बेकाबू हवस का अंज़ाम- 4

बेकाबू हवस का अंज़ाम- 4


भाभी चीटिंग Xxx कहानी में पति के उकसावे पर पत्नी उसके दोस्त के साथ कामुक हरकतें करने लगी थी. और एक दिन पति की अनुपस्थिति में दोस्त से चुद भी गयी.
कहानी के पिछले भाग
पति के दोस्त के साथ गन्धर्व विवाह
में आपने पढ़ा कि हेमंत अपनी बीवी को अपने दोस्त की बांहों में धकेल रहा था मजा लेने के लिए. तो उन दोनों के बीच भी यौनाकर्षण पैदा होने लगा था.
अब आगे भाभी चीटिंग Xxx कहानी:
फिर तो उन दोनों का जो सेक्स उत्पात मचा, ऐसा लग रहा था जैसे दोनों ने ही सेक्स की गोली की हाई डोज़ ले ली है।
तभी हेमन्त का मोबाइल बजा।
उसके पिता का फोन था कि हेमन्त के चाचाजी को दिल का दौरा पड़ा और कल दिल्ली में उनका ऑपरेशन है. वे लोग प्रिंस को साथ लेकर सुबह की फ्लाइट से दिल्ली आ रहे हैं। हेमन्त को हॉस्पिटल में उनके साथ एक दिन के लिए रहना होगा। तो सुबह रूपाली एयरपोर्ट से प्रिंस को ले ले और वापिस गुरुग्राम चली जाये और हेमन्त माता पिता के साथ दिल्ली। एक दो दिन बाद जब वे लोग अजमेर लौटेंगे तो प्रिंस को वापिस ले जाएँगे।
अगले दिन सुबह दोनों एयरपोर्ट गए.
वहाँ से रूपाली प्रिंस को लेकर वापिस आ गयी और हेमन्त अपने माता-पिता के साथ दिल्ली चला गया।
हेमंत रात को रुकने के हिसाब से कपड़े ले गया।
दिन में रूपाली और गौरव की लंबी बात हुई।
रूपाली ने गौरव को बता दिया कि आज हेमन्त दिल्ली गया है।
गौरव पीछे पड़ गया घर आने के लिए!
तो रूपाली ने कहा कि यह संभव नहीं है क्योंकि प्रिंस घर पर है।

गौरव पीछे पड़ा रहा, बहुत कसमें वादे हुए, गौरव ने रूपाली को कहा- हमारी शादी हुए इतने दिन हो गए, जब मैंने तुम्हारी मांग में सिंदूर भरा था तो सुहागरात तो होनी ही चाहिए; अपने पति को इतना क्यों तरसाती हो? ये मौका तो भगवान ने दिया है.
वगैरह वगैरह!
तो रूपाली ने उससे कहा- ठीक है, रात को बताऊँगी।
दिल तो रूपाली का भी बेईमान हो चुका था। उस पर गौरव ने क्या जादू किया था कि वे हेमन्त के प्यार को भी झूठा मान का गौरव के साथ प्यार की पींगें बढ़ा रही थी।
अब तो गौरव की बातों में आकर वे उल्टे हेमन्त को दिलफेंक, दूसरे की बीवी पर नीयत रखने वाला, और पता नहीं क्या क्या बोलती।
दिन भर रूपाली ने प्रिंस पर जान उड़ेले रखी।
रात को प्रिंस भी थक गया था तो जल्दी ही सो गया।
गौरव के बार बार फोन आ रहे थे।
रूपाली ने भी उसके कहने पर मन बना लिया कि जब हेमन्त ही उसे उकसा रहा है गौरव के साथ सेक्स करने के लिए तो क्यों न वे खुद ही पहल कर ले।
उसे गौरव ने यह कहकर मना ही लिया कि हेमन्त तो मोना के साथ सेक्स करना चाहता है इसलिए वे रूपाली को उकसा रहा है गौरव को उकसाने के लिए।
इसीलिए वे उकसाता तो है पर उन दोनों को सेक्स नहीं करने देता क्योंकि वे चाहता है कि गौरव मोना को लेकर आए।
अब रूपाली ने भी इसे ही सच मान लिया.
और चूंकि वह नहीं चाहती थी कि हेमन्त मोना के साथ सेक्स करे तो उसने यह तय किया कि वह और गौरव बिना हेमन्त को बताए सेक्स करें. ताकि हेमन्त गौरव के ऊपर मोना के लिए दबाव न बना पाये।
रात को प्रिंस के सो जाने के बाद रूपाली ने अपने को फ्रेश किया अपने आशिक के साथ बिना ब्याहे सुहागरात मनाने के लिए लगभग 10 बजे गौरव को फोन किया आने के लिए।
रूपाली ने लाल रंग का ब्रा पेंटी सेट और गाउन पहना।
हाथ भर कर चूड़ियाँ और चटकता मेकअप किया, बिल्कुल दुल्हन वाले स्टाइल में!
गौरव चुपके से आया।
रूपाली ने मेन गेट की लाइट बंद करके अंधेरा कर लिया था।
गौरव को अंदर करके रूपाली ने गेट बंद किया।
रूपाली को गौरव ने चिपटा लिया अपने से।
उसे उम्मीद नहीं थी कि रूपाली इतना सज कर उसका इंतज़ार करेगी।
रूपाली ने उससे कहा कि बिल्कुल आवाज़ नहीं क्योंकि प्रिंस उसके कमरे में ही बेड पर सो रहा है।
दोनों ड्राइंग रूम में आ गए।
रूपाली ने कॉफी बना रखी थी।
गौरव ने रूपाली को गोद में बैठा लिया।
दोनों ने चुबनों के बीच कॉफी खत्म की।
गौरव बेतहाशा रूपाली को चूम रहा था और रूपाली उसी तरह से उससे चिपटती जा रही थी।
रूपाली को गौरव ने एक सोने का ब्रेसलेट गिफ्ट किया।
तो रूपाली ने उसे चूमते हुए कहा कि इसकी क्या जरूरत थी।
रूपाली का ब्राइडल मेकअप और ज्वेलरी बीच में अटक रही थी, चूड़ियाँ भी आवाज़ कर रही थी।
गौरव के कहने पर रूपाली ने एक एक करके सारा मेकअप उतार लिया और अब बारी थी जिस्म के कपड़े उतारने की!
पहले गौरव ने अपनी टीशर्ट उतारी और फिर रूपाली का गाउन उसके झिलमिलाते जिस्म से अलग किया।
रूपाली अब सिर्फ ब्रा पैंटी में थी।
गौरव ने उसके माथे से लेकर गालों फिर गर्दन से होते हुए सीधे मम्मों को चूम लिया।
रूपाली शरमा कर पलट गयी तो गौरव ने पीछे से उसकी ब्रा का हुक खोल दिया।
तब रूपाली कसमसा गयी, बोली- लाइट बंद करने दो, मुझे शर्म आ रही है।
गौरव ने लाइट बंद कर दी।
रूपाली ने उसकी जींस खोलकर मय अंडरवियर के उतार दी।
तब रूपाली ने उसका लंड पकड़ लिया।
रूपाली के लिए ज़िंदगी में यह पहला लंड था अपने पति के अलावा!
उसे फुरफुरी सी उठी।
गौरव का लंड हेमन्त के मुक़ाबले छोटा था।
पर था तो आशिक का … तो रूपाली ने उसे कस कर मसल दिया।
गौरव ने रूपाली को नीचे झुकाना चाहा कि वे उसका लंड चूसे!
पर रूपाली मानसिक रूप से तैयार नहीं हो पा रही थी तो उसने मना कर दिया।
गौरव ने उसके मम्मे मसलते हुए उन्हें चूम लिया।
रूपाली पता नहीं किस आशंका से घबरा रही थी, वह बोली- गौरव अब तुम जाओ, बस इससे ज्यादा नहीं, कहीं हेमन्त को कैसे भी मालूम न पड़ जाये!
फट तो गौरव की भी रही थी, कोई भी अनहोनी हो गयी तो हेमन्त तो उसे मरवा देगा।
पर वे इस मौके को छोड़ना भी नहीं चाहता था।
उसने मन में सोचा कि चुदाई फटाफट कर लेनी चाहिए।
उसने रूपाली को चूमते हुए कहा- बस थोड़ा सा प्यार कर लेने दो, दोनों के जिस्म एक बार मिल जाएँ, जन्मों की प्यास एक बार बुझ जाये, बस फिर मैं चला जाऊंगा।
रूपाली उसका हाथ पकड़कर उसे बेड रूम में ले गयी।
वहाँ उसने नीचे एक गद्दा बिछा रखा था।
बेड पर प्रिंस सो रहा था।
कमरे की लाइट बहुत धीमी थी।
रूपाली चिपट गयी गौरव से और बोली- आओ और मेरे को अपना बना लो।
गौरव ने रूपाली को धीरे से नीचे गद्दे पर लिटाया और उसकी पैंटी उतार दी और उसकी मखमली चूत में जीभ घुसा दी।
रूपाली की आहें निकलने लगीं।
आग भड़क चुकी थी पर मौका माहौल नाजुक था।
रूपाली ने गौरव को ऊपर खींच लिया।
गौरव को भी लगा कि समय कम है, कहीं प्रिंस ही न जग जाये।
उसने रूपाली के होंठ से होंठ भिड़ा दिये और अपना औज़ार रूपाली की चूत के ऊपर मसलने लगा।
रूपाली से बर्दाश्त नहीं हो रहा था, उसने अपने हाथों से गौरव का लंड अपनी चूत में घुसा लिया।
इससे रूपाली की सीत्कार निकल गयी।
चीटिंग Xxx से वक़्त मानो थम सा गया।
गौरव बिना हिले डुले रूपाली के अंदर गहराई तक उतर गया।
रूपाली कसमसा रही थी, उसकी आवाज न निकले इसलिए गौरव ने उसके होंठ से होंठ हटाए ही नहीं और धक्के लगाने शुरू कर दिये।
अब दोनों एक दूसरे में समाने को धक्के लगाने लगे।
दोनों को घबराहट थी तो गौरव ने जल्दबाज़ी की तो उसे लगा कि उसका होने वाला है।
रूपाली ने उसे कस कर भींच लिया और गौरव ने सारा माल उसकी चूत में ही खाली कर दिया।
यह क्या हो गया!
रूपाली को होश आया।
हेमन्त का तो ओपरेशन हो चुका था तो रूपाली को ध्यान ही नहीं रहा कि गौरव ने कंडोम नहीं लगाया।
वह परेशान हो गयी।
गौरव बोला- घबराओ नहीं, मैं कल सुबह ही तुम्हें दवाई ला दूंगा।
रूपाली अब बेचैन हो रही थी।
उसने गौरव से कहा कि वह अब जल्दी से वापिस चला जाये।
गौरव भी घबरा तो रहा ही था, उसने कपड़े पहने और चुपचाप निकल लिया।
मित्रो, इस भाभी चीटिंग Xxx कहानी का यह भाग आपको कैसा लगा?
आप सब मुझे मेल और कमेंट्स में अवश्य बताएं.
[email protected] भाभी चीटिंग Xxx कहानी का अगला भाग: बेकाबू हवस का अंज़ाम- 5

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