आप सभी को मेरी पहली कहानी
प्यासी औरत की मालिश और चुत की चुदाई
पसंद आई, उसका शुक्रिया. आज मैं आपके पास एक नई और सच्ची कहानी ले कर आया हूँ.
यह कहानी मेरी और मेरी कस्टमर की है, जिसने मुझे मसाज के लिए ही बुलाया था. पर इस घटना में मैंने खुद की गांड मरवा ली. ये सब कैसे हुआ, आइये मैं इस घटना पर आता हूं.
जैसा कि आपको मालूम ही है कि मैं कौन हूं और क्या काम करता हूँ. अगर नहीं पता है, तो मैं आपको बता देता हूं. मेरा नाम पंकज है और मैं राजस्थान से हूँ. मैं एक बॉडी मसाज पार्लर में औरतों की बॉडी मसाज करता हूँ और कोई औरत सेक्स की प्यासी होती है, तो मैं उसको सेक्स का मजा देकर सैटिस्फाइड भी करता हूँ.
मेरे ऑफिस में एक दिन फोन आया, जो कि एक औरत का था. उसको बॉडी मसाज करानी थी. उस औरत का मैंने नाम और पता पूछा और उससे मसाज कराने की तारीख भी पूछी. वो राजस्थान से बाहर की थी. उसने मुझे अगले महीने की 28 तारीख बताई. मैंने कहा कि ठीक है.
फिर मैंने फोन रख दिया.
उस औरत का नाम हिना था और वो बैंगलोर की रहने वाली थी. मैं बताई तारीख से 2 दिन पहले निकल गया और 28 को बैंगलोर पहुंच कर होटल में रूम लेकर रुक गया.
थोड़ा आराम करने के बाद नहा धोकर मैंने उसको कॉल किया- मैं पंकज बोल रहा हूँ और मैं बैंगलोर आ गया हूं. मुझे आपके यहां कब और कैसे आना है?
उसने मुझे बताया- पंकज आप आज ही 3 बजे तक मेरे घर आ जाओ.
मैंने कहा- ठीक है मैडम.
मैंने फोन काट दिया और आराम करने लगा. क्योंकि मेरा काम ऐसा है कि मुझे दारू और सिगरेट का शौक नहीं है. इसलिए कुछ देर बाद उठ कर मैं फिर से नहाने गया और दो बजे होटल से निकल कर हिना के घर के लिए रवाना हो गया. मैं 30-40 मिनट बाद उसके घर पर पहुंच गया और उसके घर की घंटी बजाई.
जब दरवाजा खुला, तो मेरी आंखें एक हसीन और सेक्सी अभिनेत्री जैसी औरत से मिलीं. क्योंकि मैंने आज तक किसी अन्य धर्म की महिला की मसाज नहीं की थी, इसलिए मैं उसको देखता ही रह गया.
उसने कहा- आप कौन हैं?
मैंने कहा- जी मैं पंकज हूँ राजस्थान से आया हूँ … आपने बुलाया था.
इतना बोल कर मैं चुप हो गया.
उसने इधर उधर देखा और धीरे से कहा- जी मुझे सब पता है, आप अन्दर आइये.
मैं उसके पीछे चल कर अन्दर हॉल में आ गया.
दोस्तो, क्या बताऊं उसके बारे में … बस यही सोच लो कि उसको बनाने वाले के पास टाइम ही टाइम था. उसकी भूरी आंखें, काले लंबे बाल और उसके होंठ तो गुलाब की पंखुरियों से थे.
दसेक मिनट की औपचारिकता के बाद मेरी और उसकी काम की बातें चालू हुईं.
मैंने कहा- अगर आपको मसाज करानी है … तो आपको पहले नहाना होगा, फिर मैं आपकी मसाज कर सकता हूँ.
उसने मुझसे कहा- ठीक है पंकज जी, आप मेरे साथ मेरे कमरे में चलिए, वहीं पर आप मेरी मसाज कर सकते हैं.
मैंने कहा- ठीक है.
वो उठ कर चल दी, तो मैं उसके पीछे चल दिया. उसके कमरे में पहुंच कर उसने मुझे पलंग पर बैठने को कहा और वो नहाने चली गई.
उस कमरे में मैंने उसकी और उसके साथ एक आदमी की तस्वीर देखी. शायद वो उसका पति होगा. मैंने ज्यादा ध्यान नहीं दिया और मेरे बैग से मैंने तेल और जैल निकाल कर बगल की टेबल पर रख दिया. मैं पलंग पर ही बैठ गया.
करीब 20 मिनट के बाद वो बाथरूम से बाहर निकली, वो भी सिर्फ एक टॉवल में.
मैंने उसको देखा और उसको ऐसे देख कर यही सोच रहा था कि ये खुद टॉवल खोल दे या मैं खोल दूँ.
फिर मैंने उससे कहा- आप यहां पलंग पर लेट जाओ और ये टॉवल खोल दो.
उसने मेरी ओर कामुक निगाह से ऐसे देखा जैसे मुझे अभी खा जाएगी. उसने पलंग पर लेट कर अपना टॉवल खोल दिया. उसने अन्दर ब्रा पेंटी पहनी हुई थी.
फिर मैंने कहा- हिना जी आपको आपकी ब्रा और पेंटी भी खोलनी होगी, नहीं तो मसाज अच्छी नहीं होगी और तेल आपकी ब्रा पेंटी पर लग जाएगा.
उसने कहा- ठीक है पंकज जी.
इतना बोल कर उसने अपनी ब्रा पेंटी खोल दी और पलंग पर उल्टा लेट गई.
उसका नंगा बदन तो ऐसा था … जैसे रुई हो. उसकी गांड क्या खूब थी उसकी कमर 24 इंच की थी. मेरे मुँह से दबी जुबान से वाह निकल गया.
उसने सुन लिया, तो उसने कहा- शुक्रिया.
मैं एकदम से चुप हो गया.
फिर मैंने उसकी पीठ पर तेल गिरा के उसकी कमर पर हाथ लगाया, तो और मज़ा आ गया. क्या नाजुक कमर थी उसकी. फिर मैंने उसकी मसाज चालू की और उससे बातें करना चालू किया.
बातों से पता चला कि वो बैंगलोर में अकेली रहती है और उसका पीहर आगरा में है. उसका शौहर दुबई में किसी बैंक में मैनेजर है, जो 6-7 महीने में 10-15 दिन के लिए ही आता है. बातें करते करते मैंने उसकी गांड के छेद में उंगली डाल दी, तो वो थोड़ी आह करने लगी.
हिना बोली- प्लीज़ आप ऐसे न करें … दर्द होता है.
मैंने कहा- फुल बॉडी मसाज में ये भी करना होता है … क्योंकि बॉडी के हर हिस्से को तेल की जरूरत होती है.
वो बोली- ठीक है … पर थोड़ा आहिस्ता से करें.
मैंने कहा- ठीक है.
मैं उसकी गांड की छेद में उंगली डाल डाल के मज़ा लेने लगा और उसको भी मज़ा देने लगा.
उसकी हिचक खत्म ही चुकी थी.
फिर उससे मैंने कहा- अब आप सीधा होकर लेट जाओ.
वो तो मानो इसी इन्तजार में थी. वो झट से सीधी लेट गई और उसने अपने मम्मों पर अपने एक हाथ को रख लिया.
मैंने कहा- आप अपना हाथ वहां से हटा दीजिये.
उसने कहा- मुझे शर्म आती है.
मैंने कहा- कोई बात नहीं … दो मिनट ही आएगी … फिर नहीं आएगी.
इस बात उसने अपना हाथ हटा दिया.
आह क्या दिलकश नजारा था.
दोस्तो, उसका एक एक बूब आधा आधा किलो का होगा और एकदम गोरे गोरे निप्पल्स भी हल्के भूरे रंग के थे. मेरा मन तो कर रहा था कि अभी उसके बूब्स चूस लूं, पर में मजबूर था … क्योंकि में सिर्फ मसाज के लिए आया था.
इसलिए मैं मन मारकर एकदम शरीफ होकर मसाज करने लगा. उसको भी ये पता चल गया था कि ये मेरे साथ कुछ नहीं करेगा, तो वो भी एकदम शांत होकर मसाज कराने लगी. उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था और ऐसा लग रहा था कि इसकी चूत पर बाल आते भी नहीं होंगे. उसकी चूत इतनी नाज़ुक थी, जैसे कभी किसी ने छुआ भी नहीं हो.
मसाज करते करते मेरा लंड भी खड़ा हो कर बाहर आने की तैयारी में था, पर क्या करूं दोस्तो, मैं कुछ कर भी नहीं सकता था.
फिर बातों बातों में मैंने उससे पूछा- हिना जी, आपकी पुसी पर एक भी बाल नहीं है, क्या लगाती हो आप?
तो वो बोली- पंकज जी, ये तो ऊपर वाले का उपहार है, जिसकी वजह से मेरी पुसी पर आज तक एक भी बाल नहीं आया … में कुछ लगाती भी नहीं हूँ, बस फेयर एंड लवली क्रीम लगाती हूँ.
इतना कह कर वो हंसने लगी.
मैं भी उसकी मादक हंसी में साथ देते हुए हंसने लगा.
फिर मैं उसकी चुत में उंगली डाल के तेल से उसकी चुत की मालिश करने लगा. उसकी चुत में मैं उंगली हिलाने लगा. इससे उसकी आह निकलने लगी और वो अपने होंठों को अपने दांतों से पकड़ने लगी. उसके भाव ऐसे थे, जैसे मैंने उसकी गर्म चुत पर बर्फ रख दी हो.
मैं मज़े से उसकी चुत में उंगली डाल डाल कर उसको मजा दे रहा था. इसमें मुझे भी मज़ा आ रहा था.
पर थोड़ी देर के बाद महसूस हुआ कि उसकी चुत फड़फड़ाने लगी थी, जिसकी वजह से में रुक नहीं सका और उसने भी मुझे रोकने की कोशिश नहीं की.
बस वही हुआ … जो होने वाला था और उसकी चुत से पानी रिसने लगा, वो भलभला कर झड़ने लगी और ऐसे साँस लेने लगी, जैसे वो तृप्त हो गई हो.
इन 2 घंटों में मैं भी अपना काम करके फ्री हो गया था. मैंने उसको बोला- हिना जी आपकी मसाज हो गई है … अब आप नहा के कपड़े पहन लें.
उसके बाद वो उठ के खड़ी हुई और बाथरूम में चली गई. इस बार वो करीब 30 मिनट से वापस आई.
उसने मुझसे बोला- पंकज आपकी फीस कितनी हुई?
मैंने कहा- हिना जी बस 13000 मात्र.
उसने मुझे 13000 दे दिये. मैं जाने लगा, तो उसने कहा- पंकज जी मैं आपको 20000 और दूंगी, पर जो मैं करूं, मुझे करने देना होगा.
मैंने पूछा- आप क्या करोगी?
वो बोली- कुछ भी, पर तुम मुझे मना नहीं करोगे.
मैंने सोचा कि 20000 आ रहे हैं, आने दो … क्या करेगी ये. ज्यादा से ज्यादा सेक्स ही करेगी और क्या करेगी. मैंने हां कर दी.
उसने कहा- पंकज अब आप नहा के आ जाओ … फिर मैं अपना काम शुरू करती हूं.
मैं नहाने चला गया और वापस आ कर देखा, तो उसने मुझे 20000 दिए और कहा कि पंकज अब आप पलंग पर लेट जाओ.
मैंने पहले पैसे बैग में डाले और पलंग पर लेट गया. उसके बाद वो मेरे पास आई और बोलने लगी- जो तुमने मेरी गांड और चुत में आग लगाई है, मैं उसको बुझाना चाहती हूँ.
उसने मेरे लंड को पकड़ा और खुद से मुँह में लेकर चूसने लगी.
दोस्तो, क्या मज़ा आ रहा था. उसके मुँह में जैसे ही मेरा लंड गया और वो खड़ा हो कर अपनी साढ़े आठ इंच की औकात में आ गया.
वो बोली- तुम्हारा तो बहुत बड़ा है … मेरे मुँह में आ ही नहीं रहा है.
मैं हंस दिया.
वो पागलों की तरह बस लंड चूस रही थी. मैं मज़े से उसके सर को पकड़ कर जोर जोर से ऊपर नीचे कर रहा था. उसके बाद वो मेरी गांड के छेद को खुद की जीभ से चाटने लगी.
ओह्ह … क्या मज़ा आ रहा था.
उसके बाद मैंने उससे कहा- हिना जी, आप 69 में आ जाओ.
तो वो ओर में 69 वाली पोजिशन में आ गए और मैं उसकी चुत चाटने लगा. क्या मस्त मज़ा और क्या स्वाद था उसकी चुत का. फिर मैंने उसकी गांड का छेद भी चाटा बहुत अच्छा स्वाद था और बहुत नाजुक भी.
इस तरह 69 में हम दोनों करीब 30 मिनट तक मजा करते रहे. फिर वो उठ के मेरे लंड पर बैठ गई.
क्या बताऊं दोस्तों उसकी चुत इतनी टाइट थी कि मेरी भी आह निकल गई. मैंने कहा- हिना जी, आप प्लीज़ कुछ लगा लो … आपको दर्द होगा.
उसने मेरे लंड पर और खुद की चूत पर खुद का थूक लगाया और लंड को चुत में डाल ही दिया. लम्बा लंड चूत में घुसा, तो वो चिल्लाने लगी- उम्म्ह… अहह… हय… याह…
मैंने कहा- क्या हुआ हिना जी?
तो बोली- जिस खेत पर 6-7 महीने में एक बार हल चलता है … तो वो जमीन प्यासी तो होगी.
वो जोर जोर से कूदने लगी और मैं उसके मम्मों को दबाने लगा.
दस मिनट के बाद वो खुद घोड़ी बनी और मेरा लंड पकड़ के बोली- पंकज जी आप पीछे से डाल लो … मैं थक गई हूं.
मैंने उसको पीछे से घोड़ी बनाके उसकी चुत में लंड पेला और चूत मारने लगा.
फिर 20 मिनट बाद उसने मेरा लंड निकाला और बोली- अब मैं सीधे लेट जाती हूं … फिर करो.
वो सीधे लेट गई. मैंने उसके दोनों पैरों को खोल के उसकी चुत में फिर लंड डाल दिया. उसको और मज़ा आने लगा और उसने अपनी आंखें बंद कर दीं. मैं उसकी चूचियों को चूसने लगा. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.
कई मिनट की चुदाई के बाद उसकी चुत फिर फड़फड़ाने लगी और उसने अपना पानी निकाल दिया. वो फ्री हो गई और मुझे अपने होंठों से मेरे होंठों को चूसने लगी. वो चूस तो ऐसे रही थी, जैसे मेरे मुँह से सब निकाल लेगी.
फिर मैंने उससे कहा- हिना जी एक बात बोलनी है.
हिना बोली- कहिये पंकज जी?
मैंने कहा- मुझे आपकी गांड में भी लंड डालना है.
तो वो बोली- दर्द होगा.
मैंने कहा- नहीं होगा.
वो बोली- ठीक है पर प्लीज़ थोड़ा आराम से करना.
मैंने कहा- ठीक है.
मैंने उसकी गांड के छेद में जैल डाला और मेरे लंड पर भी तेल लगा कर उसको सीधे लेटा कर उसकी गांड के छेद पर लंड रख दिया. फिर मैं धीरे धीरे उसकी गांड में लंड डालने लगा, तो उसकी फिर से आह निकलने लगी. मैंने आधा लंड निकाल के एक बार में ही पूरा लंड झटके से उसकी गांड में डाल दिया.
वो जोर से चिल्लाने लगी- पंकज इसको बाहर निकालो प्लीज़ … दर्द हो रहा है.
मैंने लंड नहीं निकाला और शॉट पे शॉट मारने लगा. कोई 5 मिनट के बाद वो नार्मल हुई और गांड उठा उठा के मज़े से लंड लेने लगी. मैं उसकी गांड मारने के साथ उसकी चुत में उंगली डाल डाल के मज़े दे रहा था.
लगभग 20 मिनट के बाद मेरा पानी निकलने वाला था, तो मैंने उसको कहा- हिना जी, मेरा पानी निकलने वाला है, कहां निकालूँ.
उसने कहा- पंकज मेरी गांड में ही निकाल दो, पर मेरी भी चुत से पानी निकलने वाला है … प्लीज़ थोड़ा जोर जोर से करो.
मैंने भी पूरी ताकत से उसकी चुत में उंगली की और गांड में लंड मारने लगा. पूरे कमरे में सिर्फ फच फच की आवाज़ आने लगी. थोड़ी देर बाद हिना की चूत से पानी निकल गया और मेरा भी पानी मैंने उसकी गांड में डाल दिया. मैं उसके ऊपर ही लेट गया. हिना ने मुझे कस के पकड़ लिया और मेरे होंठों को खाने लगी.
फिर 15 मिनट बाद जब मैं उसके ऊपर से उठा, तो मैंने वापस उसको लेटाया और उसकी चुत फिर से चाटने लगा, चूसने लगा.
हिना मेरे सिर को अपनी चुत में डालने लगी और दस मिनट बाद मैं उसको छोड़ कर उठा, नहाने चला गया.
जब मैं नहा के आया तो हिना बोली- पंकज जी, आप बैंगलोर कितने दिन हैं?
मैंने कहा- हिना जी … बस 2 दिन बाद मेरी ट्रेन है.
तो वो बोली- आप फिर से कल मेरे यहां आएं प्लीज़ और मेरी प्यास बुझा के जाएं.
मैंने कहा- ठीक है.
दोस्तों में दो दिन बैंगलोर में रहा. मैं इन दोनों दिनों सुबह रात उसकी प्यास बुझाने जाता था.
फिर मैं वापस राजस्थान आ गया और एक बार हिना के घर यानि आगरा जाकर उसको चोद कर आया.
दोस्तो, मेरी सेक्स कहानी कैसी लगी, प्लीज़ बताना और किस किस की चूत गीली हुई … ये भी बताना.
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