हॉट ग्रुप फक कहानी में पढ़े कि प्रेगनेंसी की चाहत में एक रिसोर्ट में बहुत सारे कपल आये हुए थे. उन्होंने आपस में साथी अदल बदल करके सेक्स किया.
कहानी के पिछले भाग
बच्चे की चाह में चुद गयी
में आपने पढ़ा कि भावना रिसोर्ट में बुल नाम के लड़के से चुद गयी इस उम्मीद में कि शायद वह उसे प्रेगनंट कर देगा.
अब आगे हॉट ग्रुप फक कहानी:
रात को पूल साइड पर डिनर था.
मतलब सभी लोग पूल में उतरे हुए थे.
रोशनी बहुत कम थी और म्यूजिक तेज.
स्नैक्स लगे हुए थे.
अँधेरे का फायदा उठा कर पूल के अंदर सभी जोड़ों के हाथ एक दूसरे की पेंटी और शर्ट्स में थे.
लड़कियों के मम्मे तो खुले आम चूसे जा रहे थे.
हाँ ये जरूर कह दिया गया था कि पूल में कोई चुदाई नहीं करेगा.
लाईट और धीमी कर दी गयी.
अब तो जोड़े अपने पार्टनर्स भी बदलने लगे.
मुकेश के पास तैरती हुई सिमरन आई.
भावना ने उससे तबियत के लिए पूछा तो वह बोली- बिल्कुल बढ़िया है. असल में कल रात ज्यादा पी ली थी तो हैंगओवर था.
सिमरन ने उनसे पूछा- क्यों न कल हम चारों एक साथ इकट्ठे होकर मस्ती करें!
भावना बोली- चलो बताते हैं.
तब भावना ने सोचा कि इससे अच्छा मौक़ा नहीं मिलेगा.
उसने बुल को ढूंढा तो देखा वह भी कुछ दूरी पर तैर रहा है और उसे ही देख रहा है.
भावना मुकेश से बोली- तुम सिमरन के साथ एन्जॉय करो, मैं वाशरूम होकर आती हूँ. वापिसी में मैं कॉफ़ी लूंगी, तुम जब चाहो बाहर आ जाना, स्टाल के पास ही, कोई जल्दी नहीं है.
कह कर उसने बुल को आँखों से इशारा किया और अँधेरे का फायदा उठाते हुए वहाँ से निकल ली.
बुल उसके पीछे था.
भावना ने तौलिया लपेट लिया था; बुल ने भी.
दोनों अँधेरे मैं गुम हो गए और चिपटे चिपटे बुल की कोटेज में आ गए.
बुल ने भावना के कपड़े उतार दिये और लगा उसे ऊपर से नीचे चूमने.
उसे भावना इस समय ज्यादा सेक्सी लग रही थी.
भावना को तो बुल का लंड ऐसा भाया था कि वह उसे निचोड़ देना चाहती थी.
दो घंटे सोने से भावना भी अब पूरी तरह फ्रेश थी पर इस समय टाइम कम था.
भावना ने नीचे बैठकर बुल का लंड लपर लपर खूब चूसा.
बुल ने थोड़ी क्रीम उसकी चूत और अपने लंड पर लगाई और भावना को अधलटी करके नीचे खड़े खड़े उसकी चूत में अपना लंड पेल दिया एक ही झटके में.
भावना चीख पड़ी, बोली- बता तो देते.
बुल बोला- चुदाई भी कभी बता कर होती है।
भावना बोली- अब तुम स्पीड बढ़ाओ.
बुल ने पूरे दमखम से चुदाई शुरू की.
भावना हांफने लगी, उसने बुल की बाहों को पकड़ा हुआ था.
दोनों एक दूसरे की फाड़ने को बेताब होकर चुदाई में लगे थे.
भावना बुल को नीचे लिटाकर उसके ऊपर चढ़ गयी और लगी घुड़सवारी करने.
समय कम था.
भावना ने जल्दी ही हथियार डाल दिए।
बुल ने उसे घोड़ी बनाया और पीछे से उसकी चूत में घुस गया.
पूरे धमाल और कसमसाहट के बीच भावना को चुदवाते समय डर था कि पूल में से कहीं मुकेश बाहर न आ गया हो?
तो उसने बुल से कहा- जल्दी करो और खाली कर दो मेरे अंदर!
बुल ने भी जोर लगा कर सारा माल निकाल दिया.
उसने भावना से कहा- वाशरूम में धो आओ।
पर भावना ने ऐसे ही अपना स्विम सूट पहन लिया और तौलिया लपेट कर बाहर भागी.
उसकी चूत से गर्म गर्म माल बाहर निकल रहा था.
वैसे तो गलत था, पर भावना मजबूर थी, वह पूल के अंदर कूद पड़ी और तैरते हुए अपनी चूत में उंगली डाल कर साफ़ कर ही रही थी कि उसे पीछे से टीटू ने पकड़ लिया.
भावना ने हंसते हुए उसे चूमा और पूछा- मुकेश कहाँ है?
तो टीटू बोला- वह और सिमरन चिपटे हुए पड़े हैं दूर एक कोने मैं.
भावना ने हँसते हुए पूछा- मुकेश कहीं सिमरन के अंदर तो नहीं घुस गया?
टीटू बोला- वो सब तो यहाँ मौजूद गार्ड नहीं करने देंगे। पर और कोई कसर नहीं छोड़ रहे दोनों!
तभी टीटू ने भावना को चिपटाते हुए चूम लिया.
भावना ने भी उसका साथ दिया.
टीटू उसके मम्मे दबाते हुए उसकी चूत में उंगली करना चाह रहा था पर भावना ने उससे कहा- चलो बाहर निकलते हैं.
भावना उसका हाथ पकड़े तैरते हुए किनारे आ गयी और रेलिंग से बाहर आ गए दोनों!
तौलिये से अपने को सुखाते हुए टीटू वहीं अँधेरे में भावना को एक पेड़ के पीछे ले गया और अपने होंठ भिड़ा दिए उसके होंठों से.
भावना ने उसको कस के जकड़ कर होंठ से होंठ भिड़ाये.
टीटू का लंड तना हुआ था और भावना के तौलिये पर जोर कर रहा था. टीटू ने भावना के तौलिये के अंदर हाथ करके उसके मम्मे स्विम सूट से निकाल लिए और मुख में ले लिए.
भावना भी कसमसा रही थी.
हालाँकि अभी उसकी चुदाई हुए पंद्रह मिनट हुए नहीं थे पर दूसरा लंड था तो उसकी चूत भी मचल रही थी.
भावना ने हाथ नीचे करके टीटू के तौलिये के अंदर हाथ किया तो पाया कि टीटू ने अपना फनफनाता लंड पहले ही बाहर निकाल रखा था.
उसे भावना ने पकड़ कर रगड़ दिया.
अब टीटू ने अपना और उसका तौलिया उतार फेंका.
वह भावना के अंदर आना चाहता था पर तभी एक गार्ड ने सीटी मार कर उनसे वहां से जाने को कहा.
टीटू ने गुस्से में कहा- साले ने केएलपीडी कर दी.
दोनों हँसते हुए स्टाल्स के पास आ गए जहां मुकेश और सिमरन खड़े कॉफ़ी पी रहे थे.
डिनर टाइम हो रहा था.
दोनों जोड़े फटाफट अपने अपने कोटेज में जाकर कपड़े चेंज कर आये और डिनर हॉल में आ गए.
भूख जोर से लगी थी तो सभी ने छक कर खाना खाया.
आज रात का मुकेश और भावना का किसी और के साथ सेक्स सेशन का प्रोग्राम नहीं था.
तो जल्दी ही सब अपनी अपनी कोटेज में आ गए.
भावना चुदासी थी सिर्फ इसलिए कि मुकेश को यह अहसास हो जाए कि वह उसके साथ सेक्स की भूखी है.
उधर पानी में सिमरन ने हाथ से रगड़ रगड़ कर मुकेश का खाली कर दिया था.
तो वो डर रहा था कि कहीं भावना को शक न हो जाए.
दोनों ने पहले तो शावर लिया क्योंकि पूल में से आने के बाद फ्रेश पानी से नहाना जरूरी है.
फिर भावना मुकेश से बोली- जल्दी से आ जाओ, मेरी चूत तड़फ रही है तुम्हारे लंड के लिए.
असल में उसे बहुत जोर से नींद आ रही थी और वह चाहती थी कि फटाफट एक चुदाई हो जाए ताकि वह सो सके.
मुकेश ने फॉर्मेलिटी पूरी करने के हिसाब से उसकी चुदाई तो कर ली पर मज़ा दोनों को ही नहीं आया.
भावना ने पूछा- सच बताना, तुमने सिमरन की ले ली ना?
मुकेश हँसते हुए बोला- मैंने उसकी नहीं ली पर उसमे मेरा रगड़ कर खाली कर दिया. कोई बात नहीं अभी सोते हैं, सुबह जल्दी उठकर फ्रेश फ्रेश चुदाई करेंगे.
मुकेश की आँख सुबह तीन बजे करीब खुली वाशरूम जाने के लिए.
उसका लंड तना हुआ था.
वह वाशरूम से आया तो भावना भी उठी हुई थी और अपनी चूत में उंगली कर रही थी.
दोनों मुस्कुराए एक दूसरे को देखकर.
भावना बोली- चलो बाहर चलते हैं, खुले में करेंगे.
मुकेश को ध्यान आया कि शादी के बाद उन दोनों ने ऐसे ही एक बार अपने होटल की बालकनी में रात को खुलेआम सेक्स किया था.
दोनों चादर लपेट कर कोटेज के बाहर आये तो देखा बाहर अँधेरा और सन्नाटा था.
मुकेश ने भावना को अपनी चादर में लपेटा और दोनों चिपट कर एक दूसरे को चूमने लगे.
नीचे मुकेश का लंड भावना की चूत पर दस्तक दे रहा था और भावना के नुकीले मम्मे मुकेश को उत्तेजित कर रहे थे.
मुकेश ने भावना की एक टांग मेज के ऊपर रखी तो उसकी चूत का रास्ता खुल गया.
तब मुकेश ने अपने हाथ से अपना लंड उसकी चूत के मुहाने पर रखा और एक धक्का मारा.
भावना की आह निकली पर लंड सीधा उसकी चूत में घुस गया.
वह भी और जोर से चिपटी.
मुकेश ने धक्के देने शुरू किये.
अब चादर गिर चुकी थी.
दोनों खुले ग्राउंड के सामने नंग धडंग चुदाई में लगे थे.
मुकेश ने भावना को मेज का सहारा देकर घोड़ी बनाया और पीछे से उसकी चूत में लंड घुसेड़ा.
अब बेहतर स्थिति थी.
मुकेश के हाथ भावना के मम्मों पर मसल रहे थे.
भावना बार बार चेहरा घुमा कर मुकेश को चूम लेती.
ऐसे खुले में चुदाई उनके लिए एक नया अनुभव था.
तभी मुकेश को लगा कि कहीं कोई आहट हुई है तो वह फटाफट भावना को लेकर कोटेज में आ गया और रही सही चुदाई बेड पर पूरी की.
भावना को नींद आ रही थी. उसे ध्यान था कि कल सुबह उसे मुकेश की निगाह बचाकर एक बार बुल या किसी और से चुदाई के लिए जाना है.
कहाँ यह रोज़ी बताएगी.
सुबह 7 बजे सोकर उठे दोनों.
बहुत हल्के कपड़े पहन कर चाय के कप लेकर दोनों बाहर आये तो सिमरन और टीटू भी बाहर बैठे चाय पी रहे थे.
सिमरन ने तो इतनी पतली फ्रॉक पहनी थी कि उसका लगभग सब कुछ दिख रहा था.
और आज तो चारों को मिलकर सेक्स करना था तो छिपा कर करना भी क्या.
चाय पीते समय रोज़ी का फोन आया भावना के लिए.
उसने उसे 11 बजे अपने ऑफिस में बुलाया,
और कहा कि मुकेश से कह दे कि रोज़ी ने बुलाया है, अभी एक घंटे में आती हूँ.
ब्रेकफास्ट लेकर नहाते नहाते 11 बज ही गए.
रोज़ी का फोन फिर आया.
इस बार उसने मुकेश से बात की- ज़रा भावना को मेरे ऑफिस में भेज दो, उसकी कुछ रिपोर्ट्स एक डॉक्टर से डीस्कस करनी है.
मुकेश बोला- मैं भी आऊं क्या?
तो रोज़ी बोली- नहीं, आपकी जरूरत नहीं है, आपकी रिपोर्ट्स डीसकस करते समय आपको बुलाएँगे.
भावना ने एक ढीला ढाला फ्रॉक डाला, नीचे कुछ नहीं पहना और गोल्फ कार्ट लेकर रोज़ी के ऑफिस में पहुंची.
रोज़ी ने वहां उसको विशु से मिलवाया.
वह भी रिसोर्ट का एम्प्लोयी था.
विशु एक पंजाबी लड़का था. बुल से ज्यादा जानदार और स्मार्ट.
उसने भावना को हग किया और कहा- आप बहुत खूबसूरत हैं.
भावना ने थैंक्स कहते हुए रोज़ी की और प्रश्नवाचक निगाहों से देखा कि क्या करना है.
रोज़ी ने विशु को कहा- तुम्हें आधा घंटे की सर्विस देनी है मैडम को. इष्टदेव का नाम लेकर इन्हें लेकर अंदर जाओ और इन्हें एक मस्त सेशन दो.
विशु और भावना साथ लगे एक रूम में गए.
रूम बहुत खूबसूरत या समझिये किसी होटल के प्रीमियम रूम की तरह था.
विशु ने डोर लॉक करते ही भावना को चूमते हुए पूछा- आप क्या लेंगी. हमें कोई जल्दी नहीं है. अपने हसबेंड की चिंता आप मत कीजिये. रोज़ी माम ने हाउस कीपिंग के नाम पर एक लड़की आपके कोटेज में भेजी है. वह आपके हसबेंड का मूड फ्रेश कर रही होगी.
विशु ने फ्रिज से जूस की दो केन निकालीं और एक भावना को दी.
फिर उसने हल्का म्यूजिक लगा दिया और भावना को अपने से चिपटाते हुए थिरकना शुरू किया.
बीच बीच में दोनों एक दूसरे को चूम भी लेते.
विशु ने अब अपना टॉप उतार दिया और लाईट बहुत धीमी कर दी.
अब भावना ने उसका लोअर और अपनी फ्रोक भी उतार दी.
दोनों निपट नंगे ही थिरक रहे थे.
विशु उसके मम्मे चूम चूस रहा था और उनकी तारीफ़ कर रहा था.
भावना के हाथ में उसका लंड था जो बुल के मुकाबले कम मोटा पर लंबा था.
तब भावना ने उसके लंड की तारीफ़ की और कहा- मुझे इससे डर लग रहा है कि इतना बड़ा मैं अंदर कैसे ले पाऊँगी?
विशु बोला- ये लंबा इसलिए है कि सीधे तुम्हारी बच्चेदानी में ही माल गिराएगा, इष्टदेव की सौगंध, इसका निशाना आज तक फेल नहीं हुआ.
भावना नीचे बैठ गयी और उसका लंड मुंह में ले लिया.
वाकयी पूरा लंड तो भावना के मुंह में आ ही नहीं रहा था.
विशु ने भावना को गोदी में उठाया तो भावना उसकी गर्दन में बाहें डाल कर झूल गयी.
तब विशु ने उसकी चूत में उंगली लगाई तो वो पहले से ही पानी बहा रही थी.
विशु ने उसे और उचकाया और नीचे से अपना लंड उसकी चूत में सरका दिया.
अब नीचे से वो धक्के देता तो भावना कुछ ऊपर उछलती और नीचे आती तो लंड अंदर जाता.
भावना को ऐसा चुदाई का अनुभव पहले नहीं हुआ था.
थोड़ी देर इसे ही उछल कूद के बाद दोनों बेड पर आ गए.
विशु ने उसकी टांगें चौड़ा कर अपना मुंह उसकी टांगों के बीच में कर दिया और उसकी फांकें चौड़ा कर जीभ घुसा दी.
भावना अब कसमसाने लगी.
विशु की हर अदा उसे और चुदासी कर रही थी.
वह अब बेताब थी उसका लंड अंदर लेने के लिए.
उसने विशु के बाल खींचे और कसमसाते हुए कहा- अंदर आ जाओ.
विशु ने भी मौका समझा और भावना की टांगें चौड़ा कर अपना मूसल धीरे धीरे अंदर धकेला.
भावना की चूत इतनी गीली हो गयी थी कि उसे विशु का लंड अंदर लेने में कोई तकलीफ नहीं हुई.
पर तकलीफ तो अब होनी थी जब विशु के धक्के शुरू हुए.
भावना को लगा कि लंड उसके बच्चेदानी पर ही सीधे टक्कर मार रहा है.
उसने ख़ुशी से आँखें बंद कर लीं और अपनी बाहें विशु की पीठ पर रगड़ने लगी.
विशु की पीठ पर भी उसके लंबे नाखूनों से धारियाँ बन गयी थीं.
अब विशु की रफ़्तार बहुत बढ़ गयी थी.
भावना हांफने लगी.
वो बदहवासी में पता नहीं क्या क्या बोल रही थी.
विशु ने अपने धक्के बढ़ाए तो भावना भी नीचे से उचकने लगी.
अब विशु ने उससे फुसफुसाते हुए कहा- मैं आ रहा हूँ, तुम हिलना भी मत, थोड़ी देर ऐसे ही पड़ी रहना.
विशु ने सारा माल उसकी चूत में निकाल दिया.
उसका गाढ़ा वीर्य इतना ज्यादा था कि भावना की चूत से बाहर आने लगा.
भावना आँख बंद किये इसे ही लेटी रही.
विशु ने अपने को अलग किया और एक तौलिया भावना की चूत से बाहर निकलते वीर्य पर डाल दिया.
उसने भावना को बताया कि यह फाइनल सेशन था. इसके लिए मैंने तीन दिनों से कोई सेक्स नहीं किया था ताकि आपको अच्छा स्पर्म दे सकूँ.
भावना ने उसे चूम लिया.
दस मिनट ऐसे ही लेटने के बाद भावना उठी, अपने को पौंछा और बोली- क्या मैं नहा लूं? मेरे हसबेंड को पता चल जाएगा.
विशु हंसकर बोला- वह तो खुद अभी लगा हुआ होगा हमारी स्टाफ के साथ. आप जब पहुंचेंगी तो वह खुद घबरा जाएगा आपको वहां देखकर. आप कुछ कहियेगा मत, बस मुस्कुरा दीजियेगा.
रोज़ी से मिलते हुए भावना अपनी कोटेज की और चली.
आज उनका आखिरी दिन था, कल सुबह उन्हें वापिस जाना था.
कोटेज में पहुच कर जब उसने डोर बेल बजाई तो दरवाजा खुलने में देर हुई.
दरवाज़ा मुकेश ने खोला, वह तौलिये लपेटे था.
मुकेश उसे देख कर चौंका- तुम तो एक घंटा कह कर गयी थीं, अभी तो आधा घंटा ही हुआ है.
भावना अंदर घुसी तो बेड पर एक नंगी लड़की अपने को चादर में छिपा रही थी.
तो भावना हंस दी, बोली- तुमसे सब्र नहीं हुआ. चलो काम निबटा लो, मैं फ्रेश होकर आती हूँ.
मुकेश ने उस लड़की को भगाया और खुद भी वाशरूम में आकर सफाई देने लगा.
तो भावना मुस्कुराते हुए बोली- चिल यार, हम यहाँ मस्ती के लिए ही तो आये हैं.
दोपहर को दोनों अच्छे से सोये.
चुदाई तो दोनों कर ही चुके थे.
सच में तो अब उन्हें घर की याद आ रही थी, चुदाई बहुत हो चुकी.
तभी सिमरन उनके कोटेज में आई.
दोनों तो नंगे पड़े थे तो चादर ही लपेट ली.
सिमरन ने उसने पूछा- आज रात का क्या प्रोग्राम है?
भावना बोली- तुम बताओ, कल तो हमें वापिस जाना है.
सिमरन बोली- आज रात डिनर के बाद हम लोग मेरे कोटेज में कॉफ़ी पियेंगे. अगर मूड किया तो एक फटाफट वाला सेक्स सेशन करेंगे, वर्ना नहीं. फिर सोयेंगे, क्योंकि हमें भी कल वापिस जाना है.
रात को डिनर के बाद चारों टीटू सिमरन के कोटेज में इकट्ठे हुए.
सिमरन ने कॉफ़ी बनायी.
चारों आपस में यहाँ के अनुभव शेयर करने लगे.
सिमरन ने भावना से फुसफुसा कर पूछा- मुकेश के अलावा तू कितनी बार चुदी, मैं तो एक बार मसाज गर्ल के साथ लेस्बियन हुई और तीन बार इनके सर्विस स्टाफ से चुदी. आज भी सुबह बुल से चुदी हूँ.
भावना ने उसे आँख मारते हुए कहा- चुदी तो मैं भी तीन बार ही हूँ, पर लेस्बियन नहीं हुई. चल आ जा हम दोनों हो जायें.
इतना कहता ही भावना ने एक झटके में अपने और सिमरन के कपड़े उतार दिए और होंठ से होंठ भिड़ा लिए.
टीटू और मुकेश चौंक गए उनकी यह हरकत देख कर.
तब टीटू बोला- यार, ये हक तो हमारा था, अब क्या हम एक दूसरे के लौड़े पकड़ें?
भावना बोली- कुछ देर मजे लेने दो हमें!
भावना ने अपनी उंगली सिमरन की चूत में कर दी.
सिमरन कसमसा गयी और अपने मम्मे रगड़ने लगी.
अब दोनों 69 हो गयीं और एक दूसरी की चूत चाटने लगीं.
इनको देखकर मुकेश और टीटू के लंड तन गए.
दोनों इनके पास आ गए.
सिमरन ने अब भावना को छोड़ा और मुकेश का लंड पकड़ लिया और लगी चूसने!
वह आराम से टांगें फैलाये नीचे लेटी थी, ऊपर से मुकेश खड़ा होकर उसके मुख में अपना लंड दिए हुए था.
सिमरन की खुली चूत में भावना ने अपनी जीभ फिर से कर दी.
पर ऐसा करने के लिए उसे नीचे झुकना पड़ा तो उसकी गांड खुल गयी, जिस पर निगाह टीटू की पड़ी तो वह पीछे से नीचे लेटकर उसकी चूत चूमने लगा.
चारों एक साथ लगे हुए थे.
सिमरन को मुकेश के लंड का स्वाद तो पहले भी मिल चुका था तो उसने अब मुकेश से कहा- तुम मेरे अंदर आ जाओ.
अब चारों बेड पर आ गए हॉट ग्रुप फक के लिए!
टीटू और सिमरन लेटे तो टीटू के ऊपर तो भावना चढ़ गयी और अपने हाथ से उसका लंड अपनी चूत में करके लगी चुदाई को अंजाम देने!
उधर सिमरन की चूत में मुकेश घुसा और साथ ही उसके मम्मे दबाने लगा.
मुकेश को सिमरन के साथ बहुत मजा आ रहा था.
सिमरन पंजाबी लड़की थी और पटाखा थी.
उसकी चूत बहुत कसी और मम्मे टाईट थे.
मुकेश ने फुसफुसा कर सिमरन से पूछा- क्या टीटू तुम्हारे साथ सेक्स नहीं करता जो तेरी फुद्दी अभी भी इतनी टाईट है?
सिमरन हंस कर बोली- वो अक्सर बाहर रहता है या पीकर टुन्न रहता है तो मेरी चूत में उसके लंड से ज्यादा मेरी उंगली जाती है. पर हाँ जब करता है तब सारे पुर्जे ढीले कर देता है.
और यह बात तो दिख ही रही थी.
टीटू ने अब भावना को नीचे कर के बड़ी बेरहमी से उसे चोदना शुरू किया था.
भावना को मज़ा भी आ रहा था क्योंकि उसके मुंह से अब वासनामयी आहें निकल रही थीं.
एक दूसरे को देखकर दोनों लड़कों ने लड़कियों को जम कर चोदा.
एक सेशन पूरा करके सिमरन तो चाहती थी कि थोड़ा रूककर एक सेशन और हो!
पर भावना बोली- टीटू है न तेरी चुदास पूरी करने के लिए. हम तो चले, हमारी फ्लाइट जल्दी ही है.
भावना और मुकेश वापिस घर आ गए.
दोनों बहुत खुश थे.
अब उनकी सेक्स लाइफ वापिस गति पर आ गयी थी.
वक्त निकला, भगवान् की कृपा हुई और भावना का पीरियड मिस हो गया.
दोनों उंगलियां क्रोस किये, भगवान् से मन्नत मांगते रहे.
भावना ने जब अपना प्रिगनेंसी टेस्ट कराया तो वह ख़ुशी से चीख उठी, रिपोर्ट पोजिटिव थी.
मुकेश भी बहुत खुश था.
भावना ने उसे बार चूमा और कहा- तुमने तो कमाल कर दिया.
मुकेश बोला भी- पता नहीं कमाल मेरा हुआ या किसी और का?
तो भावना बोली- तुम्हें मैंने बताया नहीं, यह तुम्हारा ही कमाल है क्योंकि वहां मैंने जब टीटू के साथ किया तो मैं ऊपर थी. जब वह डिस्चार्ज हुआ तो उसका तो अंदर गया ही नहीं. और बुल ने तो सिर्फ एक बार ही किया, मुझे उसके साथ मजा भी नहीं आया ज्यादा. जो बात तुममें है, वो किसी और में कहाँ!
तो दोस्तो, कैसी लगी आपको मेरी हॉट ग्रुप फक कहानी?
लिखियेगा मुझे मेरी मेल आईडी पर!
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