मेरे प्रिय मित्रो, कैसे हैं आप सब! काफी दिनों बाद आज फिर मैं शिव राज आप सबके लिए एक सच्ची कहानी लेकर आया हूँ.
मेरी पिछली कहानी थी कानपुर की नूर बेगम
ये बात तीन महीने पहले की है, जब मेरी बीवी गर्मियों की छुट्टी में अपनी माँ के घर गयी हुई थी. रोज की तरह मैं ऑफिस से घर पहुंचा, रास्ते से दो बियर लीं, खाना पैक करवाया और घर पहुंच गया.
रिलैक्स होने के बाद मैं बियर पी रहा था और फेसबुक चैक कर रहा था. तभी एक फ्रेंड रिक्वेस्ट देखी, तो मैं उसकी प्रोफाइल देखने लगा. ये प्रोफाइल किसी मैरिड नीतू की थी. उसकी उम्र तीस साल लिखी थी. उसकी फोटो देख कर मजा आ गया. मैंने तुरंत रिक्वेस्ट एक्सेप्ट कर ली. तभी मैंने देखा कि वो ऑनलाइन थी. मैंने हाय किया तो तुरंत उसका रिप्लाई आ गया.
मैंने पूछा कि कहां से हो आप?
तो उसने बताया कि मैं कानपुर से हूँ.
मैंने कहा- वाओ.. मैं भी कानपुर से ही हूँ.
कुछ देर इधर उधर की बातचीत के बाद उससे बात होने लगी.
उसने बताया कि उनके हस्बैंड की शॉप है, सो वो सुबह से शाम तक उसी में बिजी रहते हैं. दस साल का एक बेटा है वो बाहर हॉस्टल में रहता है, मैं दिन भर घर पे बोर होती रहती हूँ. टीवी देखती रहती हूँ.. फेसबुक चलाती रहती हूँ.
एक दूसरे के बारे में जानकारी करने के बाद मैंने उसका नम्बर माँगा तो बोली- नम्बर का क्या करोगे?
मैंने कहा- दोस्ती की है, तो नम्बर तो देना ही पड़ेगा. अगर कोई शंका हो तो रहने दीजिएगा.
मेरी बात पर वो हंसने लगी और उसने अपना नम्बर दे दिया. वो बोली- रात को कभी कॉल मत करना.. दस बजे हस्बैंड आ जाते हैं.
उसकी इस बात से मुझे समझ आ गया कि ये चुदने को मचल रही है. नहीं तो ये मुझसे ये न कहती कि पति के आने के बाद फोन मत करना.
फिर हमारी इधर उधर की बातें होने लगीं. मैंने बताया कि आज कल मेरी वाइफ नहीं है.. तो नींद नहीं आती है.
तो बोली- मैं आ जाऊं सुलाने?
तो मैंने कहा- आ जाओ लेकिन अगर तुम आ गईं, तो हम सोएंगे ही नहीं.. रात भर आपको मेरे साथ जागना पड़ेगा.
वो बोली- क्यों जागना पड़ेगा?
मैंने कहा- हम लोग प्यारी बात करेंगे न!
बोली- प्यारी प्यारी बातें करने के अलावा और तो कुछ नहीं करोगे न?
मैंने कहा- ये अभी कैसे कह सकते हैं कि मैं कुछ नहीं करूँगा.
बोली- तो बताओ न कि क्या क्या करोगे?
मुझे समझ आ गई कि पट्ठी चूत की खुजली से भारी परेशान है और साफ़ साफ़ जानना चाहती है कि मैं इसको चोदूँगा या नहीं. मैंने भी खुलते हुए कह दिया कि यदि तुम्हारा मन सेक्स करने को हुआ तो फिर मुझे तुम्हारी इच्छा पूरी करनी ही पड़ेगी.
इस पर वो हंसते और दम्भ भरे स्वर में बोली- ऐसा नहीं है कि तुम सेक्स करने में पूरी रात मुझे जगा सकोगे.. तुम सेक्स कितनी देर तक कर पाओगे? तुम भी मेरे हस्बैंड की तरह पन्द्रह मिनट में ढेर हो जाओगे.
मैंने कहा- क्या यार.. एक बार मौका दे कर देखो.. गिड़गिड़ाओगी कि मुझे छोड़ दो. पूरे घंटे भर तक नॉन स्टॉप खेलूँगा.
वो बोली- देखेंगे कितना दम है तुम्हारे अन्दर..
अब हम रोज सेक्स की बातें करने लगे. मैं उससे पूछता कि कैसे तुम्हारा हस्बैंड चोदता है.. कैसे मैं अपनी बीवी को चोदता हूँ. इस तरह की खुल कर बातें होने लगीं. एक हफ्ते तक रोज फ़ोन पर उसको दो से तीन बार चोदता, वो अपनी चूत में उंगली करती और मैं अपने हाथ से लंड हिला लेता.
हम दोनों की तड़प बढ़ने लगी. हम लोग फ़ोन पे वीडियो चैट पे बहुत मजा करने लगे. मजा आ रहा था लेकिन मिलने के लिए मना करती थी कि बाहर नहीं निकल सकती और तुमको घर भी नहीं बुला सकती.
इस तरह दो हफ्ते गुजर चुके थे.
शनिवार को उसका फ़ोन आया कि कल सुबह ग्यारह बजे मेरे घर आ जाना. शाम तक मैं अकेली रहूंगी, मेरे पति बाहर जा रहे हैं. वे कल सुबह दिल्ली जा रहे हैं, रात तक वापस आएंगे. तो हम लोग दिन भर मस्ती करेंगे.
मैं बहुत खुश था कि कल एक नई चूत चोदने को मिलेगी. रात भर मेरा लंड पानी छोड़ता रहा, पता नहीं कब नींद आ गयी.
सुबह दस बजे आंख खुली, जब उसका कॉल आया. वो बोली- आ जाओ, वो गए.
मैं जल्दी से फ्रेश हुआ अपनी झांटें साफ़ की, लंड को अच्छे से साफ़ किया और तैयार होकर मैं उसके बताये हुए अपार्टमेंट में पहुंच गया.
मैं फ़ोन पर बात करते करते उसके घर पहुंच गया. जैसे ही उसने दरवाजा खोला और इधर उधर देख कर जल्दी से अन्दर करके गेट बंद कर दिया. उसकी धड़कन बढ़ी हुई थीं.
मैंने घुटने पर बैठ कर उसका हाथ चूमा और सीने से लगा लिया. जैसे दो प्रेमी सालों बाद मिले हों. दस मिनट तक हम एक दूसरे से चिपके खड़े रहे.
फिर वो बोली- छोड़ो.. कुछ नाश्ता लाती हूँ.. तुमने अभी तक कुछ खाया नहीं है.
मैंने उसके होंठों पे अपने होंठ रख कर बोला- आज इन होंठों को ही खाना है.
हम एक दूसरे के होंठ चूसने लगे. वो भी जन्मों की प्यासी हो, जैसे मेरा साथ दे रही थी. पन्द्रह मिनट तक हम एक दूसरे के होंठ चूसते रहे. वो लाल साड़ी में कमाल लग रही थी.
वो बोली- पहले कुछ खा लो तुम्हें भूख लगी होगी.
मैंने उसका हाथ पकड़ा और बोला- मुझे दूध पीना है.
उसके ब्लाउज के ऊपर से ही उसका एक दूध मुँह में दबा लिया. वो सीईईई सीईईई करने लगी.
मैं बोला- पहले एक बार कर लेते हैं, फिर कुछ नाश्ता करूँगा.
वो मेरा हाथ पकड़ कर बेडरूम में ले गयी. रूम में जाते ही मैंने उसे पीछे से उठा लिया और प्यार से बिस्तर पे लिटा कर उसकी साड़ी निकालने लगा. अगले ही पल वो सिर्फ ब्लाउज और पेटीकोट में रह गई थी. उसने अपनी आंखें बंद कर ली थीं. मैं उसके ऊपर लेट गया और एक बार फिर हमारे होंठ चिपक गए. होंठ चूसते चूसते कब हम लोग नंगे हो गए, पता ही नहीं चला.
वो अपने हाथों से मेरा लंड सहला रही थी और मैं उसके मम्मों को चूस रहा था. धीरे धीरे मैं नीचे बढ़ने लगा और चूत को किस किया. उसकी चूत बिल्कुल साफ़ थी.. उसने बताया कि आज उसने मेरे लिए ही अपनी चूत साफ़ की थी.
जैसे ही मैंने अपनी जीभ उसकी चूत में लगायी, वो सीईई सीईई करके मेरा सर दबाने लगी, वो चुदास से बोली- आह.. खा जाओ आज इसको.. कितने दिन से तड़प रही थी तुम्हारे लिए..
मैंने उसकी टांगें और फैला दीं और पूरी जीभ चूत के अन्दर अन्दर डाल दी. वो बिन पानी मछली की तरह तड़पने लगी. वो जैसे जन्नत की सैर कर रही हो. पांच मिनट में ही उसकी चूत से पानी बहने लगा. इतना पानी निकला कि मेरा पूरा मुँह गीला हो गया. फिर भी मैं चूत को चूसता रहा.
वो लगभग बेहोश हो गयी थी और बेहोशी में ही गालियां बोलने लगी- साले तुमने मेरी चूत की माँ चोद दी.. अब मुझे कुछ नहीं चाहिए, जो सुख तुमने दिया है आज.. उसके लिए आज तक तड़पती रही.. आज पहली बार औरत होने का सुख दिया है तुमने.. आज से मैं तुम्हारी गुलाम हो गयी, मेरी जिंदगी तुम्हारी हो गयी मेरे राजा.. बहुत मजा आया.
मैंने बोला- जानेमन अभी चुदाई तो की ही नहीं.. तुम अभी से थक गयी?
तो बोली- अब बस मेरे अन्दर जान नहीं बची अब.
मैंने उसे उठा कर अपने सीने से लगा कर लिटा सा लिया और धीरे धीरे उसके सर को सहलाने लगा. करीब पन्द्रह मिनट बाद वो थोड़ा सा नार्मल हुई तो मुझे ऊपर से नीचे तक किस करने लगी.
जैसे ही उसने मेरे लंड को किस किया, लंड फिर से खड़ा होने लगा. वो धीरे धीरे अपनी जीभ से मेरे लंड के सुपाड़े को चाटने लगी. अब मेरी आंखें बंद होने लगीं, वो मस्त खिलाड़िन थी.. क्या मस्त लंड चुसाई की उसने कि मेरी जान ही निकाल दी.
दस मिनट की जबरदस्त लंड चुसाई के बाद मैंने उसे रोक दिया कि बस करो.. नहीं तो मेरा निकल जायेगा.
अब हम दोनों से बर्दाश्त नहीं हो रहा था. वो फिर से चुदाई के लिए तैयार थी, वो बोली- चलो अब असली खेल शुरू करो.
मैंने कहा- मैं कंडोम नहीं लाया यार.
तो वो बोली- कोई बात नहीं.. मेरा ऑपरेशन हो चुका है, तुम बिंदास हो कर चोदो.
फिर शुरू हुआ चुदाई का खेल. कभी वो ऊपर कभी मैं ऊपर.. कभी घोड़ी बना के.. कभी खड़ी करके.. धकापेल चुदाई चलती रही. करीब बीस मिनट तक हम एक दूसरे में पूरी तरह समा गए थे. आधे घंटे की जबरदस्त चुदाई ने हम दोनों को पस्त कर दिया. चुदाई भी ऐसी मजेदार होगी, हम दोनों ने सोचा ही नहीं था.
उस दिन रात को दस बजे तक मैं उसके घर पर रुका और चार बार मैंने अपने पानी से उसकी चूत को भर दिया.
वो बहुत खुश थी, बोली- आज तुमने मुझे जिन्दा होने का अहसास कराया.. उसके लिए बहुत बहुत धन्यवाद लव यू शिव राज.
यहथी फेसबुक वाली शादीशुदा गर्लफ्रेंड की सेक्स कहानी.. कैसी लगी.. बताना जरूर, मैं आपके मेल का इंतजार कर रहा हूँ.
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