मैंने अपनी Xxx मामी की चूत चोदी बहुत जोरदार तरीके से … उनकी चूचियां बहुत बड़ी बड़ी थी. मैंने उन्हें खूब चूसा. मामी तो आनन्द से पागल हो रही थी.
दोस्तो, मैं अपनी Xxx मामी की कहानी के पहले भाग
गर्म मामी की गांड चाट कर चूत चुदाई
में आपको अपनी मामी की चुदाई बता रहा था. मामी चुदाई के लिए तड़फ उठीं थीं. जबकि मैं उनकी चूचियों की चुसाई का मजा ले रहा था.
अब आगे Xxx मामी की चूत की कहानी:
पिछले चार पांच दिनों से कई कई बार मामी जी की चुदाई कर चुका था, पर कभी भी इस तरह मामी जी की बड़ी बड़ी चूचियों की चुसाई नहीं की थी.
आज मुझे उन्हें चूसने बड़ा ही मज़ा आ रहा था.
चूचियों के निप्पल के चारों तरफ के घेरे में जीभ चलाते हुए जब दूसरे हाथ से मामी जी की चूची को पकड़ कर दबाते हुए मैंने निप्पल को चुटकी में पकड़ कर खींचा तो मस्ती में मामी जी की सिसकारी निकल गयी- आह राहुल … उफ्फ और ज़ोर से मसलो … मेरे चूचियों को ओह्ह्ह उंह अहह अह्ह्ह्ह राहुल मेरे सैंया!
मामी जी अपनी कमर को हिलाते हिलाते सिसकारी भर रही थीं … और अपने दोनों हाथों को मेरी कमर पर दबा रही थीं.
मैं- अहम्म मामी जी, आपकी ये बड़ी बड़ी चूचियां उफ्फ क्या कमाल की हैं. आह नीचे मामी जी आपकी चूत मेरे लंड को कैसे निचोड़ रही है … उईईई … मेरी प्यारी मामी जी.
मामी जी भी अपनी चूचियों की चुसाई से मस्त हो गई थीं. वो खुद अपने हाथ से अपनी चूची मेरे मुँह में ठेलते हुए चुसवाने का मजा लेने लगीं.
उनकी चूचियों के निप्पल इतने मस्त और मुलायम थे कि मुझे छोड़ने का मन ही नहीं हो रहा था.
मैं दूध दबा दबा कर मामी कि चूची को लगभग खाए जा रहा था. मामी की चुत भी इतना पानी छोड़ रही थी कि लंड तो मानो किसी कीचड़ में फुदक सा रहा था.
मामी ने अपनी चूची चुसाते हुए कहा- राहुल, मेरी दूसरी चूची में भी रस आता है … आह दूसरी भी चूसो न!
मैंने झट से मामी की चूची छोड़ी और दूसरी चूची के निप्पल को अपने मुँह में ले लिया.
मामी ने अपनी दो उंगलियों से अपने निप्पल के बाहर मम्मे को पकड़ा और और मेरे मुँह से खिंचवाते हुए निप्पल चुसवाने लगीं.
आह … रबड़ की तरह मामी जी का निप्पल मेरे होंठों में खिंचता और मैं वापस उनके निप्पल को उनके मम्मे तक ले आता.
मगर मैं निप्पल को अपने होंठों की पकड़ से नहीं छोड़ रहा था.
मामी को ये देख कर बड़ा ही सेक्स चढ़ रहा था और वो अपनी गांड हिलाते हुए मेरे लंड को अपनी चुत के पानी में भिगोते हुए लंड पर चुत चला रही थीं.
मगर मुझे तो मामी की चूची पीने में इतना मजा आ रहा था कि मैंने लंड को जरा सा भी भाव नहीं दिया.
और इसका नतीजा ये हुआ कि मामी की चुत कलपने लगी, उनकी टांगें अकड़ने लगीं और वो कोशिश करने लगीं कि किसी तरह उनकी चुत में लंड मजा देने लगे.
जब कुछ मिनट तक मैंने सिर्फ दूध चूसने में ही मन लगाया तो मामी तड़फ उठीं- राहुल, मुझसे अब बर्दाश्त नहीं होता … अब जोर जोर से चोद भी डालो मुझे .. देखो ना मेरी चूत कैसे पानी छोड़ रही है, आपके लंड के लिए तरस रही है.
मुझसे भी अब बर्दाश्त करना मुश्किल हुआ जा रहा था. मेरा लंड मामी जी की चूत की गर्मी से और सख्त हो चुका था.
वक़्त की नजाकत समझते हुए मैंने मामी जी के स्तनों को छोड़ा और अपनी कोहानियों के सहारे से थोड़ा सा उठ गया.
मैंने अपने हाथों को मामी जी की बगल से निकाले और उनके कंधों को पकड़ कर उन्हें फ्रेंच किस करने लगा.
ये पोज़िशन ऐसी थी कि दोनों के बदन के बीच में मामी जी के बड़े बड़े गोल गोल आकार के बूब्स मेरे सीने से चिपक गए थे.
जिसे महसूस करते ही मामी जी सिसक उठीं और उन्होंने उसी पल अपनी टांगों को उठा कर मेरी पीठ पर कस लिया.
पोजीशन कुछ ऐसी थी, मैं मामी जी के ऊपर झुका हुआ था और मेरा लंड मामी जी की चूत में घुसा हुआ था.
मेरा लंड मामी जी की चूत की ठुकाई करने के लिए सबसे अच्छी पोज़ीशन में था.
मैंने एक लम्बी सांस खींची और अपने हाथों के सहारे अपनी कमर के ऊपर के हिस्से को उठा लिया.
जैसे ही मेरा लंड उसके सुपारे तक बाहर आया तो मैं तैयार था मामी जी को ज़न्नत दिखाने के लिए.
मैंने सांस रोक कर एक जबरदस्त धक्का मारा और मेरा पूरा लंड मामी जी की कोमल चिकनी चूत को चीरता हुआ अन्दर उनकी बच्चेदानी तक जा टकराया.
मामी जी का पूरा बदन कांप गया.
उन्होंने अपने होंठों को मेरे होंठों से हटाया और उनके मुँह से ‘अह्ह्ह …’ निकल गयी, उनके पैरों की जकड़ ढीली हो गई.
मामी जी- ऊंह मर गइई रे … बहुत मोटा लंड है … राहुल आपका.. ओह्ह … मेरी चूत के दीवारों को हिला कर रख दिया!
और उन्होंने मेरी ओर वासना भरी मुस्कान के साथ देखते हुए आंख दबा दी.
मामी जी की बातों से मैं जोश में आ गया और मैंने बिना कुछ बोले अपने लंड को तेज़ी से मामी जी की चूत में तेज़ी से अन्दर बाहर करना चालू कर दिया.
मेरा मोटा लंड अब मामी जी की चूत की दीवारों से बुरी तरह से रगड़ ख़ाता हुआ तेज़ी से अन्दर बाहर होने लगा और मामी जी के बदन में फिर से मस्ती छाने लगी.
मामी जी- ओह ओह्ह ओ ओह हइई मार डाला … उफ्फ़ सुनिए राहुल … ओह्ह् … ओह्ह अपने मूसल लंड सेसीई और जोर से चोदो ओह्ह्ह.
मेरा लंड अब पूरी तरह से मामी जी की चूत के पानी से भीग चुका था और फक-फक की आवाज़ से अन्दर बाहर हो रहा था.
मामी जी भी पूरी मस्त हो चुकी थीं और उन्होंने अपनी टांगों को फिर से उठा कर मेरी कमर पर कस लिया.
साथ ही अपने होंठों को दांतों में भींच कर अपनी गांड को ऊपर की तरफ उछाल कर अपनी चूत को मेरे लंड पटकने लगीं.
मैंने जब मामी जी को ऐसे गांड उछाल कर मेरा लंड अपनी चूत में लेते देखा तो मैं और पागल हो गया.
मैं भी पूरे ज़ोर से अपने लंड को पूरा बाहर निकाल कर ज़ोर-जोर से अन्दर पेलने लगा.
हम दोनों की जांघों के आपस में टकराने से थप-थप की आवाज़ आने लगी.
मामी जी- ओह्ह्ह … और जोर से चोदीईईए राहुल ओह्ह्ह ओह्ह्ह उंह मेरीए चूत पानी छोड़ने वाली है … ओह्ह्ह्ह राहोहुल ओह अह ओह उईईई म्ह्ह्ह सीईई ईईईई ओह.
बस ये कहते कहते ही मामी जी का बदन ढीला पड़ गया. उनकी टांगें, जो मेरी कमर पर थीं, नीचे हो गईं और मुझे अपनी बांहों में भरते हुए मेरे होंठों को चूमने लगीं.
मैं भी झड़ने के करीब था इसलिए मैं और तेज़ी से मामी जी की चूत में अपना लंड पेलने लगा.
कुछ ही पलों में मेरा भी बदन अकड़ गया और मेरे लंड ने मामी जी की चूत में अपने गाढ़े पानी की बौछार कर दी.
जैसे ही मेरा झड़ना बंद हुआ … मैं मामी जी के ऊपर ही लुढ़क गया.
मामी जी मेरा लंड अपनी चूत में लिए हुए वैसे ही लेटी रहीं और मेरे होंठों को चूसते हुए बालों को सहलाने लगीं.
मेरे गाल मामी जी की चूचियों पर दबे हुए थे और मेरा आधा तना हुआ लंड अभी भी मामी जी की चूत में ही था.
मामी जी ने मेरी पीठ को सहलाते हुए अपने होंठों को मेरे होंठों से सटाए रखा.
हम दोनों काफ़ी देर एक दूसरे के होंठों को चूसते रहे.
जब मैं मामी जी की बगल को पलट गया तब मेरा लंड मेरा भीगा हुआ लंड जो अभी भी आधा तना हुआ था, पुच की आवाज़ से मामी जी की चूत से बाहर आ गया.
मेरा लंड मामी जी की चूत के पानी से एकदम सना हुआ था.
मामी जी ने पास में पड़ी अपने साड़ी उठाई और मेरे लंड को अपनी साड़ी से अच्छी तरह से पौंछ कर साफ कर दिया.
एक पल बाद मामी जी ने मुस्कराते हुए मेरी आंखों में देखा और फिर थरथराती हुई मदहोशी से भरी आवाज़ में बोलीं- आहह राहुल बाबू … सच में आप जालिम हो. जो भी आपकी बीवी बनेगी … उसके तो भाग खुल जाएंगे. वो रोज आपका लंड अपनी चूत में लेने के लिए मचलेगी.
ये कह कर मामी जी ने एक बार मेरे होंठों को चूमा और फिर बिस्तर से उतर कर अपनी साड़ी पहनने लगीं.
साड़ी पहनने के बाद मामी जी मेरे बगल में लेट गईं और मेरी आंखों में देखते हुए बोलीं- क्यों मेरे राजा … अपनी मामी की चूत पसंद आई? मज़ा आया मुझे चोदने में?
मैं Xxx मामी की बात को सुन कर एकदम से खुश हो गया और उनसे पूछा- आप रोज मुझसे चुदेंगी मामी जी?
मामी जी- आप जब तक मुझे नाम से नही बुलाएंगे, तब तक नहीं करूंगी.
मैंने मुस्कुराते हुए कहा- क्यों नहीं … आपको चोदने के लिए तो कुछ भी करूंगा.
मामी जी- मैं एक बात आपसे कहना चाहती हूं.
मैंने पूछा- अब क्या है?
मामी जी- अगर आपको मेरी चूत भी पसन्द आ गयी हो … तो मुझसे शादी कर लो. मैं खूबसूरत और जवान भी हूँ. मैं आपको पूरा मज़ा दूंगी और हमेशा खुश रखूंगी. अगर मुझसे शादी नहीं करोगे, तो मैं तो आपकी रखैल बन कर रह जाऊंगी.
मैं उन्हें बहुत प्यार करता था और वो भी मुझसे बहुत प्यार करती थीं. मैंने उनकी बात को मान लिया.
फिर मैंने उनसे कहा- आप मुझसे शादी करना चाहती हो, तो एक काम करना पड़ेगा.
मामी जी- मैं सब कुछ करने के लिए तैयार हूं. मगर तुम मुझे अबसे आप कह कर नही बुलाओगे … और मैं भी तुमको तुम ही कहूँगी.
मैं- ठीक है … तो मैं तुम्हारी सारी कुंवारी बहनों को चोदना चाहता हूँ.
वो बोलीं- मंजूर है … लेकिन उनकी इच्छा हो तो मुझे कोई आपत्ति नहीं है.
मैं- वो तुम छोड़ो … वो सब मुझ पर छोड़ दो.
मामी जी- ठीक है … तो शादी जल्दी करते हैं.
मैं- फिर मैं रमेश काका से पूछ लेता हूं कि हमें शादी कब करनी चाहिए.
वो बोलीं- हां पूछ लेना.
मैं- अच्छा अब और एक राउंड हो जाए मामी जी.
मामी जी- नहीं.
मैं- प्लीज आ जाओ ना … इतना नखरा क्यों दिखाती हो?
वो कहने लगीं- नहीं जब तक तुम मुझे नाम से नहीं बुलाओगे और मुझसे शादी नहीं कर लेते, तब तक मैं नहीं आऊंगी.
मैं- मतलब शादी अभी के अभी करनी पड़ेगी?
मामी मुस्कुरा दीं और बोलीं- यदि मजा लेना है तो अभी करनी ही पड़ेगी.
मैंने भी उन्हें छेड़ा- यदि शादी अभी न की तो?
मामी- मैं मर जाऊंगी.
मैंने समझ लिया था कि मामी अपनी जिद पूरी करवा कर ही मानेंगी.
तो मैं मामी का इशारा समझकर फटाफट उठा और कपड़े पहनकर शादी की तैयारी करने बाहर निकल गया.
अगली बार Xxx मामी से शादी करके मैंने उनकी चुदाई का मजा लिया और उनकी कुंवारी बहनों की सील तोड़ चुदाई का मजा कैसे लिया … वो सब मैं अगली सेक्स कहानी में लिखूंगा.
आप सब कमेंट्स करना न भूलें.
लेखक के आग्रह पर इमेल आईडी नहीं दी जा रही है.