हैलो फ्रेंड्स.. मेरा नाम निशंक है मैं 24 साल का हूँ. मैं छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से हूँ. मेरी गर्लफ्रेंड का नाम अल्का है और 20 साल की एक काँटा माल है.
मेरी प्रेम कहानी 6 महीने पहले स्टार्ट हुई थी, जो अब पूरी हुई है.
हम दोनों की मुलाकात एक साल पहले शुरू हुई थी. हम दोनों अच्छे और जॉइंट परिवारों से हैं. हम दोनों बिलासपुर यूनिवर्सिटी से बीएससी कर रहे थे. शुरूआत में हम दोनों में ऐसा कुछ नहीं था. हम दोनों साधारण फ्रेंड ही थे. नॉर्मली कॉलेज जाते थे. आप खुद कॉलेज लाइफ जानते ही हैं कि कैसी होती है.
साल भर एक साथ स्टडी करते-करते पता नहीं उसे कब मुझसे लव हो गया. मुझे पता तब चला कि वो मुझसे लव करती है, जब हमारे एग्जाम चल रहे थे. मेरी आदत है कि एग्जाम हॉल में, कभी भी 2.30 घंटे से ज़्यादा टाइम तक नहीं रुक सकता.. तो मैं हमेशा 2-2.30 घंटे में एग्जाम हॉल से बाहर निकल आता था. शायद वो मुझे प्रपोज करना चाहती थी.. इसलिए वो भी मेरे पीछे-पीछे एग्जाम हॉल से निकल कर मेरे पास आ जाती थी. लेकिन मैं उसे इग्नोर करते हुए निकल जाता था और वो अपने रूम के लिए निकल जाती थी.
आप जानते तो हैं ही कि लड़कियां पहले प्रपोज नहीं करती हैं. उससे फिर दोबारा कभी बात नहीं हुई थी, शायद वो रूठ गई थी.
एग्जाम के एक महीने के बाद व्यापम का एग्जाम हुआ, जिसके बाद गर्मी की छुट्टियां भी स्टार्ट भी हो गई थीं. वो अपने गाँव चली गई थी. फिर मैंने उसे एक दिन कॉल किया तो उसने कॉल रिसीव किया. मैंने अपना नाम बताया क्योंकि मैं उससे पहली बार मोबाइल से बात कर रहा था.
मैंने उसका हालचाल पूछा. फिर उसे कुछ देर बाद ‘आई लव यू..’ कहकर प्रपोज कर दिया.
वो गुस्से में तो थी ही.. उसने मेरा प्रपोजल रिजेक्ट कर दिया.
मैंने उससे बाय बोला और ‘तुम्हें दोबारा डिस्टर्ब नहीं करूँगा’ कह कर कॉल कट कर दिया. मैंने गुस्से में सिम भी तोड़ दी. मैं अब नई सिम यूज करने लगा. शायद उसे बाद में अहसास हुआ कि ऐसा नहीं करना चाहिए था, वो दोबारा उस नंबर पर कॉल करने की कोशिश करने लगी, पर मैंने तो सिम ही तोड़ दी थी.. तो फोन लगता कहाँ से.
अब मेरा व्यापम एग्जाम में सिलेक्शन हो गया, तो मैंने ये कॉलेज छोड़ दिया था.. और नया कॉलेज ज्वाइन कर लिया था.
हुआ यूं कि हमें कॉलेज की तरफ से गाँव गाँव जाकर गाँव की कुछ डिटेल जानना था, तो हम सब को एक-एक गाँव में जाना था. एक एक एरिया हरेक ग्रुप को मिला था. हरेक ग्रुप में करीब 25 स्टूडेंट थे और 25 गाँव थे. तो हम सभी ने तय किया कि हर स्टूडेंट 1-1 गाँव जाएगा और एक दिन में सारे गाँव पूरे हो जाएंगे.
आप यकीन नहीं करोगे कि मुझे अपनी पुरानी संगीनी का ही गाँव मिला था. मुझे तो आइडिया ही नहीं था कि ये उसका गाँव है. मैं तो बस अपने काम में लगा हुआ था. मैंने सोचा गाँव के सरपंच से मिलना चाहिए.
जैसे ही सरपंच का पता करने जा रहा था कि तभी मैंने देखा कि सामने एक गाड़ी से एक आदमी टकराने वाला था, शायद उस गाड़ी का ब्रेक फेल हो गया था. मैं उनकी हेल्प के चक्कर में दूसरी साइड से हुआ कि बाइक का एक पहिया मेरे पैर पर चढ़ गया.. जिससे मेरे पैर में मोच आ गई और थोड़ा हाथ भी छिल भी गया, तो ब्लड भी निकलने लगा था.
मैंने जिस आदमी की हेल्प की थी, वे मुझे अपने घर ले गए और डॉक्टर को बुलाने के लिए कॉल करने लगे.
मैंने उन्हें मना कर दिया. मैंने उनको कुछ मेडिसिन लिख कर दीं कि शॉप से मंगवा लीजिएगा. मुझे मोच इतना ज़्यादा आ गया था कि मैं बेड से उठ नहीं पा रहा था. फिर भी मैंने वहां से निकलने के लिए उनको बोला तो उन्होंने मना कर दिया.
वे बोले- आज यहीं आराम करो, कल चले जाना. आज के लिए रुक जाओ.
मैंने उन्हें बताया कि मुझे सरपंच से मिलना है.
तो वो बोले- तुम्हारा काम हो जाएगा.
मैं जिस रूम में रेस्ट कर रहा था, वो शायद अल्का का था. मैंने उधर अल्का की फोटो देखी तो मैं चौंक गया. इस बारे जब मैंने उनसे पूछा- ये कौन है?
तो उन्होंने बताया कि ये मेरी बेटी हैं.
फिर मेरी समझ में आ गया कि मेरा सही में काम हो जाएगा का मतलब क्योंकि अल्का ने पहले ही बताया था कि पापा अब गाँव के सरपंच हो गए हैं.
तभी मैंने सुना कि अल्का अपने पापा से तेज आवाज में बात कर रही थी. मेरे उसके रूम में रुकने की वजह से वो अपने पापा को डांट रही थी कि किसी को भी मेरे रूम में शिफ्ट कर दिया है.
मैं मन ही मन मुस्कुराता रहा.
फिर जब शाम को खाना ले कर अल्का मेरे पास आई. मैंने उससे फोन पर ‘कभी नज़र ना आने..’ की बात कही थी इसलिए मैंने एक बुक से अपना फेस को ढका लिया. उसने खाना टेबल पर रखा और इशारा करके जाने लगी.
मैंने आवाज़ दी कि स्पून दे दीजिएगा.
उसने मेरी आवाज पर बिना गौर किए ‘हूँ..’ कहा और चली गई.
मैंने आपको बताया था कि उसकी जॉइंट फैमिली है. उसके छोटे भाई बहन मुझसे अच्छे से घुल-मिल गए थे, तो वे मेरा लैपी फिल्म देखने के लिए ले गए थे. लेकिन वे इतने छोटे हैं कि उन्हें लैपटॉप चलाना नहीं आता था.
तब अल्का रूम से निकल कर स्पून लेने गई ही थी, तो लैपटॉप देख कर बोली- ये किसका है?
उन्होंने मेरे बारे में बताया.
फिर वो मेरे लैपटॉप को ऑन करने लगी. जैसे ही लैपी ऑन हुआ, तो सामने डेस्कटॉप पर मेरा पिक सामने आ गया.
वो मेरी पिक देख कर एकदम से चौंक गई थी. उसने फिर से बच्चों से पूछा- ये कौन है?
तो बच्चे बोले- जो अन्दर हैं, यही तो हैं.
वो भागते हुए कमरे में आई, मुझे नहीं पता था कि इसे मेरे बारे में पता चल गया है कि अन्दर मैं हूँ. वो अन्दर आई और स्पून के लिए बोली तो मैंने टेबल में रखने को बोला. अभी भी मैं चेहरे के सामने बुक लगा कर पढ़ रहा था.
वो मुझे गुस्से से बोली- पहले खा लो.. खाना ठंडा हो रहा है.
मैंने उस से जाने को बोला- मैं बाद में खा लूँगा.
अब मैं उसको कैसे फेस दिखाता फ्रेंडस…
वो भुनभुनाते हुए चली गई.
फिर मैंने खाना शुरू किया, लेकिन हाथ में चोट की वजह से खा भी नहीं पा रहा था. ये सब वो छुप कर देख रही थी, उससे रहा नहीं गया और वो रूम में आ गई.
मैंने उसे देख कर सर झुका लिया.
अब वो मेरे सामने बैठ कर मुझे खिला रही थी. वो थोड़े गुस्से में थी.
इतने में उसके छोटे भाई ने ये सब देख घर में बता दिया कि दीदी उसे खाना खिला रही हैं. तब उसके पापा के पूछने पर उसने बताया कि ये मेरा फ्रेंड है, पहले साल में साथ में ही पढ़ते थे.
जब वो मुझे खिला रही थी, तब उस टाइम कोई कुछ नहीं बोल पा रहा था.
नाइट में वो दूध लेकर आई. मैं दूध पी रहा था तो देखा कि वो रो रही थी. वो मुझे सॉरी भी बोल रही थी.
मैंने पूछा- सॉरी क्यों?
तो वो ‘आई लव यू..’ बोली.
मैं ‘आई नो..’ बोला.
तब तक दूध भी ख़त्म हो चुका था और दूध की मलाई मेरे होंठों में लग गई थी, तो वो मुझे देख कर हंसी.
मैंने बोला- क्या हुआ?
तो कुछ नहीं बोली, बस सीधे पास आई और लिप किस करते हुए मलाई चाट ली.
मैंने उसे देखा और उसके सरपंच पापा के साइन के लिए अपने कागजात उसे दे दिए और सो गया.
सुबह नाश्ता किया और वहां से निकलने लगा तो उसके पापा बोले- ये भी बिलासपुर जाने की बोल रही है, तुम इस अपने साथ ले जाओ, साथ ही बस में चली जाएगी.
मैंने ‘ठीक है..’ बोला और वहां से हम दोनों बिलासपुर आ गए जबकि उसकी छुट्टियां अब भी बाकी थीं.
मुझे हॉस्टल में रहना पसन्द नहीं है, मैंने एक फ्लैट रेंट पर लिया हुआ है. हम फ्लैट के अन्दर गए और मैंने बोला- मैं फ्रेश हो जाता हूँ. फिर तुम्हें कॉलेज छोड़ दूँगा, साथ ही मैं भी कॉलेज निकल जाऊंगा.
तो बोली- कॉलेज की अब 3-4 दिन की छुट्टियां बाकी है.
मैंने बोला- तो फिर घर से क्यों आ गई?
तो उसने मुझे किस करना चालू कर दिया. किस करने के बाद बोली- इसलिए आ गई.
मैं बोला- मुझे कॉलेज जाना है.
मैंने फ्रेश हुआ और कॉलेज निकल गया.
कॉलेज में मन नहीं लग रहा था, तो वहां से जल्दी आ गया. जैसे ही कमरे पर पहुँचा तो वो बोली- इसलिए मैंने एक्सेप्ट नहीं की थी. तुम्हें तो मेरी परवाह ही नहीं है.
उसका मूड ऑफ था.
मैंने पूछा तो और गुस्सा हो गई.
मैं उसे एक साल से जानता था, मुझे तो पता था कि उसका मूड कैसे बनाया जाता है.
मैं उसके पास चला गया, उसे बेड से उठाया और कसके पकड़ कर उसे किस करने लगा.
वो मुझसे छूटने की कोशिश कर रही थी. मैं उसके साथ बेड पर गिर गया.
थोड़ी देर बाद उसने मेरा साथ देना शुरू कर दिया. लेकिन उसका रोना बंद नहीं हो रहा था. वो बोल रही थी- तुम मुझे प्यार नहीं करते हो.
मैं कुछ नहीं बोल रहा था, बस उसे किस किए जा रहा था.
वो बोल रही थी- मैं तुम्हें एग्जाम टाइम में प्रपोज के लिए बाहर आ जाती थी, तो तुम निकल जाते थे.
मैंने उसे चुप होने को बोला और किस पर किस किए जा रहा था.
उसे मैंने सॉरी भी बोला कि मुझे आइडिया नहीं था.
कुछ देर बाद वो मान गई.
मैं भी उसे किस करते करते अपने नीचे ले आया और उसके मम्मों को दबाने लगा. उसके चूचे अब भी उतने छोटे ही हैं. फिर धीरे धीरे मैंने उसके और अपने कपड़े उतारने शुरू कर दिए. इसी चक्कर में मैंने उसके ब्रा की स्ट्रीप को भी तोड़ दिया. मैं उसके पूरे शरीर को चूमे जा रहा था. वो भी बहुत गर्म हो चुकी थी. उसका और मेरा ये पहला टाइम था तो उत्तेजना कुछ ज्यादा ही थी. अब वो मेरे ऊपर चढ़ गई और किस किए जा रही थी.
फिर मैंने उसे 69 में होने को बोला, तो उसने मना कर दिया. मैं उसकी चुत के पास अपना मुँह लेकर गया तो वो उसमें भी मना कर दिया कि नहीं ये सब मुझे अच्छा नहीं लगता.
मैंने बोला- कुछ नहीं होगा यार, मजा आएगा.
तो वो बोली- फिर मुझे इसके बाद किस मत करना.
मैंने उसकी बात समझ ली.
फिर क्या.. बस किस किस किस.. दरअसल उसे किस करने में ज़्यादा मजा आ रहा था, इसलिए वो अपना मजा खराब नहीं करना चाहती थी. मैं मान गया, ऊपर खिसका और उसे किस करने लगा. कभी मैं उसके कान की लौ को चूमता, कभी गर्दन को चूमता. इस तरह किस करते करते मैंने उसे बाईट भी कर देता तो वो तड़प जाती.
एक हाथ से मैं उसके मम्मों को दबाता रहा और दूसरे हाथ को उसकी चुत पर लगा दिया. मैंने उसे और गर्म किए जा रहा था. अब तक वो कुछ ज़्यादा ही गर्म हो चुकी थी. वो कहने लगी- अब और न तड़पाओ प्लीज़ डाल दो ना.
वो मेरी गर्लफ्रेंड थी फ्रेंडस.. सो कैसे मना कर सकता था. मैं जब कॉलेज से आ रहा था तब मेडिकल से कन्डोम और जैल लेकर ही आ गया था. मुझे कुछ आसार दिखने लगे थे.
मैंने बैग से कंडोम और जैल निकाला. उसकी चुत में जैल लगा दी.
जैसे ही मैंने कंडोम निकाला वो मना करने लगी- आज तो पहला टाइम है.. इसे मत लगाओ.
फिर भी मुझे तो पता था कि उसका पहला टाइम है. लेकिन उसे थोड़ी ना पता था कि मेरा पहला टाइम है कि नहीं.
मैं उससे बोला- तुम्हें बिलीव नहीं होगा कि मेरा पहला टाइम है.
वो बोली- आई ट्रस्ट यू.
उसने मुझे किस किया. फिर मैंने अपने लंड में भी थोड़ा जैल लगाया. हम मिशनरी पोजीशन में आ गए. मैंने उसके पैर फैलाए और अपना लंड सैट किया. थोड़ा उसकी चुत पर लंड रगड़ा, फिर अचानक एक शॉट लगा दिया.
थोड़ा सा लंड अन्दर गया ही था कि वो चिल्लाने लगी. मैं रुक गया, हम दोनों ही रुके रहे. थोड़ी देर बाद मैंने फिर एक शॉट लगाया, इस बार ¾ लंड चुत के अन्दर चला गया था. उसकी आँखों से आँसू निकल रहे थे. मुझे भी दर्द हो रहा था.
हम एक-दूसरे को किस किए जा रहे थे. अब वो बोली- निकाल दो, बहुत दर्द हो रहा है प्लीज़..
मैंने अपना लंड बाहर निकाला तो उसमें ब्लड लगा हुआ था, बेडशीट भी खराब हो गई थी. उसका चुत हल्की सी सूज गई थी.
अब तक शाम भी हो गई थी.. वो बेड में लगभग नंगी ही लेटी रही.
मैं फ्रेश हुआ और होटल से खाना बंधवा आया. फिर मैंने खाना सर्व किया तो वो बैठ भी नहीं पा रही थी. मेरे सपोर्ट से वो जैसे तैसे बैठी. किसी तरह मैंने उसे खाना खिलाया, खुद खाया. फिर हम दोनों लैपटॉप में मूवी देखने लगे.
थोड़ी देर बाद अल्का बोली- लेट्स ट्राइ अगेन.
मैंने ओके बोला, उसे किस किए. इस बार मेरे कपड़े वो खुद निकाल रही थी. वो तो पहले से ही एक नाइटी पहने पड़ी थी.. उसने झट से नाइटी उतार दी और नंगी हो गई. अब मैं भी जोश में आ गया था, तो जल्दी ही लंड खड़ा हो गया. मैंने अपना लंड उसकी चुत पर सैट किया और शॉट मारा. अब वो कंट्रोल किए हुए थी. फिर मैंने धीरे-धीरे अपना शॉट लगाना चालू रखा, थोड़ी देर बाद जब वो पूरी कंफर्टबल फील करने लगी, तब मैंने अपनी स्पीड बढ़ाना चालू कर दिया.
अब वो भी मेरा साथ दे रही थी. फिर वो झड़ गई. दस मिनट बाद मैंने फिर किस करना शुरू कर दिया. अब हमने नई पोज़िशन बनाई और मैं उसे चोदने लगा. वो ‘आह.. ऊह..’ कहे जा रही थी.
अब तो हम दोनों को मजा आने लगा था. वो बोले जा रही थी- और तेज करो.
मैं भी पूरी स्पीड से उसे चोद रहा था.
वो नीचे से अपनी गांड उठा-उठा कर मुझसे चुद रही थी.
कुछ देर बाद हम दोनों साथ में छूटने वाले थे कि मैंने अपना लंड उसकी चुत से बाहर निकाल दिया और सारा स्पर्म उसकी चुत के ऊपर गिरा दिया.
वो गुस्सा हो गई.. पर कुछ नहीं बोली. वो मुझे किस किए जा रही थी. उस रात मैंने उसे 3 बार चोदा. सुबह वो पहले उठ गई थी.
सुबह जब वो किचन में चाय बना रही थी, तब मैं फ्रेश हो कर फिर बेड पे लेट गया. उसे लगा मैं अब तक नहीं उठा हूँ. अब 9 बज रहे थे तो वो चाय लेकर मुझे जगाने आई- उठो चाय पी लो और तुम्हें कॉलेज नहीं जाना क्या?
मैंने उसका हाथ पकड़ा और उसे अपने पास खींच कर उसे गुडमॉर्निंग बोल कर किस कर दिया.
वो भी ‘गुडमॉर्निंग..’ बोली- चाय पी लो.
इतने में मेरे फ्रेंड का कॉल आया कि आज कॉलेज स्टाफ के यहाँ कोई डैथ हो गई है तो कॉलेज में छुट्टी हो गई है.
फिर क्या था, चाय का कप टेबल पर रखा और मेरी डार्लिंग अल्का मेरे साथ बेड में आ गई.
मैंने उसे फिर अपने साथ लेटा लिया और फिर मज़े किए.
जब तक उसकी छुट्टियां थीं, तब तक साथ में मस्ती ही की. हर दिन हमारे बीच यही सब चलता था. मैं अल्का से बहुत प्यार करता हूँ, अब तो ऐसा हो गया है कि मैं या वो एक-दूसरे के बिना रह ही नहीं सकते हैं.
आज फिर वो आने वाली है, क्योंकि जो अल्का की क्लास टीचर हैं, उनकी तबीयत खराब हो गई है. वो दो दिन की लीव पर हैं. तो फिर से मस्ती होने वाली है.
क्या हुआ वो सेक्स स्टोरी फिर कभी.. बाय डियर्स..
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