फ्री यंग सेक्स कहानी में पढ़ें कि लेस्बियन सेक्स करने वाली लड़कियों में एक की शादी के बाद उसने कैसे अपनी सहेली को अपने पति के लंड से चुदवा दिया.
कहानी के पहले भाग
दो सहेलियों का आपस में लेस्बियन सेक्स
में आपने पढ़ा कि कॉलेज में पढ़ने वाली दो सहेलियां आपस में लेस्बियन सेक्स करके अपनी अन्तर्वासना शांत करती थी. एक लड़की की शादी हो गयी तब भी उनका यह समलिंगी प्रेम जारी रहा.
अब आगे फ्री यंग सेक्स कहानी:
तब पारुल ने भी रात को रुकना कम कर दिया था क्योंकि अब शीना और तुषार उसके जागते-जागते ही सेक्स में लग जाते तो उसकी भी हालत खराब हो जाती.
शीना तो उसे बार बार उकसाती कि वो भी आ जाये पर पारुल नहीं मानती।
एक दिन तो शीना ने हद ही कर दी।
जब पारुल उनके घर रुकी तो उस रात तुषार किसी डिनर पर बाहर गया था और रात को लेट आना था।
शीना ने पारुल को बेड पर नंगी कर दिया और खुद भी नंगी हो गयी और दोनों पीजी की तरह एक दूसरे को मजे देने लगीं।
तब शीना ने बहुत आहें निकालीं, पारुल के मम्मे खूब दबाये और उसे खूब उकसाया।
पारुल भी तंग होकर बोली- तू मेरे को आग लगा देती है, अभी तुषार आएगा तेरी तो चूत की आग वो ठंडी कर देगा, मेरी और भड़क जाएगी। मैं आज दूसरे कमरे मैं सोऊंगी।
शीना ने अलमारी से वाइब्रेटर निकाला और पारुल की चूत का पानी निकाल दिया उससे!
फिर शीना ने पारुल को कपड़े नहीं पहनने दिये और कहा- तू ओढ़ कर चुपचाप सो जा। आज रात हम दोनों चिपक कर सोएँगी, तुषार अलग सोएगा।
देर रात को तुषार आया.
दोनों जाग रहीं थीं तब तक।
पारुल ने बहुत ज़िद की कि मुझे नाइट सूट पहनने दे, पर शीना ने न तो खुद पहना और न उसे पहनने दिया।
तुषार जब कपड़े बादल कर बेड पर आया तो शीना ने उससे कहा- आज तुम अलग चादर ओढ़ कर सो जाओ, मैं और पारुल एक साथ सोएँगी।
कहते हुए उसने तुषार को आँख मार दी।
तुषार समझ गया कि आज मस्ती होगी।
वह लाइट बंद कर के बेड पर एक ओर लेट गया।
थोड़ी देर में उसने अपना हाथ शीना की ओर किया तो शीना बोल उठी- चुपचाप सो जाओ।
तुषार हर दो मिनट में शीना की पीठ पर हाथ लगाता तो शीना कसमसा जाती।
पारुल भी जग रही थी, उसने शीना से फुसफुसाकर कहा कि तू उसके पास चली जा।
शीना ज़ोर से बोली- आज तुषार … तुम अपने हाथ से कर लो, हम दोनों तो कर चुकीं।
पारुल ने ज़ोर से चुकोटी काटी शीना के, कि क्या बकवास कर रही है।
शीना हँसती हुई सीधी होकर लेट गयी और अपनी टांगें फैला कर एक टांग तुषार की टांगों के ऊपर कर ली।
तुषार ने जब नंगी टांग अपने ऊपर महसूस करी तो उसने हाथ सरका कर शीना के मम्मे टटोल लिये।
तभी तुषार ने करवट ली और अपनी एक उंगली शीना की चूत में कर दी।
शीना ने उसे रोकना चाहा तो तुषार ने उसके होंठों से अपने होंठ भिड़ा दिये।
तुषार भी इस बीच में अपने कपड़े उतार चुका था।
अब बेड पर तीनों नंगे थे।
शीना ने न चाहते हुए भी तुषार की ओर करवट ले ली और दोनों एक-दूसरे के होंठ चूसने लगे।
तुषार का एक हाथ शीना की चूत की मालिश कर रहा था।
शीना मछली की तरह तड़पने लगी। उसे पता नहीं क्या हुआ, वो अपने को तुषार से छुड़ाकर वापिस पारुल से चिपट गयी और पारुल के होंठ से अपने होंठ भिड़ा दिये।
पारुल भी अब गर्म हो चुकी थी।
शीना ने एक उंगली पारुल की चूत में कर दी।
उधर तुषार ने शीना के मम्मों को पकड़ने के लिए शीना के कंधों पर हाथ रखा और शीना को अपनी ओर करने लगा।
शीना ने तुषार का हाथ खींच कर अपने और पारुल के मम्मों के बीच में रख दिया।
पारुल कसमसाई … पर तब तक तुषार ने उसके मम्मे पकड़ लिए थे।
अब तुषार पीछे से शीना से चिपट गया।
तीनों एक दूसरे से चिपटे हुए थे।
तुषार ने शीना की गांड में थूक लगाकर अपना लंड पेल दिया।
शीना की आह निकाल गयी।
पारुल के लिए ये नया अनुभव था। उसने ये सिर्फ पॉर्न मूवी में देखा था।
तुषार पारुल के मम्मे मसल रहा था।
अब शीना पारुल से बोली- तू आज तुषार से मजे ले ले।
पारुल बोली- नहीं, इससे ज्यादा कुछ नहीं।
पर आग जो भड़क रही थी वो कैसे रुकती।
शीना सीधी हो गयी और पारुल को अपने ऊपर चढ़ा लिया।
दोनों पागलों की तरह चूमा चाटी कर रही थी और तुषार नीचे होकर जिसकी भी चूत मिल जाती उसे चाटता।
तुषार खड़ा हुआ और उसने शीना के मुंह के पास अपना लंड कर दिया।
शीना ने पारुल के होंठ छोड़कर तुषार का लंड पकड़ लिया और अपने मुंह में कर लिया।
पारुल ऊपर से हट गयी।
तुषार अब सीधा होकर शीना को चोदने लगा।
शीना ज़ोर ज़ोर से आवाजें निकाल रही थी। शीना की दोनों टांगें ऊपर उठी हुई थीं और तुषार पूरे वेग से उसे चोद रहा था।
अब पारुल से भी बर्दाश्त नहीं हो रहा था। इस समय उसके सोचने समझने की शक्ति निबट चुकी थी।
इस समय तो सिर्फ और सिर्फ वासना का भूत सवार था तीनों पर!
पारुल ने पीछे से तुषार की पीठ पर अपने मम्मे चिपटा दिये और अपने हाथों से उसके हाथों से उसके निप्पल सहलाने लगी।
तुषार ने शीना को छोड़ा और पलट कर अपने होंठ पारुल के होंठों से मिला दिये।
अब दोनों दीवानों की तरह एक दूसरे में समाने को बेताब हो गए।
तुषार ने पारुल को बेड पर लिटाया और उसके माथे से लेकर होंठों, फिर मम्मों और फिर नीचे पानी बहाती चूत से होता हुआ उसके पंजों की उँगलियों को चूमता रहा।
पारुल ने कसमसाते हुए उसका लंड पकड़ लिया।
दोनों 69 हो गए।
पारुल की प्यास भड़क चुकी थी।
उन दोनों को देख कर लगता ही नहीं था कि उनके जिस्म आज पहली बार मिले हों।
तुषार को तो चूत का स्वाद शीना से मिल ही चुका था पर पारुल के लिए ये ज़िंदगी का पहला लंड था।
अब पारुल का दिमाग सही गलत की सोच से ऊपर उठ चुका था।
तुषार पलटा और पारुल के मम्मों को मुंहन में लेता हुआ उसके ऊपर लेट सा गया।
उसका लंड पारुल की नर्म बालों से भरी चूत से रगड़ खा रहा था।
दोनों की टांगें कसमसाती हुई बल खाती हुई एक दूसरे से लिपट रही थीं।
पारुल पागलों की तरह तुषार के होंठ चूम रही थी।
तुषार ने अपने एक हाथ से अपना लंड पारुल की चूत के ऊपर रखा और शीना की ओर देखा मानों बता रहा हो कि मैं तेरी सहेली की चूत हरी करने जा रहा हूँ।
शीना उठी और पारुल के होंठ से अपने होंठ भिड़ा दिये और इधर तुषार ने अपना लंड पारुल की अनछुई चूत में सरका दिया।
पारुल की चीख निकल गयी जिसे शीना ने अपनी जीभ और होंठों से दबा दिया।
शीना ने पारुल के दोनों मम्मे पकड़ रखे थे और तुषार ने उसकी टांगें चौड़ा कर अपने लंड को गहराई देते हुए स्पीड बढ़ा दी थी।
अब पारुल की आवाजें निकलनी शुरू हो गयी थीं।
पहले तो वो शीना को कोस रही थी ‘कमीनी आज तूने ये क्या करवा दिया। मैंने तो तेरी चूत शादी तक संभाल कर रखी और तूने मेरी चूत चुदवा दी।’
शीना ने उससे कहा- जो होना था हो गया … अब तू मस्त होकर चुदवा।
और शीना ने तुषार को भड़काया- जरा ज़ोर लगा कर चोद मेरी सहेली को … आज इसे चुदाई का पूरा मजा दे दे।
तुषार की स्पीड बढ़ गयी.
और अब पारुल ने भी मजा लेते हुए नीचे से ऊपर उछलना शुरू किया।
कुंवारी चूत और वो भी पराई लड़की की, तो तुषार भी ज्यादा ही बेरहम हो रहा था।
अब उसने नीचे लेटकर पारुल को ऊपर बैठा लिया था और अब पारुल उछल-उछल कर अपनी चूत चुदवा रही थी।
तभी शीना ने उसे होश दिलाया- पारुल अब तू हट जा, बिना कंडोम के कर रही है, कोई लफड़ा न हो जाये।
पर पारुल हटने का नाम नहीं ले रही थी, बोली- कोई बात नहीं बच्चा हो जाएगा तो मैं तुषार से ही शादी कर लूँगी, तू किसी दूसरे से कर लेना।
पर तुषार ने उसको जबर्दस्ती नीचे उतारा और शीना ने उसे कंडोम दिया लगाने को।
तुषार को तो गांड मरने का शौक था। उसने पारुल की बहुत खुशामद की कि वो उसे उसकी गांड मारने दे, पर पारुल ने साफ माना कर दिया।
उसे मालूम था कि पहली बार गांड मरवाने में बहुत दर्द होगा।
थक कर तुषार ने कंडोम लगाकर उसकी चूत को जमकर पेला और सारा माल कंडोम में ही खाली कर दिया।
पारुल की सील फट गयी थी, पूरी चादर खराब हो गयी थी।
अब पारुल को दर्द भी हो रहा था।
शीना ने पारुल को वाशरूम में भेजा- तू गर्म पानी के तरेड़े लगा, मैं तुझे कॉफी और पैनकिलर देती हूँ।
अगले दिन भी पारूल से सुबह उठा नहीं गया तो शीना ने उसे आज और रुकने को कह दिया।
पारुल शाम को वापिस हॉस्टल चली गयी।
पर पारुल ने अब शीना को कह दिया कि वो कभी अब उसके घर नहीं आएगी।
जब तुषार बाहर होगा तब आएगी या शीना उससे मिलने हॉस्टल आ जाये।
पारुल का भी सेकंड इयर था, इंजीनियरिंग का।
अब पारुल और शीना हर हफ्ते मिलती, तुषार भी आता मिलने शीना के साथ पर रात को बिस्तर पर कभी नहीं तुषार और शीना ने बहुत माफी मांगी पारुल से!
पर पारुल ने कहा कि नहीं, गलती उसी की थी. पर अब वो कोई खतरा नहीं लेगी और रहा सवाल माफी का तो वो और शीना दो जिस्म और एक जान हैं, इसलिए माफी की जरूरत नहीं।
ऐसे ही पारुल की इंजीनियरिंग पूरी हो गयी और उसके घर वाले उसके पीछे पड़ते रहे शादी के लिए।
पर पारुल ने कहा कि अभी एक दो साल जॉब कर ले फिर सोचूँगी।
इस बीच पारुल को बहुत अच्छी कंपनी में जॉब मिल गयी और वो एसाइनमेंट में एक साल के लिए सऊदी चली गयी।
इधर शीना और तुषार की ज़िंदगी पूरी रंगीनीयत पर थी।
तुषार को रोज सेक्स चाहिए था तो शीना को दिन में दो बार!
मतलब यह कि सेक्स की हर स्टाइल हर फेंटसी उन दोनों ने पूरी की थी।
शायद शीना उन गिनी चुनी बीवियों में से थी जिसे आगे पीछे दोनों तरफ से रोज ही चुदना पड़ता और तुषार उन खुशनसीब पतियों में से थे जिसका लंड उसकी बीवी मुंह से ही खाली कर देती।
तुषार और शीना दोनों पॉर्न मूवीज के शौकीन थे।
दोनों पॉर्न मूवीज की तर्ज़ पर थाइलेंड और गोवा में न्यूड मसाज का लुत्फ उठा चुके थे।
शीना को तुषार चटकारे ले लेकर अपने और अपने रूममेट राजीव के गर्म किस्से सुनाता रहता।
तुषार ने शीना को बताया कि कैसे राजीव क्रीम लगाकर रोज ही उसकी गांड मारता।
साथ ही तुषार ने स्वीकार किया कि राजीव का लंड उसके लंड से ज्यादा लंबा और मजबूत था इसलिए वो उसकी गांड ज्यादा मारता था।
शीना को बड़ा अजीब सा लगा जब तुषार ने उसे बताया- जैसे तुम मेरा लंड चूसती हो, ऐसे ही हम और राजीव एक दूसरे का लंड चूस कर खाली करते थे।
अब शीना को राजीव से मिलने की इच्छा होती, पर राजीव उनकी शादी से पहले ही विदेश चला गया था।
राजीव और तुषार की दोस्ती पक्की थी, दोनों आज भी रोज ही विडियो चैट करते।
पर शीना की कभी बात राजीव से नहीं हुई थी।
राजीव का जॉब बहुत अच्छा था, खूब पैसा बना रहा था वो!
कई बार उसने तुषार को और शीना को अपने पास जर्मनी बुलाया पर बस ये लोग जा ही नहीं पाये।
प्रिय पाठको, फ्री यंग सेक्स कहानी पर अपनी राय मुझे बतायें.
धन्यवाद.
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