हैलो फ्रेंडज़, मेरा नाम अर्जुन है. मैं बाराबंकी उत्तर प्रदेश का रहने वाला हूँ. मेरी फैमिली में 4 मेंबर हैं, मम्मी पापा, मैं और मेरी एक बहन, जिसका नाम रेणु है. रेणु दी देखने में एकदम गोरी है, वो 22 साल की है उसका फिगर 36-32-38 का है, मैं अपनी बहन को बहुत प्यार करता हूँ.
एक दिन की बात है जब मेरी नानी की तबीयत अचानक खराब हो गई और मम्मी पापा को नानी के यहाँ जाना था.
मम्मी ने हमसे कहा- मैं तुम्हारी नानी को देखने जा रही हूँ, तुम भाई बहन घर पर ही रहना.
तो मैंने कहा- ठीक है मॉम..
मॉम कुछ दिन के बाद आने वाली थीं. शाम को मॉम डैड के जाने के बाद मेरी बहन रात का डिनर बनाने किचन में चली गई और मैं टीवी देखने लगा.
रात के 8 बज चुके थे तभी रेणु दीदी ने कहा- अर्जुन आकर खाना खा लो, मैंने टेबल पर लगा दिया.
फिर दीदी चेंज करने अपने रूम में चली गईं. मैं अपने रूम में से बाहर की ओर जाने लगा. तभी मैंने देखा कि दीदी अपनी ब्रा और पेंटी उतार रही थीं. मैं दीदी को वहीं खड़ा हो कर देखने लगा. पहले दीदी ने अपनी ब्रा उतारी. दीदी ने ब्लू कलर की ब्रा पहने हुई थी. दीदी ने जैसे ही अपनी ब्रा उतारी, मेरी तो आँखें ही दंग रह गईं. दीदी की बड़ी बड़ी चुचियां मेरी आँखों के सामने थीं. मैं तो उन्हें अब दबाने की सोचने लगा. फिर दीदी ने अपनी पेंटी उतारी. आह.. क्या चुत थी रेणु दीदी की.. उनकी चुत पर एक भी बाल नहीं था.
फिर मैं दीदी को देखते ही देखते वहीं पर मुठ मारने लगा. बस 5 मिनट में मैं मेरे लंड ने पानी छोड़ दिया.
फिर मैं डाइनिंग टेबल पे आकर बैठ गया और खाना खाने लगा. तभी दीदी भी आ गईं.
दीदी ने कहा- डिनर कर लिया?
तो मैंने कहा- हाँ दीदी, मैंने डिनर कर लिया.
फिर मैंने दीदी से कहा- मैं अपने रूम में सोने जा रहा हूँ.
तो दीदी ने कहा- आज मैं भी तेरे साथ सोऊंगी, मुझे अकेले सोने में डर लगता है.
मैंने कहा- ठीक है चलो चलते हैं.
फिर मैं और दीदी रूम में आ गए. दीदी ने कहा- अर्जुन लाइट बुझा दो, मुझे लाइट में नींद नहीं आती है.
मैंने कहा- ठीक है दीदी.
हम लोग सोने लगे. कुछ ही देर में मैं और दीदी सो चुके थे. फिर मेरी आँख एक बजे खुली, मुझे टॉयलेट लगी थी, मैं टॉयलेट करके रूम में वापस आ गया. मैंने रूम की लाइट ऑन की.. आह.. दीदी क्या लग रही थीं.
उन्हें देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया था. मैंने अपना हाथ एक दीदी के मम्मों पर रख दिया और सहलाने लगा. साथ ही मैंने एक हाथ दीदी की गांड पर लगा दिया. क्या मस्त गांड और मम्मे थे दीदी के.
फिर दीदी थोड़ा हिलीं, तो मैंने अपना हाथ हटा लिया. कुछ पल बाद मैंने हिम्मत करके फिर से हाथ रख दिया और धीरे धीरे सहलाते हुए दीदी के चूचे दबाने लगा. मैंने अपना हाथ अब उनकी चुत पर रख दिया. रेणु दीदी की चुत बहुत गरम थी. फिर हल्के हल्के हाथों से रेणु दीदी की चुत मसलने लगा.
तभी दीदी उठ गईं और मुझसे कहने लगीं- अर्जुन तू ये क्या कर रहा है, तुझे शरम नहीं आती है.. मैं तेरी बहन हूँ.
तो मैंने दीदी को सॉरी बोला. दीदी कहने लगीं- आने दो मॉम डैड को.. मैं सब बता दूँगी.
मेरी तो गांड फट गई थी, मैंने कहा- दीदी प्लीज़, मॉम डैड को मत बताना, तुम जो कहोगी मैं करूँगा.
तब दीदी ने कहा- ठीक है.
मेरा लंड खड़ा था तो दीदी ने कहा- ये क्या है?
तो मैंने कहा- कुछ नहीं दीदी.
लेकिन दीदी ने कहा- नहीं.. मुझे देखना है कि ये क्या है.
तो मैंने समझ गया कि दीदी भी मौके का फायदा उठाना चाहती हैं. मैंने अपनी पैंट की चैन खोल दी और दीदी से कहा- आप खुद देख लो.
दीदी ने मेरी पैंट उतार दी और मेरा 7 इंच का लंड दीदी के मुँह के पास तना हुआ खड़ा था.
तो दीदी ने लंड देखते हुए कहा- तेरा तो इतना बड़ा है.
मैंने कहा- दीदी प्लीज़ इसे एक बार आप अपने मुँह में लो ना प्लीज़.
दीदी ने कहा- नहीं मैं नहीं लूँगी.
मेरे ज़्यादा कहने पर दीदी ने मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगीं. अब दीदी बड़े चाव से मेरा लंड चूस रही थीं.
फिर कुछ मिनट में मेरे लंड ने दीदी के मुँह के अन्दर ही पानी छोड़ दिया. दीदी ने मेरा पानी पी लिया. फिर मैंने दीदी से कहा- मैं आपकी चुत चाटना और चोदना चाहता हूँ.
दीदी ने कहा- किसी को बताना मत.
मैंने तुरंत कहा- ठीक है दीदी मैं किसी से कुछ नहीं बताऊंगा आई प्रोमिस.
फिर दीदी ने अपने सारे कपड़े उतार दिए. मैंने भी अपने सारे कपड़े उतार दिए और हम दोनों किस करने लगे. मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया.
दीदी ने कहा- अब मुझे तड़पाओ मत.. मेरी चुत में अपना लंड डाल दो, मुझसे अब रहा नहीं जाता है.
मैंने देर ना करते हुए अपना लंड रेणु दीदी की चुत पर रखा और एक जोरदार धक्का दे मारा. मेरा आधा लंड दीदी की चुत में जा चुका था. दीदी के मुँह से एक जोरदार चीख निकली.
‘आआईई उआअह मुऊहह.. मररर गई.. निकालो.. मुझे बहुत दर्द हो रहा है..’
मैंने अपने होंठों दीदी के होंठों पर रख दिए और किस करने लगा. फिर मैंने एक मिनट के बाद एक और धक्का मारा. इस बार मेरा पूरा का पूरा लंड दीदी की चुत में चला गया था और दीदी के मुँह से ‘उउफ्फ़ आहह.. उउउक्क..’ की आवाजें निकल रही थीं.
अब दीदी को भी मज़ा आने लगा था. वो कह रही थीं- चोदो.. अह.. अपनी बहन को चोद दो.. अपनी बहन की चुत फाड़ दो..
दीदी अपनी गांड उछाल उछाल कर अपनी चुत चुदवा रही थीं. अपनी बहन रेणु दीदी की चुदाई करते हुए मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.
फिर बीस मिनट के बाद हम दोनों एक साथ ही झड़ गए. मैंने अपना पूरा पानी दीदी की चुत में ही छोड़ दिया. इसके बाद हम दोनों रात भर चुदाई करते रहे.
मैंने दीदी को 5 दिन तक भरपूर चोदा था. मॉम के आने के बाद भी हम दोनों को जब भी मौका मिलता है, तो हम दोनों चुदाई कर लेते हैं. अब तो मैं अपनी बहन को लगभग रोज ही चोद लेता हूँ.
कैसी लगी आप लोगों को मेरी ये रियल सेक्स स्टोरी. मुझे मेल करके बताएं.
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