये सब ग़लत है!
वह बोली- मैं सिर्फ पढ़ाई के नजरिए से तुम्हें नंगा देखना चाहती हूँ.
लेकिन मैं फिर भी नहीं माना.
इस पर उसने अपने टॉप को ऊपर कर दिया और अपनी ब्रा को उतार कर मेरे सामने ऊपर से पूरी नंगी हो गई.
अब उसने मुझे भी नंगा होने पर मजबूर कर दिया.
उस दिन हमने एक दूसरे को पूरा नंगा करके तसल्ली से देखा लेकिन कुछ ग़लत इरादे से नहीं, सिर्फ़ शिक्षा की दृष्टि से देखा था.
फिर उसी दिन हमने कसम भी खाई कि हम दुबारा ऐसा काम कभी नहीं करेंगे.
अब हम दोनों भाई बहन की तरह ऐसे ही अपनी रोजमर्रा का जीवन जीने लगे.
हम दोनों कभी भी अपने दिमाग़ में कुछ नहीं लाते थे और जो उस दिन हमने ग़लती की थी, उसे भी हम दोनों ने भुला दिया था.
फिर ऐसे ही करके जनवरी में हमारे स्कूल का स्पोर्ट्स डे आ गया.
उस दिन सुनयना पहले तो किसी नाटक में हिस्सा लेने के कारण यूनिफॉर्म में आई थी.
वह शर्ट और स्कर्ट पहन कर आई थी.
उसके बाद उसने यूनिफॉर्म निकाल कर एक पजामा और टी-शर्ट पहन ली थी.
उसने अपनी यूनिफॉर्म अपने बैग में रख दी थी.
वह अपने पार्ट को करने के लिए चली गई.
अब हुआ ऐसे कि प्रवीण ने सुनयना को यूनिफॉर्म बैग में रखते हुए देख लिया था.
प्रवीण ने सुनयना के ग्राउंड जाने के बाद उसके बैग को उठाया और एक कोने में ले गया.
उसने बैग में से उसकी यूनिफॉर्म निकाली और सूंघने लगा.
कुछ देर बाद वह उसकी यूनिफॉर्म में से उसकी शर्ट को अपने पैंट के अन्दर डाल कर उसे अपने लौड़े से रगड़ने लगा.
मैं दूर से वो सब देख रहा था.
कुछ ही देर में उसने अपने पैंट में से अपना लंड बाहर निकाला और सुनयना की शर्ट को लौड़े पर लगा कर मुठ मारने लगा.
मुझे उसे ऐसा करते देख कर उत्तेजना होने लगी.
कुछ ही समय में प्रवीण सुनयना की शर्ट में झड़ गया और उसने उसी से अपने लंड को पौंछ कर साफ किया.
फिर वह उसकी शर्ट की फ़ोटो खींचने लगा.
जब मैंने ये देखा तो उसे दूर से ही आवाज लगाई- प्रवीण ये क्या कर रहा है तू?
वह मेरी आवाज सुनकर उधर से भाग गया.
मैंने करीब आकर सुनयना का बैग उठा लिया.
फिर जब मैं उसके बैग में उसकी शर्ट को वापस रख रहा था तो हमारी ही क्लास की एक लड़की ने मुझे बैग में शर्ट रखते हुए देख लिया था.
उसने सुनयना को मेरे खिलाफ भड़का दिया.
सुनयना अपना एक्ट खत्म करके वापस अपने बैग की तरफ आई और उसने अपने बैग को खोल कर देखा तो उसमें से उसे अपनी खराब हुई शर्ट दिखाई दी.
उसने मुझे फोन करके बुलाया और उस बात को लेकर सुनयना मुझसे बहुत नाराज़ हो गई थी.
उसे लगा था कि मैंने उसकी शर्ट में मुठ मार कर उसे खराब किया था.
वह मुझ पर लगातार चिल्लाए जा रही थी.
यह तो गनीमत यह थी कि उस वक्त तक सब लोग स्कूल से जा चुके थे और उधर एक कोने में एकदम एकांत था.
तो मेरी इज्जत का फ़ालूदा नहीं हो पाया था.
मैंने उसे बहुत समझने की कोशिश की लेकिन वह समझ ही नहीं रही थी.
पहले मैंने उसे ये नहीं बताया था कि ये सब किसने किया.
क्योंकि अगर मैं उसे ये बता देता कि प्रवीण ने मुठ मारकर तुम्हारी शर्ट खराब की है तो वह शायद ये कहने लगती कि तुम कैसे भाई हो. अपनी बहन की शर्ट को खराब होता देखते रहे और तुमने प्रवीण को रोका क्यों नहीं.
फिर जब सुनयना का बड़बड़ाना बंद नहीं हुआ तो मैंने उसे सब कुछ बता दिया.
बताने से वही हुआ, जो मैं सोच रहा था.
उसने मुझसे कहा कि तो तुमने उसे रोका क्यों नहीं?
अब मैं क्या कहता कि मुझे उस वक्त तुम्हारी शर्ट को देख कर सेक्स चढ़ रहा था.
मैं चुप रहा.
फिर जब वह ज़्यादा ही गुस्सा हो गई तो मुझसे चिपक कर रोने लगी- तुमने मेरी यूनिफॉर्म के साथ क्यों कुछ ग़लत करने से रोकने की कोशिश नहीं की?
मैंने उसे बहुत समझाया.
मगर वो नहीं मान रही थी.
लेकिन एक अलग सी बात ये हुई कि वह ऐसे रोते हुए ही मुझसे खूब देर तक चिपकी रही.
फिर अचानक से वह मुझे किस करने लगी.
उसकी चुम्मियों से मैं भी गर्मा गया और मैं भी उसे चूमने लगा.
एकांत जगह थी और स्कूल भी खाली हो चुका था.
इसी चूमाचाटी में कब हमारे कपड़े खुल गए कुछ अहसास ही नहीं रहा.
अगले दस मिनट में वह मेरे मुँह में अपने एक दूध को दे रही थी और मैं उसके दूध को चूस रहा था.
सच में बड़ा ही गर्म लग रहा था.
नीचे मेरा लंड एकदम सख्त हो गया था और सुनयना ने मेरे लंड को पकड़ लिया था.
जल्द ही वह मेरे लंड को चूसने लगी और हम दोनों चुदाई की पोजीशन में आ गए।
मैंने उसकी टांगें फैला दीं और लंड के सुपारे को सुनयना की चूत में फंसा दिया.
वह भी चुदने मचल रही थी तो मैंने लंड अन्दर पेल दिया.
उसे दर्द हुआ और उसकी चीख पुकार निकलने लगी.
मैं लंड निकालने को हुआ तो उसने मुझे रोक दिया और कुछ ही समय बाद उसका दर्द जाता रहा.
हम दोनों को चुदाई का मजा मिलने लगा.
और अगले कुछ मिनट में ही मैंने अपने लंड का पानी उसकी चूत से बाहर निकाल दिया.
इस तरह उस दिन हॉट स्कूल गर्ल पोर्न के बाद हमारा शारीरिक संबंध बन गया.
हम दोनों उस दिन सेक्स करने के बाद एक दूसरे को देख कर बहुत शर्मिंदा हो गए थे.
फिर हम दोनों ने बात करना भी छोड़ दिया था.
ऐसे ही हमने अपनी बारहवीं के इम्तिहान दिए.
किस्मत कुछ ऐसी रही कि मैं बारहवीं में पास हो गया लेकिन सुनयना की एक सब्जेक्ट में सप्लीमेंट्री आ गई.
मैं कॉलेज में अपनी आगे की पढ़ाई करने चला गया और हॉस्टल में रहने लगा.
लेकिन वह बेचारी अपनी सप्लीमेंट्री को खत्म करने की कोशिश में लग गई.
वापस जब फिर से रक्षा बंधन आया तो हम दोनों उस दिन बहुत रोए … लेकिन हम एक दूसरे से नहीं मिले.
फिर समय का पहिया घूमा और हम दोनों एक दिन कॉलेज में मिल गए.
उसने भी मेरे कॉलेज में ही दाखिला ले लिया था.
जब हम मिले तो एक दूसरे को गले लगा कर बहुत रोए.
हमने अपनी पुरानी गलतियों को भूलने का वायदा किया और मैं फिर से उसके घर आने जाने लगा.
ऐसा ही करते करते 2019 में उसकी शादी हो गई.
मैं उसकी शादी पर खूब खुश हुआ.
सुनयना के पति यानि मेरे जीजू आर्मी में हैं और उनकी पोस्टिंग लद्दाख में है. सुनयना भी उनके साथ ही रहती है.
शादी के बाद सुनयना मेरे ज़्यादा टच में नहीं रही.
अभी थोड़े दिन पहले सुनयना मुझसे मिली थी तो मुझसे गले लग कर रोने लगी.
मैंने उससे पूछा- तेरी गोद क्यों नहीं भरी?
वह बोली- भाई, तेरे जीजू ज़्यादा टाइम तक नहीं टिक पाते हैं और एक बार मैं प्रेग्नेंट हुई भी थी, लेकिन 3 महीने बाद मेरा मिसकैरिज (गर्भपात) हो गया था. उसके बाद दुबारा कभी खुशी ही नहीं मिली.
अब सुनयना चाहती थी कि उसको वह खुशी मैं दे दूँ.
क्योंकि उसकी सास उसकी खूब परेशान कर रही थी कि जल्दी बच्चा चाहिए.
मैं अब दुबारा अपनी प्यारी बहन के साथ ये ग़लत काम नहीं करना चाहता हूँ.
मैंने अपनी ये हॉट स्कूल गर्ल पोर्न कहानी आपके सामने रख दी है, अब आप लोग अपनी राय दें कि मैं अपना भाई का धर्म कैसे निभाऊं!
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लेखक की पिछली कहानी थी: मुँहबोली बहन को दिया सेक्स का पूरा मजा