हॉट भाभी Xxx फक़ स्टोरी में पढ़ें कि मैंने एक मासूम सी दिखने वाली भाभी को सेट करके उसे मनाली की वादियों में बड़े प्यार से चोदा. वो गर्म माल भी मजे ले लेकर चुदी.
फ्रेंड्स, मैं विंश शांडिल्य अपनी सेक्स कहानी के अगले भाग को लेकर हाजिर हूँ.
पिछले भाग
खूबसूरत भाभी ने मेरा प्रणय निवेदन ठुकरा दिया
में अब तक आपने पढ़ा था कि एक नाजनीन भाभी कृतिका मेरे प्यार के जादू में फंस कर मेरे साथ मनाली के एक रिसॉर्ट की तरफ खिंची चली आई.
अब आगे हॉट भाभी Xxx फक़ स्टोरी:
फ्लाइट से उतरने के बाद ही हम एयरपोर्ट पर कुछ देर रुके और हमने कुछ शॉपिंग की.
वो कुछ खाने का सामान ले रही थी.
उसी समय मैंने वहीं वाइन स्टोर से 2 रेड वाइन और एक वाइट वाइन की बोतल खरीद ली.
फिर चल निकले एयरपोर्ट से बाहर अपनी दुनिया में.
कुछ देर के सफ़र के बाद हम उस रिसॉर्ट में आ पहुंचे, जो उसने बुक किया था.
सच में वो किसी जन्नत से कम नहीं था और उससे भी खूबसूरत था वो कमरा, जो हमारे लिए बुक था.
चेक-इन के समय रिसेप्शन वाला उसे हनीमून स्वीट बोल रहा था.
खैर … हम दोनों कमरे में पहुंचे और वेटर ने हमारा सामान रख दिया.
उसके जाते ही मैंने झट से दरवाजा बंद किया और अपनी जान को अपनी बांहों में खींच लिया.
शायद इसके लिए वो तैयार नहीं थी, तो खुद को संभालती हुए बोली- अरे … इतनी बेताबी!
मैंने कहा- हो भी क्यों न … जब तुम मेरे पास हो, एकदम अकेली और फिर इतनी शिद्दत से जो मिल रहे हैं.
उसने कहा- हां तो मैं कौन सा भाग रही हूँ. मैं तो हूँ ही तुम्हारी, पूरे पांच दिन के लिए, जो चाहे कर लेना.
मैंने कहा- इसमें जो मजा है, वो आराम से करने में कहां है?
वो अभी आना-कानी कर रही थी.
तभी मैंने अचानक से उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और उसके गुलाबी होंठों को पीना शुरू कर दिया.
मुझे न रुकता देख, उसने भी मेरा साथ देना शुरू कर दिया और हम दोनों एक दूसरे को पागलों की तरह चूमने लगे.
उसको चूमते हुए मैंने उसे पीछे से चूमना शुरू किया, कभी गाल कभी गर्दन कभी पीठ का ऊपरी हिस्सा चूमने लगा.
उसी के साथ ही कपड़े के ऊपर से ही उसकी गांड पर अपना लंड सटा कर धक्के देने लगा.
मेरे हर धक्के पर वो और ज्यादा मदहोश होने लगी.
मैंने अपने एक हाथ से उसकी चूचियों को दबाना चालू रखा और दूसरे हाथ को उसकी चूत पर ले जाकर उसकी चूत के दाने को सहलाना और मसलना शुरू कर दिया.
अब हाल ये था कि मेरे लंड का वार जैसे जैसे उसके गांड पर पड़ता, वो पागलों की तरह चीखने लगती- आह फ़क मी बेबी … फ़क मी हनी … फ़क मी!
और मैं फिर उतने ही जोर से उसकी गांड पर अपना लंड मार देता.
चूमते चूमते हम दोनों ने एक दूसरे के कपड़ों को उतार फैंका.
अब बस मेरे बदन के ऊपर एक अंडरवियर और उसके ऊपर पैंटी और ब्रा बची थी.
हम दोनों एक दूसरे से अलग हुए और मैं वहीं सोफे पैर बैठ कर उसे अपने ऊपर बिठा लिया.
फिर से हम एक दूसरे को चूमने लगे.
कभी वो मुझे चूमती चाटती और कभी मैं!
फिर मैंने उसकी ब्रा और पैंटी को उसके जिस्म से आजाद कर दिया.
वाह क्या नज़ारा था … उसका दूधिया बदन बिल्कुल सोने के जैसा चमक रहा था.
मैं तो उसकी खूबसूरती देख कर बस देखता ही रह गया.
कितना गोरा शरीर था उसका … और एकदम गोरी और संतरे के आकार की उसकी तनी हुई सख्त चूचियां, मन तो कर रहा था बस नौच खाऊं उन्हें!
पर वो भी कुछ कम नहीं थी.
उसने भी एक ही झटके में मेरे अंडरवियर को मेरे शरीर से नौच फैंका और फिर से हम दोनों आपस में लिपट गए.
एक दूसरे को चूमने लगे.
ऐसा लग रहा था, जैसे वो कोई कुंवारी लड़की हो, उसके दो बच्चे हैं, ऐसा लग ही नहीं रहा था.
उसकी चूचियां एकदम अनछुई और कड़क लग रही थीं.
अब मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था तो मैंने उसको नीचे लिटा दिया और उसको होंठों से चूमना शुरू कर दिया.
पहले होंठ, फिर गर्दन और फिर दो आज़ाद कबूतर.
मैंने उसकी एक चूची को मुँह में भर लिया और एक को अपने हाथों से सहलाने लगा.
इतना मजा आ रहा था, जितना मुझे पहले कभी किसी की चूची को पीकर या मसल कर नहीं मिला था.
मैं तो उसकी चूचियों को नौच नौच कर पिए जा रहा था. कभी उसके निप्पलों को चुभलाता, कभी काट लेता.
और वो भी मादक आवाज़ में सिसकारियां लिए जा रही थी, जैसे बरसों की प्यासी हो.
बारी बारी से उसकी दोनों चूचियों को पीने के बाद मैंने उसे नीचे लिटाया और उसके पेट को चाटने के बाद उसकी नाभि में अपना जीभ को डाल दिया.
उसकी नाभि की खाई को मैं कुरेदने लगा.
मुझे ऐसा लग रहा था, जैसे उसमें से शहद निकल रहा हो.
फिर धीरे धीरे मैंने उसकी जांघों को चाटना शुरू किया और चूत का इलाका जानबूझ कर छोड़ कर नीचे उसके घुटनों पर सरक आया.
फिर उसके पैरों को चाटने लगा.
सच कहूँ तो चोदते समय पैर की उंगलियों को पीने का अपना ही मजा है.
वो मेरे हर हरकत पर ऐसे तड़प रही थी मानो वो अपनी जिंदगी का पहला सेक्स कर रही हो.
उसकी ऐसी तड़प को देख कर मुझे और भी जोश आ रहा था.
सच है कि अगर आप का पार्टनर आपको सपोर्ट करे, तो आपमें अपने आप ही आग लग जाती है.
अब बिना देरी किए मैं सीधे उसकी चूत पर आ गया जो पहले से ही साफ़ थी और भट्टी की तरह धधक रही थी.
बस फिर क्या था … जैसे मैंने अपने होंठ उसकी चूत पर रखे, वो मचल उठी और अपने दोनों पैरों से मेरी गर्दन को अपनी चूत में भींच लिया.
मैं उसकी अलबेली चूत का मजा लेने लगा और उसके दाने को, उसकी चूत के छेद को चाटने और चूसने लगा.
वो अपने हाथों से मेरे बालों को पकड़ कर अपनी चूत पर मुझे ऐसे दबा रही थी, जैसे वो मुझे अपनी चूत के रास्ते से ही अपने अन्दर घुसा लेना चाहती हो.
सच कहूँ दोस्तो, तो चूत चाटना और चूसना एक बहुत ही मदहोश कर देने वाला अहसास है.
वो चूत की महक, वो चूत का पानी, वो चूत की धधक, वो चूत में उठने वाली कसक, वो चूत से निकलता हुआ लावा, वो चूत की मचलती जवानी … आह.
मुझे तो सेक्स करने में सबसे अच्छा चूत चाटना और चूसना लगता है और फिर जम कर चोदना तो आग में घी का काम करता ही है.
मैं तो चोदने के बीच में भी कई बार चूत चाटता हूँ, जिससे आपके पार्टनर को भी और जोश चढ़ता है.
मैं पागलों की तरह उसकी चूत को चाटे जा रहा था और वो चिल्लाये जा रही थी- अब चोद दो अब चोद दो.
लेकिन मैं उसे और पागल करने में लगा था.
चिल्लाते चिल्लाते उसने अपना सारा पानी मेरे मुँह में छोड़ दिया.
उसकी रसधार इतनी तेज थी कि वो सारा पानी अपने आप ही मेरे मुँह में चला गया और मैं उसे पीता चला गया.
मैंने फिर से उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया और अब हम 69 की दशा में आ गए थे.
उसने मेरे लंड पर ऐसा झपट्टा मारा, जैसे भूखी शेरनी अपने शिकार पर मारती है.
हम दोनों एक दूसरे से गुंथ गए.
दस मिनट तक एक दूसरे को चूसने चाटने के बाद उसने मुझे अलग कर दिया.
वो चिल्लाए जा रही थी- अब नहीं रहा जाता, अब पेल दो अपना लंड … और चोद दो मुझे, फाड़ दो मेरी चूत को भोसड़ा बना दो.
मैंने उसे नीचे लिटाया और खुद उसके ऊपर आ गया, उसकी लपलप करती चूत पर अपना लंड रगड़ने लगा.
उसकी चूत के छेद पर लंड लगा कर एक जोर का धक्का दे मारा.
वो अचानक हुए इस हमले से छटपटाने लगी मगर मेरा आधा लंड उसकी गुलाबी चूत में चीरता हुआ अन्दर घुस गया.
मैंने उसके रसीले होंठों को चूसना शुरू किया और एक करारा धक्का फिर से दे मारा.
इस बार मैंने अपना पूरा लंड उसकी चूत में पेल दिया और उसे चोदना शुरू कर दिया.
वो मेरे हमले से बेहोश सी हो गई थी और उसकी आवाज निकलना बंद हो गई थी.
कुछ देर बाद वो संयत हुई और अब वो भी ऐसे मेरा साथ दे रही थी जैसे बरसों की भूखी हो.
कुछ ही देर में मैंने अपनी गति और तेज की और जोर से उसे चोदना शुरू कर दिया.
जितनी तेजी से मेरे धक्के लग रहे थे, उतनी ही तेज उसकी आवाज भी निकलनी शुरू हो गयी थी- आअह मजा आ गया अहह्ह और चोदो … और जोर से पेलो जान और जोर से … आह और तेज और जोर से आह आआंईई फाड़ दो मेरी चूत को … और तेज़ चोद साले!
मैं भी पागलों की तरह उसे चोदे जा रहा था और उसकी चूचियों को काटे जा रहा था.
उसके बाद मैंने उसे घोड़ी बनाया और पीछे से अपना लौड़ा उसकी चूत में पेल दिया.
उसके चूतड़ों पर थप्पड़ मार मार कर मैं उसे ऐसे चोदे जा रहा था मानो मेरे नीचे एक कमसिन रांड हो.
पूरे कमरे में तूफ़ान आ गया हो, मैं जितना तेज उसकी चूत चोद रहा था, वो भी उतने ही जोश से ऐसे अपनी गांड चला रही थी, जैसे मुझे ही पूरा घोंट जाएगी.
कुछ देर ऐसे चोदने के बाद मैंने उसे दीवार के सहारे खड़ा किया और पीछे से उसकी चूत में लौड़ा पेलने लगा.
वो आअह आअह किए जा रही थी और मैं उसे जानवरों की तरह चोदे जा रहा था.
कुछ देर बाद वो चिल्लाने लगी- मेरा पानी छूटने वाला है, आगे से आओ आगे से आओ.
मैंने उसे सोफे पर लिटाया और उसके ऊपर जाकर उसकी चूत को चोदने लगा.
कुछ देर बाद उसका पानी उसकी मूत से मिलकर बहने लगा और उसके दो मिनट बाद ही मेरा पानी निकल गया जिसे मैंने उसकी चूत में ही लबालब भर दिया और उसके ऊपर गिर पड़ा.
हमारी सांसें इतनी तेज चल रही थीं, जैसे हम मीलों भाग कर आए हों.
थोड़ी देर बाद जब हम दोनों की सांस में सांस आई तो हम एक दूसरे से अलग हुए और पास में ही बिना कपड़ों के बैठ गए.
मैंने देखा उसकी चूत एकदम लाल हो गयी थी और चूचियों पर भी कई जगह दांत लग गए थे.
उसने कहा- तुम बहुत ही ज्यादा अच्छा सेक्स करते हो, मजा आ गया. इतना मजा तो मेरे पति ने भी मुझे कभी नहीं दिया.
मैंने कहा- देखो मेरा एक सिद्धांत है, मैं प्यार करता हूँ तो बिल्कुल रानी बनाकर और चोदता हूँ तो पक्की रंडी की तरह.
उसने कहा- वाह, बड़ा अच्छा सिद्धांत है. वैसे तुमने इतने में ही कोई कसर नहीं छोड़ी. मुझसे तो खड़ा भी नहीं हुआ जा रहा और अब तुम ही मुझे बाथरूम तक ले जाओगे.
मैंने कहा- जो हुक्म मेरी रानी!
उसे मैंने अपनी गोद में उठाया और बाथरूम में ले गया.
मैंने उसे उतारा तो उसने कहा- कमोड पर बैठो, मैं कुछ करना चाहती हूँ.
मैं वहां बैठ गया और वो मेरे सामने आकर खड़ी हो गयी.
वो मेरे लंड पर मूतने लगी और उसके गर्म पेशाब की धार मेरे लंड पर पड़ने लगी.
उससे मेरा लंड फिर से तैयार हो गया.
फिर वो मुझे उठा कर खुद वहां बैठ गयी और बोली- अब तुम मूतो मेरी चूत पर.
मैंने भी वैसा ही किया और हम दोनों ही जोश में आ गए.
फिर मैंने उसे शॉवर के नीचे खड़ा किया और पानी खोल कर उससे चिपक गया.
उसकी चूत में पीछे से मैंने लंड ठोक दिया और उसे चोदने लगा.
वो भी पूरे जोश से मेरा लंड खाए जा रही थी और मेरे सीने को नौचे जा रही थी, मेरे निप्पलों को बारी बारी से चूसे जा रही थी, किसी हब्शी की तरह मुझे किस कर रही थी.
मैं उसे उतनी ही तेजी से चोदे जा रहा था.
काफी देर Xxx फक़ के बाद हम दोनों का पानी निकला और हम नहा कर बाहर आ गए.
हम नंगे ही बिस्तर पर लेट गए और कब नींद आ गयी, कुछ पता ही नहीं चला.
फिर हम दोनों सीधे रात में 9 बजे उठे.
हम दोनों एक दूसरे को देख कर मुस्कुरा रहे थे.
मैंने उससे कहा- बड़ी आग भरी है तुम्हारे अन्दर?
उसने कहा- तुम भी तो कम नहीं हो.
हमने खाना आर्डर किया और कपड़े पहन लिए.
कुछ देर बाद खाना आया और हमने खाना खाया.
हम बैठ कर बातें कर रहे थे, तभी अचानक मुझे वाइन की याद आई.
मैंने उससे पूछा- वाइन पियोगी?
उसने कहा- कभी टेस्ट नहीं किया है, लेकिन लाओ आज पीते हैं, अगर अच्छा नहीं लगा, तो तुम तो हो ही.
मैं उठा और वाइन की बोतल ले आया.
दोस्तो, मैं हॉट भाभी Xxx फक़ स्टोरी के अगले हिस्से को और भी गर्म आग से लबरेज करके लिखूँगा.
आप बस मुझे अपना प्यार मेल से देते रहें.
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हॉट भाभी Xxx फक़ स्टोरी का अगला भाग: मनाली के रिसॉर्ट में प्यार भरी चुदाई- 3