हॉट सिस्टर डिफ्लोरेशन सेक्स का मजा मैंने लिया अपने मामा की बेटी के साथ. वह बहुत सेक्सी है और मेरे साथ खुली हुई थी. तो मैंने उसे सेट करके चोद दिया. वो कुंवारी थी.
दोस्तो, यह मेरी पहली कहानी है इसलिए लिखने में कुछ गलती हो सकती है.
प्लीज नजरअंदाज कर माफ करना.
यह हॉट सिस्टर डिफ्लोरेशन सेक्स कहानी आज से तकरीबन 4 साल पुरानी है.
इसमें मैंने अपने और मामा की लड़की के बीच हुए प्रसंग को लिखा है.
मेरा नाम भव्य है. मेरी उम्र 29 साल है. मैं अहमदाबाद से हूं.
मेरी हाइट 6 फुट है.
मेरे लंड की साइज 15 सेमी है, यह एक भारतीय पुरुष के लंड की औसत साइज़ है.
मेरी मामा की लड़की का नाम प्रिया है. वह उम्र में मुझसे छह साल छोटी है. उसकी उम्र 23 साल है.
दिखने में वह एकदम कड़क माल है.
उसका फिगर साइज 30-28-32 का है.
उसके आगे पीछे बहुत सारे लड़के घूमते हैं.
मैं और प्रिया अक्सर व्हाट्सएप पर बातें करते रहते हैं.
हम दोनों अक्सर छुट्टियों में मिलते थे और बहुत सारी बातें करते थे, साथ में घूमने भी जाते थे.
हमारी बातें सबसे ज्यादा व्हाट्सएप पर ही होती थीं.
एक दिन मैंने स्टेटस में अपनी फोटो डाली तो उसने मुझे किस वाला सिंबल भेजा.
मैंने उससे पूछा- इस इमोजी का मैं क्या करूं, अगर चुम्मी देनी ही है, तो रियल में दे.
उसने उसी टाइम बोल दिया- अगर रियल में चाहिए, तो इधर आना पड़ेगा.
मैंने कहा- एक चुम्मी के लिए इतनी कसरत करवाओगी?
वह हंस कर बोली- वो तो करना ही पड़ता है.
मैंने कहा- अच्छा कोई गारंटी दे कि उधर आऊंगा तो तू चुम्मी देगी?
उसने बात को हंसी में टाल दिया.
मैं भी समझ गया कि अभी ज्यादा नहीं खुलना चाहती है लेकिन इसके मन में कुछ तो है.
हमारे बीच ऐसी बातें होती रहती थीं.
मगर मैं हर बार उसे चुम्मी वाली बात याद करता रहता था.
वह भी हंस कर बात को गोल गोल घुमाती रहती थी.
एक दिन मुझे मामा के घर जाना था.
उसके एक दिन पहले मैंने उससे चैट में चुम्मी वाली बात याद दिलाई.
उसने बड़ी निडरता से बोला- हां, तू कल तो इधर आ ही रहा है तो इधर आकर ही कर लेना … मैंने कब मना किया!
उसकी इस बात से मैं चौंक गया कि आज ये तो एकदम तैयार है.
मैंने उससे कहा- घर पर नहीं कर सकते, कहीं बाहर चलेंगे.
वह बोली- क्यों घर में क्या दिक्कत है. इधर तो और ज्यादा ठीक रहेगा.
मैंने जिद की- नहीं बाहर ही चलेंगे.
फिर उसी ने प्लान बनाया कि शाम को गार्डन में चलेंगे.
दूसरे दिन मैं उसके पास पहुंच गया.
फिर जब शाम होने आई तो प्रिया मेरे पास आई और बोली- चलो भैया, गार्डन घूम कर आते हैं.
मैंने हां बोला और हम दोनों निकल पड़े.
हम वहां गए और बैठ कर इधर उधर की बातें करने लगे.
उधर काफी सारे लोग थे तो मैं उसकी चुम्मी ले ही नहीं सका.
फिर हम दोनों घर वापस आ गए.
मेरे मन में ये था कि वह शायद मजाक कर रही है.
घर आकर हम दोनों अलग अलग हो गए और वापस व्हाट्सएप पर बातें करने लगे.
मैंने व्हाट्सएप पर उससे कहा- तुमने मुझे किस नहीं दिया!
तो उसने बोला- रोका किसने था. तुम ही फ़ट्टू निकले तो मैं क्या करूँ?
इतना कह कर वह हंसने लगी.
मैं समझ गया कि अब जल्द ही इसका काम उठाना पड़ेगा.
उस रात में हम दोनों ने ढेर सारी बातें की और सो गए.
जब सुबह उठे तो घर के सारे बड़े लोग अपने काम में व्यस्त हो गए थे.
मेरे मामा की लड़की प्रिया कपड़े धो रही थी और मैं कमरे में टीवी देख रहा था.
उस वक्त हम दोनों के अलावा घर में और कोई नहीं था.
वह काम खत्म करके जैसे ही आई, मैंने उसको पकड़ लिया और लिपकिस कर दिया.
उसने मेरी बांहों में मचलते हुए कहा- अभी कोई आ जाएगा और देख लेगा.
यह कह कर वह मुझसे छूट कर भागने लगी.
मैंने उसे वापस पकड़ा और कहा- घर में हमारे सिवा और कोई नहीं है. कोई नहीं देखेगा.
वह मेरी पकड़ से बचना चाह रही थी लेकिन मैंने उसको पीछे से पकड़ा और किस करने लगा.
लेकिन वह डर रही थी कि घर में कोई आ ना जाए.
इसीलिए वह मेरी पकड़ से छूट गई और कमरे से भागकर बाहर चली गई.
वह अपना काम करने लगी.
दोपहर को हमारी फिर से व्हाट्सएप पर बात होने लगी.
मैंने उसको पूछा- कैसा लगा?
वह बोली- बड़े बदमाश हो.
मैंने कहा- हां तेरे लिए तो हूँ … और के लिए पता नहीं.
वह बोली- मुझे मालूम है कि और के लिए कैसे हो?
मैंने कहा- बता … कैसा हूँ?
वह हंसने वाला इमोजी भेज कर बोली- फट्टू!
मैंने कहा- काहे का फट्टू … तेरी फट रही थी. तू ही तो छूट कर भाग गई थी?
वह हंसने लगी और बोली- हां यार, कोई आ जाता तो मेरी तो दुग्गी पिट जाती.
मैंने कहा- चल वो सब छोड़ और ये बात कि चुंबन कैसा लगा?
वह बोली- बहुत अच्छा लगा, सच में.
मैंने कहा- अच्छा लगा तो आ जा न वापस चुम्मी चुम्मी खेलते हैं.
वह बोली- देखूँगी … अभी तो घर में सब हैं.
मैंने कहा- इस बार चुम्मी चुम्मी के अलावा कुछ और भी मजा दूंगा.
वह इठला कर बोली- और क्या मजा दोगे?
मैंने कहा- गेंद बल्ला खेलेंगे.
वह बोली- गेंद तो समझ गई पर बल्ला से तुम्हारा क्या मतलब है मिस्टर?
मैंने कहा- ले … गेंद समझ गई और बल्ला नहीं समझी.
वह हंस पड़ी.
इसी तरह से हमारी सेक्सी सेक्सी बातें होती रहीं.
फिर जब भी मौका मिलता था तो एक दूसरे को किस कर लेते थे.
मैं उसकी चूचियां दबा देता था या उसकी गांड पर चमाट मार देता था.
वह मुस्कुराती और झूठे गुस्से से इतराती हुई अलग हो जाती.
ऐसे ही हमारे दिन कट रहे थे.
एक दिन मैंने उससे कहा- मुझे तुम्हारी चूत पर किस करनी है.
वह मना करने लगी.
मैंने कहा- आ जा मेरी छम्मक छल्लो, तेरी लेने का मन हो रहा है.
वह आंखें फैला कर हाआ करके बोली- तू मेरी लेने की बात कर रहा है!
मैंने कहा- अबे चुम्मी लेने की बात कर रहा हूँ. तू चुम्मी तो दे नहीं रही है और वो देने के लिए हाआ कर रही है.
वो हंस दी.
उसकी हंसी से समझ में आ गया कि मन तो इसका भी कर रहा है.
उस समय घर पर कोई नहीं था.
तब मैंने उसको बुलाया.
और जैसे ही वह मेरे करीब आई, मैंने उसे पकड़ा और किस करने लगा, साथ ही उसकी चूत पर हाथ रख कर सहला दिया.
वह एकदम से चिहुंक गई और मुझसे अलग होने की कोशिश करने लगी.
मगर मैंने उसे नहीं छोड़ा और उसकी स्कर्ट उठा कर पैंटी को निकाल दिया.
ये सब कुछ इतनी तेजी से हुआ था और साथ ही उसका कमजोर होता जाना भी सहयोग कर रहा था.
मैंने उसके नंगी होते ही उसे लिटा दिया और अपने होंठ उसकी चूत पर रख दिए.
वह सिहर उठी और उसकी आग भड़क गई.
फिर वह अलग हो गई.
अब हम दोनों एक दूसरे को चोदने के लिए तड़प रहे थे और रात का इंतजार कर रहे थे.
मैं रात को छत पर सोता हूं और बाकी सब लोगों नीचे सोते हैं.
वह रात को बात करने के बहाने से मेरे साथ ऊपर आ गई और हम दोनों एक दूसरे किस करने लगे.
हमें घर वालों का भी डर था कि कोई ऊपर ना आ जाए.
वह पानी के बहाने नीचे गई और देखा कि सब सो गए या नहीं.
सब सो गए थे.
वह पक्का करके ऊपर आ गई और बोली- भैया, सब सो गए हैं. तुमने मेरे साथ सुबह ऐसा क्यों किया था?
वह खुद ही चुदाई की बात करने लगी थी.
मैंने उसकी चुदास को समझते हुए कहा- अभी तो आधा काम हुआ है, आधा काम तो अभी बाकी ही है.
वह बोली- कैसा काम बाकी है?
मैंने उसको पकड़ कर अपनी बांहों में ले लिया और चूमने लगा.
वह भी साथ दे रही थी.
फिर मैंने उसका स्कर्ट उठा दिया और पैंटी निकाल कर वापस चूत चूमने लगा.
इस समय वह चुदने के मूड में थी तो चूत चुमवाते समय मदहोश हो रही थी.
साथ ही वह मेरे सर को अपनी चूत पर दबा रही थी.
मैंने अपना शॉर्ट्स निकाला और उसके ऊपर चढ़ गया.
उसने भी टांगें फैला दीं.
मैंने उसकी चूत पर लौड़ा टिका दिया और लंड के सुपारे से चूत की फांकों को सहलाने लगा,
उसने अपनी आंखें बंद कर ली थीं और कामुक सिसकारियां ले रही थी.
मैंने देर ना करते हुए लंड उसकी चूत में डाल दिया.
उसकी चीख निकल गई.
मैंने झट से उसका मुँह दबा दिया और शांत कर दिया.
उसकी आंखों में से आंसू आ रहे थे.
वह दर्द भरी आवाज में बोले जा रही थी- नहीं भाई, छोड़ दो, बहुत दर्द हो रहा है.
उस समय मैं अगर उसको छोड़ देता, तो शायद वह दुबारा कभी नहीं करने देती.
मैं उसके ऊपर वैसे ही लेटा रहा जब तक वह नॉर्मल नहीं हुई.
फिर मैं धीरे धीरे आगे पीछे होने लगा.
अब उसे भी मजा आने लगा.
वह बोली- भाई सच में मजा आ रहा है … और जोर से करो … आह.
हम दोनों की चुदाई 15-20 मिनट तक चली.
उस दौरान वह दो बार झड़ चुकी थी लेकिन मेरा एक भी बार नहीं हुआ था.
उसका पहली बार था वहीं मैं पुराना खिलाड़ी था.
हॉट सिस्टर डिफ्लोरेशन सेक्स से अब थक चुकी थी व और ज्यादा करने से मना कर रही थी.
वह कह रही थी- अब कल करेंगे, अभी बहुत दर्द हो रहा है.
मैंने उससे कहा- मेरा अभी तक हुआ नहीं है.
उसने मेरा लंड पकड़ लिया और जोर जोर से हिलाने लगी.
उसने मेरा लंड हिलाया और जो माल गिरा वह अपनी हथेली में लेकर चाट लिया.
मैंने कहा- सीधा लौड़े को ही मुँह में ले ना!
तो वह मना करने लगी और बोली- इस पर खून लगा है.
मैंने मोबाइल की टार्च जला कर देखा, तो उसकी चूत से खून निकला हुआ था और लौड़े के मुँह पर लगा था.
तब मैंने उसकी पैंटी से खून को साफ किया और उसकी तरफ देखा.
उसको उठने में दिक्कत हो रही थी.
मैंने उसे उठाया और नीचे तक छोड़ आया.
वह भी अपनी खटिया पर जाकर सो गई.
जब सुबह उठी तो उसको चलने में दिक्कत हो रही थी.
मामी के उससे पूछा- क्या हुआ?
उसने कहा- रात को वाशरूम में गिर गई थी.
मामी ने कुछ नहीं कहा और उसे दर्द की गोली दे दी.
उसके बाद हमारी रंगरेलियां चलने लगीं.
अब तो वह खुद ही अपनी चूत उठा कर मेरे लौड़े के सामने आ जाती है और मैं भी बिना देरी किए उसकी चूत चोद देता हूँ.
मैंने उसके साथ हर पोजीशन में सेक्स किया है.
वह आज मेरी पर्सनल रण्डी बन गई है.
उसको मेरा लंड इतना अच्छा लगता है कि उसने आज तक कोई बॉयफ्रेंड नहीं बनाया है.
अब हमारा जब भी मन होता है, हम दोनों एक दूसरे के घर चले आते हैं और पूरा मजा लेते हैं.
आपको ये हॉट सिस्टर डिफ्लोरेशन सेक्स कहानी कैसी लगी, मेल करके जरूर बताना.
मेरी मेल आईडी है
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