मसाज़ बॉय सेक्स: पति के सामने मालिश वाले से चुदी

मसाज़ बॉय सेक्स: पति के सामने मालिश वाले से चुदी

दोस्तो, मैं आपकी दोस्त कविता एक बार फिर से आप लोगों के सामने हाज़िर हूँ. आप लोगों ने मेरी मसाज़ बॉय सेक्स कहानी
मसाज़ बॉय से घर पर चुदाई का मजा
को पढ़ा और पसंद किया, उसका बहुत बहुत धन्यवाद.

आप लोगों के बहुत सारे मेल भी मिले, उन सबका धन्यवाद जिन्होंने पसंद किया और उनका भी जिन्होंने नहीं किया. थोड़ी देर हो गयी उसके लिए माफ़ी चाहती हूँ. आगे कोशिश करूँगी कि थोड़ा जल्दी लिखूँ, लेकिन क्या करूँ घर और ऑफ़िस संभालना मुश्किल होता है, टाइम भी बहुत कम मिल पाता है.

एक बात मैं ज़रूर बोलना चाहूँगी कि मुझे किसी से नहीं मिलना है.. और ना ही मुझे किसी से कोई सर्विसेज़ आदि चाहिए… तो कृपया करके फ़ालतू के मेल करके ख़ुद को शर्मिंदा ना करें.

जो नए पाठक हैं, उनको बता दूँ मेरा नाम कविता है और मैं गुड़गाँव से हूँ.

जैसा कि आपने पिछली कहानी में पढ़ा था कि कैसे विकी ने मुझे मसाज़ देते हुए मेरे साथ सेक्स किया.. और जब हम आराम कर रहे थे, तब उससे मेरी ननदों का ज़िक्र हुआ.
अब आगे..

मैं विकी की छाती पर सर रख कर आराम कर रही थी. इतनी घमासान चुदाई के बाद मैं थोड़ा थक गयी थी. लेकिन वो अभी भी घोड़े के जैसा तरोताज़ा था.
मैंने उससे कहा- मेरा एक काम करोगे?
तो उसने मेरी तरफ़ देखा और आराम करने लगा.

मैं समझ गयी कि उसकी हाँ है, तो मैंने कहा कि मेरे पति की बहन का अपने घर वाले के साथ झगड़ा चल रहा है.. क्यूँकि कुछ हो नहीं रहा उससे…

वो मेरी बात चुपचाप सुनते हुए मेरी बॉडी पर हाथ फिरा रहा था, जिससे मैं धीरे धीरे गर्म हो रही थी. बस थोड़ी ही देर में उसका लंड मेरे हाथ में था. मैं उठकर बैठी.. और उसका लंड चूसना शुरू कर दिया.
इस बार उसका लंड और कड़क हो रहा था.. लेकिन वो कुछ बोल नहीं रहा था. मैंने भी ठान लिया था कि इसको बुलवा के ही मानूँगी.. चाहे जो भी हो जाए. इसलिए मैंने उसका लंड पूरा चूसना शुरू कर दिया और उसके अंडकोष को चाटना शुरू कर दिया.

तब विकी की आहें निकलने लगीं और मेरी आँखों की चमक बढ़ने लगी. वो शेर के मानिंद उठा और उसने मुझे बेड पे लिटा दिया. मैंने भी ख़ुद को उसके हवाले कर दिया. उसने मेरे होंठों पे बहुत देर तक किस किया और मेरे निप्पलों को उंगली के बीच दबा कर घुमाता रहा.. इससे मेरी चूत और भी गीली हो गयी. सोने पे सुहागा यह था कि वो जब ये कर रहा था तो उसका लंड मेरी चूत पर रगड़ खा रहा था. मैं ख़ुद को संभाल नहीं पा रही थी, होश खो चुकी थी.

मैं बड़बड़ा रही थी कि मेरे पति की बहन को भी मज़ा दे दे.. उसको चोद दे और पता नहीं क्या क्या बके जा रहे थी. वो होंठों से नीचे आ कर मेरे मम्मों को मसल मसल के चूस रहा था और मेरी सब बातों को इग्नोर कर रहा था.

जैसे ही उसने मेरी चूत को चूसना शुरू किया.. उसी पल मेरा पानी निकल गया और मैं पस्त हो गयी.

उसने मेरी तरफ़ देखा तो उसकी आँखें वासना में एकदम लाल हो चुकी थीं. इससे पहले कि मैं कुछ बोल पाती, उसने अपना पूरा लंड एक ही झटके में मेरी चूत में उतार दिया.. मेरी आह निकल गयी.
धीरे धीरे मेरी चूत उसके लंड की आदी हो रही थी.

थोड़ी देर बाद मेरा मोबाइल बजा तो देखा कि मेरे पति का कॉल था. मेरी साँसें भारी थीं क्यूँकि विकी मेरी चूत बजा रहा था. मैंने फोन उठाया तो थोड़ी देर तक पति महोदय चुप रहे और फिर एकदम से बोले- मज़ा आ रहा है या नहीं?
मैं एकदम से सन्न रह गयी. मैंने बोला कि आपके बिना कहां मज़ा.. अकेले में कोई मज़ा आता है क्या?
तो उन्होंने बोला- क्यूँ विकी मज़ा नहीं दे रहा?

मेरा चलता हुआ ख़ून जैसे जम सा गया. मैंने ग़ुस्से में बोला कि क्या बकवास कर रहे हो आप? कौन विकी? आपने पी रखी है क्या?
उन्होंने बोला- मेरी हीरोइन.. जो अभी तुम्हें सुकून दे रहा है.. वही विकी.

मैंने विकी की तरफ़ देखा तो वो मुस्कुरा रहा था और मेरे दिमाग़ में बम फूट रहे थे कि ये सब क्या हो रहा है? मेरे पति जानते है मेरे मसाज़ बॉय सेक्स के बारे में?
अपने पति को मैंने बोला कि थोड़ी देर में आपसे बात करती हूँ.

ग़ुस्से से मैंने विकी की तरफ़ देखा. उसको पता चल गया था कि किसका कॉल था और वो सिर्फ़ मुस्कुरा के मुझे चोदे जा रहा था.
मैंने उससे पूछा कि क्या चक्कर है?
उसने तब बहुत देर बाद मुँह खोला और बोला कि वो लड़की, जिससे आप मसाज़ करवाती थीं.. वो कहीं नहीं गयी. आपके पति ने एक्स्ट्रा पैसे देकर मसाज़ की बुकिंग की थी.

विकी ने ये भी बताया कि मेरे पति ने सर्च किया था कि मसाज़ में सबसे अच्छा कौन है और सिर्फ़ अपॉइंटमेंट के लिए उन्होंने 4 हज़ार ज़्यादा दिए ताकि जल्दी डेट मिल सके.
मैं विकी का मुँह ताक रही थी कि ऐसा कैसे हो सकता है.

लेकिन उसका लंड मेरी चूत में घमासान मचा रहा था.. मेरा दिमाग़ वापस से चुदाई पर आ गया. तभी विकी ने लंड चूत से निकाल के मेरी गांड में डाल दिया. उसने मुझे संभलने का मौक़ा भी नहीं दिया. मेरे मुँह से चीख निकल गयी. मुझे दर्द हो रहा था.. लेकिन एक अजीब सी कशिश थी उस दर्द में… तो मैं सारा दर्द पी गयी.

विकी धीरे से मेरी गांड मार रहा था.. फिर उसने दो उंगलियां मेरी चूत में डाल दीं, मैं सातवें आसमान पे थी. इस वक्त मेरी चूत और गांड एक साथ चुद रही थी.

पाँच-सात तगड़े झटकों के बाद मेरा पानी निकल गया और अब ऐसा लग रहा था कि मेरे शरीर में अब और जान नहीं बची है… लेकिन अब भी वो मुझे ठोके जा रहा था.

मैं पागल हो चुकी थी और मेरी चूत दर्द कर रही थी. मैंने विकी को रुकने को बोला.. तो वो रुक कर मुझे देखने लगा.
मैंने उसके गले में हाथ डाल कर थोड़ी देर आराम देने को बोल के किस किया.. तो वो साइड में आ कर लेट गया.

थोड़ी देर वो चुप रहा.. फिर बोला कि आपके लिए एक सर्प्राइज़ है. और उसने अपना फ़ोन उठा कर मैसेज किया और थोड़ी देर बाद मेरे घर की घंटी बजी. मैं हड़बड़ा गयी कि अब कौन आया है. लेकिन वो शांत लेटा रहा और बोला कि जाओ चैक करो.

मैंने तौलिया लपेटा और दरवाजे के पास जा कर देखा तो मेरे पति बाहर खड़े थे.

मैं एकदम से शॉक रह गयी कि मैं नंगी हूँ.. और मेरे घर में एक आदमी नंगा मेरे बिस्तर पर लेटा है. मेरे पति को मैं क्या जवाब दूँगी.

मैं उड़ेधबुन में लगी थी कि फिर से डोरबेल बजी, तो मैंने डोर खोला. मेरे पति ने मुझे देखा और बोले कि बड़े मूड में लग रही हो.. क्या बात है?
पता नहीं मुझे क्या हुआ मैंने सीधा ही बोल दिया कि मसाज़ करवा रही थी, मसाज़ बॉय आया है.
तो पति ने बोला- ठीक है उसको ख़त्म करो.. जो कर रही हो.

वे टीवी ऑन करके सोफ़े पे बैठ गए.

मैं वापस अपने रूम में चली गयी. जा कर देखा तो विकी नंगा ही मेरे बेडरूम में लेटा हुआ था. मैं घबरा गयी क्यूँकि मेरा पति बाहर बैठा हुआ है और विकी नंगा मेरे रूम में है.

मैंने उससे बोला कि कपड़े पहन लो नहीं तो हंगामा हो जाएगा.

वो कुछ नहीं बोला पास आया और उसने मुझे बेड पे बैठा दिया और इससे पहले मैं कुछ बोल पाती उसने अपना लंड मेरे मुँह में दे दिया और मेरे चूचुकों को मसलते हुए घुमाने लगा. मुझे मजा आने लगा.

मैं सोच रही थी कि पकड़ी गयी तो क्या होगा लेकिन गीली चूत मुझसे हावी हो गयी और मैं मस्ती में लंड चूसने लगी. तभी मेरे दिमाग़ की घंटी बजी और मेरे पति की बात याद आने लगी कि ‘विकी मज़ा दे रहा है ना…’ मैंने सोचा जब उनको पता ही है तो मैं क्यों शर्म करूँ; मैंने विकी को बोला कि ऐसा झटका मार कि मेरी चीख निकल जाए.

उसने मेरी टाँगें खोल कर लंड सीधा मेरी चूत में उतार दिया और मेरे मुँह से बहुत ज़ोर से निकल गया ‘उई माँ मर गयी…’

मैंने दरवाज़े की तरफ़ देखा तो मेरे पति खड़े मुस्कुरा रहे थे और विकी मुझे देख के मुस्कुरा रहा था. मैंने आँखें बंद कर लीं और लंड का मज़ा लेने लगी. मेरे मुँह के पास पति का लंड महसूस हुआ. मैंने मुँह खोल दिया और चूसने लगी.

विकी ज़ोर से चोद रहा था. मेरा पानी निकल गया. थोड़ी देर में मेरे पति का भी निकल गया.. लेकिन वो अब भी चुदाई में लगा हुआ था. उसने भी लंड निकाल कर सीधा मेरी गांड में घुसा दिया और धकापेल चुदाई करने लगा. दस मिनट चोदने के बाद सारा माल मेरी गांड में निकाल दिया और मेरे ऊपर ही लेट गया.

मैं अपनी मस्ती में खोयी हुई थी. जब थोड़ा होश आया तो देखा कि हम तीनों ही नंगे थे. मैंने अपने पति की तरफ़ देखा तो उन्होंने बोलना शुरू किया- यह प्लान तुम्हारे लिये मैंने और विकी की मैनेजर ने बनाया था.
मैं सिर्फ़ मुँह ताक रही थी, मैं बोली- ये मुझे विकी पहले ही बता चुका है.

मेरे पति ने विकी की तरफ़ की तरफ़ देखा तो वो आराम से लेटा हुआ था. मैंने उसके ऊपर चादर डाल दी और बोली- मैं खाना बनाने जा रही हूँ.
मेरे पति ने बताया कि वो खाना बाहर से लेकर आए हैं.

मैं उठी और खाना निकालने चली गयी. वापस आयी तो देखा कि विकी कपड़े पहन चुका था और मेरे पति उसको पैसे दे रहे थे.
मैंने विकी की तरफ़ देखा तो उसने बोला- मसाज़ के पैसे हैं.. वापस जाकर के देने भी होते हैं.
मैं बोली- खाना खा लो, फिर चले जाना.
उसने मना कर दिया, मैं कहां मानने वाली थी.. नंगी ही जा कर उसकी गोद में बैठ गयी और उसे अपने हाथ से खिलाने लगी.

मैं पूरी बेशर्म हो चुकी थी. तब मैंने विकी को बोली- मेरे पति की बहन को कब मसाज़ दे रहे हो?

मैंने ये बोल के अपने पति की तरफ़ देखा तो उनकी आँखें फट कर बाहर आ गयी थीं कि मैं ये क्या बोल रही हूँ.
तब उन्होंने बोला कि मेरी बहन ऐसी नहीं है.
मैंने कहा- अच्छा ऐसा है.. ठीक है, एक सरप्राइज आप दोनों के लिए है.

क्या था वो सरप्राइज… वो आपको अगली कहानी में बताऊँगी.
और हाँ फिर से ‘उस भोसड़ी वाले’ से बोल रही हूँ कि मेल भेजते टाइम अपनी हद में रहे… मुझे जिसको मौक़ा देना था, दे चुकी हूँ.. और किसी को नहीं देना चाहती हूँ. अगर मेरी ये कहानी झूठ लगती है तो मत पढ़.. तेरे पिछवाड़े में दर्द क्यों है.. क्यूँ पढ़ रहा है? और अगर अच्छी लगती है तो इसका मतलब यह नहीं है कि किसी को भी मैं अपनी सलवार में ही घुस जाने दूँगी.

हाँ. थोड़ी कड़वी बात है.. जो मैंने लिखी मगर सच कड़वा ही होता है.. मुझे किसी को कुछ साबित करने की ज़रूरत नहीं और ना ही करूँगी.
बाक़ी आगे क्या हुआ उसके लिए अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज पढ़ते रहिए.
मेरी मेल आईडी है. [email protected] मेरी मसाज़ बॉय सेक्स कहानी पर आपकी मेल का इंतज़ार रहेगा.
आपकी दोस्त कविता

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