बुआ की बेटी की सील तोड़ी

बुआ की बेटी की सील तोड़ी


भाई बहन की चुदाई हिंदी में पढ़ें और मजा लें. मेरी बुआ की लड़की मेरे घर रहने आई थी। मैं उसको पहले से ही पसंद करता था और चोदना चाहता था। मैंने उसको कैसे चोदा?
आज मैं आपको भाई बहन की चुदाई हिंदी में बताऊंगा कि कैसे मैंने मेरी बुआ की बेटी यानि मेरी छोटी बहन की सील तोड़ी।
दोस्तो, मेरी कोई सगी बहन नहीं है लेकिन मेरी बुआ की 3 लड़कियां हैं। तीनों मुझसे बहुत प्यार करती हैं और सगे भाई की तरह रखती हैं।
मेरी बुआ की सबसे छोटी लड़की की उम्र 19 साल है, वह बहुत सेक्सी है।
उसका रंग सांवला है लेकिन फिगर इतना सेक्सी है कि पहली नज़र में देखते ही किसी का भी लन्ड टाइट हो जाए।
यह बात पिछले साल की है जब मेरे घर पर मेरी मम्मी की सहेली का एक निमंत्रण आया था।
मम्मी की सहेली के बेटे की शादी थी।
तो मेरी मम्मी ने मुझे कहा कि शादी का कार्ड आया है।
मैंने कहा कि चलो अच्छी बात है, इसी बहाने पहाड़ों में घूमने का मौका मिल जाएगा।
हमें शादी के लिए मनाली में जाना था।
15 दिन बाद शादी थी मगर मुझे याद आया कि 15 दिन बाद तो मेरा एक एग्जाम भी है।
फिर जिसका डर था वही हुआ।
उसी दिन की शादी थी और उसी दिन का एग्जाम।

मेरी मम्मी ने कहा- मैं मीतू को घर पर बुला लेती हूं। वो तेरा खाना भी बना देगी और तेरे साथ पढ़ाई में भी मदद ले लेगी।
ये सुनते ही मेरा लंड टाइट होने लगा।
मुझे तो खुशी होने लगी कि अच्छा हुआ मैं शादी में नहीं जा रहा हूं और मीतू घर पर रहने आ रही है।
मेरे मन में मीतू को चोदने के ख्याल बार बार आने लगे।
अब तो बस मैं दिन रात यही सोच रहा था कि मीतू को चोदने का तरीका कैसे निकालूं।
15 दिन तक मैंने उसके बारे में सोचते हुए रोज ही लंड हिलाया।
फिर वो दिन आ ही गया जिसका मुझे इंतजार था।
उस दिन जब मैं कॉलेज से घर आया तो मीतू आ चुकी थी और उसने टाइट जीन्स और टॉप पहना था जिसमें मीतू बहुत सेक्सी लग रही थी।
मीतू ने मुझे देखते ही टाइट हग कर लिया और उसके गोल गोल बूब्स मेरी छाती पर सट गए।
मुझे उनका अहसास मिला तो मेरा लंड खड़ा होने लगा।
मैंने उसको कसकर अपनी बांहों में जकड़ा और अपनी छाती उसकी चूचियों पर दबा दी।
मन कर रहा था उसके बूब्स में ही अंदर घुस जाऊं।
हम दोनों ने कई सेकेंड तक एक दूसरे को बांहों में जकड़े रखा और मेरा हाथ कब उसकी गांड पर चला गया मुझे पता भी नहीं चला।
मेरा तो वहीं पर उसको चोदने का मन करने लगा था।
मगर मीतू ने उसे भाई का प्यार समझा और उसने ज्यादा नोटिस नहीं किया।
इतने में ही मम्मी की आवाज आई जो किचन से चलती हुई आ रही थी।
मॉम ने आकर कहा- चल मीतू, तू अपने कपड़े वैगरह बदल ले और हाथ मुंह धो ले, मैंने लंच बना दिया है। साथ में ही खाना खाएंगे।
अब मेरा मूड बहुत गर्म हो रहा था।
मुझे चूत चाटने में बहुत मज़ा आता है तो मैं अपने ख्यालों में मीतू की चूत चाटने के बारे में सोच रहा था और मन ही मन खुश हो रहा था।
इधर मेरा लन्ड भी तनकर पूरा टाइट हो चुका था। मेरा लन्ड मेरी लोअर का तंबू बना चुका था।
मैं मुठ मारने के लिए रूम में चला गया।
अचानक मीतू मेरे कमरे में खाना लेकर आई और बोली- भाई, आज हम दोनों एक साथ खाना खाएंगे।
मैं बैठ गया और हम दोनों खाना खाने लगे।
मम्मी और छोटा भाई दूसरे रूम में पैकिंग कर रहे थे क्योंकि उन्हें कल सुबह जल्दी जाना था।
मैं और मीतू खाना खा रहे थे।
इतने में मीतू का चम्मच नीचे गिर गया और जब वह उसको उठाने के लिए झुकी तो उसकी गांड को देख कर मेरा तो लन्ड फटने को हो गया।
मीतू की नज़र खाना खाते-खाते मेरे लन्ड पर पड़ी और उसने अनजान बनने की कोशिश करते हुए कहा- और भाई … क्या चल रहा है आजकल?
मैंने कहा- कुछ खास नहीं, बहुत बोर हो रहा था। मगर अब तुम आ गई हो तो मस्ती करेंगे।
उसने कहा- हां भाई, अब बोर नहीं होने दूंगी मैं आपको! मैं ओपन माइंडेड हूं।
मैंने मज़ाक मज़ाक में पूछा- और बता … कोई बॉयफ्रेंड है या नल्ली है?
इस पर मीतू ने कहा- भाई मेरा कोई बॉयफ्रेंड नहीं है और न ही चाहिये है।
फिर मीतू ने मुझसे पूछा- आपकी है क्या कोई गर्लफ्रेंड?
मैंने कहा- थी … मगर अब नहीं है, ब्रेकअप कर लिया।
मैंने फिर उदास सा चेहरा बनाते हुए कहा- मुझसे कोई प्यार नहीं करता, मैं तो बहुत अकेला महसूस करता हूं।
वो बोली- भाई … ऐसे मत कहो, आपकी बहन आपसे करती है।
मैंने कहा- तू नहीं समझेगी, मैं उस प्यार की बात नहीं कर रहा।
मीतू मेरी बात को समझ नहीं पाई और बोली- मैं मेरे हैंडसम भाई को बहुत प्यार करती हूं और अपने भाई की खुशी के लिए जान भी दे सकती हूं।
मगर मुझे जान नहीं, गांड की जरूरत थी।
ऐसे ही हम दोनों में बातें होती रहीं।
फिर होते होते रात के 9 बज गए।
मीतू दो गिलास दूध लेकर रूम में आई और मैंने अपना गिलास पकड़ा और दूध पीने लगा।
मैंने अपना गिलास खाली किया तो मीतू ने कहा- भाई … मुझे दूध पसंद नहीं है। आप मेरा दूध भी पी लो, मुझे अच्छा नहीं लगता पीना।
मैंने डबल मीनिंग बात करते हुए कहा- अगर मैं तुम्हारा दूध पिऊंगा तो तुम्हें अच्छा लगेगा?
शायद वो समझ गई थी कि मैं किस दूध की बात कर रहा था।
उसने कहा- भाई जल्दी पी लो मेरा दूध, मुझे गिलास रख कर आना है रसोई में!
मैंने गिलास पकड़ा और पूरा गटक गया।
लेकिन मेरा ध्यान मेरी बहन की चूचियों पर था।
वो सफेद रंग की पतली टी शर्ट में से साफ उभर रही थीं।
उसके बाद मैं और मीतू रात को बाते करतें रहे और पता ही नहीं चला कब 11 बज गए।
फिर मीतू दूसरे रूम में जाने लगी तो मम्मी ने अपने रूम की कुंडी लगा ली थी।
शायद मम्मी को लगा होगा कि मीतू मेरे पास सो गई और थकावट की वजह से मम्मी भी सो चुकी थी।
मीतू ने कहा- भईया, मैं आपके पास ही सो सकती हूं क्या?
मैंने कहा- ये कोई पूछने की बात है क्या?
मीतू ने कहा- भाई, आप सबसे अच्छे भाई हो जो आपनी बहन को इतना प्यार करते हो।
मैं हंसने लगा और बोला- मीतू … याद है बचपन में तू सिर्फ मेरे साथ ही सोती थी हग करके और सोते हुए बहुत लात मारती थी।
मीतू हंसने लगी और बोली- भाई टेंशन मत लो, अगर लात मारी तो लातों में जकड़ कर सो जाना।
इस पर मैं हंसने लगा और मीतू को कहा- चल, अब कुंडी लगा कर लाइट ऑफ कर देना।
उसने कुंडी लगाई और लाइट ऑफ कर दी।
फिर उसे कुछ याद आया और उसने बोला- भाई मुझे जीन्स में नींद नहीं आएगी। आप अपने कपड़े दो मुझे!
मैंने अलमारी से बहुत ही पतली टी शर्ट और नीचे के लिए एक हाफ पैंट निकाल कर दे दी जो कि बहुत पतली थी।
मीतू ने कपड़े उठाये और बाथरूम में चली गई।
जब मेरी बहन कमरे में आई तो उसे देख मेरा लन्ड फिर से तन गया।
उसने ब्रा नहीं पहनी थी और उसकी टी शर्ट में से उसके बूब्स पूरे दिखाई दे रहे थे।
मैं उसके बूब्स से नज़र नहीं हटा पाया।
मीतू ने कहा- भाई क्या देख रहे हो?
मैं घबरा गया और हड़बड़ाते हुए बोला- कुछ नहीं।
फिर मैं सोने से पहले बाथरूम में सुसु करने गया तो देखा कि मेरी बहन की रेड कलर की ब्रा और उसी रंग की पैंटी बाथरूम में लटक रही थी।
मैंने मेरी बहन की पैंटी उठाई और अपना तना हुआ लन्ड उस पर रगड़ने लगा।
उसकी पैंटी से बहुत अच्छी महक आ रही थी। मैं समझ गया कि मेरी बहन ने नीचे पैंटी भी नहीं पहनी।
मैं जल्दी से रूम में गया।
उस वक्त मीतू फोन पर फोटोज देख रही थी।
मैं भी मीतू के पास लेट गया और फोटो देखने लगा।
वो मुझे फ़ोटो दिखा रही थी।
अचानक उसके कुछ ऐसे फोटो सामने आ गए जो उसने पूरी नंगी होकर क्लिक किए थे।
वो एकदम से घबरा गई और उसने फोन बंद कर दिया।
मैं हंसने लगा और बोला- तुम ऐसा कुछ भी करती हो क्या?
उसने कहा- सॉरी भाई, किसी को बताना मत।
मैंने कहा- बताऊंगा तो नहीं, लेकिन तुम्हें भी मेरी एक शर्त माननी होगी।
मैं बोला- मुझे सारे फोटो दिखाओ।
वो बोली- नहीं, वे फोटो नहीं दिखाऊंगी।
फिर मैंने उसके हाथ से फोन छीन लिया और फोटो देखने लगा।
उसने मेरे हाथ से फोन लेना चाहा तो मैंने उसका हाथ पकड़ लिया।
मैं वैसे भी उसकी नंगी फोटो देखकर गर्म हो चुका था।
मुझे लग रहा था कि शायद मीतू भी कहीं न कहीं गर्म हो चुकी थी।
वो मेरे हाथों में से अपने हाथ छुड़वाने की कोशिश कर रही थी।
मीतू अपने हाथ छुड़वाते छुड़वाते मेरे ऊपर आ गई और उसकी गांड मेरे लन्ड के बिल्कुल उपर आकर टिक गई।
उसका थोड़ा सा भी इधर उधर हिलना मेरे लंड में तनाव ला रहा था।
मैंने मीतू की कमर पकड़ी और उसको मेरे नीचे ले लिया।
मेरे अंदर हवस जाग चुकी थी और अब मैं खुद को रोक न पाया।
मैंने उसे गौर से देखा और वो भी देखने लगी।
इससे पहले कि वो कुछ समझ पाती मैं अपने होंठ उसके होंठों के बिल्कुल पास ले गया।
उसका चेहरा गंभीर हो गया और इसी पल में मैंने अपने होंठों को उसके होंठों पर टिका दिया और उनको धीरे धीरे चूसने लगा।
उसने भी जरा सा विरोध भी नहीं किया और मेरा साथ देने लगी।
हम दोनों अब एक दूसरे के होंठों का रसपान करने लगे।
मीतू भी मेरा साथ खुलकर देने लगी।
मैंने मीतू की टी शर्ट उतारी और भूखे शेर की तरह बहन के बूब्स पर टूट पड़ा।
मैं उसकी चूचियों को जोर जोर चूसते हुए पीने लगा; मीतू को भी मज़ा आ रहा था।
मीतू के बूब्स चूसते समय मेरा एक हाथ मीतू की लोवर में चला गया।
मेरा हाथ उसकी चूत पर लगा तो मेरे अंदर की वासना की आग और ज्यादा भड़क गई।
तेजी से मैं उसकी चूत को हथेली से रगड़ने लगा और चूत को सहलाने लगा।
मुझे पांच मिनट चूत को सहलाते हुए हो गए और इतने में उसकी चूत में गीलापन आने लगा।
मुझे इसी पल का इंतजार था।
मैं जान गया कि अब बहन की चूत गर्म हो चुकी है।
अब वो भी मेरे अंडरविअर में हाथ डालकर मेरे लन्ड को सहला रही थी।
मैंने उसकी लोवर निकाली और उसकी चूत मेरे सामने नंगी हो गई।
मैं उसकी चूत को देखता ही रह गया।
मेरी बहन की चूत पर चावल के दाने समान बाल थे।
मेरी बहन की चूत से बहुत अच्छी खुशबू आ रही थी।
मैं उसकी चूत में नाक लगाकर सूंघने लगा और उसकी चूत को नाक से ही सहलाने लगा।
वो बोली- भाई … अब कंट्रोल नहीं हो रहा है मुझसे … जल्दी से कुछ कर दो मेरे साथ!
मैंने बोला- हां बहन, मैं जानता हूं तेरे अंदर अब सेक्स जाग चुका है। मैं तेरी सारी हसरत पूरी करूंगा।
ये कहकर मैं उसकी चूत को चाटने लगा और वो एकदम से सिसकारने लगी- आह्ह … भैया … आह्ह … ओह्ह … मजा आ रहा है … ऐसे ही करो … आह्ह … ऐसे ही चाटो … अम्म … आह्ह … हाह्ह् … स्स्स … आह्ह चाटो और … अंदर तक।
लगभग दस मिनट तक मेरी जीभ उसकी चूत में चलती रही और एकदम से फिर उसकी चूत का झरना बह निकला।
अब उसकी बारी थी।
मैंने उसे मेरा लंड मुंह में लेने को बोला।
वो बोली कि उसने पहले कभी ऐसा नहीं किया है।
फिर एक दो बार कहने के बाद उसने मेरे लंड को मुंह में ले लिया और वो चूसने लगी।
अब वो आराम से मेरे लंड को चूसने लगी और मैं भी जैसे जन्नत का मजा लेने लगा।
करीब 10 मिनट में मैं भी मेरी बहन के मुंह में ही झड़ गया।
मेरी बहन को मेरे लन्ड का वीर्य बहुत स्वाद लगा और वो मेरे लन्ड का सारा पानी मज़े से पी गई।
उसके बाद मैंने उसकी गुलाबी चूत में चॉकलेट सिरप लगाया और थोड़ा सिरप अपने लन्ड पर भी लगा दिया।
उसके बाद हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए।
वो मेरे लन्ड पर लगी चॉकलेट को बहुत मज़े से चाट रही थी।
मैं भी मेरी बहन की चॉकलेट से भरी चूत को चाट चाटकर उसे पूरा मज़ा दे रहा था।
मेरी जीभ उसकी चूत के अंदर तक जा रही थी।
तभी मैंने उसकी कमर के नीचे तकिया लगाया और उसे टांगें खोलने को कहा।
उसने अपनी टांगें खोल दीं और घबराकर कहा- भाई … ज्यादा दर्द तो नहीं होगा न?
मैंने प्यार से कहा- मेरी क्यूट सी बहन को दर्द नहीं होगा बल्कि मज़ा आएगा।
उसके बाद मैंने अपना लन्ड बहन की चूत पर रखा और थोड़ा ज़ोर लगाया।
उसकी चूत चिकनी होने की वजह से मेरा लन्ड आसानी से एक इंच अंदर चला गया।
इतने में ही वो दर्द से कराह उठी।
मैंने मीतू के होंठों में होंठ डाल दिए ताकि ज्यादा आवाज़ न हो और एक ज़ोर का धक्का दे मारा जिससे मेरी उसकी टाइट चूत में मेरा लन्ड पूरा घुस गया।
उसकी चूत से खून निकलने लगा।
उसने काफी हाथ पैर मारे मगर मैंने मेरा लन्ड उसकी चूत से नहीं निकाला और थोड़ी देर बाद जब दर्द कम हुआ तो मैं प्यार से लन्ड को अंदर बाहर करते हुए उसे चोदने लगा।
कुछ देर तो उसको हल्का दर्द होता रहा मगर फिर वो आराम से लंड को लेने लगी और थोड़ी देर बाद तो वो गांड उठा उठाकर चुदने लगी।
अब वो मेरा पूरा साथ दे रही थी।
मैं तो उसकी चूत में लंड देकर जैसे स्वर्ग की सैर कर रहा था।
इतनी टाइट और गर्म चूत थी कि लंड मेरा तपने लगा था। मैं बस उसको ऐसे ही चोदते रहना चाहता था।
मगर वीर्य ज्यादा देर नहीं रुक पाया।
दस मिनट की चुदाई के बाद मैं उसकी चूत में झड़ गया।
उस रात करीब तीन घंटे तक मैंने उसको तीन बार चोदा।
हम दोनों थक गए थे।
मैंने उसकी चूत से खून साफ किया और अपने लंड को भी साफ किया।
उसके बाद हम दोनों भाई-बहन नंगे ही एक दूसरे की बांहों में लिपट कर सो गए।
अगली सुबह उसको बहुत दर्द हो रहा था लेकिन बड़ी मुश्किल से उसने दर्द को छुपाया और मम्मी के सामने नॉर्मल बनी रही।
फिर मम्मी शादी के लिए निकल गई और घर में मैंने और मीतू ने खूब मस्ती की।
मैंने उसको इतना चोदा कि हम दोनों का दिल अब एक दूसरे के बिना नहीं लगता था।
इस कहानी में मैं इतनी ही बात रख रहा हूं। अगर आपको ये भाई बहन की चुदाई हिंदी स्टोरी पसंद आई हो तो अपना रेस्पोन्स जरूर दें।
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