देसी लड़की सील तोड़ चुदाई की कहानी का मजा लें इस भाग में! मैंने अपने लंड पर और GF की बुर में तेल लगाया और लंड टिका दिया बुर की फांकों के बीच!
फ्रेंड्स, नमस्ते.
मेरी सेक्स कहानी के पिछले भाग
पहली बार चुदाई का डर
में आपने पढ़ा था कि मैं और सोनी चुदाई का आनन्द लेने के लिए लॉज में आ गए थे और मैं सोनी की बुर में अपना लंड घुसाने की कोशिश कर रहा था.
अब आगे देसी लड़की सील तोड़ चुदाई की कहानी:
मैं कुछ देर तक एक हाथ से सोनी की पीठ और दूसरे हाथ से उसके चूचे सहलाता रहा और बीच बीच में उसकी पीठ को चूम लेता रहा.
थोड़ी देर बाद मैंने अपने हाथ से उसकी पीठ पर दबाव बनाया और उसकी पीठ को दबा दिया ताकि उसकी बुर थोड़ी बाहर की तरफ आ जाए.
फिर मैंने अपने लंड पर तेल लगा कर थोड़ा और दबाव दिया.
बुर की फांकें लंड के सुपारे को पकड़ चुकी थीं.
सोनी सांस रोके मेरे अगले हमले का इंतजार कर रही थी.
पर मैंने सुपारे को वहीं पर रोक दिया और सोनी की पीठ चूमते हुए उसका ध्यान होने वाले दर्द से हटाने की कोशिश करने लगा.
मैं- बेबी, दर्द हो रहा है?
सोनी लगभग डांटती हुई बोली- नहीं, तुम्हें जो करना है, जल्दी करो.
उसकी बात सुनते ही मैंने उसकी कमर को कसके पकड़ा और एक जोरदार धक्का दे मारा.
मेरे लंड का लगभग तीन चौथाई हिस्सा बुर फाड़ता हुआ अन्दर प्रवेश कर चुका था.
लड़की सील तोड़ धक्के से चीख पड़ी- उई मम्मीईई … आह … मर गई उह … बेबी … मेरी फट गई … आंह प्लीज बाहर निकालो ना. बहुत दर्द हो रहा है. प्लीज बाहर निकाल लो, मैं मर जाऊंगी.
सोनी आगे सरकने की कोशिश करने लगी पर मेरी मजबूत पकड़ की वजह से वो आगे नहीं जा पायी.
फिर सिसकती हुई रोने सी लगी- आंह बेबी प्लीज, बहुत दर्द कर रहा है … एक बार निकाल लो … बाद में फिर से डाल लेना.
मैं उसकी पीठ को चूमते हुए बोला- बेबी जितना दर्द होना था, हो चुका. अब दर्द नहीं होगा क्योंकि मेरा पूरा अन्दर जा चुका है.
उस वक़्त मैंने सोनी को झूठ बोला.
तब सोनी थोड़ी शांत हुई और मैं भी उसके रिलैक्स होने का इंतजार करने लगा.
कुछ देर बाद सोनी अपनी कमर इधर उधर हिलाने लगी तो मैं भी धीरे धीरे अपनी कमर आगे पीछे करने लगा.
अभी भी मेरा लंड पूरी तरह से उसकी योनि में नहीं गया था.
मगर जितना गया था, मैं उतने ही हिस्से को आगे पीछे करने लगा.
मेरे हर झटके पर सोनी के मुँह से ‘आह … उह … आह …’ निकल रहा था.
कुछ देर बाद मैंने अपना लंड निकाल लिया.
सोनी की बुर एकदम साफ थी मतलब ना ही सोनी के बुर में … और ना ही मेरे लंड पर मुझे खून दिखा.
सोनी भी सीधी बैठ गई थी और वो कभी मेरे लंड को देखती, तो कभी अपनी बुर को.
वैसे मैंने कहीं पढ़ा था कि पहली बार चुदाई के दौरान खून निकलना जरूरी नहीं है.
और सच कहूं तो मुझे उस वक़्त फर्क भी नहीं पड़ रहा था.
पर सोनी ये सोच कर टेंशन में थी कि उसकी बुर से खून क्यों नहीं निकला या मैं क्या सोचूंगा उसके बारे में?
वो बार बार मुझे विश्वास दिलाने की कोशिश करने लगी कि ये उसका पहली बार है.
मैंने उसको प्यार से समझाया कि ये सब मुझे बताने की जरूरत नहीं है, तुम्हारा कुँवारी होना या ना होना मेरे लिए जरूरी नहीं है. मेरे लिए बस इतना जरूरी है कि तुम मेरे साथ हो तो सिर्फ मेरी बन कर रहो और मुझे तुम पर पूरा भरोसा है.
काफी देर तक हम उसी मुद्दे पर बात करते रहे और मैं उसको समझाता रहा.
तब जाकर वो सामान्य हुई.
उसके बाद मैंने सोनी को मिशनरी आसन में कर दिया और उसके ऊपर आकर अपने लंड को उसकी बुर में घुसा कर अपनी कमर चलाने लगा.
धीरे धीरे सोनी का भी दर्द गायब हो गया और वो अब कामुक सिसकारियां लेने लगी.
मैंने सही मौका देखकर एक और जोर का धक्का लगाया. मेरा पूरा लंड बुर में जड़ तक घुस चुका था.
इस प्रहार से सोनी की तो जैसे आंखें ही बाहर को आ गयी थीं.
जैसे ही वो चीखने को हुई, मैंने तुरंत ही उसके होंठों को अपने होंठों की गिरफ्त में ले लिया.
सोनी बस ‘गु … गु …’ करके रह गयी.
मैं धीरे धीरे फिर से अपनी कमर आगे पीछे करने लगा.
थोड़ी ही देर में सोनी अपने हाथ मेरी कमर पर रख कर मेरी कमर की रफ्तार को बढ़ाने लगी.
गीली बुर और लंड में तेल लगे होने की वजह से चिकनाहट में कोई कमी नहीं थी.
इस वजह से मेरा लंड आराम से अन्दर बाहर चलने लगा.
अभी कुछ पल ही बीता था कि मुझे लगा मेरा होने वाला है इसलिए मैंने जल्दी से अपना लंड निकाल लिया और भाग कर बाथरूम में घुस कर हस्तमैथुन करके अपना पानी निकाल दिया.
उस वक़्त मुझे लगा शायद अभी सोनी का स्खलन नहीं हुआ था, पर अब मैं कुछ नहीं कर सकता था.
उसके बाद हम तैयार होकर निकल गए.
घर पहुंच कर बातचीत के दौरान सोनी के बताया कि उसे उतना मज़ा नहीं आया, जितना हम वीडियोज़ में देखते थे.
इसलिए उसने अगले दिन फिर से लॉज में चलने को बोला और साथ ही साथ ये भी शर्त रख दी कि अब हम किसी दूसरे लॉज में जाएंगे.
जब मैंने कारण पूछा तो उसने बताया- अभी आज ही हम इस लॉज में जाकर आए हैं, अगर कल फिर गए तो लॉज वाले भी सोचेंगे कि कितनी ठरक चढ़ी है दोनों को.
उसकी बात मुझे भी ठीक लगी तो हमने किसी और लॉज में जाने का पक्का कर लिया.
इतने दिनों से लॉज में जाने की वजह से अब हम दोनों में किसी और लॉज में जाने में कोई झिझक नहीं थी.
अगले दिन हम फिर मिले और पहुंच गए एक नए लॉज में.
लॉज की सभी प्रक्रिया पूरी करने के बाद हम फिर से एक कमरे में बंद हो गए.
नया लॉज था और नया कमरा भी तो एक बार चैक करना भी जरूरी था इसलिए मैंने फिर से पहली बार वाला ही तरीका अपनाया, कमरे की सारी लाइट्स ऑफ करके अपने मोबाइल के कैमरे से कमरे का हर एक कोना चैक किया.
पूरी तसल्ली होने के बाद जैसे ही मैं लाइट्स को ऑन किया, सोनी ने तुरंत ही अपने कपड़े निकालने शुरू कर दिए.
आज कुछ ज्यादा ही जल्दी में थी लड़की!
जब मैं मज़ाक में बोला- क्या बात है? आज कुछ ज्यादा ही जल्दी में हो?
तो सोनी भी मुस्कुराती हुई बोली- आज पूरा मज़ा लेना है ना इसलिए.
मैं सोनी की मंशा समझ गया, चूकि सोनी को बुर चुसाई का आनन्द तो मैं पहले से ही देता आया था.
अब तो उसे बुर चुदाई का आनन्द देना था इसलिए आज मैं कोई जल्दीबाजी नहीं करना चाहता था.
इतने देर में सोनी अपना टॉप निकाल चुकी थी, अब उसके शरीर के ऊपरी हिस्से पर सिर्फ ब्रा बची थी.
आज मैं सोनी को पूरी तरह गर्म करके चोदना चाहता था ताकि उसे भी चुदाई का भरपूर आनन्द मिले.
इसलिए मैंने उसका हाथ पकड़ कर अपनी तरफ खींच लिया और उसे किस करने लगा.
सोनी भी मेरा पूरा साथ देने लगी.
किस के दौरान मेरे हाथ कभी सोनी की पीठ सहलाते तो कभी उसके नितंबों को.
हमारे जीभ एक दूसरे में उलझे पड़े थे.
कुछ मिनट की किसिंग के बाद मैं पहले उसके गालों को, फिर गले पर फिर कंधे पर किस करते हुए नीचे आने लगा.
आज मैंने उसके मम्मों को चूसा तो कुछ अलग बात थी बल्कि अभी तक छुआ तक नहीं था.
उसके कंधे पर किस करने के बाद मैं अपने घुटनों पर बैठ गया और सोनी की नाभि को चूमने लगा.
गुदगुदी के कारण सोनी ने हंसते हुए मेरे मुँह को अपनी नाभि से हटा दिया.
अब मैंने अपने दोनों हाथों से उसकी सलवार को पैंटी सहित उसके जांघों तक नीचे खींच दिया.
आज सोनी की बुर एकदम साफ थी मतलब आज ही उसने बुर की झांटों को साफ़ किया था.
उसकी सफाचट बुर देखकर मेरी आंखों में तो चमक सी आ गयी.
मैंने शरारती अंदाज में सोनी के चेहरे की तरफ देखा तो सोनी ने शर्म वश अपने हाथों से अपना चेहरा छिपा लिया.
मेरे लिए यही सही मौका था और मैंने देर न करते हुए अपने होंठ सोनी की बुर के ऊपरी भाग पर रख दिया.
अपनी बुर पर मेरे होंठों का स्पर्श पाते ही सोनी के मुँह से आह सी निकल गयी और वो मेरे ऊपर झुक सी गयी.
अब मैं शुरू हो गया.
चूँकि सोनी खड़ी थी और मैं घुटनों पर था, तो इस आसन में मेरी जीभ सोनी की बुर की गहराई तक तो पहुंचना मुश्किल था, फिर भी जितना संभव हुआ, मैंने अपनी जीभ को बुर की दरार में चलाना शुरू कर दिया.
इधर मेरी जीभ ने हरकत शुरू की ही थी कि सोनी के मुँह से मादक सिसकारियां निकलने लगीं जो मेरा जोश और बढ़ा रही थीं.
जांघों तक सलवार और पैंटी के फंसे होने की वजह से सोनी अपने दोनों पैर और चौड़ी नहीं कर पा रही थी, फिर भी वो जितना संभव हो रहा था, उतना अपने पैर चौड़े करने की कोशिश कर रही थी ताकि मैं उसकी बुर को गहराई तक चाट सकूं.
मुझे भी ऐसे चाटने में थोड़ी तकलीफ हो रही थी तो मैंने उसकी सलवार और पैंटी को उसके शरीर से अलग कर दिया और उसकी टांगों को चौड़ा करके अपनी जीभ बुर की दरार में फिराने लगा.
सोनी ने दीवार का सहारा लेकर अपनी एक टांग को मेरे कंधे पर रख दिया और मेरे बालों को सहलाने लगी.
अब सोनी की बुर एकदम खुल चुकी थी तो मैं अपनी जीभ सोनी के बुर की दरार में ऊपर से नीचे तक चलाने लगा.
सोनी एकदम मदमस्त होकर सिसकारियां ले रही थी.
कुछ देर बाद मैंने अपनी जीभ को बुर के मध्य कड़क हो चुके भगनासे पर फिराना शुरू कर दिया और साथ ही अपनी एक उंगली को बुर के छेद में घुसा दिया.
इससे सोनी चिहुंक सी गयी.
पर जैसे जैसे मेरी उंगलियों ने अन्दर बाहर करना शुरू किया, वैसे वैसे सोनी गर्म आहें भरने लगी.
इस प्रक्रिया को काफी टाइम हो चुका था, सोनी भी एकदम गर्म हो चुकी थी और मेरा भी खुद को कंट्रोल करना मुश्किल हो रहा था.
मैं नहीं चाहता था कि सोनी फोरप्ले के दौरान ही झड़ जाए, इसलिए मैं रुक गया और खड़ा हो गया.
मैंने सोनी को किस करते हुए बेड पर लिटा दिया और उसके ऊपर आकर उसके मम्मों को दबाने लगा.
थोड़ी देर बाद मैंने उसके पीठ के पीछे अपना हाथ ले जाकर उसकी ब्रा का हुक खोल कर ब्रा को भी निकाल दिया.
मेरे सामने उसके रसीले मम्मे उछल कूद करने लगे थे.
मैंने उसके मम्मों को चूसना और दबाना शुरू कर दिया.
इसी बीच अपना एक हाथ नीचे ले जाकर मैंने बुर के दाने को भी रगड़ना शुरू कर दिया.
सोनी की हालत एकदम खराब हो चुकी थी. अब उसका खुद को रोकना मुश्किल हो गया था.
उसने एक हटके से मुझे खुद के ऊपर से हटा दिया और मेरे कपड़े उतारने लगी.
जल्दी ही मैं भी उसके सामने एकदम नंगा हो गया. हम दोनों के शरीर पर एक भी कपड़ा नहीं था.
सोनी मुझे लिटा कर मेरे ऊपर आ गयी और मेरे लंड को पकड़ कर अपने बुर में घुसाने लगी.
मैं उसे और तड़पाना चाहता था, इसलिए मैंने सोनी को पलट दिया और उसके ऊपर आ गया.
मैंने अपने लंड के सुपारे को बुर के दाने पर रगड़ना शुरू कर दिया.
सोनी के मुँह से सिसकारियां और आहों की मीठी सीत्कार निकलने लगी.
यौन उत्तेजना की वजह से सोनी की बुर पानी छोड़ने लगी थी.
सोनी अपनी कमर उठाकर मेरे लंड को अपनी बुर में लेने की कोशिश करती तो मैं भी अपनी कमर उठाकर लंड और बुर के बीच की दूरी बढ़ा देता.
एक दो बार कोशिश करने के बाद जब सोनी सफल नहीं हुई तो खीज सी गयी.
मुझे भी देर करना ठीक नहीं लगा तो मैंने अपने होंठों से सोनी के होंठों को लॉक किया और धीरे धीरे लंड को सोनी की बुर में घुसाने लगा.
कल की एक बार की चुदाई और चिकनाई की वजह से आज मेरा लंड आसानी से बुर में प्रवेश कर गया.
उस दौरान सोनी के चेहरे पर हल्का दर्द झलक रहा था.
मेरा लंड चूत में पूरी तरह समा चुका था.
मैं थोड़ी देर के लिए रुक गया.
थोड़ी देर बाद सोनी खुद ही अपनी कमर ऊपर नीचे करने लगी.
मैं समझ गया कि सोनी का दर्द गायब हो गया है और अब सोनी क्या चाहती है.
मैंने भी अपनी कमर हिलाना शुरू कर दिया, पहले धीरे धीरे … फिर स्पीड बढ़ा दिया.
सोनी की आहें भी धीरे धीरे बढ़ने लगीं.
थोड़ी देर बाद मैंने सोनी को अपने ऊपर कर लिया.
उसने खुद का बैलेन्स बनाया और मेरे लंड की सवारी करने लगी.
हम दोनों की कामुक सिसकारियां एक दूसरे का जोश बढ़ा रही थीं और उसी जोश की वजह से मैं जल्दी ही स्खलित होने को आ गया.
जब मैंने सोनी को बताया, तो सोनी बोली- बेबी थोड़ी देर और करो, मेरा भी होने वाला है.
मैं- बेबी, निकलना कहां है?
सोनी- आज अन्दर ही आने दो, मैं गोली खा लूँगी.
मैंने सोनी को अपने ऊपर झुकाया और नीचे से जोरदार झटके देने लगा.
पट पट की आवाज पूरे कमरे में गूंज रही थी.
अभी 2-3 मिनट ही हुए थे कि सोनी का शरीर काँपने लगा और वो मुझसे कसकर चिपक गयी.
मैं समझ गया कि सोनी का काम हो गया.
सोनी मेरे ऊपर निढाल सी पड़ गयी.
अभी मेरा नहीं हुआ था तो मैंने स्पीड कम नहीं की और वैसे ही झटके लगाता रहा.
थोड़ी ही देर में मेरे अन्दर की सारी गर्मी मैंने सोनी की चूत में छोड़ दी. हम दोनों एकदम से निढाल हो गए और एक दूसरे से चिपक कर एक दूसरे की सांसों को महसूस करने लगे.
हमारे प्यार का रस सोनी की चूत से धीरे धीरे रिस कर मेरी नाभि के नीचे टपकने लगा.
कुछ देर बाद जब दोनों की सांसें नियंत्रित हुईं, तब मैंने सोनी की किस किया और उससे पूछा.
मैं- बेबी, आज कैसा लगा?
सोनी मुझे जोर की किस करती हुई बोली- बेबी, आज तो सच में बहुत मज़ा आया, आज पता चला चुदाई में इतना मज़ा मिलता है, तभी सब चुदाई के लिए इतना तड़पते हैं.
इतना कह कर सोनी मुझसे फिर से चिपक गयी.
उसके बाद हमने खुद को साफ किया और लॉज से ही मंगा कर कुछ नाश्ता किया.
उस दिन हमने दो बार सेक्स किया.
पहली बार में मेरा जल्दी हो गया था, पर दूसरी बार मैं काफी देर तक टिका रहा.
दूसरे राउंड में हमने कई और पोजीशन में चुदाई का आनन्द लिया.
सोनी भी उस दिन काफी खुश थी. उसकी चूत अब पूरी तरह खुल चुकी थी और उसे अब दर्द भी नहीं हो रहा था.
मेरी सेक्स कहानी जारी रहेगी.
आपको मेरी देसी लड़की सील तोड़ चुदाई की कहानी से उत्तेजना महसूस हो रही होगी?
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धन्यवाद.
देसी लड़की सील तोड़ चुदाई की कहानी का अगला भाग: प्यार और वासना की मेरी अधूरी कहानी- 5