मां के बाद बेटी की सीलतोड़ चूत चुदाई- 3

मां के बाद बेटी की सीलतोड़ चूत चुदाई- 3


सेक्सी लड़की की पहली चुदाई का मजा उसने मुझे होटल के कमरे में बुला कर दिया. वो सेक्स का मजा लेने के लिए बेचैन थी. मैंने भी उसे खुश कर दिया.
हैलो फ्रेंड्स, मैं विकी विन एक बार फिर से आपको अपनी सेक्स कहानी में आगे ले जाने के लिए ले आया हूँ.
कहानी के दूसरे भाग
कुंवारी लड़की की सेक्स की आतुरता
में अब तक आपने पढ़ा था कि रेशमा आंटी की लड़की ऋतु मेरे साथ सेक्स में मदहोश होने लगी थी और हम दोनों इस वक्त चूमाचाटी कर रहे थे.
मुझे लगने लगा था कि ऋतु की बुर पूरी गीली हो चुकी है.
अब आगे सेक्सी लड़की की पहली चुदाई का मजा:
ऋतु के साथ थोड़ी देर चुंबन करने के बाद हम दोनों रुक गए.
वो बोली- मेरी चूत में बहुत उत्तेजना महसूस हो रही है.
दोस्तो, जब लौंडिया खुद चुदने को मचलने लगी हो, तो देर करने से कोई फायदा नहीं होने वाला था.
मैंने उसके ऊपर के कपड़े को निकाला और उसके दोनों मम्मों को दबाने लगा.
ऋतु आनन्द में मादक सिसकारियां अपने मुँह से निकाल रही थी और बोल रही थी- प्लीज फक मी नाउ … अब लेट मत करो.

मुझे ये पता था कि यह उसका पहली बार है, इसलिए मुझे बड़ी सावधानी से उसे चोदना था. मैं कोई जल्दबाजी नहीं करना चाहता था.
थोड़ी देर तक उसके दोनों चूचों पर चुंबन करने, चूसने और दबाने के बाद मैं उसके मम्मों पर स्वीट बाइट भी कर रहा था … इससे वह और ज्यादा हॉट होती जा रही थी.
उसने मेरे मुँह में अपने दोनों दूध बारी बारी से देने शुरू कर दिए. मैं भी उस कमसिन कली के ठोस चूचों को चूस कर मजा ले रहा था. एक दूध को चूसता तो दूसरे को मसलता और दूसरे को चूसता तो पहले को मसलने लगता.
कुछ देर बाद मैं उसके नीचे के कपड़ों को निकालने लगा.
मैंने उसकी जींस के बटन को खोला और खुली जगह पर एक चुंबन कर दिया.
वो एकदम से सिहर गई. मैं चुंबन के साथ स्वीट बाइक भी करते जा रहा था.
वह तो जैसे पागल हुई जा रही थी. उसने मेरे सर को वहीं पर दबा दिया.
मैं उसकी उत्तेजना को समझ रहा था. मैं यह भी चाह रहा था कि ऋतु इस पल का पूरी तरह से आनन्द ले.
जबकि ऋतु को इस वक्त हड़बड़ी करने की सूझ रही थी.
मुझे मालूम था कि उसे किस तरह से चुदाई का मजा देना है, इसलिए मैं पूरी तरह से सावधानी बरत रहा था.
उसकी ये पहली चुदाई थी तो मैं काफी संयत होकर उसे मजा दे रहा था.
जैसे-जैसे मैं उसकी जींस को नीचे करता और आसपास चुंबन की बौछार करता.
वो मचल उठती और मुझे अपनी तरफ खींचने लगती.
मैं उसे चूमने के साथ साथ लव बाईट भी दे देता.
मेरे इस काम से वो हद से ज्यादा उत्तेजित हो जाती और मेरे सर को उसी जगह पर दबाने लगती, जहां मैं उसे लव बाईट देता.
कुछ देर के बाद वह बोली- जल्दी करो न यार … तुम बहुत बेरहम हो. इतना बेरहम भी कोई होता है क्या!
मैंने कहा- तुम बस इस पल का आनन्द लो. यह वक्त बीतने के बाद जिंदगी भर तुमको इस बात का अहसास रहेगा कि यह पल पहले सेक्स में कितना आनन्ददायक होता है.
वो चुप हो गई और बस मादक आहें और कराहें भरती रही.
मैं उसकी जींस के साथ उसकी पैंटी को भी हटाने लगा और उसकी पैंटी के ऊपरी भाग को किस करने लगा.
मैंने जैसे ही उसकी पैंटी को हाथ लगाया, तो देखा कि उसकी पैंटी पूरी तरह गीली हो चुकी थी.
मुझे पैंटी का गीलापन देख कर मालूम हो गया था कि यह कई बार झड़ चुकी है.
उसके बाद जैसे ही मैंने उसके नीचे के कपड़ों को पूरी तरह से हटाया तो देखा कि उसकी चूत पूर्णरूपेण साफ थी. उसकी बुर गुलाबी थी और ऊपर की ओर पकौड़े सी उभरी हुई थी.
उसकी इस फूली हुई और पकौड़ी सी बुर को देख कर मुझे भी उत्तेजना चढ़ने लगी. मैं बहुत ज्यादा कामुक हो गया था, लेकिन मैं खुद पर संयम रखकर उसकी चुदाई के काम को आगे बढ़ा रहा था.
उसके बाद मैंने उसकी बुर को थोड़ा सा फैला कर देखना चाहा, लेकिन वह अपने दोनों पैरों को और ज्यादा सटा रही थी.
मैंने ऊपर की ओर देखा, तो ऋतु की आंखें बंद थीं और चेहरे पर शर्मीलेपन का भाव था.
तो मैंने हौले से कहा- अपने पैरों को ढीला छोड़ो.
वह आंखें बंद किए हुए ही बोली- मुझे शर्म आ रही है.
मैंने कहा- शर्माओ नहीं ऋतु.
इतना कह कर मैंने उसके बंद पड़े पैरों के बीच में ही ऊपर से एक जोर से चुंबन दे दिया.
इस बार उसका पूरा शरीर शिथिल पड़ गया और उसकी दोनों पैरों पर पकड़ ढीली हो गई.
मैंने उसकी बुर के उभरे हुए भाग को बड़े गौर से देखा और बुर पर अंगूठा लगा दिया.
उसने तुरंत मेरे हाथ को रोक दिया.
मैं उसकी आंखों में देखना तो चाहता था, लेकिन उसकी आंखें बंद थीं.
फिर मैंने उसकी बुर के दाने को अपने मुँह में ले लिया और उसकी अनछुई बुर का पहला गीलापन महसूस किया.
बड़ी मस्त महक आ रही थी तो मैं उसकी बुर पर अपनी नाक लगा कर उसकी सुगंध लेने की कोशिश करने लगा.
उसने अपनी बुर पर हाथ रख कर मुझे आगे बढ़ने से रोका.
मैंने तब भी उस गंध को सूंघा, सच में बहुत ही मादक सुगंध थी, ये मेरे लिए भी एक अलग अहसास था.
कुछ पल बाद मैंने उसके हाथ को हटाया और अपनी जीभ को उसकी बुर की दोनों फांकों के बीच ले जाकर गीलेपन को एक बार फिर से महसूस किया.
मेरी जीभ में बुर के रस का स्वाद लग गया. आह … मुझे उस कुंवारी बुर के रस का स्वाद बहुत ही मस्त लगा.
फिर जैसे ही मैंने अपनी जीभ को उसकी फांकों में लगाया, वह अपने पैरों को फिर से सिकोड़ने लगी और मुझे रोकने लगी.
वो कहने लगी- प्लीज़, अब मेरी चुदाई करो वरना मैं मर जाऊंगी.
मैंने उसे ढांढस बंधाते हुए कहा- बस थोड़ी देर और रुक जाओ … मैं किसी वजह से ही तुम्हें रोक रहा हूँ.
चूँकि ये उसके लिए सब कुछ पहली बार था, इसलिए वो चुप हो गई.
अब मैं जैसे ही अपने होंठों को उसकी बुर पर सटाता, वह अपने बुर को ऊपर करने लगती और मेरे हाथ से उसने अपने हाथ को छुड़ा कर मेरे सर पर लगा दिया. वो मेरे सर पर दबाव देने लगी.
उसे मेरी जीभ से अपनी बुर चटवाने में मजा आने लगा था. इस वक्त उसके मुँह से जोर जोर से आन्हें निकलने लगी थीं.
कुछ देर बाद ऋतु तड़फती हुई कहने लगी- आंह प्लीज़ रुक जाओ … आंह अब और नहीं.
उसकी आंखें बंद थीं लेकिन उसका हाथ मेरे सर को दबाए जा रहा था.
वह पागलपन की हद को पार किए जा रही थी. वो मुझे रोक भी रही थी और हटने भी नहीं देना चाहती थी.
मैं भी धीरे-धीरे उसकी बुर को अपनी जीभ से चाट रहा था.
मुश्किल से 2 मिनट बुर चाटने के बाद ही उसका फिर से पानी का फव्वारा छूट गया.
इस बार मेरा मुँह उसकी बुर पर जमा था, तो मैंने उसकी बुर के रस को पूरा चाट लिया. वह एक पल बाद एकदम से निढाल पड़ गई.
उसे देख कर ऐसा लग रहा था मानो उसके शरीर में कोई जान ही ना बची हो.
मैं उसकी बुर को अभी चाट रहा था. मैंने अपना एक हाथ ले जाकर उसकी चूची पर रख दिया और उसको दबाने लगा.
थोड़ी देर तक बुर चाटने के बाद उसके शरीर में फिर से जान आने लगी और उसके मुँह से फिर से धीरे-धीरे आनन्द भरी सिसकारियां निकालने लगीं.
उसकी आवाजें धीरे-धीरे तेज होने लगीं.
मैं उसकी बुर को जोर जोर से चाटे जा रहा था. इससे ऋतु जल्द ही दोबारा से गर्म हो गई थी.
अब वह कह रही थी- अब ये तो हो गया … और कितनी देर वहीं पर लगे रहोगे.
मैं धीरे-धीरे उसे चाटता चूमता हुआ ऊपर आ गया.
इस बीच मैं भी अपने सारे कपड़े निकाल चुका था. मेरा लंड भी पूरा टाइट था.
मैंने उसकी आंखों में देखा और एक चुम्बन उसके होंठों पर रख दिया.
मैंने उससे आंखों के इशारे से पूछा- क्या मेरे लंड को चूसना चाहोगी?
उसने मुझसे पूछा- कैसा लगता है?
मैंने कहा- चख कर देखो … धीरे-धीरे शुरुआत करो.
उसने एकदम से मन बदलते हुए कहा- अभी नहीं … अभी तुम मेरी चुदाई करो. हम लोगों के पास अभी बहुत वक्त है, बाद में देखूंगी.
मैंने भी ज्यादा जोर देना उचित नहीं समझा, मैंने उसकी बुर को फिर से छुआ और फांकों को अलग करते हुए हटाया, तो उसकी बुर एकदम टाइट थी.
मुझे ये मालूम था कि नई मशीन के साथ कैसे पेश आना चाहिए. इसलिए मैं अपने साथ में एक जैल लेकर आया था. मैंने जैल निकाल कर थोड़ा अपने लंड पर लगाया और थोड़ा उसकी बुर की फांकों में उंगली डालकर अन्दर तक लगाया.
वो अपनी बुर में जैल लगवाती हुई बड़ी मदहोश निगाहों से मुझे देख रही थी.
उसकी आंखों में मुझे अपने लिए प्यार नजर आ रहा था … मानो कह रही हो कि तुम मेरा कितना ख्याल रख रहे हो.
उसके बाद मैंने अपने लंड को उसकी सीलपैक बुर पर रखा और रगड़ने लगा. जैसे ही मैंने अपने लंड के सुपारे को उसकी बुर की फांकों में फंसाया, वह और ज्यादा उत्तेजित होकर ज्यादा मादक आवाज निकालने लगी.
होटल का ये रूम बहुत बड़ा था और साउंडप्रूफ था तो आवाज बाहर जाने की संभावना नहीं थी. ऊपर से टीवी भी तेज आवाज में चल रही थी.
मैं माहौल से पूरी तरह से संतुष्ट था क्योंकि इसकी बुर फटने पर जो आवाज आने वाली थी … उससे कबाड़ा होने का डर नहीं था.
उसके बाद मैं लंड को और तेज तेज रगड़ने लगा.
लंड बुर पर घिसने के साथ ही मैंने उसके एक बूब को अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगा.
उसकी उत्तेजना चरम पर आ गई थी और वो नीचे से अपनी गांड उठा कर लंड से लड़ने लगी थी.
फिर मैंने उससे पूछा- ये तुम्हारा पहली बार है … पहली बार मैं थोड़ा सा ब्लड भी निकलेगा और दर्द भी होगा. इस दर्द को तुम्हें सहना पड़ेगा, उसके बाद आनन्द ही आनन्द होगा.
मैंने उसके चेहरे पर देखा, तो थोड़ी सी घबराहट दिख रही मगर नजरों में एक छिपी हुई खुशी भी थी.
उसने आंखों से मुझे लंड पेलने की सहमति दे दी.
मैंने अपने लंड को उसकी बुर की दरार में फंसा दिया और झुक कर उसे होंठों पर किस करने लगा.
वो भी मेरे लंड को महसूस करती हुई मेरे किस में डूबने लगी.
उसी बीच मैंने एक हल्का सा धक्का बुर में दे दिया.
इस धक्के से मेरा थोड़ा सा लंड घुस गया.
वह तो जैसे दर्द के मारे मर गई और उसने छटपटाते हुए आवाज भी निकालनी चाही.
लेकिन मैं उसको किस कर रहा था, तो उसकी आवाज निकल ही न सकी.
तभी मैंने एक जोरदार धक्का दे मारा. इस बार उसकी आंखों से आंसू निकल आए थे … लेकिन आवाज मुँह में दबी हुई थी.
मैं रुक गया.
कुछ देर तक उसके दूध सहलाने के बाद मैं उसके दर्द को कम करने की कोशिश करता रहा.
उसी बीच मुझे अहसास हो गया था कि ऋतु की बुर से कुछ टपक रहा है. मैंने वहां एक हाथ ले जाकर देखा तो मुझे समझ आ गया कि बुर की झिल्ली टूट चुकी है और खून बाहर निकलने लगा है.
उसने मेरा हाथ बुर पर महसूस किया तो आंखों से पूछा- क्या हुआ?
मैंने उसे हाथ दिखाया तो वह थोड़ी हैरान हो गई मगर मैंने उसे पहले ही मानसिक रूप से तैयार कर दिया था, तो वो ज्यादा पैनिक नहीं हुई.
उसके बाद मैं अपने होंठों को उसके होंठों से हटा कर उससे बोला- बधाई हो, अब तुम कुंवारी नहीं रहीं.
वो हल्के से मुस्कुराने की कोशिश करने लगी.
मगर उसके चेहरे का दर्द का भाव भी था.
उसी दर्द के भाव से उसने मुझे एक मुस्कान के साथ रिप्लाई दिया और थैंक्यू किया.
मैं उसे किस करने लगा.
थोड़ी देर बाद वह आप अपने कूल्हों को हिलाने लगी.
मैं इशारा समझ गया और चुदाई की गति को हौले हौले से बढ़ाने लगा.
उसके चेहरे पर दर्द की लकीरें थीं मगर वो सहन करती हुई लंड ले रही थी.
मैंने कुछ देर के बाद एक धक्का तेज दे दिया, इससे जो कुछ बचा खुचा लंड बाहर था, वह भी बुर के अन्दर घुस गया.
उसे दर्द तो हुआ मगर इस बार ये अहसास कम था.
मैं पूरा लवड़ा बुर में पेल कर रुक गया. थोड़ी देर उसी स्थिति में पड़े रहने के बाद मैंने चुदाई शुरू कर दी और उसके होंठों से अपने होंठों को पूरी तरह से हटा लिया.
अब मैंने अपने दोनों हाथ ऋतु के दोनों मम्मों पर रख दिए और दूध दबाने लगा.
नीचे लंड बुर में मस्ती से चल रहा था. ऊपर दूध दबाने के साथ साथ मैं कभी कभी उसके होंठों पर चुंबन भी कर लेता था.
वह भी वासना में आकंठ डूबी हुई आनन्द पूर्वक सिसकारियां निकाले जा रही थी.
वो अपनी पहली चुदाई के इस पल को एन्जॉय कर रही थी, साथ ही वो मुझे भी बड़ी प्यार से देखे जा रही थी.
मैं धकापेल उसकी चुदाई किए जा रहा था.
उसकी बुर मुझे काफी मजा दे रही थी.
कुछ समय चुदाई करने के बाद वह अकड़ गई और बोली- आंह … मेरा रस झड़ने वाला है … इस बार क्या तुम मेरे साथ आना चाहोगे?
मैंने भी सोचा कि साथ आना जरूरी है पहली चुदाई है. चुदाई के दौरान पहला स्खलन इसको मजा देगा.
तो मैंने ओके कहा और उसके बाद मैंने अपने धक्कों को तेज कर दिया.
उसकी मादक आवाजें निकलने लगीं और दोनों टांगें हवा में उठ गईं. उसकी अकड़न मुझे कस रही थी.
वो जोर-जोर से वह सिसकारियां लेने लगी- आंआह … मैं कट गई.
मैंने अपने धक्के और तेज कर दिए. उसी पल मेरा पानी निकलने वाला हो गया था.
मैंने उससे पूछा- कहां निकालूं?
उसने कहा- अन्दर ही.
उसके बाद मैंने 10-15 धक्के लगाए और उसकी बुर के अन्दर ही अपना वीर्य निकाल दिया.
मुझे थोड़ा डर तो था कि कहीं ये प्रेग्नेंट ना हो जाए.
लेकिन इस परेशानी से बचने के लिए मैं पहले से ही अपनी योजना बना चुका था. मैं यहां आने से पहले ही एक पेन किलर और एक गर्भनिरोधक गोली अपने पास रख लाया था.
मेरा स्खलन शुरू हो गया था. रह रह कर मेरे लंड की गर्म पिचकारियां उसकी बुर की आग को बुझा रही थीं.
वह भी झड़ रही थी और पूर्ण रूप से निढाल हो चुकी थी.
उसे देख कर ऐसा लग रहा था कि उसके शरीर में कोई जान ही ना बची हो.
सेक्सी लड़की की पहली चुदाई का मजा लेकर मैं थक गया था तो उसके बगल में ही लेट गया.
जब मैं उसके बगल में लेटा तो उसकी आंखें खुल गईं और वह मुझे देख कर बहुत ही प्यार भरे अंदाज से मुस्कुरा दी.
मैं भी उसके माथे पर हाथ फेरने लगा.
वो बोली- बहुत-बहुत धन्यवाद … सच में इतना आनन्ददायक अहसास मैंने कभी नहीं सोचा था. तुम्हारी सेक्स कहानी पढ़कर मुझे नहीं लगा था कि इतना आनन्द आएगा.
अब वो भी मेरे माथे पर हाथ फेरने लगी और मुझसे चिपक गई. उसकी आंखें मुंदने लगी थीं.
मैं जब से आया था, तो सोया नहीं था. थकान के कारण मुझे भी नींद आ गई.
जब हम लोगों की नींद टूटी तो दिन के 2:00 बज रहे थे. उसके बाद उसने लंच का ऑर्डर दिया.
इस तरह हम लोग उस होटल में दो दिन रहे. हम दोनों ने मिलकर पूरी तरह से चुदाई के मौके आनन्द लिया.
जब मैं जाने लगा तो उसके चेहरे पर एक संतुष्टि थी. वो देख कर मुझे भी बहुत अच्छा लग रहा था. उसके खिले हुए चेहरे को देखकर मैं मुस्कुरा रहा था.
दोस्तो, यह मेरी सेक्स कहानी थी.
आप लोग इस सेक्सी लड़की की पहली चुदाई पर क्या कहना चाहेंगे, प्लीज़ मेल और कमेंट्स से बताएं.
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