बंगालन भाभी की चुदाई: चूत दिखा कर चुदाई करवा ली

बंगालन भाभी की चुदाई: चूत दिखा कर चुदाई करवा ली

अपनी किरायेदार बंगालन भाभी की चुदाई की मैंने… भाभी ने खुद मुझे अपनी चूत दिखा कर ललचाया तो मैं क्या करता… मैंने भाभी की चुदाई कर दी।
हैलो दोस्तो.. मैं गुडगाँव साईबर सिटी का रहने वाला हूँ। मैं अपने घर में अपने मां-बाप का इकलौता लड़का हूँ।
अभी हम लोगों ने अपना घर दुबारा से बनवाया है। हमारे घर के ग्राउंड फ्लोर पर दुकानें बनी हुई हैं इसलिए हम सभी फर्स्ट फ्लोर पर रहते हैं। सेकंड फ्लोर को किरायदारी के लिए बनाया हुआ है।

मैं आपको बता दूँ कि मेरे पेरेंट्स सरकारी कर्मचारी हैं और मैं भी चंडीगढ़ से हॉस्पिटलिटी कर रहा हूँ।

ये सेक्स स्टोरी 6 महीने पहले सर्दियों के दिसम्बर महीने की ही है। हमारे घर में एक नया शादीशुदा जोड़ा किराए पर रहने आया था। वो दोनों बंगाल के रहने वाले थे। आप सबको तो पता ही होगा कि बंगाली औरतें बहुत मस्त माल होती हैं। भाभी जी की फिगर बड़ी कामुक थी और उनकी आँखें तो मानो चुदाई के लिए नशीला माहौल फैलाती थीं।

गुडगाँव में उस दिन हमारे एरिया में इलेक्ट्रिक वायर्स चेंज होने की वजह से पावर कट लगा हुआ था और उस टाइम सुबह के 11 बजे हुए थे.. और उस वक्त मैं दिसम्बर की छुट्टियों में घर आया हुआ था। इन्हीं छुट्टियों में अपनी बंगालन भाभी से कुछ ज़्यादा ही खुल गया था।

उस दिन भाभी ने मुझसे कहा- भैया मेरी थोड़ी सी मदद कर दो.. मेरा गैस सिलेंडर खत्म हो गया है, तुम्हारे भैया भी देर से घर आते हैं। प्लीज़ मेरे लिए खाने के लिए कुछ नूडल्स ला दो.. जब तक मैं नहा लेती हूँ।
मैं भाभी के लिए नूडल्स लेने चला गया।

जब मैं वापिस आया तो बिना दस्तक दिए उनके कमरे में अन्दर चला गया। अन्दर का नजारा देख कर मेरी आँखें फटी की फटी रह गईं। वो अपनी चुत के बालों को रेजर से साफ कर रही थीं। वो शायद गेट बंद करना भूल गई थीं.. या जानबूझ कर मुझको अपना जलवा दिखाने के लिए खोल कर रखा हुआ था।
उन्होंने मेरे आते ही पिल्लो आगे कर लिया और ‘सॉरी..’ बोलते वाशरूम में घुस गईं।

इस वक्त उन्होंने सिर्फ ऊपर कुर्ता पहना हुआ था, नीचे से भाभी नंगी थीं।

मैं उनके नूडल्स का पैकेट उनके बिस्तर पर ही छोड़ कर अपने कमरे में आ गया और भाभी की चुदाई के बारे में सोचता रहा।

तभी 5 मिनट बाद भाभी ने मुझे भैया कहकर आवाज देते हुए बुलाया, तो मैं फिर से उनके कमरे में गया। इस बार मैं बहुत सधे हुए कदमों से गया क्योंकि मुझे बहुत शर्म महसूस हो रही थी।

जब मैं उनके कमरे में गया तो भाभी ने मुझे फिर से सॉरी बोला और मैंने भी उन्हें सॉरी बोला। फिर भाभी ने मुझसे साथ में नूडल्स खाने के लिए कहा।
जैसा कि मैंने आपको बताया था कि वो न्यूली मैरीड थीं और वो ज़्यादातर लैगी कुर्ती में ही रहती थीं। इस समय वो एक टांग ऊपर करके और दूसरी टांग खोल कर नूडल्स खा रही थीं।

भाभी मुझे भी फोर्स कर रही थीं कि आप भी खाओ। लेकिन मेरा ध्यान उनकी टांगों के बीच में जा रहा था। मैंने ध्यान दिया कि भाभी की लेगिंग फटी हुई थी और उन्होंने अन्दर पैंटी भी नहीं पहनी हुई थी। मेरी आँखें उनकी गुलाबी चूत की छटा देखते ही फटी की फटी रह गईं। मेरा लंड अकड़ गया और मेरी पेंट फूलकर थोड़ी ऊपर को हो गई।

अब मेरी आँखें बिल्कुल उनकी क्लीन शेव चुत पर जमी थीं।
मैंने उनकी तरफ देखा तो भाभी ने हल्की सी स्माइल दी.. तो मैंने भाभी के ऊपर सीधा हमला बोल दिया। मैं उनसे चिपक गया और भाभी छटपटाने लगीं।

इसी बीच मैंने उधर से एक उंगली उनकी चुत में पेल दी, जहाँ से लेगिंग फटी हुई थी।
यह भाभी की चुदाई की कहानी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!

भाभी कुछ पल तो मुझे दूर करती रहीं और फिर थोड़ी देर बाद वो शांत होकर मजा लेने लगीं। अब तो भाभी भी मेरी पेंट के ऊपर से मेरा लंड भींचने लगीं।

मैंने उनकी पूरी लेगिंग फाड़ दी और फिर उन्होंने मेरी पेंट को खोल कर मेरा अंडरवियर नीचे करके मेरे लंड से खेलने में लग गईं।
दो मिनट बाद उन्होंने एक नूडल्स के साथ मिला हुआ सॉस का पैकेट मेरे लंड पर लगा दिया और लंड को चाटने लगीं ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ मजा आ गया।

इतनी देर में मैंने उनको पूरी नंगी कर दिया। फिर हम दोनों 69 के पोज में एक-दूसरे की सकिंग करते हुए झड़ गए।

भाभी की चुदाई की तड़प शांत नहीं हुई थी, तो उन्होंने मुझसे बोला- भैया आज मुझे चोद कर सच्चे मर्द का मतलब समझा दो.. मेरी चुत फाड़ डालो।
मैंने भाभी की चूत को पेलना शुरू कर दिया।

उस दिन मैंने 2 बार भाभी की चुदाई की और फिर साथ ही नहाने चले गए।

इसके बाद भाभी की चुदाई का सिलसिला 20 दिसम्बर से लेकर 2 जनवरी तक पूरे 12 दिन चलता रहा। मेरी छुट्टी 5 जनवरी को खत्म होनी थीं.. पर इसी बीच भाभी का मासिक धर्म शुरू हो गया, जिस वजह से हम दोनों चुदाई नहीं कर पाए।

लेकिन उन दिनों में भी मैं कहाँ मानने वाला था.. मैं भाभी के हाथों से अपनी डेली मुट्ठी मरवाता था, उनसे अपना लंड चुसवाता रहता था। उनके मम्मों को तो लगभग पूरे दिन मसकता और चूसता रहता था। फिर मैं अपने कॉलेज चला गया।

तो दोस्तो, मेरे जीवन की रंगीन घटना जो मेरी किरायेदारनी भाभी की चूत की चुदाई की कहानी के रूप में घटी वो आपके कमेंट्स के लिए आप सबके सामने है।
धन्यवाद।
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