मेरा नाम रिया है. मेरी हाइट अच्छी है और मेरी फिगर भी अच्छी है. मैं दिखने में भी बहुत अच्छी हूँ. मेरी सहेलियों में मैं सबसे अच्छी लगती हूँ. मेरी सहेली मेरे घर आती हैं तो हम सब लोग एक दूसरे से खूब बात करते हैं और हँसी मजाक भी खूब होता है. मैं भी कभी-कभी उनके घर जाती हूँ. मेरे घर में माँ-पापा के अलावा मेरा एक भाई भी है. मेरे भैया के भी दोस्त लोग हमारे घर में आते रहते हैं.
मेरे भैया का एक दोस्त है जिसके बारे में यह कहानी में आपको बताना चाहती हूँ. मैं उसका असली नाम नहीं बता सकती क्योंकि अगर कहीं किसी जानने वाले ने पढ़ लिया तो मुसीबत हो जायेगी. इसलिए मैं उसको रिदम काल्पनिक नाम रिदम से बुलाऊंगी.
रिदम जब भी हमारे घर पर आता था तो मुझे घूर कर देखा करता था. मुझे ऐसा लगता था कि वो मुझे पसंद करता है क्योंकि वो जब भी मेरे घर आता था तो मुझे ही देखता रहता था. मेरे भैया को ये बात पता भी नहीं थी कि उनका एक दोस्त उनसे मिलने आता है तो मुझे देखता रहता है.
मेरे घर के पास में एक बहुत बड़ा और बहुत अच्छा सा पार्क है और मेरे घर से वहां जाने में थोड़ा टाइम लगता है. एक बार मैं अपनी सहेलियों के साथ पार्क में घूमने जा रही थी तो मेरे रिदम ने देख लिया. वो भी पार्क में आ गया और उसने मुझसे पूछा कि तुम्हारे भैया कहाँ हैं?
मुझे पता था कि वो मुझसे बात करने की कोशिश कर रहा है क्योंकि वो जब भी मेरे घर आता था तो मुझसे बात करने की कोशिश करता था. मेरी एक सहेली भी उससे बात करती थी और उसने मेरा नंबर मेरी सहेली से ले लिया था. यह बात मुझे बाद में पता लगी. मगर अभी वह मुझसे फोन पर बात नहीं करता था.
मगर जब भी हम आमने-सामने होते तो वह कई बार मुझसे बात करने लगा था. एक दिन उसने मुझे मैसेज किया मगर मैंने उसके मैसेज का रिप्लाई नहीं किया क्योंकि मैं सोच रही थी कि मेरे भाई का दोस्त है तो इससे क्या बात करूं.
वो मुझे फिर रोज ही मैसेज करने लगा. मैंने भी एक दिन उसको रिप्लाई दिया और हम दोनों लोगों की बातें होने लगीं.
मेरे भाई को इस बात का पता नहीं था कि मैं उसके एक दोस्त से मैसेज पर बात करती हूँ. हम दोनों जब भी आमने सामने होते थे तो वो मुझे देख कर मुस्कुराता था और मैं भी उसको देख कर मुस्कुराती थी. मेरा और मेरे रिदम का दोस्ती का अच्छा रिश्ता बन गया. रिदम जब भी मेरे भैया से मिलने के लिए मेरे घर आता था तो हम दोनों लोग नजरों में ही एक दूसरे से बात कर लेते थे.
वो मेरी फोटो मांगता था तो मैं उसको अपनी नॉर्मल फोटो भेज देती थी. हम दोनों लोग एक दूसरे के बारे में बहुत कुछ जान गए और पसंद-नापसंद के बारे में भी जान गए कि हम दोनों लोगों को क्या पसंद है और क्या नहीं.
रिदम मुझे अपनी बाइक पर घुमाने के लिए बोलता था लेकिन मैं उसको मना कर देती थी. मैं डरती थी कि अगर मेरे भैया कहीं मुझे अपने दोस्त के साथ बाइक पर देख लेंगे तो बहुत डांटेंगे और इस वजह को सोच कर मैं उसके साथ कहीं बाहर घूमने नहीं जाती थी.
मैं कभी-कभी अपनी सहेली के साथ शॉपिंग करने जाती थी.
एक दिन मैंने रिदम को भी बता दिया कि मैं अपनी सहेली के साथ शॉपिंग करने के लिए जाऊंगी तो मेरे रिदम अपनी बाइक लेकर मुझसे मिलने के लिए शॉपिंग माल आ गया. मैं उससे मिली और हम दोनों लोग एक दूसरे से बात करने लगे. उसने मुझसे बात करने के बाद मेरे गाल पर हल्का सा किस किया और अपने घर चला गया. मैं भी उसको देख कर मुस्कराई और उसके बाद हम दोनों लोग गले भी मिले.
एक दिन वो बोला कि वो मुझसे रोज मिलना चाहता है. मैं उससे रोज नहीं मिलती थी और वो रोज मेरे घर भी नहीं आता था भैया से मिलने के लिए, क्योंकि अगर वो रोज मेरे घर भैया से मिलने के लिए आता तो भैया को हमारे ऊपर शक हो जाता. इसलिए वो रोज मुझसे मिलने के लिए मेरे घर भी नहीं आता था.
मेरे घर पर बाकी सब लोग रहते थे इसलिए मैं उससे मिलने के लिए बाहर भी नहीं जाती थी. हम दोनों लोग रोज एक दूसरे से मैसेज पर बात करते थे.
एक दिन मेरे भैया घर पर नहीं थे और रिदम ने मुझे मैसेज करके बोला कि आज कहीं घूमने चलते हैं तो उसके बहुत कहने पर मैं भी मान गयी.
मौका तो सही था और मैं अपने रिदम के साथ उनकी बाइक से घूमने के लिए चली गयी. मैंने एक कमीज और जीन्स पहनी रखी थी. जो कमीज मैंने पहनी हुई थी उसमें मेरी चूची का आकर बिल्कुल साफ़ पता लग रहा था. हम दोनों लोग बाइक से घूम रहे थे और जब रिदम अपनी बाइक के ब्रेक लगाता तो मेरी चूची उसकी पीठ से छू जा रही थी. मुझे लग रहा था कि उसको भी मजा आ रहा था और वो बार-बार मजे लेने के लिए ब्रेक मार रहा था. मैं उसके कंधे पर हाथ रख कर बैठी थी.
उसने मुझे बोला- मेरे और करीब होकर बैठो.
तो मैं बाइक पर उसके और करीब आ गयी. अब हम दोनों लोग एक दूसरे से चिपक कर बाइक पर बैठे थे. मुझे नहीं पता था कि रिदम मुझे मूवी दिखाने के लिए ले जा रहा है. उसने मुझे बोला था कि हम दोनों लोग घूम कर वापस आ जायेंगे लेकिन उसने तो मूवी की दो टिकट भी ले रखी थी.
उसके बाद हम दोनों लोग मूवी देखने चले गए. हम दोनों सिनेमा हॉल में कॉर्नर वाली सीट पर एक साथ मूवी देख रहे थे, वो मुझे अपनी बाँहों में लेकर मुझे मूवी दिखा रहा था. मेरे लिए यह मौका पहली बार था कि मैं किसी लड़के के साथ हॉल में मूवी देखने आई थी. मैं हमेशा अपनी सहेलियों के साथ ही मूवी देखने के लिए आती थी. मैं आज रिदम के साथ मूवी देखने के लिए आई थी.
रिदम ने अपना एक हाथ मेरे हाथ पर रख दिया और मेरे हाथ को मसलने लगा और उसके बाद वो मेरी चूचियों तक अपना हाथ ले गया और मेरी चूची को दबा दिया. मैं सिसकारियां लेने लगी और वो समझ गया कि मैं गर्म हो रही हूँ. अब वो मेरी चूची को मेरे कमीज के ऊपर से दबाने लगा. मेरे रिदम ने मेरी कमीज के अन्दर हाथ डाल कर मेरी ब्रा के अन्दर मेरी चूची को जोर से दबाना शुरू कर दिया. मुझे अब मजा आने लगा था. फिर जब उसने मेरी चूची को दबाने के बाद मेरे निप्पल को दबाया तो मेरी सिसकारियाँ निकल गयीं.
वो मेरी चूचियों को बहुत देर तक दबाता रहा. मैं गर्म हो चुकी थी और मुझे बहुत मजा आने लगा था. उसका लंड एकदम तन गया था जो मुझे उसकी पैंट के ऊपर से साफ़ दिख रहा था. उसने मेरा एक हाथ अपने लंड पर रखवा दिया और मुझे दबाने के लिए कहा. अपने हाथ से मैं उसके लंड को दबाने लगी. मैंने पहली बार किसी लड़के के लंड पर हाथ रखा था.
वो भी मजा ले रहा था और मैं भी मजा ले रही थी. रिदम ने मुझे बोला- चलो अब मूवी देखने में मन नहीं लग रहा है. मेरे साथ होटल में चलो.
मुझे किस करने के बाद वो मुझे हॉल से बाहर लेकर आया.
हम दोनों ने रास्ते में ही खाना खा लिया था. उसने रास्ते में अपनी बाइक रोकी तो मैंने पूछ लिया कि आपने बाइक क्यों रोक ली?
वो बोला- मुझे यहां पर कुछ काम है.
मुझे बाद में पता चला कि वो कंडोम खरीद रहा था. कंडोम के साथ ही वो सेक्स की दवा (वियाग्रा) भी ले आया था.
उसके बाद उसने एक होटल में रूम लिया और हम दोनों रूम में गए. वो मुझे होटल के रूम में चूमने लगा. फिर हम दोनों एक दूसरे के कपड़े निकालने लगे. उसने मेरे सारे कपड़े निकाल दिए और मैं नंगी हो गयी. मैं बिस्तर पर नंगी होकर बैठी थी और वो भी नंगा होकर मुझे किस करने लगा.
किस करने के बाद वो मेरी चूचियों को चूसने लगा. मेरी चूची बहुत टाइट हो चुकी थी और वो मेरी चूचियों को दबा-दबा कर चूस रहा था. मेरी चूची को चूसने के बाद वो मेरे निप्पल को चूसने लगा और उसको अपने दांतों से काटने लगा. मैं मजे में बेकाबू होकर जोर से चीख रही थी. मेरी चूचियों को चूसने के बाद वो मेरे पूरे बदन को चाटने लगा.
उसने अपनी जेब से चॉकलेट निकाल ली जो उसने रास्ते से ही खरीदी थी. वो चॉकलेट मेरी चूत में लगाकर मेरी चूत को चाटने लगा जिससे मैं उत्तेजित होने लगी. अब मेरा मन भी कर रहा था कि मैं उसके तने हुए लंड को अपने हाथ में ले लूं. मैंने उसके लंड को अपने हाथ में ले लिया और उसको सहलाने लगी. फिर उसने मेरी गर्दन को नीचे करके लंड को चूसने का इशारा किया.
मैं जब लंड चूसने लगी तो वो भी उत्तेजित होकर कामुक सिसकारियाँ लेने लगा. हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गये थे. वो मेरी चूत को चाट रहा था और मैं उसके लंड को चूस रही थी और कुछ देर के ओरल सेक्स के बाद हम दोनों झड़ गए.
झड़ने के बाद वह मुझे दोबारा से किस करने लगा और मैं भी बदले में उसको किस करने लगी. मुझे किस करने के बाद वो फिर से मेरी चूचियों को चूसते हुए पीने लगा और मैं मादक सिसकारियाँ लेने लगी.
कुछ देर तक मेरी चूचियों को चूसने के बाद उसने अपना रुख मेरी चूत की तरफ किया और मेरी चूत पर ले जाकर अपना मुंह रख दिया. मेरी गीली चूत पर जब उसने मुंह रखा तो मुझे बहुत अच्छा लगा. एक बार झड़ने के बाद चूत में जब दोबारा उसके होंठ लगने लगे तो झुरझुरी सी पैदा होने लगी. मेरी चूत को वो कुत्ते की तरह चाट रहा था. मेरी चूत से बहुत पानी निकल रहा था.
रिदम ने मुझे बिस्तर पर लेटा दिया और अपना लंड मेरी चूत में डालने लगा.
यह मेरी कुंवारी चूत की पहली चुदाई थी इसलिए उसका लंड मेरी चूत में नहीं जा रहा था. उसने दोबारा से कोशिश की और पूरा जोर लगा कर मेरी चूत में लंड को डाल दिया. चूत में अपना लंड डालकर उसने जोर से धक्का मारा. मेरी चूत पहले से ही गीली थी इसलिए उसका पूरा लंड मेरी चूत में चला गया उम्म्ह… अहह… हय… याह… मुझे बहुत दर्द हुआ. और वो मेरी चूत को चोदने लगा.
मुझे काफी दर्द हो रहा था मगर पहली बार चूत में लंड लिया था तो जल्दी ही मजा भी आने लगा. मैं उसके लंड की चुदाई में मजा लेकर सिसकारियां लेने लगी. उम् अह्ह्ह … उम्म्म्म … हह्ह्हह्ह. वो मुझे कामुक आवाजें निकालते हुए चोदने लगा. उसके चोदने का अंदाज मुझे बहुत अच्छा लग रहा था.
वो मेरी दोनों टांगें अपने कंधे पर रख कर मुझे चोद रहा था. मुझे चोदते चोदते वो मुझे कभी-कभी किस भी कर रहा था. हम दोनों बीच-बीच में रुक कर आराम से सेक्स कर रहे थे.
कुछ देर बाद वो मुझे स्पीड में भी चोदने लगा. मेरा आनंद बढ़ रहा था तो मैं मजे में कामुक सिसकारियाँ ले रही थी जो काफी तेज हो गई थी. आधी चुदाई के बाद उसने कंडोम का पैकेट निकाल लिया. उसने एक कंडोम को फाड़ा और उसने अपने लंड पर कंडोम पहन लिया.
अब मुझे उससे चुदवाने में डर भी नहीं लग रहा था और हम दोनों लोग आराम से सेक्स कर रहे थे. मैं भी कभी-कभी अपनी गांड उठा कर उसका पूरा साथ दे रही थी और हम दोनों लोग बड़े मजे से सेक्स कर रहे थे. मेरे मुंह से दर्द भरी आवाजें निकल रही थीं और वो मेरी चूत को चोदे जा रहा था. हम दोनों लोग इस चुदाई का पूरा-पूरा मजा ले रहे थे.
मुझे रिदम के बारे में तो नहीं पता था कि उसने पहले कभी किसी की चुदाई की थी या नहीं मगर मेरी तो यह पहली चुदाई थी. उसका लंड बहुत मस्त था और मैं उसकी चुदाई से मदहोश हो गयी थी और मुझे उसके चोदने का स्टाइल भी बहुत अच्छा लग रहा था. वो मेरी चूत को चोदते-चोदते अपनी स्पीड बढ़ाने लगा और कुछ ही देर में हम दोनों का पानी निकल गया.
हम दोनों सेक्स करने के बाद बिस्तर पर ही पड़ गए. वो मुझे किस करने लगा और मेरे होंठों को चूसने लगा. इस जोरदार चुदाई के बाद मैं थक सी गई थी. मन कर रहा था कि नहा लूँ. फिर उसके बाद हम दोनों लोग बाथरूम में फ्रेश होने गए और मैंने बाथरूम में जाकर अपनी चूत को साफ़ किया. कुछ देर हमने होटल के रूम में आराम किया.
उसके बाद मेरे घर से फोन आ गया और हम दोनों को वहाँ से मजबूरन निकलना पड़ा. मैं अभी उसके लंड से और चुदना चाहती थी मगर अभी घर जाना पड़ गया. हम दोनों ने अपने कपड़े पहने और जल्दी से घर जाने की तैयारी करने लगे.
मुझे ये भी डर था कि कहीं अगर मेरे पहुंचने से पहले भाई घर पर पहुंच गया तो कहीं उसको मेरे ऊपर कुछ शक न हो जाये क्योंकि मैं ऐसे कभी घर से बाहर नहीं रहती थी ज्यादा टाइम के लिये. कभी जाती थी तो सहेलियों के साथ जाकर जल्दी ही वापस आ जाती थी. मगर रिदम के लंड से चुदाई करवाने की इच्छा के चलते मैं आज होटल में पहुंच गई थी. इसलिए अब जल्दी ही यहाँ से निकलना था.
हम दोनों ने अपने आपको ठीक किया और कपड़े वगैरह सब अच्छी तरह करके हम दोनों होटल से बाहर आ गये. उसके बाद रिदम ने मुझे घर से कुछ दूर ही छोड़ दिया. मैं अपने घर वापस आ गई.
उस दिन की चुदाई के बाद हम दोनों लोग रोज सेक्स तो नहीं करते हैं लेकिन हम दोनों लोगों को जब भी मौका मिलता है तो हम अपनी प्यास बुझा लेते हैं. मेरे भाई को अभी भी नहीं पता है कि उसका दोस्त उसकी बहन की चूत मार रहा है.
मैं भी अपने भाई के दोस्त से प्यार करने लगी हूँ. मैं चुपके से उसके लंड से चुदाई का मजा लेती रहती हूँ और घर वालों को भी कुछ पता नहीं चल पाता हम दोनों के सेक्स कांड के बारे में. मुझे घर में ही मेरी चूत की प्यास को बुझाने वाला साथी मिल गया है.
आप सबको मेरी कहानी कैसी लगी, आप सब मुझे मेल करके जरूर बतायें. मुझे आपके मेल से पता चलेगा कि आपको मेरी कहानी अच्छी लगी या नहीं. आपकी प्रतिक्रिया के बाद मैं अपनी और कहानियाँ भी आपको बताऊंगी.
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