मम्मी की चूत में पड़ोसी लड़के का लंड

मम्मी की चूत में पड़ोसी लड़के का लंड

सेक्सी मॅाम फक स्टोरी में मैंने अपनी हॉट मम्मी को पड़ोस के एक जवान लड़के से चुदाई करवाती देखा. मेरी माँ बहुत चुदक्कड़ है. वह अपने से 15 साल छोटे लड़के से चुदी.

मेरा नाम सिद्धार्थ है. मैं लखनऊ का रहने वाला हूँ. मेरे घर में मम्मी पापा और हम दो भाई हैं.

मम्मी को चोदने की सेक्सी मॅाम फक स्टोरी में आप सभी का स्वागत है दोस्तो.

मेरा बड़ा भाई मुंबई में काम करता है; लखनऊ में हम तीन लोग ही घर में रहते हैं.
पापा को शराब पीने की लत है इसलिए वह ज्यादातर घर के बाहर ही रहते हैं. मैं और मम्मी ही घर में रहते हैं.

मेरी मम्मी का नाम किरण है.
वे दिखने में बहुत ही ज्यादा सेक्सी हैं.
आप यूं समझ लो कि वे बिल्कुल सनी लियोनि जैसी लगती हैं.
उसी के जैसी वे बहुत बड़ी चुदक्कड़ भी हैं.

यह बात तब की है जब हम किराये के मकान में रहते थे.

हमारे घर के सामने दो लड़के भी रहते थे.
वे उधर रह कर अपनी पढ़ाई करते थे.
उनमें से एक की उम्र लगभग 24 साल थी और दूसरे की 22 साल की रही होगी.

उस वक़्त मम्मी भी 39 साल की थीं लेकिन वे लगती 29 साल की थीं.
मेरी मम्मी बहुत सेक्सी माल लगती थीं तो वे दोनों मेरी मम्मी को ताकते रहते थे.

उनमें से एक का नाम अरुण था.
वह हमेशा मेरी मम्मी को देखता रहता था.

मेरी मम्मी को भी शायद पापा की शराब पीने की लत के कारण सेक्स नहीं मिल रहा था इसलिए वे किसी से भी चुदने को मचलती रहती थीं.
फिर अरुण मेरी मम्मी से बात करने लगा.

मम्मी भी पापा की कमी की वजह से उससे बात करने लगीं.
धीरे धीरे वे दोनों फोन पर भी बात करने लगे.

लेकिन अभी उन दोनों का मिलना नहीं हुआ था.
उन्हें अकेले में मिलने का टाइम भी नहीं मिल रहा था और कुछ शायद संकोच भी क्योंकि वे दोनों अभी सेक्स के लिए एक दूसरे से खुल नहीं सके थे.

कुछ समय बाद अरुण ने रूम छोड़ दिया.
अरुण मेरी मम्मी से फोन पर बात करता रहता था.
ऐसे ही कुछ समय और निकल गया.

फिर यह बात सोमवार के दिन की थी.
उस दिन मैं स्कूल नहीं गया था.
सुबह ग्यारह बज रहे थे.
पापा भी किसी काम से आउट ऑफ स्टेशन चले गए थे.

पापा के जाते ही मम्मी ने अरुण को फोन किया.
मैं सुन रहा था.

मम्मी ने अरुण से कहा- अरुण तुम मुझे लेने उसी बस स्टॉप के पास आ जाओ, जिधर हम पहले मिले थे. सिद्धार्थ के पापा बाहर गए हैं.
उधर से शायद अरुण ने ओके बोल कर फोन रख दिया.

मम्मी नहाने चली गईं.
वे नहा कर आईं और उन्होंने मुझसे पूछा- घूमने चलोगे?

मैंने मन में सोचा कि चलो चला जाता हूँ. मैं भी देखूंगा कि मम्मी अरुण के पास जाकर करती क्या हैं.

मम्मी के नहाने के बाद मैं भी नहाने चला गया.

बाथरूम कमरे के ठीक बगल में ही था.
कमरे का दरवाजा यदि खुला हो, तो उधर बाथरूम में सब आवाजें सुनाई देती थीं.

मैंने सुना कि मम्मी के पास फोन आया.
यह फोन अरुण का ही था.

उसने मम्मी से पूछा होगा कि ब्रा पैंटी कौन सी वाली पहन रही हो?
मम्मी ने बोला- काले और लाल रंग की.

उन दोनों की इसी तरह की बात हो ही रही थीं कि मैं नहा कर दरवाजा खोल कर कमरे में देखने लगा.

मैंने देखा कि मम्मी ने एक काले रंग का गहरे गले वाला ब्लाउज पहना था और काले ही रंग की बहुत सेक्सी सी नेट वाली साड़ी पहन ली थी.

उन्होंने मुझे बाथरूम से बाहर आते हुए देख लिया था तो मुझसे जल्दी से तैयार होने के लिए कहा.
मैं भी जल्दी से तैयार हो गया.

मैंने मम्मी से पूछा- हम लोग किधर जा रहे हैं?
मम्मी ने बताया- हम लोग उनकी एक सहेली के घर जा रहे हैं.
मैंने ओके बोल दिया.

फिर तैयार होकर हम दोनों घर से बाहर निकल गए.

मुझे लग रहा था कि अरुण लेने आ रहा है.
पर शायद उन दोनों की कुछ बात हो गई थी इसलिए मम्मी ने खुद से जाने का फैसला ले लिया था.

अब मुझे साथ लेकर मम्मी ने सड़क पर आकर एक टैक्सी की और कुछ दूर जाने के बाद हम दोनों टैक्सी से उतर गए.

टैक्सी चली गई.

मम्मी मुझे लेकर पास में बने एक बस स्टॉप के शेड में खड़ी हो गईं.
हम दोनों वहीं खड़े थे कि इतने में अरुण बाइक लेकर आ गया.

अरुण ने मुझे देख कर मम्मी से पूछा कि इसको क्यों ले आई हो?
तो मम्मी ने कहा- यह आज स्कूल नहीं गया था, इसलिए लाना पड़ा. ऐसे अकेले घर में कैसे छोड़ देती?

फिर अरुण ने मुझे बाइक पर आगे बैठा लिया और मम्मी को पीछे.
अरुण ने अपने एक हाथ से मम्मी का हाथ पकड़ा हुआ था, यह मिरर में साफ दिख रहा था.

फिर अरुण ने एक रेस्टोरेंट के पास बाइक रोकी और हम दोनों अन्दर आ गए.
वहां अरुण ने कुछ मंगाया और हम दोनों ने कुछ देर तक नाश्ता आदि किया.

करीब एक घंटा बाद हम सब वहां से निकले.

मुझे लगा कि अब हम लोग घर जाएंगे.

थोड़ी दूर चलने के बाद अरुण ने एक मेडिकल स्टोर पर बाइक रोकी और वह उतर कर दुकान के अन्दर चला गया.
उसने हम दोनों को बाहर ही रुकने का कह दिया था.

मैंने दुकान में देखा तो अरुण ने दुकानदार से कुछ मांगा.
कुछ देर बाद दुकानदार ने कंडोम का पैकेट दिखाया तो उसने हां करते हुए वह कंडोम का पैकेट ले लिया.

अरुण को लगा कि मैंने नहीं समझा होगा कि उसने क्या खरीदा है और मुझे कंडोम के बारे में कुछ नहीं पता होगा.
लेकिन मेरे सारे दोस्त कमीने था इसलिए मुझे सब पता था.

मेरे सामने ही अरुण ने मम्मी को कंडोम का पैकेट पकड़ा दिया और साथ में एक दवा भी थी.
वह मुझे नहीं पता थी कि किस बात की दवा थी.

फिर हम सब वहां से निकले और अरुण ने बाइक को अपने कमरे पर ले जाकर रोक दी.
यह एक बहुत छोटा सा कमरा था.
फिर हम सब वहां बैठ गए.
मम्मी लेट गई थीं.

अरुण बार बार मम्मी के दूध और गांड को ही देख रहा था.
मम्मी भी बहुत सेक्सी अदा से अरुण को देख रही थीं.

मम्मी और अरुण बात कर रहे थे.
फिर अरुण बाहर गया और पानी लेकर आया.

मैंने देखा कि पानी में कुछ सफेद सफेद सा लग रहा था.
मुझे समझ आ गया कि अरुण ने पानी में कुछ मिलाया है.

इसलिए मैं पानी पीने का नाटक करता हुआ बाहर गया और पानी को फेंक कर वापस आ गया.
अन्दर आकर मैं बेड पर लेट गया और थोड़ी दर बाद सोने का नाटक करने लगा, अपनी आंखें बंद करके लेट गया.

थोड़ी दर बाद अरुण ने मुझे हिलाया और आवाज़ दी.
मैं नहीं उठा.

तो अरुण ने मम्मी से बोला कि इसको मैंने नींद की गोली खिला दी है, अब यह 5 घंटा तक नहीं उठेगा.

वह मम्मी के पास जाकर उनके होंठों से अपने होंठ लगा कर और उन्हें पकड़ कर किस करने लगा.
मम्मी भी उसका पूरा साथ देने लगी थीं.

अरुण को देख कर लग रहा था कि आज तो यह मम्मी को खा ही जाएगा.
वह मेरी मम्मी को जोर जोर से किस कर रहा था.

मम्मी भी मादक आवाज में सिसिया रही थीं- आह आराम से करो ना!
पर अरुण तो जानवरों की तरह मेरी मम्मी पर टूट पड़ा था.

दस मिनट तक उसने एक सेकंड के लिए भी मम्मी के होंठों को नहीं छोड़ा.
वह लगातार चूसता ही रहा था.

फिर वह मम्मी के दूध दबाने लगा और जल्दी ही मम्मी का ब्लाउज उतार कर कमरे के एक कोने में फेंक दिया.

कुछ ही देर में उसने मेरी मम्मी को पूरी नंगी कर दिया.
मुझे अपनी मम्मी की गुलाबी चूत साफ दिख रही थी.

मम्मी बहुत गोरी हैं इसलिए अलग ही माल दिख रही थीं और अरुण को वासना का नशा चढ़ रहा था.

वह मम्मी के ऊपर छा गया और उन्हें ऊपर से नीचे तक चाटने लगा.
वह मेरी मम्मी के दूध तो इस तरह चाट और मसल रहा था कि न जाने उसे क्या मिल गया हो.

उसने जल्दी ही मेरी मम्मी के दोनों दूध एकदम लाल कर दिए थे.
मम्मी भी बहुत कामुक आवाज़ करती हुई उसे अपने दूध चुसवा रही थीं.

अब अरुण के ऊपर तो सेक्स का मानो भूत चढ़ चुका था.
वह मम्मी को एक पल के लिए भी नहीं छोड़ रहा था.

ऐसे ही करते हुए उसने अपने सारे कपड़े उतार दिए और अपना लंड मम्मी की तरफ दिखा दिखा कर हिलाने लगा.

मम्मी ने वासना से उसका लंड देखा और हाथ से पकड़ कर मुँह में डाल लिया.
उसने मम्मी से लंड चूसने के लिए कहा.
तो मम्मी ने भी मजे से अरुण का लंड चूसना शुरू कर दिया.

कुछ देर बाद अरुण भी मम्मी की चूत में उंगली और उनके मुँह में जीभ डालने लगे थे.
मम्मी बहुत तेज तेज आवाज़ निकाल रही थीं- आह आह मर गई आह आराम से करो ना … आंह!

अरुण ने वापस अपना लंड मम्मी के मुँह में पेल दिया और वह उनके मुँह को जोर जोर से चोदने लगा.

कुछ ही देर में अरुण ने अपना सारा पानी मम्मी का मुँह में छोड़ दिया.
मम्मी भी अरुण के लंड का सारा पानी पी गईं.

फिर अरुण कुछ मिनट रुका और मम्मी को इशारा करने लगा.
मम्मी ने उसके लंड को सहलाना और चूमना शुरू कर दिया.
इससे कुछ ही देर में अरुण का लंड वापस खड़ा हो गया.

अब उसने अपने लंड पर कंडोम लगाया और मम्मी को सीधा लिटा कर उनकी दोनों टांगें ऊपर कर दीं.

मम्मी की टांगों को अरुण ने अपने दोनों कंधों पर रख ली थीं, जिससे मम्मी की चूत का छेद दिखने लगा था.

उसने अपना लंड मम्मी की चूत पर रगड़ना शुरू कर दिया.
मम्मी आह आह करने लगीं और बोलीं- अब पेल भी दो ज्यादा समय खराब मत करो.

इतना सुनते ही अरुण ने अपना लंड मेरी मम्मी की चूत के अन्दर पेल दिया.
मम्मी की चूत और अरुण का लंड पहले ही गीला था इसलिए अरुण का लंड फिसलता हुआ मेरी मम्मी की चूत को फाड़ता हुआ अन्दर तक घुसता चला गया.

एकदम से लंड अन्दर गया तो मम्मी चिल्ला पड़ीं.
उनकी दर्द भरी आवाज से ऐसा लग रहा था मानो वे बहुत दिन बाद चुद रही हों.

मगर अरुण के ऊपर कोई फर्क नहीं पड़ा.
उसने मेरी मम्मी को जोर जोर से चोदने चालू कर दिया.

शुरू शुरू में तो मम्मी भी बहुत तेज तेज आवाज़ करने लगी थीं.
बाद में जब अरुण का लंड मम्मी की चूत में सैट हो गया तो मम्मी भी अपनी दोनों टांगें हवा में उठा कर अरुण का लंड अपनी चूत में ले रही थीं.

अरुण भी मम्मी को जोर जोर से चोद रहा था.
ऐसे ही चोदते चोदते करीब 30 मिनट बाद अरुण का पानी निकलने वाला हो गया.

अरुण हूँ हूँ करता हुआ और तेज तेज चोदने लगा.
फिर उसका पानी मम्मी की चूत में ही निकल गया.
कंडोम लगे होने से उन दोनों को किसी बात का डर नहीं था.

वह मम्मी का ऊपर ही ऐसे ही लेट गया और मम्मी भी तेज तेज सांसें लेती हुई निढाल हो गईं.

वे दोनों ही सो गए थे.
अरुण का लंड अभी भी मम्मी की चूत में था.

मैंने सोचा कि मैं क्या करूँ.
मैं उठ कर बैठ गया.

अरुण का लंड मम्मी की चूत में पड़ा था और दोनों नंगे सो रहे थे.
मैं उन दोनों को देख रहा था.

कुछ देर के बाद अरुण उठा और उसने देखा कि मैं कमरे में नहीं हूँ, तो अरुण की गांड फट गई.
वह मम्मी को उठाने लगा.

मुझे आवाज़ आई तो मैं अन्दर आ गया.

मेरी मम्मी अभी भी पूरी नंगी पड़ी थीं और अरुण मम्मी की बगल में लेटा था.
वे दोनों मुझे देख कर डर गए.

मैं बिना कुछ बोले हुए बैठ गया और दोनों को देखने लगा.
थोड़ी देर बाद मैंने कहा कि मम्मी आपने कपड़े क्यों उतार दिए हैं, आपको ज्यादा गर्मी लग रही है क्या?

मम्मी को लगा कि मुझे कुछ नहीं पता है.
अब मेरी चुदक्कड़ मम्मी ने मुझसे कहा- हां बेटा, गर्मी भी लग रही थी और मुझे अपनी चूत के अन्दर दवा लगवानी थी. तो मैं देख रही थी कि अरुण का लंड कितना अन्दर जाकर दवा लगा सकता है.

मैंने कहा- यह दवा लगवाने का काम कैसे होता है?
मेरी चुदक्कड़ मम्मी ने मेरे सामने ही अरुण से कहा कि आओ अरुण दुबारा से दवा लगा कर अन्दर डाल कर इसको दिखाओ कि कैसे अन्दर जाता है!

अरुण ने इस बार बिना कंडोम के लंड मम्मी की चूत में डाल दिया और धकापेल चोदने लगा.

वे दोनों मेरे सामने ही चुदाई करने लगे.
मम्मी मुझे देख कर बोल रही थीं- देखो बेटा, अरुण ऐसे डालता है और इसी से मुझे आराम मिल जाता है.

अरुण तेज तेज आवाज़ करता हुआ मेरी मम्मी को चोद रहा था.
मैं भी कमीना था इसलिए मैंने अपने फोन में मम्मी की चुदाई का वीडियो बना लिया.

मैं मम्मी को ऐसे ही चुदता हुआ देखता रहा.
लगभग 15 मिनट तक मेरी मां चोदने का बाद अरुण ने मम्मी से कहा- मेरा निकलने वाला है, किधर निकालूँ?

मम्मी ने कहा- मेरे मुँह में डाल दो, आज मैं इसको भी दिखा दूँ कि मुँह में कैसे लिया जाता है.
अरुण ने हंसते हुए लंड बाहर निकाल कर सारा पानी मम्मी के मुँह और उनके मम्मों पर डाल दिया.

वह थक कर लेट गया.
मैंने भी पूरी वीडियो बना ली.

मैं मोबाइल चलाने लगा.

थोड़ी देर बाद मम्मी उठीं और वे अरुण का लंड फिर से चूसने लगीं.
मैंने फिर से वीडियो बनाना शुरू कर दिया और उनका लंड चूसने वाला वीडियो भी बना लिया.

मम्मी ने दस मिनट तक लंड चूसा और उसके बाद अरुण का लौड़ा फिर से खड़ा हो गया.
इस बार अरुण ने मम्मी से कहा कि मैं अब तेरी गांड मारूँगा.

मम्मी पहले तो मना करने लगीं, पर बाद में वे मान गईं.
तो मम्मी औंधी होकर लेट गईं.

अरुण अपना लंड मम्मी की गांड में डालने लगा.
लेकिन मम्मी की गांड बहुत कसी हुई थी इसलिए अरुण का मोटा लंड गांड के अन्दर नहीं जा रहा था.

इसलिए अरुण ने मम्मी की गांड में तेल लगाया और अपने लंड को भी तेल से चिकना कर लिया.
वह वापस से अपने लंड को मम्मी की गांड में पेलने लगा.

इस बार लंड का सुपारा मम्मी की गांड के अन्दर घुस गया.
मम्मी बहुत तेज आवाज में चीख पड़ीं और अरुण को मना करने लगीं.

अरुण ने लंड पेलना वहीं रोक दिया और वह मम्मी के दूध दबाने लगा.
फिर जैसे ही मम्मी को आराम मिला, अरुण ने एक जोर का झटका लगा कर पूरा लंड अन्दर ठूंस दिया.

मम्मी चिल्लाने लगीं और रोने लगीं, वे कहने लगीं- बाहर निकालो.
लेकिन अरुण ने उनकी बात नहीं मानी वह वैसे ही रुका रहा.

उसने थोड़ी देर तक मम्मी को सहलाया और जैसे ही मम्मी को आराम मिला, अरुण ने लंड को अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया.

वह धीरे धीरे चोदने लगा.
कुछ देर बाद मम्मी को भी दर्द होना बंद हो गया था.

बल्कि अब तो मेरी मम्मी भी मस्ती भरी आवाजें निकाल निकाल कर अपनी गांड मरवाने का मज़ा ले रही थीं.
वे ‘आह फक मी अरुण आह फक मी हार्ड चोदो मुझे आह और जोर से चोदो.’ बोल रही थीं.

करीब 20 मिनट तक ऐसे ही चोदने के बाद अरुण ने अपना सारा पानी मम्मी की गांड में ही डाल दिया और वह उनके ऊपर ही लेट गया.
वे दोनों मेरे सामने ऐसे ही नंगे पड़े थे.

मैं फोन चला रहा था.
उस दिन मेरी मम्मी लगातार 4 घंटा तक चुदी होंगी.

फिर शाम हो गई तो हम दोनों घर के लिए निकलने लगे.
मैंने देखा कि मम्मी ठीक से चल भी नहीं पा रही थीं.

फिर अरुण ने हम दोनों को घर छोड़ दिया.
उस दिन के बाद से मुझे पता चल गया था कि मेरी मम्मी कितनी बड़ी चुदक्कड़ हैं.

अब तो वे अरुण को घर पर ही बुला लेती हैं और मेरे सामने ही उससे चुदवा लेती हैं.

मैंने भी वीडियो डिलीट कर दिया है.
जब सामने ब्लू फिल्म देखने को मिल रही हो तो वीडियो क्या देखना.

दोस्तो, आपको मेरी यह सेक्सी मॅाम फक स्टोरी कैसी लगी?
अगली बार में मैं आपको बताऊंगा कि कैसे मैंने अपनी मम्मी के सामने अपना लंड हिला कर दिखाया और उनको चोद कर प्रेग्नेंट किया.
आप मेरी इस सेक्सी मॅाम फक स्टोरी पर अपने विचार अवश्य भेजें.
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