वर्जिन गर्लफ्रेंड सेक्स का मजा मुझे दिया फेसबुक से बनी मेरी एक दोस्त ने! उसने मुझे अपने शहर में बुलाया था पहली चुदाई का मजा लेने के लिए. हम एक होटल में गए थे.
दोस्तो नमस्कार.
मेरा नाम यश है. मैं महाराष्ट्र के कोल्हापुर में रहता हूँ.
मेरे लंड का साइज छह इंच है और मोटाई ढाई इंच है.
यह किसी भी लड़की को चोद कर खुश कर सकता है.
आज जो वर्जिन गर्लफ्रेंड सेक्स कहानी मैं बताने जा रहा हूँ, वह मेरी जिंदगी की सच्ची कहानी है.
यह बात मार्च 2019 की है.
फेसबुक में एक लड़की जिसका नाम श्रेया (बदला हुआ) था, से बातें होना चालू हुई थीं.
वह मेरे पड़ोस वाले शहर में ही रहती थी.
जल्द ही हम दोनों में अंतरंगता बढ़ती गई और हम दोनों देर रात तक घंटों चैट करते रहते थे.
पहले तो कुछ दिन तक हमारे बीच नॉर्मल बातें हुईं लेकिन एक हफ्ते के बाद ही हमारी सेक्स की बातें चालू हो गई थीं.
सेक्स की बातों की शुरुआत उसने खुद अपनी तरफ से चालू की थीं तो मुझे भी उसके साथ लंड चूत चुदाई आदि की बातें करने में मजा आने लगा था.
आगे बढ़ने से पहले मैं थोड़ा उस फ़ेसबुक वाली लड़की के बारे में भी आपको बता देता हूँ.
वैसे मैं उसके बारे में बारे में क्या ही बताऊं, वह एक शोला बदन माल जैसी लौंडिया थी.
श्रेया का फिगर 34-30-36 का था. जो भी उसे एक बार देख ले, उसका लंड वहीं अकड़ जाए और जब तक पानी न निकाल दे, उसे चैन ही न मिले.
कुछ दिन बाद मैं उसके शहर गया था.
हम दोनों आज मिलने वाले थे.
उसने मुझसे बोला था- मैं तुम्हें सुबह 8 बजे कॉलेज के पास मिलूंगी. वहां से होटल के कमरे में चल कर मस्ती करते हैं.
मैं उसके साथ तय किए समय पर पहुंच गया था लेकिन वह एक घंटा बाद उधर पहुंची थी.
उस दिन उसने काला टॉप और काली ही जींस पहनी थी.
पहले तो मुझे उस पर गुस्सा आ रहा था मगर उसे देखते ही दिल ने उसे माफ कर दिया.
मैं आज उसके साथ सेक्स करने वाला था तो गुस्सा करके कुछ हासिल नहीं होता.
सुबह 9 बजे हम दोनों होटल में आ गए.
इस होटल में मैंने एक दिन पहले ही एक कमरा बुक करवा लिया था.
हम दोनों होटल की औपचारिकताएं पूरी करके कमरे में आ गए.
कमरे में जाते ही मैं ऑटो लॉक हो जाने वाले दरवाजे को पैर की ठोकर से बंद किया और हम दोनों एक दूसरे के ऊपर पागलों जैसे टूट पड़े.
एक दूसरे की बांहों में समय कर हारे होंठों से होंठ जुड़ गए और किस पर किस चालू हुई.
ये पहली किस थी और एक गजब की बान्डिंग थी.
करीब दस मिनट या उससे कुछ सेकंड कम तक हम दोनों एक दूसरे को चूमते और चूसते रहे.
हमारी आंखें वासना से लाल हो गई थीं और चेहरों पर एक अजीब सा नशा छाया हुआ था.
जैसे तैसे खुद पर कंट्रोल करके हम दोनों अलग हुए.
मैं उसको अपनी गोद में लेकर कमरे के पलंग पर बैठ गया और हमारे बीच कुछ बातें होना चालू हुईं.
लेकिन उसके साथ बातें करने में वह मज़ा कहां आना था.
तो हम दोनों वापस से शुरू हो गए.
हमारा प्यार करना बढ़ता ही जा रहा था.
इस बार जब मैंने उसको किस करना चालू किया तो धीरे धीरे उसके बूब्स को कपड़ों के ऊपर से ही दबाना चालू कर दिया.
वह भी मूड में आना चालू हो गई और उसने मेरे होंठों पर अपना कब्जा जमा लिया. वह मुझे जोर जोर से किस कर रही थी.
मैं समझ गया था कि ये कुछ ज्यादा ही गर्म हो गई है.
फिर मैंने धीरे से उसका टॉप निकाल दिया और ब्रा के ऊपर से ही उसके बूब्स को दबाने लगा था.
वह मेरे हाथ को खुद अपने हाथ से अपने मम्मों को दबवा रही थी.
यह देख कर मैंने उसकी जींस भी उतार दी थी.
अब वह मेरे सामने सिर्फ ब्लू ब्रा और रेड पैंटी में थी.
मां कसम, उसको टू पीस में देखकर मेरा लंड जींस में ही हिचकोले खाने लगा था.
मैंने उसे किस करना चालू रखा और एक झटके में ही मैंने उसकी ब्रा और पैंटी को भी निकाल दिया.
अब वह पूरी नंगी हो गई थी.
मैंने उसके भरे हुए बड़े बड़े मस्त रसीले आम देखे तो पागल ही हो गया.
पहले तो वह खुद को चादर से ढकने की कोशिश कर रही थी मगर मैंने उसके हाथ से चादर खींच कर दूर फेंक दी और उसे नंगी देखते हुए झट से अपने कपड़े खोलने शुरू कर दिए.
वह भी मेरे कपड़े उतरते हुए मुझे देखने लगी.
उस वक्त हम दोनों की आंखें एक दूसरे को कच्चा खा जाने वाली नजरों से देख रही थीं.
मैंने जल्दी जल्दी खुद के कपड़े निकाल दिए और उसके सामने नंगा हो गया.
मेरा लंड अपने सामने पलंग पर बड़ी नंगी लौंडिया को देख कर खतरनाक सांप के जैसे लहरा रहा था और फुंफकार रहा था.
श्रेया भी मेरे लौड़े को देखने लगी थी.
उसकी आंखों में मोटे लंबे लंड को देख कर कुछ लालच और कुछ भय सा दिख रहा था.
मैं उसके पास को चला गया और मेरा लंड उसके सामने हिचकोले खाने लगा.
मैंने उसके बूब्स को पकड़ लिया और दबाना चालू कर दिया.
वह कसमसाने लगी.
मैंने उसका हाथ पकड़ कर अपने लौड़े पर रख दिया.
पहले तो उसने हाथ हटा लिया, फिर मैंने उसे वासना से देखा और उसके हाथ को दुबारा से अपने लौड़े पर रखा तो इस बार वह लंड को सहलाने लगी.
अब मैंने भी चूचियां छोड़ कर उसकी चूत की तरफ अपना निशाना साधा.
उसकी चिकनी चूत की नम हो चुकी फांकों में अपनी एक उंगली डाल कर उसकी चूत के भगनासे को कुरेदा.
इससे उसकी गहरी आह निकल गई और उसने अपनी टांगें सिकोड़ने का प्रयास किया.
मैंने उसकी टांगों को खोला और चूत में उंगली डाल कर आगे-पीछे करने लगा.
वर्जिन गर्लफ्रेंड सेक्स के लिए दोबारा गर्म और चुदासी होने लगी थी.
अब तो उसकी चूत से कुछ ज्यादा ही पानी निकल रहा था.
चूत का रिसाव देख कर मैं अपना मुँह उसकी चूत के पास ले गया और उसकी चूत में से बह रहे पानी को जीभ से चाट लिया.
पहले पहल तो उसकी चूत के पानी का स्वाद कुछ अजीब सा लगा लेकिन बाद में मज़ा आने लगा था.
उसे भी मेरी जीभ से अपनी चूत को चटवाना अच्छा लग रहा था तो वह मेरा सर पकड़ कर अपनी चूत में दबाए जा रही थी.
मैंने ये देखा तो खुद को सैट किया और 69 के पोज में आ गया.
मेरा छह इंच का लंड उसके मुँह में था और मेरा मुँह उसकी चूत में लग गया था.
हम दोनों को लंड चूत चाटने और चूसने में बहुत मज़ा आ रहा था.
वह इस बीच एक बार झड़ भी गई थी तो उसकी चूत से निकला हुआ पानी मैं पी गया था.
कुछ देर चूत चाटने के बाद वह दुबारा से गर्मा गई थी और अब वह लंड को अपनी चूत में लेने की बात कहने लगी थी.
अब मैं सीधा हो गया और अपना लंड उसके मुँह से निकाल कर उसकी चूत पर घुमाने लगा.
वह मेरी आंखों में देखती हुई अपनी गांड उठा रही थी और जल्द से जल्द अपनी चूत में लंड को घुसा देने का इशारा कर रही थी.
मैं उसके ऊपर झुक गया और उसके होंठों से होंठ लाकर उसे किस करने लगा.
उसे चूमने के साथ ही मैं अपने एक हाथ से अपने लौड़े को उसकी चूत की फांकों पर भी रगड़ रहा था और उसको और ज्यादा गर्म कर रहा था.
उससे रहा नहीं गया और वह बोली- अब और मत तड़पाओ … अन्दर डाल दो.
मैंने भी अपना लंड उसकी चूत के छेद पर सैट किया और एक धक्का दे मारा.
चूत रस से चिकनी हुई पड़ी चूत में मेरा लंड सट से घुस गया और जोर की दाब थी तो आधा लंड अन्दर सरकता चला गया.
उसकी चीख निकल पड़ी और वह दर्द से कराहने लगी.
वह दर्द भरी आवाज में बोली- उई मम्मी रे … इसे बाहर निकालो आह मैं मर जाऊंगी … प्लीज बाहर निकालो एक बार … फिर बाद में कर लेना.
लेकिन मैंने लौड़े को चूत से बाहर नहीं निकाला बल्कि उसको किस करते हुए एक और जोर का झटका मार दिया.
इस बार मेरा पूरा लंड उसकी चूत में चला गया था और वह बेहद छटपटा उठी थी.
मेरा मुँह उसके मुँह पर जमा हुआ था तो वह चीख भी नहीं पा रही थी.
उसकी हालत देख कर मैंने दो मिनट रुक कर अपना काम चालू कर दिया.
पहले तो मैंने धीरे धीरे लौड़े को उसकी चूत के अन्दर आगे पीछे करना शुरू किया था.
फिर जब उसका दर्द कुछ कम हुआ तो मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और जोर जोर से उसकी चुदाई करने लगा था.
कोई 5 मिनट बाद तो हम दोनों को ही चुदाई में गजब का मजा आने लगा था और हम दोनों गुत्थम गुत्था हो गए थे.
फिर मैंने पोज चेंज करके उसको कुतिया बना दिया और उसके पीछे से उसकी चूत में लौड़े को पेल कर उसकी चुदाई करने लगा.
इस पोज में मुझे ऐसा लग रहा था मानो मैं उसकी गांड मार रहा था.
सच में उसे चोदने में बड़ा मज़ा आ रहा था.
चुदाई के बीच बीच में मैं अपना लंड उसकी चूत से निकाल कर उसके मुँह में दे रहा था और उस पर भी इतनी हवस चढ़ गई थी कि वह पागलों के जैसे लंड चूस रही थी.
ऐसे ही हम दोनों ने 15 मिनट तक चुदाई का मजा किया.
अब मैंने उसको अपने लंड के ऊपर आने को कहा.
उसने अपने हाथों से मेरा लंड पकड़ा और अपनी चूत के छेद में सैट करके ऊपर नीचे होने लगी.
वह लौड़े की सवारी के मज़े ले रही थी.
उसकी चूत इतनी गीली हो गई थी कि पूरे रूम में फच फच की आवाज गूंज रही थी.
उन मादक आवाजों को सुनकर हमारी हवस बढ़ती जा रही थी.
पांच मिनट तक वह मेरे ऊपर लौड़े की त सवारी करती रही और मुझे अपनी चूचियां पिलाती रही.
कुछ ही देर तक सेक्स करके वह थक गई और एक और बार उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया.
अब मैंने उसको वापस अपने लंड के नीचे लेकर चोदना चालू किया.
वह बोली- मैं बहुत थक गई हूँ और मेरी चूत में जलन हो रही है.
मैंने कहा- कोई बात नहीं. मैं पीछे वाले छेद में लंड पेल देता हूँ.
वह मना करने लगी मगर मैं नहीं माना.
मैंने उसकी टांगों को उठा कर उसकी चूचियों पर दबाया और अपना लंड उसकी गांड में डाल दिया.
वह मरी कुतिया सी बिलबिलाने लगी और इधर मैंने उसकी चिल्लपौं को नजरअंदाज करते हुए अपनी चुदाई चालू कर दी.
उसकी गांड का छेद इतना कसा हुआ था कि मेरा लंड उसकी गांड में सही से जा ही नहीं रहा था. लंड भी छिलने लगा था.
आखिर जब कोई रास्ता नहीं बचा तो मैं जो चॉकलेट लाया था, वह पिघल सी गई थी, उसे मैंने उसकी गांड के छेद में डाल दिया और अपनी एक उंगली से उसकी गांड में लगा दिया जिससे लंड अन्दर आराम से जा पाए.
हुआ भी वैसे ही.
चॉकलेट की वजह से मेरा लंड आसानी से न सही मगर थोड़ा मुश्किल से अन्दर घुस गया.
इस बीच उसको काफी दर्द भी हुआ.
पर मैंने उसकी एक न सुनी, उसकी गांड मारता रहा और उसके बूब्स दबाता रहा.
फिर पीछे से भी गांड मारी.
इस तरह से करीब दस मिनट तक मैंने उसकी गांड में अपना लंड डालकर आगे पीछे किया.
तब तक उसका दर्द भी कम हो गया था.
उसके कुछ देर मजा लेने के बाद मैंने वापस गांड से लंड निकाल कर उसकी चूत की चुदाई चालू की.
कुल आधा घंटा की खतरनाक चुदाई के बाद मेरा माल अब निकलने वाला था.
मैंने उससे पूछा- मेरा होने वाला है. जल्दी बता … कहां निकालूँ?
उसने कहा- मेरे मुँह में आ जा. मुझे पीना है.
एक दो शॉट के बाद मैंने अपना लंड उसके मुँह में दे दिया.
वह लौड़े को चूस कर आगे पीछे किए जा रही थी.
उस समय में स्वर्ग में हूँ … ऐसी फीलिंग आ रही थी.
एक मिनट के बाद मैं उसके मुँह में झड़ गया और वह मेरा सारा माल पी गई.
फिर जब समय देखा तो 11.30 बज गए थे.
उसके कॉलेज के छूटने का समय हो गया था.
उसने अपने कपड़े पहने और तैयार होती हुई बोली- अगली बार और भी अच्छे से चुदाई करेंगे.
उसके इतना बोलते ही वापस से एक बार मेरा सोया लंड खड़ा हो गया.
उसने मुँह में लंड लेकर चूसा और फिर से मिलने का वादा करके चली गई.
यह थी मेरे लाइफ की पहली चुदाई की वर्जिन गर्लफ्रेंड सेक्स कहानी!
उम्मीद है आपको पसंद आई होगी.
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