सेक्स वासना की कहानी में पढ़ें कि मेरे पति का भतीजा हमारे साथ रहने आया तो उसकी कामुक दृष्टि मैंने अपने जवान बदन पर महसूस की. किन्तु मैंने अनदेखा किया.
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मेरा नाम श्रुति है और मैं जयपुर में रहती हूँ। मेरी शादी को 5 साल हो गए हैं।
हमारा परिवार पहले साथ में उदयपुर रहता था. बाद में मेरे पति की नौकरी जयपुर लगने के कारण हमें यहां आना पड़ा था।
मेरे पति हफ्ते में 3 दिन ही घर पर रहते हैं, बाकी दिन काम के सिलसिले में बाहर रहते हैं।
यहां पर मैं, मेरे पति समर और मेरा 3 साल लड़का सुमित साथ में रहते हैं।
मेरा फिगर 34-28-30 है, जिसके कारण सभी की निगाहें मुझ पर रहती है जो मुझे अच्छा नहीं लगता है।
सेक्स वासना की कहानी चाची भतीजे के बीच यौन सम्बन्ध को लेकर है.
मेरे भतीजे को जयपुर के एक अच्छे इंस्टीटयूट से कोचिंग लेनी थी इसलिए वो हमारे साथ रहने के लिए आने वाला था।
मैं इस बात से बहुत खुश थी क्योंकि जब मैं उदयपुर रहती थी तो मेरी और उसकी बहुत बनती थी और हमने साथ में काफी टाइम भी बिताया है।
कुछ दिनों बाद वो हमारे घर आ गया और हम सभी उसे देखकर बहुत खुश थे।
उसे पढ़ाई के लिये अलग कमरे की जरूरत थी इसलिए उसे हमने एक अलग कमर दे दिया।
उसने अपना सारा सामान वहां पर रखा और मैंने उसकी समान सेट करने में मदद की, उसके बाद हमने साथ बैठ कर खाना खाया।
रात को समर घर नहीं आने वाले थे और हमारे घर एक ही AC लगा हुआ था इसलिए मैंने अमन को कहा कि वह मेरे साथ ही सो जाया करे जिस दिन घर पर चाचा नहीं होते हैं, ताकि उसे कूलर के आगे गर्मी में ना सोना पड़े।
ऐसा कहने के लिये मुझे समर ने ही कहा था।
रात को मैं बेड पर कार्नर वाली साइड पर सो गई और अमन को मैंने कहा कि वो चारपाई पर सो जाए।
चारपाई बेड को सटाकर इस तरह से रखी गयी थी कि मेरा सिर उसके सिर के पास ही था।
अमन को सुबह जल्दी उठकर नहाने की आदत है इसलिए वो सुबह जल्दी उठा और नहाने चला गया।
पानी और गेट के खुलने की आवाज़ से मैं जाग गयी।
मैंने बाथरूम की ओर मुँह किया हुआ था।
थोड़ी देर बाद अमन केवल अंडरवियर में ही बाथरूम से बाहर निकला और अपने कमरे में चला गया।
मैंने उसे देखा तो पाया कि वो अब बच्चा नहीं रह गया था और एक अच्छी फिजिक वाला लड़का बन गया था।
सुबह मैंने उसे नाश्ता करवाया उसके बाद वो अपनी कोचिंग चला गया।
दोपहर में वो कोचिंग से आया और खाना खाने के बाद हम बातें करने लगे।
मैंने गौर किया कि वो मुझे बार टच कर रहा था और मेरे ब्लाउज के बीच क्लीवेज को देख रहा था।
किन्तु मैंने उस पर ज्यादा शक नहीं किया क्योंकि मुझे लगा कि ये मेरा भतीजा है और मुझे और मेरे पति को अमन पर पूरा विश्वास था।
कुछ दिनों तक बस ऐसा ही चलता रहा।
फिर एक दिन शाम को मैं जब अमन के साथ सामान लाने के लिए मोटरसाइकिल पर अमन के साथ बाज़ार गयी तो मैंने नोटिस किया कि अमान बेवजह ही ब्रेक मार रहा था जिसके कारण मेरे दूध अमन की पीठ को टच कर रहे थे।
अब मुझे शक होने लगा था कि अमन के मन मे मुझे लेकर विचार बदल रहे हैं।
घर आने के बाद हमने खाना खाया और सोने चले गए।
सोने के बाद मैंने महसूस किया कि कोई मेरी चादर को सरका रहा है।
उसने चादर को हटाने के थोड़ी देर वापिस चादर को सही कर दिया।
अमन सुबह जल्दी उठा और नहाने चला गया।
फिर थोड़ी देर बाद उसने आकर मुझे उठाया और कहा- चाची बाथरूम में कई सारे कोकरोच हैं.
तो मैंने उसे कहा कि उसे बाथरूम के बाहर नहा लेना चहिये।
इस पर वो राजी हो गया और बाहर नहाने लगा।
मेरे कमरे की खिड़की से वो नहाता हुआ साफ दिख रहा था।
जब वो नहाकर खड़ा हुआ तो मैंने देखा कि जब वो अंडरवियर चेंज कर रहा था तब उसने टॉवल लपेट कर अपना अंडरवियर उतार दिया और जब वो दूसरा अंडरवियर पहनने लगा तो अंडरवियर पूरी टाइट होने के कारण जब उसने अंडरवियर से टॉवल निकलने की कोशिश की तो उसकी अंडरवियर थोड़ी नीचे सरक गई और मुझे उसका लंड की झलक मिल गयी.
उसका सोया लंड कम से कम 4.5 इंच लंबा और 2 इंच चौड़ा था।
इस वक़्त मैं भी उसे देखकर गर्म हो गयी थी, शायद उसने भी मुझे उसे देखते देख लिया था।
अब वो रोज ही बाहर नहाने लगा था।
मैं भी उसे और उसके हथियार को अंडरवियर के ऊपर से देखकर थोड़ी गर्म होने लगी थी।
एक दिन मैंने उसे एक शर्ट लाकर दी।
उसे शर्ट बहुत अच्छी लगी, वो अंदर कमरे में शर्ट बदलने चला गया।
फिर कमरे से उसकी आवाज़ आयी और उसने मुझे बुलाया।
मैं अंदर गयी तो देखा कि वो शर्ट उसे थोड़ी सी छोटी थी इसलिए वो उस शर्ट को मेरे सामने ही उतारने लग गया।
उसने शर्ट मेरे सामने उतारी जिसे देखकर मुझे शर्म सी आने लगी और मैं बाहर आ गयी।
एक दिन हमारे घर पर मेरे पति और उनके दोस्त सुबह सुबह ही आ गए.
हमारे घर में 2 कमरे होने के कारण 1 कमरे पति और उसके दोस्त और दूसरे कमरे में अमन बैठा था।
जब मैं नहाने गयी तो जब बाहर निकली तो मैं साड़ी पहनने के लिए अमन के कमरे में चली गई।
वहाँ पर अमन पहले से ही पढ़ रहा था।
मैं सिर्फ पेटीकोट और ब्लाउज में उसके सामने खड़ी थी।
अब मैं साड़ी पहने लगी तो अमन मुझे बारी बारी देखे जा रहा था और मेरी क्लीवेज को घूरे जा रहा था.
इसलिए अब मैं उसकी तरफ पीठ करके खड़ी हो गयी और साड़ी पहन के बाहर आ गयी।
मेरे बाहर आते ही अमन भी फटाफट वाशरूम में चला गया।
मुझे पता लग गया था कि अमन वाशरूम में क्या करने गया था।
उसी रात मुझे महसूस हुआ कि अमन मेरी कमर पर हाथ घुमा रहा है।
ये मेरी ज़िंदगी दूसरा आदमी था जो मुझे इस तरह छू रहा था।
उसका हाथ धीरे मेरे दूध पर आ रहा था और अब उसने मेरे दूध पर हाथ रख दिया।
अब मैं जानबूझकर थोड़ा हिली तो उसने हाथ साइड कर लिया।
सुबह जब वो नहाने गया तो मैंने देखा कि वो आज मेरी तरफ पीठ करके मुठ मार रहा है।
यह देख कर मैं भी गर्म हो गयी।
अगले दिन बाज़ार से आते टाइम मेरी मोटरसाइकिल से टक्कर हो गयी इसलिए मेरी पीठ में काफी दर्द हो रहा था।
अमन के साथ डॉक्टर के पास गई.
तो डॉक्टर ने कहा कि जैल लगाओ और शाम को मालिश कर लेना।
घर आने के बाद मैंने जैल लगा ली।
शाम को मैंने अमन से कहा कि वो मेरी पीठ पर मसाज कर दे.
तो वो तुरंत राज़ी हो गया।
मैंने उसे तेल लाने को कहा जो डॉक्टर ने दिया था।
वो फटाफट गया और तेल लेकर आ गया।
फिर मैं उसकी तरफ पीठ करके लेट गयी।
मेरा ब्लाउज सिर्फ 2 इंच की पटी से हुक से बंधा था इसलिए मेरी लगभग सारी पीठ नंगी थी।
मैंने अपनी पीठ से अपने साड़ी के पल्लू को हटा लिया ताकि अमन तेल सही से लगा सके और मेरे कपड़े भी खराब ना हो।
अब अमन ने अपने हाथ में तेल लेकर जैसे ही मेरे पीठ पर हाथ रखा तो एक मर्द के हाथ के छूने से में सकपका गयी।
अमन धीरे धीरे मेरी पीठ पर प्रेशर बढ़ा रहा था, अब मुझे मजा आने लगा था।
अमन- चाची क्या मैं ब्लाउज का हुक खोल दूं? अगर नहीं खोला तो ब्लाउज गन्दा हो जाएगा।
मैं- हाँ खोल दो!
फिर अमन ने ब्लाउज का हुक तो खोल ही दिया और साथ में मेरी ब्रा का हुक भी मुझसे बिना पूछे ही खोल दिया।
मैं भी गर्म होने लगी थी इसलिए मैंने उसे कुछ नहीं कहा।
अब अमन मेरी जांघों पर बैठ गया और मेरी पीठ की मालिश करने लगा।
मैं महसूस कर पा रही थी कि अमन का लंड खड़ा हो गया है क्योंकि अमन जैसे जैसे अपने हाथों को आगे लेकर आता वैसे वैसे उसका लंड मेरी गांड पर रगड़ लगा रहा था।
अब उसकी रगड़ मुझे सुहाने लगी थी और थोड़ी देर बाद वो मालिश करते हुए अपने हाथ मेरे दूध की ओर लेकर जा रहा था।
मैंने उसे नहीं रोका क्योंकि अब मुझे खुद मजा आ रहा था।
तभी समर का फ़ोन आया और उन्होंने कहा- मैं थोड़ी देर में घर आ रहा हूँ। तुम अपना मैदान साफ करके रखना, आज मुझे पिच एकदम क्लीन चहिये।
मैं- अमन, समर आने वाले हैं और मुझे उनके लिए खाना तैयार करना है इसलिए मैं जा रही हूँ।
अमन का सारा मूड ऑफ हो गया और वो एक आखिरी बार मेरी गांड पर जोर की रगड़ मार कर और साइड से मेरे दूध दबाकर बेड के साइड में बैठ गया।
मैं उसे ग्रीन सिग्नल देना चाहती थी- अमन, मेरी पीठ को साफ कर दो और मेरे ब्लाउज और ब्रा का हुक बंद कर दो।
अमन आया और उसने पहले मेरी पीठ को साफ किया और फिर ब्लाउज और ब्रा का हुक बंद कर दिया।
अब जैसे ही मैं उसके सामने पलटी तो अमन बोला- चाची, अगली बार दर्द हो तो मुझे बेझिझक बता देना, मैं आपकी अच्छे से मालिश करके आपका दर्द दूर कर दूंगा!
मैंने उसे कुछ नहीं कहा और रसोई में जाकर खाना तैयार करने लगी और फिर नहाने गयी।
जहां मैंने अपने नीचे के बाल अच्छी तरह से साफ किये और रात को चुदाई के लिये तैयार हो गयी।
मेरे पति आये और खाना खाने के बाद मुझे कमरे में ले गये जहां पहले हम दोनों नंगे हुए.
उसके बाद उन्होंने अपना लंड जो कि अमन से थोड़ा ही छोटा था, उसे मेरी चूत में डाल दिया.
दो मिनट में ही वे फ्री हो गये क्योंकि उनका स्टेमना कम है।
अब मैं अमन से मालिश करवाना चाहती थी लेकिन मेरे पति के होते हुए में ऐसा नहीं कर सकती थी।
दो दिन मेरे पति घर रहे इस दौरान मैंने और अमन ने कुछ नहीं किया।
अगले दिन सुबह मेरे पति जल्दी ही चले गए।
आज मैं अमन को नहाते हुए देखने का इंतज़ार कर रही थी.
इतनी देर में अमन आया और अपने कपड़े उतारने लगा और आज उसने अपना अंडरवियर भी उतार दिया और मेरे तरफ मुँह करके लंड हिलाने लगा.
अब मैं अपनी मिडल फिंगर अपनी चूत में डालकर जोर जोर से हिलाने लगी।
फिर उसने काफी देर बाद अपना पानी फर्श पर गिराया और चला गया।
आज मैंने सोच लिया था कि मैं आज अमन का पूरा साथ दूंगी इसलिए आज मैंने डीप नैक और डीप बैक का बिना ब्रा वाला ब्लाउज पहना।
इसमें मैं बहुत सेक्सी लग रही थी।
जब मैं अमन के सामने गयी तो वो मुझे देखता ही रह गया।
सारा दिन वो मुझे छुप छुप कर देखने लगा और मैंने भी जान बूझकर उसे देखने दिया।
आज रात को समर नहीं आने वाले थे इसलिए आज मैं और अमन एक ही कमरे में पास पास सोने वाले थे।
रात को मैंने अमन के सामने साड़ी के पल्लू को कंधे से बांधने के लिए लगी सेफ्टी पिन को निकाल दिया और बेड पर आ गयी।
आज अमन को देखकर लग रहा था कि उसने आज बिना अंडरवियर के लोअर पहन रखा है।
लगभग 2 बजे रात को अमन ने मेरे पल्लू को हटाया और मेरे दूध को ब्लाउज के ऊपर से ही दबाने लगा।
थोड़ी देर बाद उसने अपनी उंगली को मेरे क्लीवेज में डालकर उसे रगड़ने लगा।
मुझे मज़ा आ रहा था, अब मैं चाहती थी कि वो इस से आगे बढ़े और ज़ोर ज़ोर से मेरे दूध दबाए.
लेकिन उसने अगले ही पल मेरे दूध से हाथ हटाया हटा लिया और अब मुझे उसकी सिसकारियों की आवाज़ आ रही थी.
लगता था उसने मुठ मारना शुरू कर दिया था।
मुझे अपनी तरफ से पहल करने में शर्म आ रही थी इसलिए मैं भी सो गई।
अगले दिन पता चला कि अमन के मामा की शादी में अमन को बुलाया गया है इसलिए अब अमन को जाना पड़ेगा।
अमन दोपहर की बस से मामा के घर चला गया।
अब मुझे उसके बिना बहुत अकेलापन महसूस हो रहा था।
मेरा घर पर मन नहीं लग रहा था और मुझे पार्लर गए हुए भी काफी टाइम हो गया था।
मैं पार्लर गयी और वहां जाकर फेशीयल, मैनीक्योर, पेडिक्योर और पूरे शरीर की वैक्सिंग के साथ ही ब्राज़ीलियन वैक्स करवाकर एक दम चिकनी बन के घर आई।
अगले दिन अमन आने वाला था।
अगली शाम को अमन तो आया ही लेकिन साथ में मेरे पति भी आ गए।
इस कारण आज अमन मेरे साथ और में उसके साथ कुछ नहीं कर पाई और यहां बेड में मेरे पति मेरे साथ कुछ नहीं कर पाए।
सुबह समर आफिस गए तो मैंने अमन पर और अमन ने मुझ पर डोरे डालने शुरू कर दिए।
अमन बिना अंडरवियर के तो मैं बिना सिर पर पल्ला लिए नंगी पीठ दिखाते हुए घर में थे।
मैं- अमन, मेरी तबियत ठीक नहीं है इसलिए मैं नींद की गोली लेकर सोने जा रही हूँ। थोड़ी देर में तुम भी सोने आ जाना और सो जाना।
यह सुनकर अमन के मुँह पर अलग ही चमक आ गई।
मैं जाकर सो गई और अमन का इंतज़ार करने लगी।
प्रिय पाठको, यह सेक्स वासना की कहानी अगले भाग में खत्म होगी. आपको अब तक की कहानी पढ़ कर कितना मजा आया? मुझे मेल और कमेंट्स में बताएं.
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सेक्स वासना की कहानी का अगला भाग: भतीजे के लंड पर दिल आ गया- 2