भाई बहन की चुदाई हिंदी में पढ़ें. मेरी बुआ की शादीशुदा बेटी हमारे यहाँ रहने आई. एक दिन मैंने उनको पूरी नंगी नहाती देखा. आपा का दूध सा बदन देख मैं अपना आपा खोने लगा.
दोस्तो, मेरा नाम मोहम्मद है. मेरी उम्र 21 साल की है.
मैं एक कसरती जिस्म वाला लड़का हूँ, मेरा लंड मोटा लंबा है.
जो लड़की या भाभी मेरे लंड का स्वाद चख लेती है वो बार बार मेरे लंड से चुदने के लिए जरूर आती है.
इस कहानी में भाई बहन की चुदाई हिंदी में पढ़ कर मजा लें.
आज से दो साल पहले की बात है, उस टाइम में 19 साल का हुआ ही था और स्कूल में पढ़ता था.
उस टाइम एग्जाम खत्म हुए थे और गर्मियों की छुट्टियां हो गई थीं.
छुट्टियों में मेरी फूफी की लड़की साजिदा आपा हमारे घर आई थीं.
उनकी उम्र 37 साल है और वे बेहद खूबसूरत हैं. उनकी फिगर 34-30-36 की है.
जो भी आपा को एक बार देख लेता है, वो उनकी लेने की जुगत में लग जाता है.
आपा का एक बेटा रेहान है … वो मेरा दोस्त है.
मैंने खुद ही रेहान को छुट्टियों में एक साथ रहने के लिए बुलाया था.
उसी वजह से साजिदा आपा भी आई थीं.
शुरुआती दिन हम दोनों ने बहुत अच्छे से इन्जॉय किए.
पर रेहान का एक पेपर बाकी रह गया था, उसको वो एग्जाम देने के लिए वापस अपने घर जाना था, वो चला गया था.
अब मैं, साजिदा आपा और अम्मी ही घर में रह गए थे.
एक दिन नाना जी का कॉल आया.
उन्होंने अम्मी से कहा- मेरे से मिलने आ जाओ.
तो अम्मी ने साजिदा आपा को बोला- मैं दो दिन के लिए अपने मायके जाकर आती हूँ. तुम दो दिन तक इसका ध्यान रखना.
आपा ने हामी भर दी और अम्मी नाना जी के घर चली गईं.
अब मैं और साजिदा आपा ही घर में रह गए थे.
फिर शाम को मैं छत पर पतंग उड़ाने जा रहा था.
आपा ने कहा- मैं नहाने जा रही हूँ. कोई आए तो ध्यान देना.
मैंने कहा- ओके आपा, आप जाओ.
फिर मैं ऊपर आ गया.
थोड़ी देर बाद मुझे प्यास लगी, तो मैं नीचे आ गया.
नीचे साजिदा आपा खुले में नहा रही थीं.
मैं देख कर हैरान रह गया.
मेरे घर में सभी सुविधाओं से युक्त बाथरूम है मगर आपा फिर भी खुले में क्यों नहा रही थीं, ये मुझे समझ नहीं आ रहा था.
मैं आपा को नहाते देखने लगा.
आपा हमेशा हिजाब में रहती थीं तो मैंने अब तक उन्हें नंगी नहीं देखा था. मगर आज उनके जिस्म पर कपड़े की एक धजी भी नहीं थी.
मेरी आपा एकदम दूध की तरह गोरी थीं, ये देख कर मैं अपना आपा खोने लगा.
मुझे अब उनमें एक माल दिखाई देने लगा था.
उनकी भरी हुई एकदम सुडौल चूचियां जरा सी जुंबिश पर ही मस्त हिल रही थीं और उनके निप्पल एकदम गुलाबी थे.
आपा के दूध पर हल्के पीच कलर का ऐरोला और उसके बीचों बीच गुलाबी रंग का कड़क निप्पल, उनकी चूचियों की खूबसूरती को चार चाँद लगा रहा था.
उनकी चूचियां बेहद दिलकश थीं.
मेरा लंड एकदम से हार्ड होने लगा था.
फिर तभी आपा ने अपनी बैठने की पोजीशन बदली और उन्होंने अपनी जांघें खोल दीं.
आह … मेरे लौड़े की तो समझो लंका लग गई थी.
साली चूत के नाम पर आपा की टाँगों के बीच में झांटों का जंगल उगा था और चूत किसी बुरी तरह चुदे हुए भोसड़े की खाई दिख रही थी.
मगर एक बात थी आपा का भोसड़े का मुँह फ़ैला हुआ नहीं था. एकदम चिपकी फांकों वाला भोसड़ा था.
अब यार … उनके इतने मोटे मोटे बूब्स, और मेरी हथेली जितनी बड़ी चूत देख कर मैं एकदम से गनगना गया था.
मैं आपा को नंगी देख कर थोड़ा सा हटा और वहीं एक तरफ छिप कर उन्हें देखने लगा.
आपा अपनी चूत में अपनी उंगलियां डाल कर उसे रगड़ रही थीं और उनके मुँह से हल्की हल्की आवाज में आह आह निकल रहा था.
इससे साफ समझ आ रहा था कि आपा चुदासी हैं और उन्हें अपनी भोसड़ी की खाज मिटवाने के लिए एक मूसल लंड की जरूरत है.
यह मेरे लौड़े के लिए शायद सुनहरा मौका था. यही सब सोच कर अब मैं अपना पजामा खोल कर मुठ मारने लगा.
मुठ मारते समय मेरी आह आह की आवाज़ सुनकर साजिदा आप ने मेरी तरफ देखा मगर मैं उन्हें नहीं दिखा.
उन्होंने कहा- मोहम्मद … क्या कर रहा है यहां?
मैंने आवाज देते हुए कहा- कुछ नहीं आपा … मैं बस पानी पीने आया था.
वो मुझे छोटा समझती थीं. उनको लगता था कि मेरी उम्र अभी कम है और वो सेक्स के बारे में अभी कुछ नहीं जानता है.
यही सोच कर उन्होंने कहा- तो उधर क्या कर रहा है … इधर आ!
मैं उनके पास जाकर बोला- हां आपा बोलो.
उन्होंने कहा- मेरी पीठ और कमर में साबुन तो लगा कर मल दे जरा.
मैं उन्हें अपने सामने एकदम नंगी देख कर गनगना गया था.
उनके हाथ से साबुन लेकर मैं आपा की पीठ और कमर में साबुन लगाने लगा.
आपा को अच्छा लगने लगा और मेरे तो लंड ने अपनी हद पार कर दी थी. साला एकदम भाले के जैसा अकड़ गया था.
हाथ में आपा की नर्म त्वचा मुझे बेहद सुकून दे रही थी.
मैं हथेली में भर भर कर आपा की मांसल देह को दबा दबा कर मसल रहा था, जिससे आपा को बड़ा ही अच्छा लग रहा था और शायद उनकी वासना में मेरा हाथ कुछ न कुछ भड़काने का काम कर रहा था.
थोड़ी देर साबुन लगाते हुए ही मैंने कहा- थोड़ा झुक जाओ आपा, मैं नीचे भी लगा देता हूँ.
वो झुक गईं.
फिर मैंने उनकी मोटी और बड़ी सी गांड पर साबुन मलना चालू किया.
मैं अपने हाथ को उनके चूतड़ों को मसल मसल कर साबुन लगाने लगा.
आपा एकदम घोड़ी सी बन गई थीं, उन्हें शायद वासना चढ़ रही थी.
मैं भी लगा रहा और उनकी गांड पकड़ कर उसके नीचे हाथ डाल कर उनकी चूत पर भी साबुन मलने लगा.
उनकी चूत से रस टपकने लगा था और शायद आपा का मूड बनने लगा था.
तभी अचानक से शायद साजिदा आपा को कुछ होश आया और उन्होंने कहा- अरे बस कर, अब मैं कर लूँगी, तू जा!
मैंने कहा- चुप हो ज़ा रंडी … मैं खुद कर दूंगा.
ये सुनते ही आपा चुप हो गईं और उनके मूड ने मेरी ईद मना दी.
अब मैंने उनके भोसड़े में अपनी दो उंगलियां डालीं और अन्दर बाहर करने लगा.
आपा अपनी गांड हिलाती हुई चूत में उंगली करवाने का मजा लेने लगीं.
मेरा लंड खड़ा तो था ही, मैं फुर्ती से नंगा हो गया और अचानक से मैंने अपने लंड को अपने साबुन लगे हाथ से सहलाते हुए चिकना किया और आपा के भोसड़ी में पेल दिया.
सात इंच का मोटा लंड उनकी भोसड़ी में गया तो उन्हें मानो चैन मिल गया था.
एक हल्की सी आह के साथ उन्होंने मेरे लंड को अपनी चूत में खा लिया.
अब आपा ने नाटक करते हुए कहा- अरे मोहम्मद ये क्या किया बेटा … तू तो मेरे बेटे जैसा है!
मैंने कहा- हां आपा, मगर आपका बेटा तो नहीं हूँ ना! आप बस मजा लो.
ये कह कर मैंने लंड अन्दर बाहर करना चालू कर दिया.
बस 2-4 घस्से लगने के बाद आपा को मजा आने लगा और उन्होंने भी अपनी चूत की प्यास बुझाने का मन बना लिया.
वो गांड हिलाती हुई बोलने लगीं- ओये तुझे एक बात बताऊँ, तेरे जीजू को दुबई गए 3 साल हो गए हैं. मेरी चूत सूनी हो गई थी. आज तूने इसे इसके सूनेपन आजादी दिलाई है मेरी जान. चोद दे मेरी चूत को … आह तेरा लंड भी बड़ा मस्त है मेरी जान.
मैं बिंदास लगा रहा और आपा को 5 मिनट तक घोड़ी बना कर चोदा.
फिर मैंने आगे आकर आपा के मुँह में लंड डाला और चुसवा कर उन्हें लेटने को कहा.
आपा टांगें उठा कर आँगन में लेट गई थीं और एकदम सड़क छाप रांड लग रही थीं.
मैं उनके ऊपर चढ़ गया और लंड पेल कर ज़ोर ज़ोर से झटके मारने लगा.
आपा बोलने लगीं- आह … क्या मस्त चोद रहा है साले … कल तक मैं तेरी टट्टी साफ करती थी. आज तेरा वीर्य भी साफ़ करूंगी … वो भी अपनी जीभ से …. आह मार मेरी जान … और ज़ोर से.
दस मिनट बाद मैं झड़ गया.
आपा ने बोला- आह मजा आ गया … तेरा लंड तो तेरे जीजू से भी बड़ा है.
कुछ देर बाद मैंने कहा- आपा, मैं आज तक समझ नहीं पाया कि आप इतनी उदास क्यों रहती हो. चुदाई के बिना आप तकलीफ़ में मत रहा करो … आपकी चूत में क्या लंड से चुदवाने की खुजली नहीं होती?
आपा ने कहा- क्या बताऊँ बेटा, बहुत मन करता है. तेरे जीजू को बोलती भी हूँ. पर वो बोलते हैं कि मैं अभी 3 साल और नहीं आ सकता. तू मेरे लिए मत रुक … किसी दूसरे से चुदवा ले. अब मैं किससे चुदवाती! तुम्हें तो पता ही है. सबके सब हरामी होते हैं. मेरे मजे लेकर मेरी ही बेईज़्ज़ती कर सकते हैं. तू तो अपने घर का है, तू ये बात थोड़ी नया किसी को बताएगा?
मैंने कहा- नहीं, मेरी आपा मैं आपकी प्यास बुझाऊँगा. बस आप मुझे कुछ पैसे देती रहना.
आपा ने कहा- अरे तू तो मेरे बेटे की तरह है बेटा … तुझे जितना चाहिए उतना ले लेना. बस अपने मोटे लौड़े पर मेरा ही हक बनाए रखना.
दो घंटे बाद मैंने फिर से आपा का मूड बना दिया.
आपा ने मेरी मुठ मारी.
पर मेरा लंड ढंग से खड़ा नहीं हो रहा था.
आपा ने कहा- ये कैसे खड़ा होगा?
मैंने कहा- इसे चूस कर खड़ा करो आपा. फिर ये आपके भोसड़े के अन्दर कमाल दिखाएगा.
आपा ने हँसते हुए मेरे लंड को मुँह में ले लिया और लंड ने खड़े होकर आपा को सलामी देना शुरू कर दी.
आपा ने लंड चूम कर कहा- चल मेरे लौड़े मेरी चूत में फक फक कर.
मैंने उन्हें लिटाया और चुदाई चालू कर दी.
आपा ने कहा- जब झड़ने लगो, तो मेरे मुँह में झड़ना.
मैंने ओके कहा और आपा के मुँह में अपना माल टपका दिया.
उसी दिन शाम को अम्मी का फोन आया कि नाना की तबीयत सही नहीं है, मुझे आने में एक हफ्ता लग जाएगा.
आपा ने खुश होते हुए कहा- अरे आप चिंता मत करें. मैं मोहम्मद का अच्छे से ख्याल रख रही हूँ.
बस उसके बाद पूरे सात दिन तक आपा के भोसड़े ने मेरे लंड को खूब मजा दिया.
मैंने उसी रात में आपा के भोसड़े की झांटों की सफाई की और उनकी चूत चुसाई का खूब मजा लिया.
एक दिन आपा ने कहा- तेरे लिए दूसरी चूत का इंतजाम भी कर देती हूँ.
मुझे बड़ी खुशी हुई.
आपा ने बताया कि अपनी पड़ोसन जुलेखा बड़ी वाली रांड है, उसकी चुदाई कर ले.
मैंने कहा- ये तो साली रांड है, कहीं इसने मेरी बात फैला दी तो क्या होगा?
आपा ने जुलेखा को बुलाया और उसके सामने बात की कि मोहम्मद का बहुत बड़ा है, तुझे लेना है तो बता दे.
वो बड़ी खुश हुई और उसके बाद मैंने जुलेखा की चूत गांड कैसे बजाई, वो मैं अगली सेक्स कहानी में लिखूँगा.
आपको मेरी भाई बहन की चुदाई हिंदी कहानी कैसी लगी. प्लीज मुझे बताएं.
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