माँ की चुदाई देखी, दीदी ने चुदाई करना सिखाया-1
सुबह दीदी ने मुझे उठाया तो मैंने उन्हें रात की घटना की वजह से मुस्करा के देखा तो दीदी ने ऐसा बर्ताव किया कि जैसे कुछ हुआ ही ना हो।
फिर मैं नहा धोकर स्कूल चला गया और शाम को घर आया तो दीदी ने सुबह जैसा बर्ताव किया जो मेरे समझ मैं नहीं आया।
मैंने रात को दीदी से इस बारे मैं पूछा तो उन्होंने कहा कि वो नहीं चाहती कि मम्मी पापा को इस बारे में शक भी हो.
हम पिछली रात की तरह फिर एक दूसरे को चूसने लगे और एक दूसरे के झड़ने के बाद सो गए।
अब यह हमारा रोज का काम हो गया था और इस तरह 2-3 महीने बीत गए।
फिर मैंने कहा- दीदी, आप मुझे बाकी का सेक्स कब सिखायेंगी जैसे पापा मां के साथ करते हैं?
तो दीदी ने कहा- गुरप्रीत, मैंने आज तक किसी के साथ सेक्स नहीं किया, मैंने सोचा था कि पहला सेक्स अपने पति के साथ करुँगी.
मैंने कहा- दीदी, मैं आपसे बहुत प्यार करता हूँ, अगर आप कहें तो एक रास्ता है जिससे हम सेक्स भी कर लेंगे और आपके मन की बात भी पूरी हो जायेगी.
दीदी ने कहा- कैसे?
तो मैंने कहा- आप मेरे से शादी कर लो, फिर मैं आपका पति होऊँगा और मेरी पत्नी!
दीदी ने मुझे गले से लगा लिया.
फिर मैं जाकर सिंदूर ले आया और दीदी की मांग में भर दिया, दीदी मेरे पैर छूने लगी तो मैंने कहा- ये क्या है?
तो उन्होंने कहा- आज से आप मेरे सच्चे पति हिं और मैं आपकी पत्नी…
दीदी ने कहा- आज हमारी सुहागरात है, मैं इसको यादगार बनाना चाहती हूँ।
फिर हम एक दूसरे को चूमने लगे और मैं धीरे धीरे एक एक करके दीदी के कपड़े उतारने लगा और दीदी को पूरी नंगी कर दिया। और दीदी ने मुझे नंगा कर दिया।
हम एक दूसरे के अंगों से खेलने लगे और फिर दीदी ने मेरा लंड अपने मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दिया और मेरा सारा रस पी गई.
फिर मैंने चूत चाटना शुरू किया और दीदी के झड़ने के बाद उनका सारा रस पी गया।
फिर हम दोनों थोड़ी देर के लिए लेट गए और एक दूसरे को गर्म करने लगे।
थोड़ी देर में मेरा लंड फिर से तन गया और दीदी ने कहा- पहली बार सेक्स करने पर दर्द होता है लेकिन बाद में बहुत मजा आता है इसलिए मैं कितना भी चिल्लाऊँ, आप पूरा लंड अंदर कर देना! मैंने कहा- ठीक है.
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फिर दीदी ने कहा- आप मेरे ऊपर आ जायें!
और दीदी ने अपने टाँगें हवा में उठा ली और अपनी गांड के नीचे तकिया लगा लिया जिससे उनकी चूत और उभर गई.
मैं चूत पर लंड टिका कर धक्का मारने लगा लेकिन वो बाहर फिसल गया तो दीदी ने लंड पकड़ कर चूत पर लगाया और कहा- अब धक्का मारिये!
मैंने दबाब दिया तो सुपारा अंदर फंस गया उम्म्ह… अहह… हय… याह… और दीदी को दर्द होने लगा.
फिर मैं दीदी के होंठ चूसने लगा और एक जोरदार धक्का मारा, मेरा आधा लंड दीदी की चूत में चला गया और दीदी की आँखों में आंसू आ गए.
मैं दीदी की चूची चूसने लगा तो थोड़ा दर्द कम हुआ और मैंने फिर होंठ चूसते हुए एक और धक्का मारा तो मेरा पूरा लंड दीदी की चूत में फंस गया और दीदी रोने लगी.
मैंने उनके बूब्स दबाने शुरू किये, फिर वो भी मेरा साथ देने लगी और मैं धीरे धीरे लंड अंदर बाहर करने लगा तो धीरे धीरे उनको भी मजा आने लगा और वो भी नीचे से चूतड़ उठा कर मेरा साथ देने लगी.
10 मिनट बाद मेरी स्पीड बढ़ने लगी, तब तक दीदी झड़ चुकी थी. मैं तेजी से धक्के मारने लगा और दीदी की चूत में झड़ गया और दीदी के ऊपर ही लेट गया।
थोड़ी देर बाद जब हम नार्मल हुए तो मैंने दीदी के माथे पे किस किया और साइड में लेट गया तो मेरी नज़र बिस्तर पर पड़ी, उस पर खून के धब्बे लगे हुए थे और मेरे लंड पर भी खून लगा हुआ था.
दीदी ने कहा- पहली बार में खून निकलता है.
दीदी बेड से उठकर बाथरूम की तरफ जब जाने लगी तो लड़खड़ाने लगी, मैंने उन्हें सहारा दिया और बाथरूम ले गया.
मेरी भी टांगों में दर्द हो रहा था.
मैंने उन्हें कमोड पर बिठाया और उनकी चूत साफ करने लगा.
उनकी चूत सूज गई थी, मैंने उस पर बोरोलीन लगाई और उन्हें वापस उठाकर बिस्तर पर लाया तो उन्होंने कहा- मुझे कपड़े पहनने हैं.
तो मैंने कहा- आज आप ऐसे ही सोयेंगी!
दीदी ने पूछा- नंगी?
मैंने कहा- हाँ… और मैं भी आपके साथ नंगा ही सोऊँगा।
दीदी ने कहा- ठीक है।
और हम बेड पर आ गये और एक दूसरे से लिपट कर सो गए।
सुबह दीदी ने मुझे उठाया तो मैंने देखा कि दीदी नहा चुकी थी और मुझे बोली- आप जल्दी उठ जाइए और मम्मी पापा के देखने से पहले कपड़े पहन लीजिये।
मैंने कपड़े पहने और फिर सो गया और दीदी घर का काम करने चली गई।
उस दिन के बाद से दीदी की शादी होने तक हम उस कमरे के अंदर एक पति पत्नी की तरह रहे।
दीदी ने कहा- चाहे मेरी शादी हो रही है लेकिन मेरे पति आप ही रहेंगे और मैं आपको ही अपना पति मानूंगी और मेरा पहला बच्चा भी आपका ही होगा।
वो कहानी किसी और दिन लिखूंगा।
आपको मेरी कहानी कैसी लगी, [email protected] पर मेल करके बताना।