सभी पाठकों को रोहित की तरफ से नमस्कार!
और सभी का धन्यवाद देते हुये मैं आपके सामने अपनी एक और कहानी लेकर उपस्थित हूँ।
जैसा आप जानते है कि लड़कियाँ एक दूसरी से जलती हैं… खासकर जब कोई उन्हें पसंद करता हो और अचानक उनके बीच में कोई और आ जाए!
ऐसा ही कुछ मेरे साथ हुआ।
आपने मेरी चचेरी बहन के साथ मेरी चुदाई की कहानी पढ़ी, उसके बाद हम दोनों में नजदीकी कुछ ज्यादा ही बढ़ गई थी, जब भी हमें मौका मिलता, चुदाई का खेल खेल लेते।
या फिर एक दूसरे के साथ घूमते फिरते थे।
करीब एक साल के बाद सभी की छुट्टियां पड़ गई थी, मेरा मन चुदाई को करने लगा क्योंकि पता था कि चाचा की लड़की जरूर आयेगी। पर मुझे ऐसा नहीं पता था कि इस बार मेरी किस्मत मे एक और कुंवारी लड़की को चोदने का मौका मिलेगा।
मई का महीना था, चाचा जी की लड़की आ चुकी थी और हम चुदाई का खेल खेलने भी लगे थे।
अचानक किस्मत ने ज़ोर दिया और मेरे लिए मेरे मामा की बेटी जो नई नई जवानी में कदम रख रही थी, उसे चुदने के लिए भेज दिया।
उसका नाम पूजा था।
तीन साल पहले वो छोटी सी बच्ची थी लेकिन जब वो घर आई तो मैं उसे देखता ही रह गया। उसके स्तन उभरे हुये थे सेब की तरह! उसकी गांड तरबूज की तरह हो गई थी।
मेरे लण्ड ने सलामी देने शुरू कर दिया परंतु मैं क्या कर सकता था। अगर मैं पूजा को चोदने की कोशिश करता तो मैं अपने चाचा की लड़की से हाथ धो बैठता।
मगर किस्मत को तो कुछ और ही मंजूर था।
हम सभी साथ रहते थे पर मैंने देखा कि पूजा मुझे चाचा जी की लड़की से बात करते हुये देखती तो उसकी आंखों में खून उतर आता। मैं समझ गया था कि ये सब क्यूँ हो रहा है।
जब पूजा छोटी थी तो मैं उसे बहुत प्यार करता था और वो हमेशा मेरे साथ ही रहती थी जब तक वो घर पर रहती थी।
अब उसे वो प्यार नहीं मिल पा रहा था।
एक दिन मैं चाचा की लड़की को चोद रहा था तो मैंने देखा कि पूजा छुप कर ये सब नजारा देख रही है तो मैं डर गया, मैंने तुरंत अपने कपड़े पहने और वहाँ से चला गया।
कुछ देर बाद मैं घर लौटा तो सभी सो रहे थे।
मैं पूजा के कमरे की तरफ गया तो मुझे कुछ आवाज सुनाई दी। मैंने कमरे के अंदर देखा तो पूजा अपनी चूत में उंगली डाल कर अपनी चूत की चुदाई कर रही थी। मैं समझ गया कि माल तैयार है, चोट मारने की देरी है।
पर मेरे सामने एक समस्या थी कि अगर मैंने पूजा को अभी चोदा और कहीं चाचा की लड़की ने देख लिया तो वो नाराज हो जाएगी और मैं उसे नाराज नहीं करना चाहता था क्योंकि मैं जानता था कि उसे लण्ड लेने की आदत पड़ गई है और मुझे किसी और के साथ देखेगी तो शायद वो किसी और से चुदवाने न लग जाए।
मैं बड़ा ही असमंजस में था कि क्या करूँ…
पर भगवान के घर देर है अंधेर नहीं… या फिर यह कहिए भगवान ने पूजा को चुदने के लिए ही मेरे पास भेजा था।
चाचा जी का फोन आया कि मैं उनकी लड़की को घर छोड़ दूँ।
मैं उसे लेकर उसके घर छोड़ आया।
जब मैं घर वापस आया तो नजारा देखने लायक था। पूजा अपनी जवानी को हाथ पर लिए खड़ी थी मानो सभी के सामने नंगी होकर चुदने लग जाएगी।
मैं कोई रिस्क नहीं लेना चाहता था, इसलिए मैंने जल्दी नहीं मचाई।
उस रात को पूजा मेरे साथ सोई हुई थी कि मैंने महसूस किया कि मेरे लण्ड को कोई पकड़ कर हिला रहा है। मेरी नींद खुल गई, मैंने देखा कि पूजा मेरे लण्ड को पकड़ कर हिला रही थी।
मैंने उसे रोकने की कोशिश की लेकिन तब तक मेरे लण्ड ने पानी छोड़ दिया था।
फिर मैं उसके बगल में लेट गया और उससे कहने लगा- क्या कर रही हो?
उसने तुरंत जवाब दिया- जो तुम दोनों कर रहे थे।
फिर उसने इतना कह कर मेरा हाथ अपनी पेंटी में डाल दिया जब मैंने उसकी चूत पर हाथ फेरा तो महसूस किया कि उसकी चूत के बाल गीले हो गए थे और वो मुझसे कह रही थी- भईया, मेरी चूत में आग लगी है, इसे बुझा दो।
तब मैंने उसकी चूत मे उंगली कर के उसकी चूत को शांत किया।
दूसरे दिन सुबह को मेरी माता जी जॉब करने चली गई और सभी अपने अपने काम से बाहर चले गए, घर पर कोई भी नहीं था। मुझे भी मौका मिल गया था पूजा की चुदाई करने का…
मैं नहाने के लिए चला गया और दरवाजा खुला छोड़ दिया।
जैसे मैंने सोचा था वैसे ही हुआ, पूजा दरवाजा खुला देख कर बाथरूम के अन्दर आ गई और मेरे ऊपर टूट पड़ी और अपने और मेरे कपड़े उतार दिये।
फिर मैंने उसे नीचे लिटा लिया और उसके सेब जैसे स्तनों को खूब मजे से चाटा। पूजा के मुख से सिसकारियाँ निकल रही थी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह… वो भी मेरे लण्ड को अपने हाथ से हिला रही थी।
कुछ देर बाद मैंने उसकी झाटों भरी चूत को खूब चाटा, इतनी देर में उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया और मेरा मुख उसकी चूत के रस से भर गया।
उसकी चूत से मंद मंद महक आ रही थी जो मुझे दीवाना कर रही थी। थोड़ी देर बाद हम दोनों 69 की पोजिशन मे आ गए और पूजा मेरे लण्ड और मैं उसकी चूत को चाटने लगा।
यह काम हमने लगभग 20 मिनट तक किया और हम दोनों का पानी छूट गया।
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फिर कुछ देर हम ऐसे ही चूमा चाटी करते रहे और इतने में मेरा लंड खड़ा हो गया तो मुझसे रहा नहीं गया और मैंने पूजा के दोनों पैरों को चौड़ा किया और उसकी चूत पर अपना लण्ड रख कर एक जोरदार धक्का लगाया।
चूत पहले से ही इतनी चिकनी थी कि मेरा लण्ड पूजा की चूत की दीवार तोड़ते हुए उसके अन्दर समा गया।
जैसे ही मेरा पूरा लंड पूजा की चूत के अन्दर गया, पूजा की आवाज बंद हो गई और उसे बेहोशी सी होने लगी पर मैंने लण्ड को निकाला नहीं, उसकी चूत के अन्दर ही रहने दिया और उसके मुख को चूम चाट कर उसे होश में लाया, कुछ देर तक मैं उसकी चूचियों से खेलता रहा।
जैसे ही वो सामान्य हुई, मैंने लण्ड को अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया। फिर मैंने पूजा की जम कर चुदाई की।
पूजा के साथ मैंने 15 दिन तक रोज चुदाई की उसके बाद पूजा ने कभी चुदने से मना नहीं किया।
जब वो समझदार हुई तो उसने हमारे रिश्ते का वास्ता देकर मुझसे नाता तोड़ दिया।
जो सच था मैंने लिखा। आशा करता हूँ कि आप सभी को मेरी यह कहानी भी पसंद आएगी। मुझे मेल करना न भूलें।
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