बस में गाँव की आंटी की चूत चुदाई

बस में गाँव की आंटी की चूत चुदाई

मेरा नाम रोहित है, मैं मुंबई का रहने वाला हूँ। मेरे लंड का साइज़ 8 इंच है और मैं बहुत सारी आंटियों की चुदाई कर चुका हूँ।

मैं एक बार रात को पुणे से मुंबई आ रहा था.. बहुत तेज बारिश हो रही थी। लगभग 8 बजे मुझे पुणे से मुंबई की बस मिली.. बस में ज़्यादा भीड़ नहीं थी। मैं पीछे की सीट पर था और मेरे पास में एक गाँव की महिला बैठी थी, जिसकी उम्र तकरीबन 45 साल की रही होगी। वो सांवली थी.. बोबे बड़े थे और गांड भी मोटी लग रही थी।

कुछ ही देर में बस चल दी.. बाहर तेज बारिश हो रही थी और बहुत अंधेरा भी था। बस की लाइट भी बंद थी और हल्का उजाला था.. लेकिन इस उजाले में कोई किसी को देख नहीं सकता था।

बस तेज चल रही थी और मुझे ऐसा लग रहा था कि वो औरत मुझसे चिपक रही है। मेरा लंड भी कड़क हो गया था। वो मेरी कोहनी से अपने मम्मों को प्रेस करवा रही थी। मुझे लगा कि ये औरत गरम है, मैंने भी उसके मम्मों को कोहनी से दबाते हुए मसलना शुरू किया।
वो सोने का नाटक कर रही थी और मैं भी।

अब मेरा मन उसके मम्मों को हाथों से प्रेस करने का हो रहा था। मैंने अपने आपको कुछ एड्जस्ट किया और धीरे-धीरे मम्मों की तरफ हाथ लेकर गया। मुझे बहुत डर लग रहा था लेकिन मेरे लंड महाराज कड़क थे तो उसको कुछ करना था। मैंने धीरे से एक उंगली से उसके अपनी तरफ वाले बूब को टच किया और बस के झटकों के साथ चूचे को उंगली गड़ाते हुए मजे लेने लगा।
मुझे अहसास हो गया था कि उस औरत को भी मज़ा आ रहा है। मैंने अब तीन उंगलियों से उसके चूचे को टच किया और कुछ ज्यादा जोर लगाते हुए प्रेस करने लगा। वो आंटी कुछ नहीं बोली तो मुझे यकीन हो गया कि वो भी मज़ा ले रही है।

मैंने अब पूरे हाथ से उसके चूचे को हल्के से दबाया.. इस पर भी जब वो कुछ ना बोली तो मैंने धीरे-धीरे उसके पूरे मम्मे को हथेली से दबाना शुरू कर दिया।

अब मैं पूरा खुल चुका था.. मैंने अपनी पूरी बॉडी उसकी तरफ घुमा ली और उसके दोनों मम्मों को आराम से प्रेस करने लगा। मैं अब उसके दोनों मम्मों को लगभग मसल सा रहा था और इधर जीन्स में मेरा लंड अकड़ रहा था। मैं उठा और ऊपर से मेरा बैग उठा कर पास में रख दिया ताकि किसी को कुछ शक भी ना हो।

अब मैंने ज़िप खोलकर लंड को आज़ाद किया और फिर से चूचे दबाने लगा।

वो आँखें बंद करके सोने का नाटक कर रही थी और मैं भी कुछ ऐसे ही नाटक करते हुए मजा ले रहा था। अब मैंने धीरे से आंटी के हाथ को नीचे किया और मेरे लंड पर लगा दिया। वो कुछ रिस्पॉन्स नहीं कर रही थी.. सो मैंने हिम्मत की और उसके हाथ में लंड दे दिया। मैंने सोच लिया था कि जो होगा वो देखा जाएगा।

एक-दो पल बाद वो मेरे लंड को हिलाने लगी। मैंने सोच लिया था कि यदि इसकी चूत की चुदाई करनी है तो ऐसे काम नहीं चलेगा। सो मुझको आंटी से बात करनी पड़ेगी.. नहीं तो यूं ही पनवेल आ जाएगा और बस की लाइट चालू हो जाएगी।

मैं धीरे से आंटी के फेस के पास अपना चेहरे के आगे ले गया और आंटी को चूमने लगा और उसके ब्लाउज के बटन खोलने लगा। वो गरम हो चुकी थी और ‘आह आह..’ कर रही थी।

आंटी मेरे लंड को हिला रही थी और मैं बोबे दबा रहा था। आंटी के बोबे बहुत बड़े थे और मुझे बहुत मज़ा आ रहा था।

मैंने आंटी के ब्लाउज के सारे बटन खोल दिए और मस्ती से उसके बोबे रगड़ने लगा। वो भी मेरा लंड ज़ोर-ज़ोर से रगड़ रही थी, मुझे नहीं लगा था कि आंटी इतनी सेक्सी होगी। मैंने आंटी के गालों को चूमना शुरू किया।

फिर मैंने आंटी से कहा- मुझे तुम्हारी चूत को चाटना है.. अपने पैरों को दूर-दूर करो। आंटी ने वही किया और मैंने चूत में एक उंगली डाली और हिलाने लगा। आंटी ‘सी सी..’ की आवाज़ कर रही थी।

मैंने कहा- थोड़ा धीरे आवाज़ करो।
आंटी ने कहा- तुम्हारा लंड बहुत मोटा और कड़क है.. इतना कड़क लंड कभी नहीं देखा।

इतना कह कर वो नीचे झुककर मेरे खड़े लंड को चूसने और चाटने लगी। कुछ ही पलों में वो मेरा पूरा लंड अन्दर मुँह में लेकर मस्ती से चूसने लगी। मुझे लंड चुसाई में बहुत मज़ा आ रहा था और मैं तो मानो जन्नत की सैर कर रहा था।

अब मैंने आंटी से कहा- मुझे तुम्हें चोदने का मन कर रहा है।
आंटी ने कहा- यहाँ तो नहीं हो सकता।
मैंने कहा- मेरे हिसाब से करोगी तो सब हो जाएगा।
उसने हामी भर दी।

मैंने आंटी से कहा- मैं अपनी पेंट उतारता हूँ और तुम अपनी साड़ी और घाघरा उठाकर मेरी गोद में बैठ जाना।
आंटी ने पहले तो ‘ना’ कहा लेकिन मैंने समझाया कि लंड लेना है तो थोड़ी रिस्क लेना पड़ेगी.. अंधेरा भी बहुत है और लोग भी कम है, किसी को कुछ पता नहीं चलेगा और किसी को शक़ भी हुआ तो कुछ कहेगा नहीं.. जब तक कि तुम कुछ नहीं कहोगी।

आंटी चुदक्कड़ थी और उसकी चूत में आग लगी थी सो वो मान गई।

मैंने अपनी पेंट को थोड़ा नीचे उतारा और आंटी को इशारा किया कि साड़ी उठाकर मेरे लंड पर बैठ जाए।

दोस्तो जब चूत और लंड में आग लगी हो तो बस चूत और लंड ही दिखाई देते हैं।

आंटी सेक्सी थी.. बड़े बोबे और मस्त चौड़ी गांड थी।

आंटी अब मेरे लंड पर बैठने लगी.. उसी वक्त मैं जल्दी से अपने लंड पर थूक लगा लिया और आंटी को बिठा लिया।

इसके बाद थोड़ा सा लंड को एड्जस्ट किया और लंड धीरे-धीरे आंटी की चूत में चला गया।

आंटी ‘आह आह..’ करते हुए कहने लगी- साले कितना मोटा लंड है.. मैंने अपनी चूत में इतना मोटा और लंबा कभी नहीं लिया.. हाय कितना अन्दर तक चला गया है।

मैंने उसके दूध दबाते हुए कहा- मेरी रानी अब अन्दर चला गया है.. तो अब घोड़े के लौड़े की सवारी के मज़े ले लो।

मैंने दोनों हाथ उसकी कमर में डालकर बड़े-बड़े बोबों को भंभोड़ते हुए मसलना चालू कर दिया। साथ ही लंड से आंटी की चूत को धीरे-धीरे चोदने लगा।

वो दूध मसलवाते हुए अपनी चूत में लंड का पूरा मज़ा ले रही थी और मैं भी हौले-हौले उसकी चूत की ठुकाई कर रहा था। सच में बहुत मज़ा आ रहा था।

आंटी बहुत खेली खाई थी.. लेकिन चुदाई में बहुत मज़े ले रही थी। उसने मुझसे कहा- काश तू मेरे बाजू में रहता होता.. तो रोज तेरे लंड को इस गरम चूत में लेती।
मैंने कहा- अभी तो चुदाई के मज़े लो डार्लिंग।

मैं ज़ोर-ज़ोर से आंटी को चोदने लगा।

तकरीबन बीस मिनट तक यही सब चलता रहा। अब पनवेल आने वाला था सो मैंने ज़ोर से धक्के लगाने शुरू किए और आंटी से कहा- मेरा दूध कहाँ निकालूँ?
आंटी ने कहा- अन्दर ही निकाल दो, मुझे बच्चे होने का अभी कोई डर नहीं है।

कुछ ही धक्कों में मैंने आंटी की चूत को रस से भर दिया।

वो बहुत खुश हो गई थी.. उसने कहा- मैंने बहुत सारे लंड लिए हैं जवान का लिया, बूढ़े का, पड़ोसी का लेकिन कभी बस में चुदाई नहीं करवाई और ना कभी इतना मज़ा आया।
मैंने आंटी से कहा- अगर घर पर होते तो डॉगी की तरह पीछे से चोदता.. उसमें और भी मज़ा आता। उस तरह से चूत की पूरी ठुकाई होती है।

फिर हम दोनों अलग होकर बैठ गए। पनवेल से पहले बस नाश्ते के लिए रुकी, हम दोनों ने नाश्ता किया।

मैंने आंटी से मोबाइल नंबर लिया और वो पनवेल में उतर गई। उसके बाद एक बार उसको कॉल किया था और उसके घर जाकर भी उसकी चूत की चुदाई की थी।

आशा है कि आप लोगों को मेरी ये सच्ची चुदाई की कहानी पसंद आई होगी। मैंने जीवन में कितनी ही आंटी और लड़कियों की चुदाई की है। सच कहूँ तो एक-बार किसी के संग चुदाई कर लो तो फिर मन और नई चूत को ढूंढता है.. ऐसा ही औरतों के साथ भी होता है।
मुझे सोशल नेटवर्किंग साइट पर एक लड़की मिली थी और वो बस मुझसे एक बार चुदवाना चाहती थी। जब मैंने उससे चुदाई के बारे में और भी पूछा तो उसने मुझे बताया कि अब तक वो सौ से भी ज़्यादा से लंडों चुदी है.. लेकिन हर लंड से केवल एक ही बार चुदी है।

मैंने भी उसको चोदा है.. वो किसी और चुदाई की कहानी में लिखूंगा।

आप मुझे मेरे नीचे लिखे मेल पे अपने मेल भेज सकते हैं।
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