फ्लैट मेट लड़कियों की चुदाई देखी- 1

फ्लैट मेट लड़कियों की चुदाई देखी- 1


गुरुग्राम ओपन सेक्स कल्चर का नजारा आपको मेरी इस कहानी में देखने को मिलेगा. मेरे फ्लैट में 2 और लड़कियां रहती हैं, दोनों बला की खूबसूरत सेक्सी हैं. मैंने दोनों की चुदाई देखी.
यह कहानी सुनें.

Gurugram Open Sex Culture
दोस्तो, मैं स्वाति शर्मा आज अपनी ज़िन्दगी का सच्चा अनुभव लेकर आयी हूँ.
मुझे उम्मीद है कि आप सब लोगों को पढ़कर मजा आएगा.
मेरे इस गुरुग्राम ओपन सेक्स कल्चर पर लेख का हर शब्द सत्य है.
मेरा नाम तो आपको पता ही चल गया है. मेरी उम्र 28 साल है. शरीर से भी थोड़ी भरी हुई हूँ और रंग एकदम साफ है.
मैं एम बी ए करने के बाद जॉब करने के लिए गुड़गांव शिफ्ट हुई थी.
गुड़गांव जाने के बाद सबसे पहली समस्या तो रूम की थी जिसे मेरी एक कॉलेज की सहेली ने दूर कर दी थी.
उसने मुझे अपनी जानकारी में एक फ्लैट में पर्सनल रूम दिलवा दिया था.
उस फ्लैट में तीन रूम थे. उस फ्लैट के बाकी दूसरे दो कमरों में दो लड़कियां पहले से रह रही थीं.
आपकी जानकारी के लिए बता दूँ कि गुड़गांव में पीजी और फ्लैट का कल्चर है.
यहां या तो लड़के लड़कियां पीजी में रहते हैं या फिर एक कॉमन फ्लैट रेंट पर लेकर उसमें कमरे बांट कर रहते हैं.
पूरे फ्लैट का किराया आपस में बांट लिया जाता है.
खाने के लिए एक कॉमन कुक रख लेते हैं.

साल 2018 के अंत में मेरी जॉब लगी थी और इस कारण मुझे गुड़गांव शिफ्ट होना पड़ा था.
गुड़गांव एक बेहद खूबसूरत शहर है, खासकर लड़कियों के लिए.
यहां घूमने के लिए मॉल्स, पीवीआर, पब और सबसे खास लेडीज नाइट्स होती हैं.
यहां कमाने के लिए अच्छा खासा पैसा है, तो लड़कियों के लिए स्मार्ट लड़कों की भी कमी नहीं है.
हर लड़की चाहे तो दस बॉयफ्रेंड रख सकती है.
फिर सबसे जरूरी चीज फ्रीडम है, जो इधर भरपूर है. यहां मां बाप का कोई डर नहीं है. लड़कियां जो चाहें, वह कर सकती हैं. बल्कि ये कहूँ कि करती ही हैं, तो ज्यादा ठीक होगा.
चाहे किसी भी बॉयफ्रेंड के साथ घूमना हो, तो बस मुँह पर रुमाल ढक लो और अपने बॉयफ्रेंड की बाइक पर आराम से पूरा शहर घूमो.
यह गुड़गांव का मेरा अपना अनुभव है.
खैर … मैं अपने फ्लैट में शिफ्ट हुई तो धीरे धीरे बाकी दोनों लड़कियों से बातचीत होना शुरू हुई.
आगे बढ़ने से पहले मैं दोनों लड़कियों का परिचय दे देती हूँ.
हालांकि मैंने नाम बदल दिए हैं, पर बाकी सब बिल्कुल सही लिखने की कोशिश की है.
पहले वाले रूम में रहने वाली लड़की का नाम हिमानी था.
उसकी उम्र करीब 22 साल थी. बी.टेक के तुरंत बाद उसकी जॉब लग गई थी.
वह देखने में बेहद खूबसूरत, पतली, कद करीब 5 फुट का और शरीर से एकदम फूल जैसी नाजुक.
अगर कोई मेरे जैसी लड़की भी उससे हाथ मिला ले तो मानो उसके हाथों का चूरा बन जाए.
वह चलती भी ऐसी थी, जैसे धरती पर अहसान कर रही हो.
मेरे रूम के बाद वाले रूम में रहने वाली लड़की का नाम दीक्षा था.
उसकी उम्र करीब 27 साल थी. कद 5 फुट 5 इंच का था, रंग भी ठीक-ठाक था.
पर उसकी छातियां बड़ी ही खूबसूरत थीं, ये 34 इंच की थीं.
दीक्षा के पतली होने के कारण उसकी चूचियां उसकी खूबसूरती को बढ़ा देती थीं.
सबसे मजेदार बात ये कि उसे इनका यूज़ करना भी अच्छे से पता था.
धीरे धीरे हम लोगों का बोलना मिलना शुरू हुआ तो फ्रेंडशिप भी हो गयी.
मैं 28 साल की उम्र वाली होने के कारण कई बार सेक्स का मजा चख चुकी थी और मैं शरीर में भी एक औसत लड़की के जैसी थी.
कभी कोई लड़का मुझमें इंटरेस्ट दिखाता तो मैं उसके साथ एन्जॉय कर लेती थी.
पर हिमानी और दीक्षा से मिलकर मुझे ऐसा लगा कि दोनों इस सुख से बिल्कुल अनजान है.
खासकर हिमानी तो बिल्कुल अनछुई थी, जैसे छू दो तो मुरझा जाए.
उसमें एटीट्यूड भी इतना ज्यादा कि किसी से सीधे मुँह बात नहीं करती थी.
दोनों ही लड़कियां अच्छी कंपनियों में काम करती थीं और अच्छी खासी सैलरी पाती थीं.
एक रात मैं ऑफिस से लेट अपने फ्लैट में आई और पानी लेने के लिए किचन की तरफ जा रही थी.
दीक्षा के कमरे की खिड़की आधी खुली थी जिसमें पर्दा लगा था.
अन्दर रोशनी जल रही थी.
परदे से मैंने देखा कि दीक्षा की जींस उसकी जांघों तक नीचे की तरफ सरकी हुई थी.
वह दीवार की तरफ मुँह करके खड़ी थी और उसके चूतड़ों के बीचों बीच एक लड़के का लंड फंसा हुआ था जो बिल्कुल उसके पीछे खड़ा था.
मेरे तो पैरों तले ज़मीन खिसक गयी.
एक बार तो मुँह से चीख ही निकलने वाली थी कि तभी दोनों ने पोजीशन चेंज कर ली.
अब मैं कुछ भी देख नहीं पा रही थी.
तभी मेरा दिमाग ठनका कि अगर कोई लड़का दीक्षा के साथ जबरदस्ती कर रहा है तो दीक्षा कोई आवाज क्यों नहीं कर रही थी.
इतनी रात को जब सन्नाटा चारों तरफ था, तब भी उन दोनों के कमरे से किसी भी तरह की हल्की सी भी कोई आवाज नहीं आ रही थी.
अब मामला कुछ कुछ समझ आ रहा था.
वह दरअसल उस लड़के का लंड दीक्षा मैडम की गांड में नहीं घुसा हुआ था बल्कि मामला उल्टा था.
दीक्षा मैडम की चुत ने उस लड़के का लंड जकड़ा हुआ था और मैडम उस लंड को छोड़ने को तैयार नहीं थीं.
इस बात की पुष्टि तब हुई, जब मैंने सुबह करीब 6 बजे एक लड़के को चुपचाप उसके रूम से बाहर निकलते देखा.
मैंने दीक्षा से पूछा कि सुबह वह लड़का कौन था, जो तुम्हारे रूम से निकला था?
दीक्षा ने हल्की सी स्माइल दी और कहा- वह तुम्हारा भाई था और मेरे रूम का टॉयलेट साफ़ करने आया था.
मैं समझ गयी थी कि मैंने गलत सवाल किया है और दीक्षा ने मेरे ही सवाल पर मेरा मुँह तोड़ दिया था.
पर हां, दीक्षा आज ज्यादा फ्रेश और खुश लग रही थी.
अब इससे ज्यादा मुझे कुछ पूछने या सोचने की जरूरत नहीं थी.
सारा मामला साफ़ हो गया था.
एक दिन उसी शाम को दीक्षा ने ये बात खुद ही छेड़ दी- क्यों तुझे लड़के पसंद नहीं हैं क्या? अरे यार, यहां कोई डर नहीं है. हम तीनों ही तो हैं … एन्जॉय योर लाइफ बेबी!
उस दिन मैंने महसूस किया कि दीक्षा ने अपनी टी-शर्ट के अन्दर ब्रा नहीं पहन रखी थी जिससे उसके स्तन अच्छे खासे बाहर उभर कर सामने आ रहे थे.
उसके निप्पल्स भी टी-शर्ट से साफ़ दिख रहे थे.
तब दीक्षा ने खुद मुझे बताया कि जब भी किसी लड़के को ललचाना होता है, तब वह यही करती है.
बिना ब्रा के किसी पतली सी टी-शर्ट में लड़के से मिलती है … और लड़का तो उसके सामने पानी पानी हो जाता है.
उसकी नजरें छाती से हटे तब ना!
बस अपनी चूचियों का लालच देकर दीक्षा मैडम उस लड़के से अपना काम निकलवा लेती थीं.
जैसे लंच या डिनर या मूवी.
लेकिन हां दीक्षा ने बताया कि बदले में वह उस लड़के को अपनी छाती को थोड़ी देर के लिए टच करने जरूर देती थीं.
दीक्षा बोली- तू भी बॉयफ्रेंड बना ले, यहां हर रात कैसे भूखी सोएगी.
एक बार तो मुझे भूख़ का मतलब भोजन से लगा, पर फिर अगले ही पल दिमाग ने साथ दिया और मैं समझ गयी कि उसका मतलब जिस्म की भूख से था.
अगले दिन शनिवार था.
रात को फ्लैट में एक लड़का आया था.
उसका नाम नितिन था. नितिन करीब साढ़े पांच फुट का था. मजबूत बाजुएं और एकदम सुडौल शरीर … एकदम फिट.
दीक्षा ने उससे परिचय करवाया, औपचारिक हाय हैलो हुई.
वह अपने साथ कुछ बोतलें लेकर आया था.
बोतल के ऊपर ब्रीजर लिखा हुआ था.
शायद कोई ड्रिंक रही होगी.
उस समय तक मुझे शराब की बिल्कुल भी जानकारी नहीं थी.
नितिन दीक्षा के रूम में चला गया.
दोनों ब्रीजर खोलकर पीने लगे.
दीक्षा नितिन से चिपक कर खड़ी हो गई.
मैं उसके रूम से निकल गई पर फिर भी मेरा पूरा दिमाग दीक्षा के रूम में ही था.
मैं बाहर थोड़ी देर के लिए खिड़की के पास खड़ी हो गई.
खिड़की से झांका, तो देखा दीक्षा ब्रीजर अपने मुँह से लगाकर पी रही है और उसके दोनों छातियां नितिन के हाथों में हैं.
तभी नितिन ने शायद उसकी दोनों छातियां जोर से दबा दी थीं, जिस वजह से दीक्षा चिहुंक कर दूर हो गई.
नितिन ने दोबारा उसे अपनी तरफ खींच लिया.
दीक्षा हंसने लगी.
उसके बाद नितिन ने अपने दोनों हाथ दीक्षा की टी-शर्ट के अन्दर डाल दिए और उसके दोनों मम्मों को मसलने लगा.
अब दीक्षा ने एक घूंट ब्रीजर का अपने मुँह में भरा और वह अपने मुँह से नितिन को ब्रीजर पिलाने लगी.
दोनों के होंठ या मुँह एक दूसरे के मुँह में थे.
गुरुग्राम ओपन सेक्स कल्चर का सीन देख कर मेरे पूरे शरीर में आग सी लग गयी.
मैं तुरंत अपने रूम में आ गई और अपनी चुत में अपनी उंगली करके अपनी गर्मी शांत की.
मुझे उस रात चुत का पानी निकालने के बाद ही नींद आयी.
अगले दिन मेरी बात हिमानी से हुई.
वह बेहद ही शांत सुलझी हुई लड़की थी.
पर दीक्षा ने मुझे बताया था कि वह सबकी मां है. उससे दुनिया में कोई नहीं जीत सकता.
दीक्षा ने अपनी बात साबित करने के लिए मुझे बताया कि तुम अपने रूम में से उसके रूम में देख भी सकती हो.
दरअसल हमारे तीनों के कमरे टेम्परेरी बोर्ड के बने हुए थे. मतलब यूं कहा जाना ठीक होगा कि एक बड़ा हॉल था, जिसमें बोर्ड की दीवारों से तीन अलग अलग रूम बना दिए गए थे.
दोनों रूम्स में दीवारों में कुछ छेद थे, जिससे दूसरे के कमरे में झांका जा सकता था.
मैंने शुरू में इस बात पर ध्यान नहीं दिया था पर जब दीक्षा ने बताया तो मुझे अपने रूम के सारे छेदों के बारे में पता चल गया था.
उन छेदों से एक तरफ दीक्षा के कमरे में, तो दूसरी तरफ हिमानी के कमरे में झांका जा सकता था.
दीक्षा ने मुझे पहले ही चेता दिया था कि ध्यान से देखना … हिमानी किसी के कण्ट्रोल में नहीं है. उससे थोड़ा बचकर रहना.
जबकि शरीर में मेरे सामने तो हिमानी एक बच्ची थी, पर शायद एक बिगड़ी हुई बच्ची.
एक संडे के दिन की बात है.
हिमानी मेरे कमरे में आई और आकर पूछा- पूरा दिन रूम पर ही हो या कहीं बाहर जा रही हो?
मैं उस दिन दीक्षा के साथ शॉपिंग के लिए एक मॉल में जा रही थी.
मैंने हिमानी को बता दिया- मैं दीक्षा के साथ बाहर जा रही हूँ.
हिमानी ने कहा- ठीक है.
उसने बताया कि उसके ऑफिस का एक सहकर्मी आ रहा है. उसकी कंपनी में कल उसकी एक प्रेजेंटेशन है तो वह उसकी हेल्प कर देगा.
मैंने कहा- ठीक है.
पर ऐन मौके पर दीक्षा किसी काम में फंस गई और मैं उसके साथ न जा सकी.
मैंने अपना कमरा अन्दर से बंद करके आराम फ़रमा रही थी कि तभी फ्लैट में कोई आया.
मैंने सुनने की कोशिश की तो हिमानी का दरवाजा खुला.
मैंने सोचा कि शायद उसके ऑफिस वाला बंदा ही आया होगा.
मैं अपने बेड पर ही लेटी हुई थी.
तभी ऐसे ही मन किया कि चलो देखा जाए कि मैडम कर क्या रही हैं.
मैं उठकर उस छेद से झांकने लगी, ये छेद मेरे रूम के परदे के पीछे था.
मैंने देखा कि एक गोरा-चिट्टा लड़का लंबे कद का … करीब 5 फुट 10 इंच का था. वह लम्बाई में पतला और इतना स्मार्ट था मानो फिल्म का हीरो हो. देखने में ऐसा कि ह्रितिक या जैकी श्रॉफ भी उसके सामने फीके लगें.
उसने नीले रंग की कमीज़ और एक लाइट कलर का पैंट पहना हुआ था.
वह जींस में नहीं बल्कि फॉर्मल कपड़ों में आया था.
एकदम मॉडल जैसा लड़का.
मेरी नजरें तो उसी लड़के पर जमी हुई थीं.
वह लैपटॉप में हिमानी को कुछ दिखा रहा था और हिमानी भी उसे ध्यान से देख रही थी.
करीब दस मिनट के बाद शायद दोनों का काम खत्म हो चुका था या यूं कहूँ कि शुरू होने वाला था.
अब वे दोनों एक दूसरे से बातें कर रहे थे. उनकी बातें कुछ समझ नहीं आ रही थीं.
वैसे भी हिमानी इंग्लिश ही ज्यादा बोलती थी.
शायद वह लड़का कुछ मजाक कर रहा था.
उसके बाद दोनों खिलखिलाकर हंसने लगे.
लड़के ने हिमानी का हाथ पकड़ लिया और अपने दोनों हाथों में लेकर उसके हाथ को सहलाने लगा.
हिमानी तो ऐसे सिकुड़ कर बैठी थी मानो सामाजिक फिल्म की शर्मीली सी लड़की हो.
उसके चेहरे का रंग एकदम लाल हो चुका था.
वह एकदम सिमटी हुआ सिकुड़ी हुई बैठी थी और शर्मा भी रही थी.
वे सारे गुण जो शायद किसी लड़की में होने चाहिए, उसके चेहरे पर दिख रहे थे.
मैं समझ गयी थी कि हिमानी एक अच्छी एक्ट्रेस है.
कुछ देर बातें करने के बाद दोनों चुप हो गए थे.
करीब 2 मिनट तक एकदम शांति रही, दोनों एक दूसरे की आंखों में देखते रहे.
उसके बाद पता नहीं क्या हुआ कि लड़के ने अपने होंठ हिमानी के होंठों पर रख दिए.
अब हिमानी के होंठ उस लड़के के मुँह में थे.
शायद उसने हिमानी की आंखों में देखा होगा और उसने लड़के को अलिखित मंजूरी दे दी.
करीब दस मिनट तक उसने हिमानी के होंठों को चूसा.
उसके बाद दोनों अलग हो गए.
वे दोनों ऐसे बात करने लगे, जैसे कुछ हुआ ही नहीं हो.
करीब दो मिनट बात करने के बाद लड़के ने फिर से हिमानी के होंठों को अपने होंठों में जकड़ लिया.
इस बार वह हिमानी के होंठ नहीं बल्कि जीभ चूस रहा था.
करीब 5 मिनट हिमानी की जीभ चूसने के बाद वे दोनों फिर से अलग हो गए.
हिमानी ने अब अपना लैपटॉप बंद करके साइड में रख दिया था.
उस लड़के ने हिमानी को हाथ से पकड़कर अपने पास खींच लिया, वह भी बड़ी नजाकत से.
आखिर हमारी हिमानी मैडम थी ही इतनी नाजुक!
फिर से नज़दीक लेते ही उस लड़के ने हिमानी के होंठ अपने होंठों में जकड़ लिए.
इस बार वह बारी बारी से पहले नीचे वाला होंठ और फिर ऊपर वाला होंठ और फिर जीभ चूस रहा था.
देर तक उसने हिमानी के होंठों का रसपान किया.
या यूं कहा जाए कि हिमानी ने अपने होंठों का रसपान उसे करवाया होगा तो ज्यादा ठीक रहेगा.
अब उस लड़के ने हिमानी की टी-शर्ट ऊपर कर दी, उसके पेट से उठाकर उसके कंधों तक कर दी.
हिमानी की दोनों चूचियां नंगी होकर उस लड़के के सामने आ गईं.
मैडम ने नीचे ब्रा नहीं पहनी थी. जाहिर सी बात थी कि मैडम पूरी तैयारी के साथ थीं.
उसकी दोनों छातियां छोटी छोटी थीं और चूचुक भी.
उस लड़के ने पहले दोनों हाथों से हिमानी के दोनों चूचुक मसल दिए.
हिमानी मचल सी गयी या यूं कहूँ कि हिमानी मचलने का नाटक करने लगी तो ज्यादा बेहतर होगा.
करीब दो मिनट तक हिमानी के दोनों चूचुकों को मसलने के बाद उस लड़के ने हिमानी की एक चूची को मुँह में भर लिया और चूसने लगा.
फिर दूसरी चूची को चूसने लगा.
वह लड़का बारी बारी से हिमानी की दोनों चूचियों को चूसता रहा और बाद में फिर होंठों को चूसने लगा.
इस तरह से करीब आधा घंटा हो चुका था.
वह हिमानी के पेट से ऊपर के हिस्से को चूस चुका था.
अब उसने हिमानी की जींस के ऊपर से उसकी पैंट का बटन खोलने के लिए हाथ बढ़ाया ही था कि तभी हिमानी पीछे हट गयी.
इस बार उसने अपनी टी-शर्ट भी ठीक कर ली थी और खुद उस लड़के से दूर हटकर बैठ गई.
लड़का पास आया … शायद पूछने के लिए. पर मैडम चुपचाप बैठी रहीं.
उसने हिमानी के हाथ पर चूमा और फिर दोबारा से होंठों को चूसने लगा.
करीब 10 मिनट तक दोबारा से हिमानी ने अपने होंठों का रस पिलाया.
वह हिमानी का हाथ पकड़कर बेड के सिरहाने लेकर जा रहा था.
जैसे ही वह लड़का खड़ा हुआ, उसकी पैंट में बीचों बीच एक तम्बू सा बन गया.
ये उसके लंड का उभार था. जो बता रहा था कि उस लड़के का लंड पूरा अकड़ गया था.
फूला हुआ उभार देख कर हिमानी के होंठों पर उसकी मुस्कान मुझे दिख गई.
दोस्तो, आपको गुरुग्राम ओपन सेक्स कल्चर में मजा आ रहा होगा.
प्लीज मुझे मेल करके जरूर बताएं कि आपको अकेली रहने वाली लड़कियों की स्वछंदता पर क्या कहना है.
[email protected] गुरुग्राम ओपन सेक्स कल्चर का अगला भाग: फ्लैट मेट लड़कियों की चुदाई देखी- 2

Check Also

पड़ोस की जवान लड़की ने बुर चुदवा ली

पड़ोस की जवान लड़की ने बुर चुदवा ली

प्रिय पाठको नमस्कार.. मैं दीपक एक कहानी लेकर हाजिर हूँ.. जिसको पढ़कर लड़कियों की बुर …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *