देसी बुआ चुदाई कहानी में मैंने अपनी बुआ को बहला फुसलाकर सेक्स के लिए गर्म कर दिया. जब मैंने बुआ की चूत को चोदना चाहा तो उन्होंने मुझे नहीं रोका.
दोस्तो, मैं समीर एक बार फिर से आपके सामने अपनी बुआ की चुदाई की कहानी लेकर हाजिर हूँ.
कहानी के पहले भाग
बुआ को फूफा से तृप्ति नहीं मिली
में अब तक आपने पढ़ लिया था कि मैं बुआ को चोदने के लिए हर तरह से गर्म कर चुका था. और आज की रात मेरा बुआ के पास होना बहुत जरूरी था क्योंकि आज बुआ के घर में फूफा जी और उनके पिता जी बाहर गए हुए थे.
घर में सिर्फ बुआ थीं. यह मेरे लिए एक सुनहरा मौका था.
अब आगे देसी बुआ चुदाई कहानी:
मैंने बाइक उठाई और घर वालों से बोल दिया कि बुआ अकेली हैं, मुझे रात होने से पहले पहुंचना है.
मुझसे किसी ने कुछ नहीं कहा.
मैंने फुल स्पीड से बाइक भगाई, रास्ते से कॉन्डोम का पैक खरीदा.
जब मैं बुआ के घर पहुंचा तो रात हो गई थी.
उन्होंने पास में रहने वाली अपनी ननद को सोने को बुला लिया था.
मुझे आया देखकर वो अपने घर चली गई.
अब बुआ और मैं अकेले थे.
मैंने निश्चय कर लिया था कि आज मौका है और हर हाल में बुआ को चोदना ही चोदना है क्योंकि ऐसा मौका फिर मिलना मुश्किल है.
बुआ खाना खाने के लिए थाली ही लगा रही थीं.
मैं उनके साथ ही खाने बैठ गया.
हमने दोनों ने साथ में ही खाना खाया.
बुआ बिल्कुल नॉर्मल लग रही थीं.
जब लेटने का समय आया तो बुआ बोलीं- आज अन्दर वाले कमरे में बेड पर ही सोएंगे. बाहर ठण्ड लगती है.
मैंने कहा- ठीक है.
बुआ ने बेड पर बड़ा वाला कम्बल डाल दिया था.
हमने थोड़ी देर किसिंग की.
बुआ बोलीं- कोई मूवी दिखा और आवाज़ स्लो रखना.
मैंने पोर्न मूवी लगा दी जिसमें जवान लड़का अपनी आन्टी के साथ सेक्स कर रहा था.
बुआ की वासना बढ़ने लगी.
मैं भी उनसे चिपक कर मूवी देख रहा था.
आज उन्होंने मुँह दूसरी तरफ नहीं किया था.
मैंने हल्के हल्के उनके गालों पर किसिंग शुरू कर दी.
उनकी वासना पहले ही बढ़ी हुई थी जो और बढ़ गई.
मैंने हल्के से उनके गले पर भी किस करना शुरू कर दिया.
बुआ की सांसें तेज़ हो चली थीं.
मैं मौका देखकर उनके ऊपर आ गया और अपने होंठ उनके होंठों पर रख दिए.
हम दोनों एक दूसरे के होंठ चूसने लगे.
मेरा लंड पूरा टाइट था जो बुआ की चूत को टच कर रहा था.
मैंने हल्के से अपना लंड बुआ की चूत पर रगड़ना शुरू कर दिया.
बुआ आहें भर रही थीं मगर अपनी तरफ से कोई पहल नहीं कर रही थीं. बुआ अपने आपको रोके हुई थीं.
जब उन्हें ज़्यादा ठरक चढ़ने लगी तो उन्होंने मुझे अपने ऊपर से उतार दिया.
मैंने दोबारा से उनके गले पर किस करना चालू कर दिया.
अब मैंने अपना हाथ ऊपर से ही उनके बूब्स पर रखा और दबाने लगा.
एक बार तो उन्होंने हटा दिया मगर मैंने दोबारा दबाना चालू कर दिया तो उन्होंने नहीं हटाया.
इससे मेरी हिम्मत बढ़ गई तो मैं किसिंग के साथ ही साथ अपना हाथ उनके ब्लाउज के अन्दर ले गया.
मैंने अपना हाथ ब्रा के अन्दर डाल कर उनके एक दूध को पकड़ लिया.
जब मेरी उंगलियां उनके निप्पल पर पहुंची तो उनकी सिसकारियां निकलने लगीं- उम्म … सिस … आह … उम्म!
मैं थोड़ी देर तक उनके निप्पल को मसलता रहा.
अब मैं अपना हाथ उनके पेटीकोट पर ले गया.
पहले तो उन्होंने हटाने की कोशिश की मगर मैं अपना हाथ ऊपर से ही उनकी चूत पर ले जाकर ऊपर से ही मसलने लगा.
उन्हें मज़ा आने लगा था मगर वो ऊपर से ही मज़े ले रही थीं.
मैंने अपना हाथ जब उनके पेटीकोट में डाल कर चूत पर रख दिया तो बुआ थोड़ा कसमसाईं.
मगर मैंने अपना हाथ नहीं हटाया.
चूत को मसलने में मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था.
उनकी चूत पूरी गीली हो चुकी थी.
जब मुझे लगा कि अब बुआ विरोध नहीं करेंगी तो मैंने अपना हाथ पेटीकोट से बाहर निकाल दिया.
मगर मैंने किसिंग करना नहीं छोड़ा.
अगर थोड़ी सी भी ढील देता तो बुआ हट सकती थीं.
तो मैंने उन्हें किसिंग में उलझाए रखा.
मैं अपना हाथ उनके नाड़े पर ले गया और झटके से उनका नाड़ा खोल कर पेटीकोट नीचे कर दिया.
अब उनकी चूत नंगी थी.
उन्होंने नीचे कुछ नहीं पहन रखा था.
मैंने फिर से अपना हाथ उनकी चूत रख दिया.
पहले मैंने उनकी चूत के ऊपर वाले हिस्से को मसला और ऐसे दिखाया कि मुझे अभी तक चूत का पता नहीं कि किधर होती है.
मैंने बुआ से पूछा- आपकी चूत का छेद किधर है, मुझे मिल नहीं रहा!
तो बुआ बोलीं- थोड़ा और नीचे है.
मैंने हाथ आगे बढ़ा कर अपनी बीच वाली उनकी उंगली उनकी चूत में घुसा दी.
अब वो मना करने लगीं मगर मैंने उंगली अन्दर बाहर करना शुरू कर दी.
बुआ की सिसकारियां निकल रही थीं. बुआ ने मुझे फिर रोका तो मैं बोला- अरे बुआ, मैं बस उंगली ही तो कर रहा हूँ … इससे आपको अच्छा लगेगा.
उन्हें भी मज़ा आ रहा था तो उनके विरोध में सहमति थी.
थोड़ी देर उंगली करने के बाद मैं बुआ के ऊपर आ गया और उनके गले और होंठों पर किस करते हुए फिर से अपनी उंगली उनकी चूत में घुसेड़ कर उनकी चूत चोदने लगा.
बुआ सिसकारियाँ ले रही थीं और आवाजें निकाल रही थीं- ऊह … आह … हम्म … उई!
मैंने उनका ध्यान भटका कर अपना लोअर नीचे किया. मैंने पहले ही अंडरवियर नहीं पहना था तो मेरा लंड आज़ाद था.
मेरा लंड अब बुआ की चूत को टच कर रहा था.
बुआ मुझे धक्का देकर हटाने की कोशिश करने लगीं और बोलीं- यह सही नहीं है … मैं लंड अन्दर नहीं लूंगी.
मगर मैंने उन्हें आश्वासन दिया- आप बेफिक्र रहो, मैं अन्दर नहीं करूँगा. बस ऊपर ऊपर से ही करूँगा. अन्दर नहीं डालूंगा.
बुआ मेरी बातों में आ गईं.
मैंने हल्के हल्के से अपना लंड उनकी चूत पर फिराना शुरू कर दिया.
बुआ अब नीचे से कमर उठा उठा कर मेरे लंड को धक्के दे रही थीं मगर अन्दर नहीं ले रही थीं.
मेरा लंड उनकी चूत के छेद को टच कर रहा था.
मैं भी बार बार अपना लंड उनकी चूत के छेद पर लगाता रहा.
मैं कभी कभी अपना सुपारा उनकी चूत के छेद पर लगा देता.
मैं ऐसा करता तो उनकी आह निकल जाती.
जब मैंने देखा कि अब मौका है,तो मैंने एक ही झटके में अपना आधा लंड उनकी चूत में घुसेड़ दिया.
उनकी चीख निकल पड़ी- आह … मर गई … तूने मेरी चूत फाड़ दी … आह.
उन्होंने इतना बड़ा और मोटा लंड इससे पहले नहीं लिया था.
बुआ मुझे धक्के देकर हटाने की कोशिश करने लगीं मगर मैंने उन्हें कस कर दबोच लिया.
वो बोलीं- ये तूने क्या किया … मैं तेरी बुआ हूँ.
मैंने बोला- बुआ, हम दोनों दोस्त भी हैं.
मगर उनकी आंखों में आंसू थे.
अब पता नहीं कि वो पछतावे के थे या दर्द के!
वो जब थोड़ा शांत हुईं तो मैंने दूसरा धक्का मार कर अपना पूरा लंड उनकी चूत में उतार दिया.
वो फिर से चिल्ला उठीं और कहने लगीं- रुक जा थोड़ी देर!
मैं रुक गया मगर मैंने उन्हें किस करना नहीं छोड़ा.
बुआ कसमसा रही थीं.
मैं बोला- बुआ जो होना था, वो तो हो ही गया, भले ही अनजाने में हो गया हो. अब हम और आप इसे बदल नहीं सकते. इसलिए मेरी मानो और सेक्स का मज़ा लो.
बुआ कुछ नहीं बोली.
अब मैंने किस करते करते ही उनकी ब्रा और ब्लाउज उतार दिया.
बुआ ने कोई विरोध नहीं किया. बुआ अब ऊपर से नंगी थीं.
मैंने उनके एक दूध को अपने मुँह में भर लिया और उनके निप्पल को चूसने लगा.
अब उन्हें कुछ आराम मिला तो उनकी सिसकारियां निकलने लगीं.
मैंने हल्के से धक्के लगाना शुरू कर दिए.
अब उन्हें भी मज़ा आने लगा था.
वे बोलीं- एक बार उतरो ज़रा!
मुझे लगा कि बुआ शायद सेक्स करना नहीं चाहती हैं … इसलिए मुझे उतरने को कह रही हैं.
मैं हटने को तैयार नहीं था.
मगर उनके ज़्यादा कहने पर मैंने अपना लंड निकाल लिया और ऊपर से हट गया.
बुआ ने जल्दी से अपना पेटीकोट निकाल कर एक तरफ फेंक दिया और पूरी नंगी हो गईं.
बुआ ने मेरी टी-शर्ट को भी निकाल कर फेंक दी.
अब हम दोनों जन्मजात नंगे थे.
इसी बीच मैंने को कॉन्डोम निकाल कर पहन लिया.
अब उन्होंने मेरी तरफ कातिल निगाह से देखा तो मैं मुस्कुरा कर एक बार फिर उनके ऊपर आ गया, अपना लंड सैट करके फिर से उनकी चूत में पेल दिया.
बुआ की सिसकारियां और आहें निकल रही थीं- आह … ऊह … आह … हाय … मैं मरी … आह मेरे राजा … आह मेरी जान … चोद मुझे … जी भर कर चोद … बुझा दे मेरी प्यास मेरे राजा … मैं अभी तक अधूरी हूँ. मेरी चूत का भोसड़ा बना दे … आज प्यास बुझा दे मेरी!
उनकी बातें सुन कर मेरा भी जोश दोगुना हो गया और मैंने ताबड़तोड़ धक्के लगाना शुरू कर दिए.
फिजा की चुदाई के बहुत दिनों बाद मुझे चूत नसीब हुई थी तो मेरे धक्कों की स्पीड डबल थी.
बुआ की चूत से पानी निकल निकल कर चादर पर गिर रहा था.
जब मैं पूरी ताकत से धक्का लगाता तो उनका पानी प्रेशर के साथ बाहर ऐसे निकलता जैसे किसी पानी वाले नल से पानी निकलता है.
मैं ताबड़तोड़ धक्के लगा रहा था.
जब मुझे लगता कि मैं झड़ने वाला हूँ तो मैं थोड़ी देर रुक कर बुआ को भी रुकने का इशारा कर देता.
फिर दोबारा से धक्के लगाने लगता.
बुआ भी नीचे से धक्के लगा रही थीं.
थोड़ी देर बाद बुआ का शरीर अकड़ने लगा और बुआ ने पानी छोड़ दिया.
साथ ही मैंने भी अपना पानी निकाल दिया.
मैंने उस रात बुआ को तीन बार और चोदा.
देसी बुआ चुदाई के दूसरे दौर में खुद घोड़ी बन कर चुदीं.
मैंने भी उन्हें हचक हचक कर चोदा.
मैंने उनकी गांड भी मारी.
बुआ और मैं थक कर नंगे ही एक दूसरे से चिपक कर सो गए.
सुबह बुआ ने मुझसे कहा- समीर मुझे अपनी पूरी ज़िंदगी में इतना मज़ा नहीं आया जो मज़ा कल तुमने मुझे दिया. मैं कभी नहीं भूल सकती. आज से तुम मेरे पति हो. मुझे तुम्हारा सेक्स करने का तरीका बहुत पसंद आया.
ये सुनकर मैंने उन्हें फिर से बेड पर पटक दिया और एक बार फिर से उनकी जमकर चुदाई की.
अब बुआ मुझसे बिना कॉन्डोम के चुदाई को कहतीं … जो मुझे समझ नहीं आया.
मैंने भी उनकी इच्छा का सम्मान करते हुए उन्हें बिना कॉन्डोम के चोदा.
मुझे लगा कि बुआ अभी तक जब माँ नहीं बनी हैं तो शायद उन्हें पता है कि उनमें कोई कमी है.
जब तक मैं बुआ के घर रहा, उन्हें रोजाना चोदता.
वो भी पूरा मज़ा लेतीं और पोर्न वीडियो देख कर मुझसे वैसे ही चुदाई को कहतीं.
मैं भी उन्हें निराश नहीं करता, पूरा मज़ा देता.
बुआ के घर मैं जब तक रहा, वे बहुत खुश रहीं.
जब मैं अपने घर आया तो उन्होंने मुझे फोन पर खुश खबरी दी- मैं माँ बनने वाली हूँ.
मैं तो चौंक गया और घबरा कर कहा- अब क्या होगा?
वो बोलीं- तू बेफिक्र रह, तेरे फूफा को लगता है कि ये उनका बच्चा है.
कुछ दिन बाद बुआ ने एक बेटे को जन्म दिया.
जब मैं उनके बेटे को देखने गया तो बुआ ने कहा- देख तू बाप बन गया!
मैं बहुत खुश था.
बाद में मेरी भी शादी हो गई मगर जब भी मुझे मौका मिला, मैंने बुआ को भरपूर चोदा.
एक बार मैंने अपने घर पर बुआ को अपनी बीवी के होते हुए भी चोदा और किसी को कानों कान खबर भी नहीं होने दी.
मेरी ये कहानी एकदम सच्ची कहानी है. आपको मेरी देसी बुआ चुदाई कहानी पसंद आयी होगी.
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