बुआ को उनकी सहेली के साथ चोदा

बुआ को उनकी सहेली के साथ चोदा

थ्रीसम सेक्स की कहानी में पढ़ें कि मेरी बुआ ने अपनी सहेली को वादा किया था मेरा लंड दिलाने का. बुआ ने मुझे और उसे अपने घर बुलाकर 3सम सेक्स का मजा किया.

दोस्तो, एक और चुदाई की सच्ची सेक्स कहानी लेकर मैं आपका राज शर्मा, फिर से हाजिर हूं.
आपके प्यार भरे मेल और कमेंट के लिए आपका धन्यवाद.

आपने मेरी पिछली चुदाई कहानी
विधवा बुआ को होटल में चोदा
में पढ़ा था कि कैसे मैंने अपनी विधवा बबली बुआ को जयपुर के होटल में रात भर चोदा था.

उसी चुदाई के दौरान बबली बुआ ने अपनी सहेली की चुदास के बारे मुझे बताया था.

आज की थ्रीसम सेक्स की कहानी बबली बुआ और उनकी उसी सहेली भाभी की है, जिनको मैं पहले भी दो बार चोद चुका था.

जैसा कि बुआ की सहेली ने पहले ही बच्चों को अपने पास रखने की शर्त बुआ को पहले ही बता दी थी.
उसी शर्त की वजह से अब मुझे भाभी को चोदना था.

वो सोमवार का दिन था.
सुबह दस बजे बबली बुआ का फोन आया.

वो बोलीं- राज तुम्हें आज मानेसर आना पड़ेगा. क्योंकि मेरी सहेली का पति आज बाहर गया है और वो आज दिन में मेरे घर आ जाएगी.
मैंने कहा- ठीक है बुआ आता हूँ.

नहाने के बाद मैं मानेसर के लिए निकल पड़ा.
मानेसर पहुंच कर मैंने कुछ फल लिए और बुआ के घर पहुंच गया.

घर में बुआ और भाभी थीं.
वो दोनों मेरा ही इंतज़ार कर रही थीं.

बुआ ने मेरी दी हुई नाइटी पहनी हुई थी और भाभी पीली साड़ी में एकदम तैयार होकर आई थीं.

भाभी मुझे देखकर मुस्कुरा रही थीं और खुश हो रही थीं.
तभी बुआ बोलीं- राज, अब तुझे वादा निभाना है और इसे जमकर चोदना है.
मैं मुस्कुराते हुए बोला- हां बुआ जी. आपको भी मेरी बात याद होगी.
ये कह कर मैंने आंख दबा दी.
बुआ ने भी हां में सर हिला दिया.

फिर मैं बिस्तर पर आ गया और दोनों के बीच में बैठ गया.
मैंने फलों की थैली बुआ को दे दी और कहा- बुआ इसमें केला है, भाभी जी को खिलाओ.

तभी बीच में भाभी बोल पड़ीं- मुझे तो बस आज तुम्हारा ही केला खाना है.
भाभी मेरी जांघ पर अपना हाथ फेरने लगीं और अपने होंठों को भींचने लगीं.

अब मैंने भी अपना हाथ भाभी की चूचियों पर रख दिया और ऊपर से दबाने लगा.

हम दोनों एक दूसरे को किस करने लगे और बिस्तर पर लेट गए.

धीरे धीरे मैंने भाभी का ब्लाउज उतार दिया.
काली ब्रा में कैद भाभी की चूचियों को मसलने लगा और किस करने लगा.

बुआ ये सब देख रही थीं.
उन्होंने मेरे नजदीक होकर मेरी पैंट और भाभी की साड़ी निकाल कर फेंक दी.

मैंने अपनी टी-शर्ट उतार दी और अब मैं अंडरवियर बनियान में आ गया.

भाभी ने अपना पेटीकोट उतार दिया.
अब वो भी बस एक काली ब्रा पैंटी में मेरे सामने थीं.

भाभी की भरी हुई चूचियां और गोल गोल गांड बहुत मादक लग रही थी.

मैंने भाभी की ब्रा उतार दी और एक चूची को मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया.
भाभी ने मेरे अंडरवियर में हाथ डाल दिया और लंड को सहलाने लगीं.

ये सीन देख कर बुआ ने भी अपनी नाइटी उतार दी और नंगी हो गईं.

बुआ ने हम दोनों की अंडरवियर और पैंटी उतार दी और दोनों को नंगा कर दिया.
हम तीनों थ्रीसम सेक्स के लिए तैयार थे, बिस्तर पर चुदाई की पोजीशन में आ गए और मस्ती करने लगे.

बुआ ने मेरा लंड चूसना शुरू कर दिया था.

मैं भाभी की दोनों चूचियों को बारी बारी से चूसने लगा.
भाभी ‘आह आह ..’ करके अपनी चूत को ऊपर से मसलने लगीं.

वो मेरा हाथ अपनी चूत पर रखवा कर चूत रगड़वाने लगी और मैं भाभी की चूत में उंगली अन्दर बाहर करने लगा.
नीचे से बुआ मेरे लंड को गपागप गपागप चूसने लगी थीं.

फिर भाभी मेरे मुँह में अपनी चूत को लगाने लगीं, मैं जीभ से धीरे धीरे चाटने लगा.
बुआ मेरे लंड को जल्दी जल्दी गपागप गपागप चूस रही थीं.

कुछ देर बाद भाभी बुआ की चूत को चाटने लगीं और बुआ मेरे लंड को चाटने लगीं.
मैंने बुआ की दोनों चूचियों को पकड़ लिया और जोर जोर से दबाने लगा.

थोड़ी देर में बुआ उठकर मेरे ऊपर आ गईं और मेरे लौड़े पर अपनी चूत रखकर बैठ गईं.
सटाक से लंड बुआ की चूत में समां गया और बुआ आहह आहह करके लौड़े पर उछलने लगीं.

इधर भाभी मेरे मुँह पर अपनी चूत रखकर बैठ गईं.
अब मेरी जुबान और लंड दोनों ओर से बुआ व भाभी को चोदने लगे.

कमरे में मादक आवाजें गूँजने लगीं ‘ऊईई ऊईई सीईई आहह ..’

बुआ ने अपनी रफ़्तार और तेज कर दी और जल्दी जल्दी लंड पर गांड पटकने लगीं.
इधर मैं भाभी की चूत में जीभ अन्दर बाहर करने लगा और वो ‘ऊई ऊईई आआहह …’ करती हुई मेरे मुँह में झड़ गईं.

अब बुआ की कमर पकड़कर मैंने उन्हें घोड़ी बना दिया और लंड उनकी गांड में घुसेड़ दिया.
‘ऊईई ऊईई .. साले ने गांड फाड़ दी.’

ये चिल्लाती हुई बुआ गांड में लंड लेने लगीं.

अब तक भाभी फिर से तैयार हो गई थीं.
वो बोलीं- बबली तू ही राज का लौड़ा लेती रहेगी या मुझे भी लेने देगी? मुझे राज का लौड़ा चाहिए, भूल गई क्या … राज आज सिर्फ मुझे चोदने आया है.

मैंने बुआ की गांड से लंड निकाल लिया और भाभी के मुँह में घुसा दिया.
वो मेरा लंड गपागप लॉलीपॉप के जैसे चूसने लगीं.

कुछ देर बाद मैंने भाभी को बिस्तर पर लिटा दिया और उनके ऊपर आकर चूत में लंड रगड़ने लगा.
वो मचलती हुई बोलने लगीं- राज अब और देर न कर .. मेरे प्यारे राज अपनी इस प्रीति भाभी को चोद दे.

मैंने एक झटके में पूरा लंड घुसा दिया और जल्दी जल्दी प्रीति भाभी की चूत चोदने लगा.
प्रीति भाभी ‘आहह .. उईई ..’ करने लगीं.

मैं भी पूरे जोश में भाभी की चूत चोदने लगा और उनकी दोनों चूचियों को दबाने लगा.

बुआ भी ये सब देख कर उठकर मेरे पास आ गईं और मुझे किस करने लगीं.
मैंने भाभी को उठा कर घोड़ी बना दिया और चोदने लगा. भाभी के सामने बुआ की चूत थी, जिसे वो चाटने लगीं.

अब मैंने अपने लौड़े की रफ्तार अचानक से तेज कर दी और सटासट सटासट अन्दर बाहर करने लगा.

कमरे में पूरा चुदाई का माहौल बन गया था.

बुआ ‘आहह आह ..’ कर रही थीं.
और मैं भाभी की ताबड़तोड़ चुदाई कर रहा था.

बुआ की चूत ने अपनी रसधारा छोड़ दी और आंख बंद कर ली.
भाभी बुआ की चूत का रस चाट रही थीं.

तभी मैंने जोर जोर से धक्का मारना शुरू कर दिया.

चूत चाटने के बाद मैंने वापस भाभी को बिस्तर पर सीधा लिटा दिया और उनके ऊपर चढ़कर चोदने लगा.
भाभी पूरी मस्ती में आकर चिल्लाने लगीं- आहह आहह राज … और चोदो फक मी राज आहह.

मैं भी अपने पूरे जोश में आकर भाभी को चोदने लगा और उनकी भरी-भरी चूचियों को चूसने लगा.

दस मिनट और चुदाई के बाद हम दोनों अपने चरम पर पहुंच चुके थे और हर धक्के से हमारा शरीर कड़क होने लगा था.
एकदम से भाभी अपनी चूत की पकड़ तेज करने लगीं, मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और लंड जल्दी जल्दी अन्दर बाहर करने लगा.

दोनों एक-दूसरे को चूमने लगे और भीषण चुदाई करने लगे.

हम दोनों की सिसकारियां निकलने लगीं और एक साथ दोनों ने पानी छोड़ दिया.
हम दोनों के जिस्म थरथराते हुए एक दूसरे से चिपक गए थे.

झड़ने के बाद करीब दस मिनट तक ऐसे ही दोनों चुपचाप लेटे रहे.

अब हम तीनों एक साथ बाथरूम में गए, वहां से फ्रेश होकर वापस बिस्तर पर आ गए.

फिर बुआ प्रीति भाभी को बताने लगीं कि कैसे जयपुर में हमने रात भर होटल में चुदाई की.
हम तीनों एक दूसरे से चिपक कर लेटे हुए थे और बातें कर रहे थे.

मैं अपने दोनों हाथों से भाभी और बुआ की चूचियों को दबाने लगा.
वो दोनों मेरे लौड़े को सहलाने लगी थीं.

कोई बीस मिनट बाद वो दोनों उठ गईं और मेरे लौड़े को बारी बारी से चूसने लगीं.
थोड़ी देर भाभी लंड चूसतीं, फिर थोड़ी देर बुआ.
दोनों बराबर से लंड चुसाई करती जा रही थीं.

इस बार मेरी नज़र भाभी की गोल गांड पर टिक गई थी.
मैंने बुआ को इशारा किया और वो तेल की कटोरी उठाकर ले आईं.

भाभी घोड़ी बन कर मेरे लौड़े को चूस रही थीं.
तभी बुआ ने भाभी की गांड में तेल की बूंदें टपका दीं और धीरे धीरे अपने हाथ की एक उंगली से भाभी की गांड को सहलाने रगड़ने लगीं.
साथ ही वो भाभी की चूत में भी तेल लगा रही थीं तो उन्हें ये समझ नहीं आया कि आज उनकी गांड की बखिया उधड़ने वाली है.

फिर बुआ ने मुझे इशारा किया तो मैं उठ गया और भाभी के पीछे आकर तेल में लंड को डुबो लिया.
भाभी की गांड के छेद पर लंड का सुपारा रगड़ने लगा.

मैंने बुआ को इशारा किया तो वो अपनी चूत खोलकर भाभी के सामने लेट गईं.

भाभी मस्ती में बुआ की चूत चाटने लगीं.

मैंने मौका देखकर जोर का धक्का लगाया मेरा पूरा लौड़ा अन्दर चला गया.

भाभी तड़पने लगीं और चिल्लाने को हुईं तभी बुआ ने उनका मुँह अपनी चूत में दबा लिया.

मैंने धीरे धीरे लंड को अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया और धीरे धीरे भाभी की गांड चलने लगी.

जैसे ही बुआ ने भाभी को छोड़ा, वो आहह आह आहह आहह करने लगीं.

कुछ देर बाद भाभी का दर्द खत्म हो गया था.
मैंने अपने लंड की रफ्तार तेज कर दी और भाभी की गांड चोदने लगा.
‘थप थप …’ की आवाज़ तेज होने लगीं.

भाभी भी जल्दी जल्दी अपनी गांड आगे पीछे करके चुदाई में पूरा साथ देने लगीं.
आगे से भाभी बुआ की चूत में जीभ डाल कर अन्दर बाहर करने लगी थीं और मैं भाभी की गांड को गपागप चोदने में लगा था.

थोड़ी देर बाद मैंने भाभी को उठाकर लंड पर बैठा दिया और उनकी गांड में लंड डालकर चोदने लगा.
बुआ ने अपनी चूत मेरे मुँह में रख दी.

मैं फिर से बुआ की चूत और भाभी की गांड एक साथ ज़ुबान और लंड से चोदने लगा.
बुआ की सिसकारियां तेज़ होने लगी भाभी लंड के रथ पर बैठकर स्वर्ग का मजा ले रही थीं.

बुआ की चूत से नमकीन गर्म गर्म रस निकलने लगा जिसे मैं चाट करके पी गया और चूत चूसकर साफ़ कर दी.
तब बुआ झड़ कर मेरे बगल में लेट गईं.

मैंने भाभी को उतार कर बिस्तर पर टिका दिया और उनकी गांड मारने लगा.
थप थप की आवाज़ और तेज आने लगी.

मैंने भाभी को फिर से घोड़ी बनाया और किसी पागल घोड़े की तरह उन्हें चोदने लगा.
अब भाभी आहह ऊईई चिल्लाने लगीं और मुझे रोकने लगीं लेकिन अब मैं रूकने वाला नहीं था.

उनकी चीखें मुझे मजा देने लगी थीं.
मैं भाभी के बाल पकड़ कर मैं तेजी से लंड को अन्दर बाहर करने लगा.
साथ ही मैं हाथ आगे करके भाभी की दोनों चूचियों को नौंचने लगा, मसलने लगा.
वो दर्द में चिल्लाने लगी, लेकिन मैंने चुदाई की रफ़्तार और तेज कर दी.

अब मेरा लंड अकड़ने लगा और झटके के साथ वीर्य निकालना शुरू हो गया.
मैं झड़ कर भाभी के ऊपर लेट गया.

पांच मिनट तक हमने कोई बात नहीं की, फिर भाभी ने मुझसे अलग होने को कहा.

काफी समय हो गया था, भूख लग आई थी.
बुआ उठकर किचन में चली गईं.

थोड़ी देर बाद फिर से भाभी मुझे किस करने लगीं.
मेरे दोनों हाथों को अपनी चूचियों पर रखकर बोलीं- राज आई लव यू.

मैंने धीरे धीरे चूचियों को दबाना शुरू कर दिया और किस करते करते उन्हें ‘आई लव यू टू …’ बोल दिया.

भाभी को सुसु लगी थी तो उन्होंने बाथरूम जाने को कहा.
मैंने उन्हें अपनी बांहों में उठा लिया और हम दोनों बाथरूम में पहुंच गए.
वहां हम दोनों ने साथ में मूता.

भाभी वहीं पर मेरे लंड को चूसने लगीं.
मैं वहीं कमोड पर बैठ गया और भाभी के मुँह में लंड दे दिया.
भाभी कुतिया बनाकर लंड को गपागप गपागप लॉलीपॉप के जैसे चूसने लगीं.

कुछ देर में लंड खड़ा हो गया तो मैंने भाभी को फर्श पर लिटा दिया और चूत चाटने लगा.
वो आह आहह आहह करके अपनी चूचियों को मसलने लगीं.

हम दोनों 69 की पोजीशन में आकर चूत लंड चूसने लगे.
मैंने भाभी को उठाकर अपने लंड पर बैठा दिया. उनकी चूत में पूरा अन्दर चला गया और वो ‘ऊई ईईई ऊईई ईई …’ करने लगीं.

मैंने भाभी की चूचियों को मसलते हुए नीचे से झटके लगाना शुरू कर दिया.
अब भाभी लंड पर उछलने लगीं और उसकी गांड की थप थप की आवाज बाथरूम में गूंजने लगी.

उस समय ऐसा लग रहा था, जैसे भाभी अपनी चूत से मेरे लंड को चोद रही हों.

मैं भाभी की दोनों चूचियों को दबाने लगा और वो आहह आहह करके लंड पर तेजी से कूदने लगीं.
तभी भाभी ने दोनों हाथों को मेरे गले में डाल कर इशारा दिया, तो मैं उन्हें सहारा देकर खड़ा हो गया.

अब मैं भाभी को सावन के झूले का मजा देने लगा और उनकी कमर पकड़कर नीचे से लंड के झटके लगाने लगा.

फिर ऐसे ही गोद में उठाए उठाए में भाभी को किचन में ले गया और बुआ के सामने चोदने लगा.
मैंने भाभी को उतार दिया और रोटी बना रही बुआ के मुँह में लौड़ा घुसा दिया.

वो गैस बंद करके गपागप लंड चूसने लगीं.
इतने में भाभी ने बुआ की नाइटी उतार कर उन्हें भी नंगी कर दिया.

हम तीनों एक दूसरे को चूमने लगे.
मैंने भाभी को वहीं घोड़ी बनाया और उनकी गांड में लंड डालकर चोदने लगा.

वो ‘आहह आहह …’ करने लगीं.
फिर मैं भाभी को लेकर बिस्तर पर आ गया और बुआ वहीं रूक कर खाना बनाने लगीं.

मैंने दस मिनट तक बिना रूके भाभी की ताबड़तोड़ चुदाई की और उनकी चूत में ही वीर्य निकाल कर ऊपर लेट गया.
करीब तीन बज चुके थे, तभी बुआ आकर बोलीं- अब तुम दोनों कपड़े पहन लो …. बच्चों के आने का समय हो गया है.

हम सबने कपड़े पहन लिए और तैयार हो गए.
बच्चे स्कूल से आ गए, फिर हम सबने साथ में खाना खाया.

प्रीति भाभी अब अपने घर चली गईं और हम सब बातें करते रहे.

शाम को मैं गुड़गांव आ गया.
दोस्तो, इस तरह मैंने अपनी बुआ को और उसकी सहेली को जमकर चोदा.

आपको थ्रीसम सेक्स की कहानी कैसी लगी, मेल और कमेंट जरूर करें.

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