मेरे दोस्तो, मैं अन्तर्वासना का पाठक हूँ. यह भाभी स्टोरी मेरी जिन्दगी की बिल्कुल सच्ची घटना है. और मेरी सबसे पहली कहानी है, कोई गलती हो.. तो माफ़ करना.
मेरा नाम दीप है और मैं हरियाणा के छोटे से जिले कैथल से हूँ. मैं फिटनेस का शौकीन हूँ.. इसलिए मैं अपनी बॉडी को फिट रखने के लिए जिम जाता हूँ और रनिंग करता हूँ. मेरी हाइट 5 फुट 9 इंच है. मेरे लंड का साइज साढ़े 7 इंच और 3 इंच मोटा है.
यह कहानी मेरी पड़ोस में रहने वाली भाभी, जिनका बदला हुआ नाम माया है, के साथ हुई एक घटना की बारे में है. हालांकि मैं बहुत शर्मीला इंसान हूँ, जो लड़कियों से बातें करने मैं बहुत शरमाता है.
बात सन 2010 की है. जून जुलाई का तपता हुआ महीना था.. इन दिनों बहुत गर्मी पड़ती है.
मैं बचपन से ही दोस्तों के साथ गलत संगत में पड़ गया था. जिस वजह से मुझे सेक्स के बारे में बहुत कुछ पता चल गया था. सेक्स मूवी देखना तो रोज का काम हो गया था. रोज मुठ मारने की आदत पड़ गई थी.
उस समय मेरे पड़ोस में एक भाभी रहती थीं, जिनका नाम माया था. वो बहुत ही सेक्सी थीं. दो बच्चों की माँ थीं. उनका पति रोडवेज में कंडक्टर था. उनका पति बहुत शराब पीता था.. और देखने में भी दुबला पतला मरघिल्ला सा था.
मैं भाभी को शुरू से ही बहुत चाहता था, पर वो देखती ही नहीं थीं. शायद वो मुझे बच्चा समझती थीं.
जब मैंने +2 पास किया, तो मैंने कॉलेज में एडमिशन लिया. उसके बाद भाभी मुझसे थोड़ा खुल कर बात करने लगीं. मैं भैया को काफी बार सेक्स की डीवीडी ला कर देता था. ये बात भाभी को पता थी.. जो उन्होंने मुझे बाद में बताया था.
अब भाभी मुझसे खुल कर बात करने लगी थी. धीरे धीरे मैं और भाभी इतना खुल चुके थे कि आपस की सब बातें शेयर करने लगे.
एक दिन भाभी ने मुझसे पूछा कि कॉलेज में मेरी कोई जीएफ बनी क्या?
तो मैंने मना कर दिया. बस ये बात यूं ही हंसी मज़ाक में निकल गई.
कुछ दिन बाद मैं कॉलेज से घर आ रहा था. एक सेक्सी डीवीडी और एक मूवी की डीवीडी ले कर आया था, मैंने सोचा था कि घर जाकर देखूंगा और मुठ मार कर मज़े करूंगा.
मैं अक्सर मुठ मारते वक़्त भाभी को ही सोचता था. बस यही सोचता हुआ जा रहा था कि रास्ते में भाभी का घर पड़ता है.
मैं उनके घर के सामने से निकला तो भाभी ने मुझे आवाज़ लगाई.
मैंने उनके पास जाकर पूछा- भाभी कुछ काम था क्या?
तो भाभी ने पूछा कि कहाँ से आ रहे हो और ये हाथ में क्या है?
मैंने बता दिया कि कॉलेज से आया हूँ और हाथ में मूवी की डीवीडी है.
तो उन्होंने पूछा- कौन सी?
मैं बोला कि नार्मल मूवी है.
उन्होंने कहा- दिखाओ जरा.
ये बोल कर भाभी ने मेरी हाथ से मूवी ले ली और देखने लगीं. पहले तो डीवीडी के ऊपर कवर होता है, उस पर मूवी का नाम लिखा होता है. इसी वजह से मैंने सेक्सी मूवी का कवर पलट रखा था ताकि किसी को दिखे ना.
भाभी ने वो कवर पलटा तो वो ये देख कर हैरान रह गईं और बोलीं- दीप तुम ऐसे मूवी देखते हो?
तो मैंने भी हिम्मत कर के बोल दिया- भैया भी तो मुझसे ही ये मूवी लेकर आपको दिखाते हैं.
इस पर वो शर्मा गईं.
मुझे लगा कि आज से मुठ मारना बंद हो जाएगा. शायद आज से भाभी ही सब काम कर देंगी, पर डर के मारे मेरा पूरा बदन काँप रहा था.. मैं अभी भी पक्का नहीं था कि भाभी की क्या प्रतिक्रिया होगी.
तभी भाभी बोलीं- तुम मूवी यहीं देख लो. मैं तब तक भैंसों को चारा डाल देती हूँ.
मैंने भी हिम्मत करके बोल दिया- भाभी आप भी साथ मैं मूवी देखोगी तो ही मैं मूवी देखूंगा.
वो मुस्कुराने लगीं तो मैं उनसे रिक्वेस्ट करने लगा. बस 5 मिनट बाद ही भाभी मान गईं. शायद वो जानबूझ कर मुझे तड़पा रही थीं.
फिर वो बेड पर सीधी लेट गईं और मैं डीवीडी शुरू करके उसके पास बैठ गया. ब्लू फिल्म के सेक्सी सीन टीवी पर चालू हो गए. मैं सीन देखते ही गरम हो गया और शायद वो भी चुदासी होने लगी थीं.
मैं बार बार उनको चोर नज़र से देख रहा था. वो मुझे देख कर मुस्करा रही थीं. शायद हम दोनों ही कुछ संकोच कर रहे थे कि पहले शुरूआत कौन करे. मेरी हिम्मत नहीं हो रही थी कि तभी मूवी में बिल्कुल चुदाई वाले सीन चल पड़े और हम दोनों ही बहुत गर्म हो गए. क्यूंकि हम दोनों ही जवान और प्यासे थे. मैंने पहले कभी सेक्स किया नहीं था तो मुझे डर था कि कहीं में भाभी को पकड़ लूँ, तो वो नाराज न हो जाएं.
अभी मैं ये सब सोच ही रहा था कि भाभी ने अपने पैर से पीछे से मुझे टच किया और अपने ऊपर आने का इशारा किया.
डर के चलते पहले मुझे लगा कि ये सब मेरा वहम होगा. चूँकि मेरी तो पहली बार किसी लड़की की साथ सेक्स मूवी देख रहा था तो फटी पड़ी थी.
अचानक भाभी ने फिर से वैसा ही किया तो इस बार मैंने सोचा कि जो होगा देखा जाएगा यार.. अब तो आर या पार..
बस ये सोच कर ही मैं भाभी पर टूट पड़ा और साइड से उनके मम्मों को दबाने लगा. साथ ही मैं उन्हें किस करने लगा.
इस पर भाभी नखरे दिखाने लगीं और बोलने लगीं कि ऐसा मत करो दीप.. ये गलत है.
पर वो मना करते समय भी मुझे अपने ऊपर खींच रही थीं. मैं जान गया था कि वो भी पूरी तरह से गर्म हैं और मज़ा करना चाहती हैं.
मैंने भाभी को बोला- भाभी अब मत रोको.
मैं उन्हें किस करने लगा और उनके मम्मों को दबाने लगा. अब वो भी मज़े लेने के लिए पूरी तैयार थीं. भाभी ने शर्म छोड़ दी और मेरी टी शर्ट निकाल दी. मैंने भी उनकी सलवार का नाड़ा खोल दिया. उन्होंने नीचे ब्लैक कलर की पैंटी पहनी हुई थी, जिसमें वो मस्त लग रही थीं.
आज मेरा सपना पूरा होने वाला था दोस्तो … मैं उनके कपड़े ऊपर से निकालने लगा, तो उन्होंने मना कर दिया. मैंने ज्यादा फ़ोर्स नहीं किया और उनकी पैंटी निकाल दी. इसके बाद मैंने उनकी दोनों टांगों को खोला तो पाया कि भाभी की चुत बिल्कुल चिकनी चमेली थी.
मैं पहले बार किसी की नंगी चुत को सामने से देख रहा था. क्या मुलायम चुत थी उनकी.. मुझसे रहा नहीं गया और भाभी की चुत को चूसने लगा. वो जोर जोर से ‘आह हूँ..’ कर रही थीं.
मेरे सर को भाभी अपनी चुत पर दबा रही थी. वे साथ में बोल रही थीं- खा जाओ मेरी चुत को दीप.. अह्हह्ह मैं बहुत प्यासी हूँ.. मेरी प्यास बुझा दो.. मैं बहुत दिनों से तुमसे प्यार करती हूँ, पर कभी कह ना पाई.
मुझे भाभी की इस बात से पता चला कि जिनको चोदने का मैं सपने रोज देखता था, वो तो खुद ही मुझ से चुदना चाहती थीं.
मैं उनकी चुत को चूसता रहा. वो भी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ करके मेरा पूरा साथ दे रही थीं. फिर उनका पानी निकल गया और मैं उनका सारा माल पी गया.
उसके बाद उन्होंने मुझे अपने ऊपर खींचा और मुझसे ऐसे लिपट गईं.. जैसे कोई सांप चन्दन क़े पेड़ से लिपट जाता है.
उन्होंने मुझसे कहा- तुम तो खिलाड़ी लगते हो.. लगता है कि तुमने बहुत बार सेक्स किया है.. तुम्हारे भाई तो कभी मेरी चुत चूसते ही नहीं.. पर तुमने मुझे मज़ा दे दिया. आज से मैं तुम्हारी हुई. आई लव यू दीप.
मैंने भी उनको ‘आई लव यू टू भाभी..’ बोला.
तो वो बोलीं- आज से सिर्फ माया बुलाना मुझे.
यह बोल कर वो मुझे किस करने लगीं. मेरा लंड भी पैन्ट फाड़ कर निकलने को बेताब था. हम किस करते रहे और फिर मैं दोबारा से उनकी चुचियों को चूसने लगा और उनकी चुत में उंगली करने लगा. वो इससे फिर से गर्म हो गईं और बोलीं- अब जल्दी से डाल दो.. अब मुझसे कण्ट्रोल नहीं होता.
मैंने भी भाभी को तड़पाना सही नहीं समझा और अपनी पैन्ट खोल कर नीचे कर दिया. फिर भाभी ने खुद ही मेरी अंडरवियर को निकाल दिया.
वो मेरा लंड देख कर बोलीं- इतना बड़ा और मोटा.. मेरी चुत तो फट जाएगी. तुम्हारे भाई का तो इससे तो आधा है.
मैंने कहा- भाभी कुछ नहीं होगा.. बस आप भी थोड़ा सा मेरा लंड मुँह में ले कर चूस लो.
पहले तो भाभी ने लंड चूसने से मना कर दिया. ये बोल कर कि उन्हें लंड चूसना पसंद नहीं है.
मैंने उनको ज्यादा फ़ोर्स नहीं किया. अब मैंने भाभी को सीधा लेटा दिया और उनकी दोनों टांगों की बीच में आ गया.
फिर भाभी की चुत और अपने लंड पर थूक लगाया और लंड अन्दर डालने लगा. पहली बार होने के कारण कभी मेरा लंड इधर.. तो कभी उधर फिसल जाता था. तो भाभी ने खुद ही मेरा लंड पकड़ कर अपनी चुत पर लगाया और धीरे धीरे डालने को बोला.
मैंने जोश में आकर एकदम से धक्का मार दिया. इस धक्के से मेरा आधा लंड भाभी की चुत में धंस गया.. जिस वजह से उनकी चीख निकल गई. भाभी दर्द से रोने लगीं. ये देख कर मैं डर गया कि पता नहीं क्या हुआ. क्यूंकि मेरा फर्स्ट टाइम था. मैं लंड डाल कर थम गया.
फिर भाभी ने कहा- मैंने धीरे डालने को बोला भी था.
मैंने उनको बताया कि पहले बार है मेरा इसलिए सॉरी भाभी.
इसके बाद भाभी ने रुकने को बोला और कुछ देर तक हम दोनों यूँ ही चूमते चाटते रहे. फिर भाभी सामान्य हुईं, तो मैं धीरे धीरे धक्के लगाने लगा. अब वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थीं और नीचे से अपनी गांड उठा कर मेरे पूरे लंड को मज़े से अपनी चुत में ले रही थीं.
हम दोनों बस एक दूसरे की आँखों में देख रहे थे. जब भी मेरा लंड अन्दर जाता, तो वो अपनी चुत से मेरे लंड को दबा देतीं. मुझे तो जन्नत का मज़ा आ रहा था. बस दिल कर रहा था कि ये पल कभी रुके ना.
उसके बाद मैं नीचे लेट गया और वो मेरे ऊपर चढ़ गईं. फिर वो जोर जोर से मेरे लंड पर कूदने लगीं. पता ही नहीं चला कि कब हम दोनों अपने चरम सुख तक पहुंच गए और एक दूसरे से लिपट गए.
मेरा लंड भाभी की चुत से थोड़ी देर में बाहर निकल गया. मैंने देखा कि अब मेरे लंड में जलन हो रही थी क्यूंकि मेरे लंड की सील टूट गई थी.
ये देख कर वो मेरी तरफ देख कर मुस्कारने लगीं और बोलीं- आज तो तुम्हारी सुहागरात मन गई.
इस पर हम दोनों हंसने लगे.
फिर वो बाथरूम में जाकर अपने आपको साफ़ किया और आकर मेरे लंड से खून साफ़ करके बोलीं- तुमने तो मेरी चुत भी सुजा दी.
मैं बोला- दिखाओ?
तो भाभी ने चूत दिखाई. सच में उनकी चुत सूज गई थी. भाभी की चूत बहुत टाइट भी थी क्यूंकि जब मैंने उनके साथ सेक्स किया तो मेरा लंड उनकी चुत में बहुत मुश्किल से घुसा था. लेकिन जब घुस गया था.. तब उनकी बच्चेदानी तक लग रहा था.
फिर सेक्स के बाद उन्होंने बोला कि जल्दी से कपड़े पहन लो क्यूंकि अब उनके ससुर खेत से वापस आने वाले हैं. भाभी ने मुझे जाने को बोला, पर मैं एक राउंड और चाहता था लेकिन उन्होंने मना कर दिया.
मैंने मजबूर होकर उनको किस किया और कपड़े पहन कर खुद को ठीक करके घर आ गया.
फिर हम एक दूसरे से फ़ोन पर सारा दिन बात करते रहते थे और मैं रोज दोपहर को उनको प्यार करने, उनके पास आ जाता था.
हम एक दूसरे की प्यार में बिल्कुल खो गए थे.. हमें चुदाई के सामने कुछ भी दिखाई ही नहीं दे रहा था.
ये सब 2 महीने तक लगातार चला. धीरे धीरे लोगों में हमारी बातें होने लगी. धीरे धीरे हमारे प्यार की बातें घर वालों तक पहुँच गईं. उनके घर वाले मुझे मारने के लिए घर की बाहर खड़े हो गए, पर मेरे भाइयों ने मेरा साथ दिया. उनके घर वालों ने उनकी भी बहुत पिटाई की. फिर उसके बाद भाभी ने मेरे साथ बात करना बंद कर दिया. हमारे घर वालों ने हम पर पाबन्दी लगा दी.
फिर कुछ महीने बाद वो शहर में ही रहने लगी. भाभी का पति अपनी फैमिली को अपने पास शहर में ले गया और मैं आज तक प्यार की तलाश में अकेला ही हूँ.
दोस्तो, कैसे लगी आपको मेरी भाभी स्टोरी. प्लीज़ आप कमेंट जरूर करना. मेरा ईमेल एड्रेस है.
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