भाई बहन के प्यार से सेक्स तक-4

भाई बहन के प्यार से सेक्स तक-4

मेरी सहेलियां स्कूल में सेक्स की बात करती थीं. पर मैं उनसे दूर रहती थी. एक दिन मेरी सहेली ने एक किताब दी जिसमें सेक्स के मजे के बारे में बताया हुआ था. पर मैं डरती थी और …

आपने अब तक की मेरी कुंवारी जवान बहन की सेक्स कहानी के पिछले भाग
भाई बहन के प्यार से सेक्स तक-3
में पढ़ा था मैंने अपनी बहन की कुंवारी बुर को चोद कर अपने लंड का रस उसी में डाल दिया था.

अब आगे:

जब मेरा पूरा लंड रस निकल गया, तो मैं उठ गया. मैंने देखा कि मेरे लंड के रस और उसकी बुर के रस के साथ थोड़ा सा खून भी मिला हुआ उसकी बुर से बह रहा था. मैंने उसकी स्कर्ट से उसकी बुर को पौंछ कर साफ कर दिया और अपना लंड भी साफ कर लिया.

फिर मैंने उससे पूछा कि अपने भैया का प्यार पसंद आया?
वो मुझे किस करते हुए बोली- अब तो मुझे सिर्फ यही प्यार आपसे हर समय चाहिए मेरे प्यारे भैया.

फिर हम दोनों उठे और मैंने उससे बाथरूम में चलने को कहा. वो लंगड़ा कर चलने लगी. मुझे उसकी चाल देख कर हंसी आ गयी.
वो बोली- भैया आप हंस रहे हैं … मैं खड़ी भी नहीं हो पा रही हूँ.
मैं उसे सहारा देकर ले गया और उसकी बुर को साफ किया. उसने भी मेरा लंड साफ किया.

फिर उसने मेरे सामने ही पेशाब की, तो उसकी बुर से अन्दर का माल बाहर आने लगा, जिसमें खून भी निकल रहा था. वो ये देख कर डर गई.
मैंने उसे बताया कि डरने की कोई बात नहीं है. ये तो पहली बार में आता ही है.

फिर जब मैंने पेशाब किया तो मेरी जान निकल गयी. मेरा स्किन जो सुपारे से जुड़ी होती है, वो कट गई थी.

उसे मैंने अपनी बहन को दिखाया- देखो, बस ऐसे ही तुम्हारी बुर में भी होता है. झिल्ली के टूटने से थोड़ा खून आ ही जाता है.

फिर हम दोनों रूम में आ गए, तो वो कपड़ा पहनने लगी. मैंने उसे मना किया कि अब ऐसे ही रहने दो. हम दोनों अब रूम में नंगे ही रहेंगे.
वो मेरी बात मान गयी.

मैं बोला- बेटू, अब तुमको जब भी अपनी बुर में पेलवाने का मन करे, मेरा लंड घुसवा लेना अपनी बुर में … या जब भी चूसने का मन करे, तो चूस लेना.
उसने भी वैसा ही कहा कि हां भैया आपका भी जब भी मन हो, मेरी बुर पेल लीजियेगा.

रात भर तो हम दोनों बहुत अच्छे से एक दूसरे को पकड़ कर नंगे बदन सोये, पर सुबह होते होते ठंड काफी बढ़ गई. चूंकि आज रविवार भी था, तो हम दोनों नहीं उठे. बस बेड पर लेटे लेटे ही बात कर रहे थे.

मैंने कहा- बेटू गुड मॉर्निंग.
ये कह कर मैंने अपनी बहन के होंठों की एक चुम्मी ले ली. बदले में उसने भी पप्पी दी और अपने भैया से गले लग गयी. गले लगने के साथ ही उसने मेरा लंड पकड़ लिया और हिलाने लगी.

मैंने पूछा- क्या पेलवाने का मन है?
वो बोली- हां भैया

हम दोनों में फिर से किस चालू हो गया. सब कुछ वैसे ही हुआ, बुर चाटना लंड चूसना … पर जब वो पीठ के बल लेटने लगी, तो मैंने कहा- बेटू आज मैं दूसरी पोजीशन तुम्हारी बुर पेलूंगा.
तब वो बोली- कैसे?
मैंने आंख मारते हुए कहा- घोड़ी बन जाओ.
वो हंसते हुए बोली- अब सही बोले हो … भैया आप घोड़ा … और मैं घोड़ी.

जब वो घोड़ी बन गयी, तो मैं अच्छे से उसकी बुर और गांड को चाटने लगा. फिर मैंने अपना लंड उसकी बुर में घुसा दिया. आज भी मेरी बहन को थोड़ा सा दर्द हुआ … मुझे भी हुआ क्योंकि चमड़ी का जख्म अभी भरा नहीं था. पर जब लंड खड़ा हो और बुर में आग लगी हो तो हर दर्द मजा देता है.

मैंने अपनी बहन को बहुत जबरदस्त तरीके से 15 मिनट तक पीछे से पेला.
फिर मैं बोला- अब तू मुझे पेल.
वो बोली- मैं कैसे पेलूं … लंड तो आपके पास है?
तब मैंने कहा- बेटू मैं लेटता हूँ, तू मेरे ऊपर बैठ कर ऊपर नीचे आगे पीछे करके अपनी बुर लंड पर रगड़ कर मजा ले.

उसने वैसा ही किया और खूब मस्ती के साथ चुदती रही. मैं उसकी चूचियों के निप्पलों के साथ खेलता रहा. फिर जब मेरा माल निकलने को हुआ तो मैंने उसे बताया.
वो बोली- रुको भैया, सुबह का नाश्ता मैं तुम्हारे रस से करूंगी.
मैं खुश हो गया.

वो उठ गई और मेरे लंड को चूसने लगी. कोई दो मिनट बाद मेरा लंड का रस लावा की तरह निकलने लगा और वो उसे पीती गयी. वो चटखारा लेते हुए बोली- भैया, आपने मुझको ये पहले क्यों नहीं दिया?
मैंने बोला- था तो तेरे पास ही … पर हर काम का एक समय होता है. जैसे फल के पकने का इन्तजार करने पर ही फल मीठा लगता है.
वो हंस दी- मतलब मैं पक गई हूँ.
मैं भी हंस दिया.

फिर हम दोनों उठे, बिस्तर सही किया, ठंड थी, तो दोनों ने पूरे कपड़े पहने और घर का थोड़ा बहुत काम किया. फिर मैं नहाने चला गया … क्योंकि अभी वो खाना बना रही थी. मैं नहा कर बाहर नंगे ही निकल आया … क्योंकि अब तो कोई शर्म बची नहीं थी.

श्वेता मुझे नंगा देख कर बोली- भैया आज तौलिया भूल गए थे क्या?
मैंने कहा- भूला कुछ नहीं … बस अब तो नंगे ही अच्छा लग रहा है.

वो मेरे पास आई और मेरे लिप पर चुम्मी देकर झुक गई और मेरे लंड को चूम लिया.

मैं उसको पकड़ने चला, तो बोली- अभी नहीं … मुझको खाना बनाना है … और मुझे भी नहाना है. आप अन्दर जाइये, कपड़े पहनिए … नहीं तो ठंड लग जाएगी.

मैं कपड़े पहन कर बैठ गया और वो काम खत्म करके नहा कर आ गई. वो बाथरूम से टॉवल लपेट कर आई और उसने मेरे सामने आते ही टॉवल खोल दिया.

आह … बला की खूबसूरत सुंदर मेरी बहन नंगी मेरे सामने खड़ी इतरा रही थी. मैं उठा और उसकी तरफ लपका.
तो वो बोली- भैया वहीं बैठे रहो.
मैंने कहा- एक पप्पी बस तेरी और तेरी बुर की.
वो इतरा कर बोली- हम्म … सिर्फ एक ही लेना.

मैं उठा, पहले मैंने अपनी बहन के ऊपर के होंठों को चूमा, फिर नीचे बैठ कर नीचे बुर के होंठों को थोड़ा गहराई तक चूसा.
उसने ‘सीई…’ की आवाज के साथ कहा- बस भैया हो गया … पूरा दिन बाकी है.

फिर उसने कपड़े पहने, हल्का मेकअप लगाया और बोली- भैया मैं कैसी लग रही हूँ.
मैंने कहा- बिल्कुल मेरी दुल्हन लग रही हो.
मेरे ऐसा कहने पर वो शर्मा गयी.

फिर हम दोनों ने खाना खाया और बाहर घूमने चले गए. दो घंटे बाद वापस आते समय मैंने अनवांटेड 72 की एक टॅबलेट खरीद ली और एक पैकेट कंडोम भी ले लिया.

घर आते ही कमरे का दरवाजा लॉक किया और अन्दर चले गए. मैंने उसे दवा और कंडोम दिए, तो उसने मुस्कुराते हुए ले लिए.

वो दवा और कंडोम बैग में रखकर कपड़े उतारने लगी.
मैंने बोला- रुको.
वो बोली- क्या हुआ?
तब मैंने कहा- आज से तेरे कपड़े मैं ही उतारूंगा.
वो बोली- अच्छा मेरे प्यारे भैया.

वो खड़ी हो गयी. मैंने उसकी जैकेट उतार दी. फिर मैंने उसकी टी-शर्ट को उतारा. फिर जींस उतार दी. अब वो मेरे सामने सिर्फ पैंटी ब्रा में थी.
वो बोली- बस..!
मैं बोला- हां हो गया.

उसने मेरे सामने पैंटी ब्रा भी उतार दी और बोली कि आपने ही तो नंगे रहने को कहा था.
तब मैंने कहा- बेटू अभी ठंड बहुत है.
वो बोली- ठीक है!

उसने बिना ब्रा पैंटी के ही लोवर और टी-शर्ट पहन ली. मैंने भी बिना अंडरवियर के लोवर टी-शर्ट पहन लिया.

मैंने उससे बोला- तुम दवा खा लो, नहीं तो मामा से पापा बन जाऊंगा.
वो हंसी और बोली- भैया ऐसा हो जाए तो अच्छा ही है … क्योंकि अब मैं सिर्फ आपकी ही रहना चाहती हूँ.
मैंने कहा- ठीक है बेटू … तब का तब देखा जाएगा … अभी तो मजे करो.
वो बोली- ठीक है.

फिर हम दोनों रजाई में बैठ गए, वो मेरी गोद में बैठी थी. मैं उसे पेट से पकड़े हुए था.

तब उसने पूछा- भैया आप मुझे पहले से ही पेलना चाहते थे?
मैं बोला- नहीं बेटू … ये तो दो दिन में पता नहीं सब कैसे हो गया.
मैं थोड़ा उदास हो गया.

वो बोली- भैया आप बुरा न माने, तो एक बात कहूँ?
मैंने कहा- मैंने तेरी कोई बात का कभी बुरा माना है?
वो बोली- भैया, मेरी सहेलियां स्कूल में ऐसे ही सेक्स को लेकर उल्टी सीधी बात करती थीं. पर मैं उनसे दूर रहती थी. लेकिन एक दिन मेरी एक सहेली ने मुझे पढ़ने को एक किताब दी, जिसमें सेक्स का मजा दिया हुआ था. पर मैं डरती थी और आपसे बहुत प्यार करती थी. इसलिए बाहर कोई गलत काम नहीं किया.

मैं उसे बड़ी तल्लीनता से सुन रहा था.

वो- एक दिन जब आप नहा कर टॉवल लपेट कर निकले, तो आपका टॉवल गिर गया था. उस समय मैंने आपको नंगा देख लिया था … बस उसी दिन से पता नहीं क्यों मेरा मन न तो पढ़ाई में लगता था … और न ही किसी काम में. मुझे हर समय आपका लंड दिखता था. उस रात जब आपका लंड खड़ा हो गया था, तो मुझे पता नहीं क्या हो गया … और मैंने अगली रात न चाहते हुए भी आपका लंड पकड़ लिया.

मैंने कहा- बेटू कोई बात नहीं … जो हुआ अच्छे के लिए हुआ. देख न … अब तू भी खुश है और मैं भी.
श्वेता बोली- हां भैया … अब अच्छा लग रहा है.
मैंने कहा- अब अच्छे से पढ़ाई करना और इस साल 11 वीं और अगले साल 12 वीं में अच्छे से नंबर ला कर पास होना.
वो बोली- वादा भैया … आपको निराश नहीं करूंगी. बस तुम मुझे ऐसे ही प्यार करते रहना.

तब मैंने उसकी चुचियों को पकड़ते हुए कहा- अच्छा मेरी जान.
मैं अपनी मस्त बहन की मस्त चुचियां दबाने लगा.
श्वेता बोली- भैया और कितने तरह से चुदाई होती है?
मैंने उसे बताया- देखो होना तो बस एक ही काम है … बुर और गांड में लंड का घुसना … पर इसको जिस तरह से भी मजेदार बना दिया जाए, वो ही पोजीशन सही होती है और वो ही मस्त तरीका होता है.

मेरे मुँह से गांड शब्द सुनते ही वो बोली- भैया लंड को गांड में भी पेला जाता है क्या?
तब मैंने बताया कि उसे गांड पेलना नहीं … गांड मारना कहते हैं. पर क्यों कहते हैं, ये मुझे भी नहीं पता.

उसने बोला- तो भैया, आज आप मेरी गांड भी मार दो.
ये कहते हुए उसने मुझे आंख मार दी.
मैंने कहा- मैं तेरी गांड मार तो दूंगा, पर क्या तू दर्द सह पाएगी? क्योंकि गांड में ज्यादा दर्द होगा.
वो बोली- भैया मुझे आप पर यकीन है. आप आराम से मेरी गांड में लंड कर लेंगे.
मैं बोला- हां मैं तो कर लूंगा, पर तू दर्द सह पाएगी?
वो बोली- आपके प्यार के लिए मैं हर दर्द सहन कर लूंगी.
मैंने कहा- ठीक … अब तेरी गांड मारने की तैयारी करूंगा.

आज की सेक्स स्टोरी बस इतनी ही थी. मेरी अगली सेक्स कहानी का इंतज़ार कीजिएगा कि कैसे मैंने अपनी बहन की गांड मारी.
अपनी चुत में उंगली करने या लंड की मुठ मारने से पहले मुझे मेल करना न भूलें.
[email protected]

Check Also

पति पत्नी की चुदास और बड़े लंड का साथ- 2

पति पत्नी की चुदास और बड़े लंड का साथ- 2

थ्रीसम डर्टी सेक्स का मजा मैंने, मेरी पत्नी ने एक किन्नर किस्म के आदमी या …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *