सेक्सी हॉट गर्ल फर्स्ट सेक्स स्टोरी मेरे भाई की साली की बुर चुदाई की है. जब हम भाई के लिए लड़की देखने गए थे तभी से वो सेट होने लगी थी. तो वो चुदी कैसे?
नमस्कार दोस्तो, मैं आपका दोस्त ललित आप सबके सामने अपनी सेक्सी हॉट गर्ल फर्स्ट सेक्स स्टोरी प्रस्तुत कर रहा हूँ.
यह मेरी पहली कहानी है, अगर कोई गलती लगे तो माफ कर दीजिएगा.
मैं अपने बारे में बता देता हूँ.
मेरा नाम ललित है और मैं भिवानी, हरियाणा का रहने वाला हूँ.
मैं 21 साल का हूँ तथा भिवानी के ही एक इंजीनियरिंग कॉलेज से बीटेक कर रहा हूँ.
मेरा कद 6 फुट और 2 इंच है और जिम जाने से शरीर एकदम कसरती बना हुआ है. जिसे देख कर हर लड़की आकर्षित हो ज़ाती है.
मेरे लंड का साइज 6.5 इंच है, जो किसी भी लड़की की चूत फाड़ कर उसे संतुष्ट कर सकता है.
घर में मेरे माता पिता, एक भाई और भाभी हैं.
अब लड़के अपने लौड़े हिलाने को … और लड़कियां अपनी चूत में उंगली करने को तैयार हो जाएं.
यह घटना 2 साल पुरानी है.
मेरे भैया एक सरकारी बैंक में मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं. उनकी शादी के लिए लड़की देखी जा रही थी.
काफी लड़कियां तलाशने के बाद मेरे भाई को रोहतक की एक लड़की पसंद आई.
हम सबको दूसरे दिन सुबह रोहतक लड़की देखने जाना था. लड़की वालों के घर पहुंच गए.
उन्होंने हमारा स्वागत किया और हम सब अन्दर आ गए.
थोड़ी देर बैठने के बाद, मेरी होने वाली भाभी और उसकी छोटी बहन आरती नाश्ता लेकर आईं.
आरती 19 साल की बेहद ही खूबसूरत कामुक शरीर की लौंडिया थी. उसका कद 5 फुट 7 इंच का था और फिगर 34-28-36 का था. रंग इतना गोरा कि दूर से ही लंड में गर्मी आ जाए.
चूचे एकदम मोटे और कसे हुए. उसकी कमर एकदम मक्खन जैसी थी.
उसे देखते ही मेरा लंड पैंट में फनफनाने लगा था.
वो जैसे ही मेरे सामने आई, मैं उसे देखता ही रह गया.
चाय नाश्ता परोसने के बाद होने वाली भाभी और आरती हमारे सामने ही बैठ गई थीं.
भैया और भाभी आपस में बात करने लगे और मैं तभी से आरती को ही देखे जा रहा था.
मन तो कर रहा था कि साली को अभी पटक कर चोद दूँ, पर मैंने अपने जज्बातों को काबू में रखा.
फिर उसके पिताजी ने मेरा उससे परिचय करवाया और बताया कि आरती ने अभी 12 वीं पास की है और इसका मन आगे इंजीनियरिंग करने का है. तुम इसे करियर के लिए गाइड करना और जरूरी नोट्स भेज देना.
मैंने हां कर दी और उससे पढ़ाई को लेकर बात करने लगा.
वो भी बात करते वक्त मुझे ऐसे घूर रही थी, जैसे काट ही खाएगी.
थोड़ी देर बात करने के बाद मैंने उससे उसका व्हाट्सएप नंबर मांग लिया और उसने झट से दे भी दिया.
फिर हम लोग घर के लिए वापिस निकले और घर आ गए.
भैया और घरवालों को लड़की काफी पसंद आई और हमने अपनी तरफ से उन्हें रिश्ते के लिए हां बोल दी.
मैंने आरती को मैसेज करके बताया और उसने बताया कि उन्हें भी भैया काफी पसंद आए और नीचे लिखा कि उसे मैं काफी पसंद आया.
इतना सुनते ही मैं काफी खुश हो गया था और मन ही मन आरती को चोदने के सपने देखने लगा.
ऐसे ही हमारी बात आगे चलती गई और हम लोग काफी खुल मिल गए थे.
भैया और भाभी का रोका भी तय हो गया था परंतु रोके वाले दिन आरती किसी कारणवश नहीं आ पाई और मुझे काफी मायूसी हुई.
मैंने उससे मैसेज करके लिखा- तुम आज क्यों नहीं आई?
मैं उससे काफी गुस्सा हो गया था तो मुझे मनाते हुए उसने लिखा- शादी के दिन जी भरके मिल लेना.
इतना कह कर वो हंसने लगी.
मैंने भी हंसने वाला इमोजी भेज दिया. मैंने भी जी भरके मिलने का मतलब समझ लिया था.
अब हम रोज बात करने लगे थे और एक दूसरे के काफी नजदीक आने लगे थे.
एक दिन बात करते वक्त उसने मुझसे फिजिक्स के नोट्स मांगे, तो मैंने कहा- सिर्फ नोट्स ही लेने है? न्यूड्स में दिलचस्पी नहीं है?
वो समझ तो गई थी, पर उसने बात टालने की कोशिश की.
मैंने साफ़ कहा- तुम अपने ऐसे फिजिक की फोटो भेजो, जो मैंने देखी न हो. तभी मैं तुम्हें फिजिक्स की फोटो भेजूँगा.
इतना सुनकर वो मना करने लगी, पर मैंने उससे ज्यादा जोर देकर कहा और वो मान गई.
उसने मुझे उसकी चूत और चूचे की फोटो भेज दी.
मैंने उसे देख कर 4 बार मुट्ठी मारी और मैंने उससे आई लव यू बोल दिया.
बदले में उसने भी लव यू टू कहा.
अब हमारे बीच रोज सेक्स चैट होने लगी थी और हम दोनों कपड़े उतार कर वीडियो कॉल करने लगे थे.
उसने मुझे बताया था कि उसने आज तक सेक्स नहीं किया है और वो अभी तक वर्जिन है.
यह सुनकर मैं और जोश में आ गया.
मैं यहां लंड मसलता, बदले में वो वहां चूचे भींचती और चूत में उंगली करती.
अब हम लोग मिलने को तड़पने लगे थे
मेरी किस्मत जब खुली, जब भाभी के घर वाले, हमारे यहां से शादी की शॉपिंग करने आने वाले थे. उनके साथ में आरती भी आने वाली थी.
मेरी मां और मुझे शॉपिंग करने उनके साथ जाना था और मैं काफी खुश था.
वो लोग भिवानी आए और मैं आरती को देख कर काफी खुश हुआ. वो भी मुझे देख कर कातिल स्माइल दे रही थी.
काफी दुकानों पर घूमने के बाद जब हमें मिलने का मौका नहीं मिला तो मैंने मां से कहा कि मैं और आरती दूसरी दुकान पर जाकर सामान देखते हैं.
मां ने मुझे हां कह दी.
फिर मैं आरती को लेकर थोड़ी दूर एक निर्माणाधीन बिल्डिंग में आ गया जहां काफी अंधेरा था.
मैंने और आरती ने सबसे पहले एक दूसरे को जोर से हग किया और उसके चेहरे को देख कर मैंने अपने होंठ उसके रसीले होंठों पर रख दिए.
पांच मिनट तक हम दोनों स्मूच करते रहे.
उसने मुझसे छूटते ही मुझे आई लव यू ललित कहा और मैंने जवाब में फिर से स्मूच करना जारी रखा.
इसी बीच मैंने उसे जोर से बांहों में कस लिया था और उसके चूचों को ऊपर से ही भींचने लगा था.
वो मस्त कामुक आवाजें निकालने लगी.
मैंने कहा- बहुत तड़पाया है तूने मुझे जान, आज तुझे एकदम चूस कर खा जाऊंगा.
आरती बोली- तुम्हारे बिना मेरा भी बुरा हाल था जानू … और जोर से चूमो मुझे.
हम एक दूसरे के मुँह में जीभ घुमाकर किस करने लगे.
तभी मुझे ध्यान आया कि मां हमारा इंतजार करती होंगी.
फिर हम अलग हुए और मां और के पास चले आए.
मां ने पूछा- कहां थे, इतना वक्त कहां लगा दिया?
जवाब देते हुए मैंने कहा- कुछ नहीं मां, भीड़ बहुत ज्यादा थी, इसलिए टाइम लग गया.
मैंने आरती की तरफ आंख मार दी और वो हंसने लगी.
फिर हम लोग खाना खाने एक होटल में गए जहां मैं और आरती आमने सामने बैठ गए और एक दूसरे को पैरों से छेड़ने लगे.
खाना खाने के बाद मैं आरती और उसकी मां को बस स्टैंड पर छोड़ आया, जहां आरती ने मुझे हल्की से पप्पी देते हुए बाय कहा और मैं उन्हें बस में बिठाकर चला गया.
रात को हम एक दूसरे से आज के मिलन की बात करने लगे.
उसने बताया कि उससे काफी मजा आया और उसने मेरे साथ बिताए हर पल को एंजॉय किया.
मैं भी आज के सीन याद कर करके मुठ मारने लगा और सो गया.
हम दोनों की आग भी अब काफी भड़क रही थी.
अब तो उसके बिना एक घंटा भी एक दिन के बराबर लगता था.
घर वालों ने शादी का शुभ दिन निकलवाने के लिए पंडित को बुलवाया और शादी अगले महीने की 19 तारीख को तय हुई.
ये बात सुनकर में काफी खुश था और पूरा प्लान बना रहा था कि शादी के दिन आरती की चूत का भोसड़ा बनाना ही है.
आरती को बताने के बाद उसने भी कहा- मुझे भी तुम्हारे लंड का स्वाद चखना है. मैं अपनी चूत मरवाने के लिए मरी जा रही हूँ.
फिर मैंने उससे न्यूड पिक मांग कर अपनी गर्मी ठंडी कर ली.
अब आखिरकार काफी दिन इंतजार करने के बाद शादी का दिन आ ही गया.
हम सब काफी उत्साहित थे और हमने भिवानी रोहतक हाइवे पर एक रिसॉर्ट बुक कराया था.
वो जगह देखने में एकदम जन्नत जैसी थी.
हम बारात लेकर वेन्यू पर आए और बारात का स्वागत बड़ी गर्मजोशी से किया गया.
मैं अन्दर जाते ही आरती को ढूंढने लगा.
ना मिलने पर मैंने उसे फोन भी किया पर उसका फोन नोट रीचेबल आ रहा था.
मैं निराश होकर बाहर मेहमानों का स्वागत करने चला गया था और सारे काम संभाल आने के बाद मैं अन्दर हॉल में आकर बैठ गया था.
इतनी देर में पीछे से आवाज आई ‘ललित …’
जब मैंने पीछे मुड़ कर देखा तो पीछे आरती खड़ी थी.
लाल रंग के लहंगे में वो बला की खूबसूरत लग रही थी जैसे स्वर्ग से कोई हुस्न की परी उतर कर आ गई हो.
उसका वो हसीन चेहरा और रसीले होंठों पर लाल लिपस्टिक.
मेरी जान सेक्सी हॉट गर्ल मेरे दिल को भा गई थी.
उस दिन उसे कोई बूढ़ा भी देख लेता तो उसका भी लौड़ा खड़ा हो ज़ाता.
मैंने उसका हाथ पकड़ कर पूछा- कहां थी तुम … और फोन क्यों नहीं उठाया?
उसने जवाब दिया कि वो अपनी बहन का मेकअप कराने में बिजी थी और फोन पिक नहीं कर पाई.
फिर हम दोनों साथ में बैठ गए और एक दूसरे की तरफ देख कर बस तारीफ कर रहे थे.
ज्यादातर मेहमान खाना खाकर घर जा चुके थे, जय माला भी हो गई थी.
अब फेरों का समय था. इस टाइम पर मेरे पास भी कुछ करने को काम नहीं था और ना ही आरती के पास.
मैंने उसे इशारा करते हुए साथ चलने को कहा.
वो मेरे इशारे को समझ गई थी और साथ चलने को तैयार हो गई.
जाते जाते मैंने एक क्वार्टर व्हिस्की की बॉटल ले ली थी और हम दोनों छुपते छुपाते तीसरी मंजिल के एक कमरे में आ गए थे.
मैंने कमरे की कुंडी लगाई और उसे बांहों में कसके जकड़ लिया, उसे चूमने लगा.
फिर मैंने उसे बांहों में उठाया और बेड पर पटक कर उसके ऊपर चढ़ गया.
मैं उसे बेतहाशा चूमने लगा.
कभी कान की पीछे, कभी गर्दन पर, कभी होंठों पर.
वो भी मादक आवाजें निकाल रही थी- ओह यस ललित, किस मी आह आह.
मैं भी पूरे जोश में था.
फिर उसने मेरी शर्ट उतारनी चालू की.
बदले में मैंने भी उसका ब्लाउज उतारा और उसे ब्रा में देख कर मेरा दिमाग एकदम पागल हो गया था.
मैं उसके पेट पर उसे चूमने लगा.
उसे काफी गुदगुदी होने लगी थी.
मैं उसके चूचों को ब्रा के ऊपर से ही दबाने लगा और काफी देर तक दबाने के बाद उसकी ब्रा की हुक खोल दी.
उसके चूचे एकदम से उछल कर मेरे सामने ऐसे आ गए जैसे उन्हें काफी दबा कर जकड़ा हुआ हो.
उन्हें आजाद करके मैं उसके एक चूचे को चूसने लगा और निप्पल पर दांतों से काटने लगा.
वो सेक्सी हॉट गर्ल भी बहुत मज़े ले रही थी और मेरे बालों में हाथ फेर रही थी.
मैंने उसके लहंगे को निकाला और उसके पैरों पर चूमने लगा.
चूमते चूमते उसकी जांघों तक आ गया था और उसकी चूत को चूमने लगा.
उसकी कच्छी साइड में करके उसकी सील पैक चूत में उंगली करने लगा.
इससे आरती को काफी मजा आ रहा था और वो जोर जोर सांसें लेने लगी थी.
फिर मैंने उसकी कच्छी को उतारा और देखा कि उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था.
मेरे पूछने पर उसने बताया कि उसने कल ही चूत शेव कर ली थी.
मैंने चूत को से चूमा और उसकी चूत पर जीभ फिराने लगा.
वो कामुक आवाजें निकाल रही थी.
काफी देर चूत चाटने के बाद उसने मेरी पैंट के ऊपर से ही मेरा लौड़ा पकड़ा और बोली- हाय राम … इतना बड़ा और मोटा … आज तो तुम मेरी चूत का भोसड़ा बनाकर ही रहोगे.
मैंने कहा- हां जानू, आज तेरी सील में ही तोड़ूंगा.
फिर उसने मेरी पैंट निकाली और कच्छे को एकदम से निकाल दिया.
मेरा लौड़ा एकदम से उसके मुँह के आगे आ गया.
उसने बड़े प्यार से लौड़े को हिलाया और मुँह में ले लिया.
उस वक्त मुझे ऐसा महसूस हो रहा था कि मानो मैं सातवें आसमान पर उड़ रहा हूँ.
मेरे मुँह से भी ‘आह … आह …’ की आवाजें निकल रही थीं.
फिर मैंने व्हिस्की की बॉटल खोली और उसके गर्दन के पीछे डाल कर मैं उसकी गर्दन चाटने लगा.
मैंने व्हिस्की उसके पेट पर और चूत पर भी डाली और उसे स्वाद लेकर चाटने लगा.
वो पल काफी मजेदार था.
उसे भी इसमें काफी मजा आ रहा था.
मैंने उससे 69 की पोज में आने को कहा.
मैं उसकी चूत और वो मेरा लौड़े को चूसने लगी.
काफी देर तक चूत चुदायी के बाद वो कहने लगी- अब और इंतजार मत करवाओ … जल्दी से पेल दो अपना लौड़ा मेरी चूत में … और बना दो इसका भोसड़ा.
मैं उसे अभी और तड़पाना चाहता था. मैं बस लौड़े को उसकी चूत पर फिराता और उसे तड़पा कर लंड हटा लेता.
वो मचल उठी- अब और मत तड़पाओ जानू … प्लीज डाल दो लौड़ा.
मैंने भी समय को बर्बाद करना सही नहीं समझा और उसकी चूत को फैला कर लंड अन्दर पेलने लगा.
पर उसकी चूत सील पैक होने के कारण लंड अन्दर नहीं जा रहा था.
फिर मैंने थोड़ा सा थूक अपने लौड़े पर और थोड़ा सा उसकी चूत पर लगाया और एकदम से लंड अन्दर पेल दिया.
उसकी एकदम से चीख निकली और वो लौड़ा निकालने का प्रयास करने लगी पर मैंने भी उसकी एक ना चलने दी.
मैंने कहा- बाबू पहली बार दर्द होगा, बाद में मजा आने लगेगा.
अब मैंने उसकी गांड के नीचे तकिया लगाया और उसके मुँह पर हाथ रख कर एक और जोर का झटका दे मारा.
इस बार मेरा आधा लौड़ा अन्दर चला गया था.
मैंने उसके मुँह को दबा लिया था ताकि आवाज बाहर न जाए.
फिर मैं धीरे धीरे लौड़ा अन्दर पेलता रहा.
कुछ समय के बाद उसे भी मजा आने लगा और अब वो मेरा साथ देने लगी थी.
वो बोल रही थी- कम ऑन बेबी … फक मी … चोद दो मेरी चूत को फाड़ दो … और जोर से पेल बहन के लौड़े … फाड़ दे मेरी चूत.
मैं भी पूरा जोश में आकर उसे चोदे जा रहा था और बोल रहा था- हां बेबी … साली आज फाड़ ही दूंगा तेरी चूत मेरी रंडी, बहन की लौड़ी.
अब तक वो दो बार चूत का पानी छोड़ चुकी थी.
काफी देर तक घमासान चुदायी के बाद मेरा रस निकलने वाला था.
मैंने उससे पूछा- कहां निकालूं?
उसने कहा- मेरे चूचों पर खाली कर दो.
फिर मैंने अपने लंड से गर्म पिचकारियां निकालना शुरू की और उसके चूचों पर लंड रस छोड़ दिया.
उसने वो सारा माल चाट लिया.
हमने दो बार चुदायी की और मैंने उसे पूरा संतुष्ट कर दिया.
उसने मुझे हग किया और इतना मजा देने के लिए एक किस की.
चूत से खून निकला देख कर वो मुस्कुराने लगी.
फिर थोड़ा सा आराम करके हम अपने कपड़े ठीक करके नीचे आ गए.
नीचे आकर देखा तो शादी हो चुकी थी और अब विदाई का टाइम था.
मैंने आरती को बाय कहा और हम भाभी को अपने संग लेकर घर आ गए.
इसके बाद आरती जब भी हमारे घर रुकने आती थी, तो हम पूरी रात चुदायी का मजा लेते थे.
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