GF सुहागरात सेक्स कहानी में एक लड़की ने जिद करके मुझे अपना बॉयफ्रेंड बनाया और मेरे साथ शादी का वादा करके सुहागरात की तरह से सेक्स करके मजा लिया.
मेरा नाम प्रेम है और मैं 19 साल का हूं.
यह GF सुहागरात सेक्स कहानी आज से कुछ महीने पहले की है जब मेरी एक दोस्त दिल्ली आई थी.
उसका नाम शालू (बदला हुआ) है.
मैं और शालू गांव में छोटी क्लास में साथ पढ़े थे लेकिन उसके बाद मैं दिल्ली आ गया और वह वहीं थी.
अब मैं कुछ महीने पहले उससे 10 साल बाद मिला था.
वह अपने मम्मी पापा के साथ दिल्ली रहने आ गई थी.
उसके और हमारे घर 100 मीटर की दूरी पर है.
उसकी मम्मी और मेरी मम्मी दोनों में अच्छी बनती है तो वह अपनी मम्मी के साथ मेरे घर आई थी.
उसको देखते ही मैं रुक सा गया.
क्या सेक्सी लग रही थी वह … हालांकि मैं उसे पहचान नहीं पाया पर वह मुझे पहचान गई.
उसने लेगिंग्स और टी-शर्ट पहनी थी.
लेगिंग्स में उसकी टाइट गांड और टी-शर्ट में उसके बूब्स अलग ही दिख रहे थे.
मम्मी ने बाद में मुझसे पूछा कि क्या तुमने शालू को पहचाना?
मैंने कहा- नहीं!
मम्मी ने तब मुझे शालू के बारे में याद दिलाया.
मैंने उसके बारे में जानकार खुशी जाहिर की और कुछ देर उससे बात करता रहा.
फिर मम्मी, आंटी से बात करने लगीं और मैं छत पर चला गया.
कुछ देर में शालू भी मेरे पीछे आ गई.
हम लोग जहां पर रहते थे, उधर आस पास की छतों पर भी कोई नहीं आता था.
मेरे वाले घर की छत पर मेरा ही एक कमरा था.
शालू जब मेरे पीछे छत पर आ गई तो हम दोनों बातें करने लगे.
बचपन में हम काफी अच्छे दोस्त थे तो हम दोनों में जल्द ही पुरानी यादें ताजा होने लगीं और हमारे बीच काफी बनने लगी.
पर मुझे यह नहीं पता था कि शालू मुझे अपने ब्वॉयफ्रेंड के जैसे भी पसंद करती है.
उसने मुझे बातें करते वक्त इस बात को कहा कि वह मुझसे प्यार करती है और मुझसे शादी करना चाहती है.
मैंने चौंकते हुए कहा- अरे ये तुम क्या कह रही हो? मैंने कभी तुम्हारे बारे में ऐसा नहीं सोचा.
पर अब उसको देख कर मैं भी उत्तेजित हो रहा था; मेरा लंड भी खड़ा हो रहा था.
वह मेरे बिल्कुल पास आई और बोली- मैं तुमसे दूर नहीं रह सकती हूँ. आज तक यह बात मैंने तुमसे कभी कह नहीं पाई. पर अब जब तुम मेरे सामने हो तो मुझसे रहा नहीं गया.
मैंने मजाक में कहा- ओके … तो कब करनी है शादी?
पर वह बिल्कुल मूड बना कर आई थी.
वह बोली- अभी.
उसके इस बिंदास जबाव से मैं सकपका गया.
मैंने उसे देखते हुए कुछ पीछे को हटा तो वह मेरे करीब आ गई और कहने लगी- क्या हुआ, मुझे भाग क्यों रहे हो?
मैंने कहा- अरे मैं क्यों भागूँगा!
तभी अचानक से वह आगे आई और मुझे किस करने लगी.
मैंने उससे खुद को छुड़ाने की नाकाम कोशिश की पर अलग ही न हो पाया.
एक तो उसका मदमस्त जिस्म का मैं भी कायल था और ऊपर से वह मेरे बचपन की दोस्त थी तो जल्द ही मैं भी उसका साथ देने लगा.
उसके होंठ बड़े ही रसीले थे.
मुझे उसके होंठ चूसने में बड़ा मजा आ रहा था.
उसे भी समझ आ गया था कि मैं तसल्ली से चुंबन का मजा ले रहा हूँ तो वह भी मेरे निचले होंठ को अपने दोनों होंठों में दबा कर खींचती हुई चूसने लगी.
हम दोनों की आंखें एक दूसरे से बराबर मिल रही थीं तो चुंबन का मजा चार गुना बढ़ गया था.
कुछ ही देर में हमारी जीभों में कुश्ती शुरू हो गई.
एक दूसरे की लार पीने में सच में मुझे मदहोशी का अहसास हो रहा था.
लगभग 5 मिनट किस करने के बाद हम दोनों अलग हुए तो उसके चेहरे पर एक मुस्कान थी.
मैंने कहा- मजा आया?
उसने इठला कर कहा- सच पूछो तो मुझे कोई खास मजा नहीं आया.
मैंने कहा- क्यों … मजा क्यों नहीं आया? किस बात की कमी रह गई थी?
उसने कहा- मुझे तुमसे शादी करने का इंतजार है. यही कमी रह गई थी.
मैंने कहा- तो चलो कर लेते हैं शादी.
वह बोली- सच! बताओ न कैसे करेंगे शादी?
मैं- आज रात हम सबको पापा के एक दोस्त के यहां पार्टी में जाना है. मैं मम्मी से बात कर लेता हूं. वह तुम्हारी मम्मी को मना लेंगी.
उसने हां कर दिया.
हम दोनों ने शादी को लेकर अपनी अपनी गंभीर बातों का जिक्र किया और सब बात साफ हो गई कि किस तरह से हम दोनों को शादी की बात अपने पेरेंट्स से मनवानी है.
वह मुझसे अलग होकर नीचे चली गई और अपनी मम्मी के साथ अपने घर चली गई.
मैंने भी नीचे आकर मम्मी को मना लिया.
मगर इतनी जल्दी सब कैसे होगा, इस बात को लेकर मैंने मम्मी को कुछ नहीं बताया.
बस यह कहा कि आप मेरा साथ दे देना.
मम्मी को भी शालू पसंद थी तो उन्होंने भी हां कर दी.
फिर मैं बाजार जाकर शालू के लिए गिफ्ट, शादी का एक जोड़ा, एक ब्रा और पैंटी का सैट ले आया.
मम्मी तो पापा के साथ ही फ़ंक्शन में चली गई थीं और मैं बाद में जाने वाला था.
मैंने शालू को फोन किया- जल्दी आ जाओ … हमें साथ चलना है.
वह बोली- मैं तो पार्लर में हूँ.
मैं समझ गया कि वह अपने जिस्म की वैक्सिंग करवाने गई है.
मैंने भी अपने लौड़े के सारे बाल साफ कर लिए.
फिर जब वह आई, तब तक बारिश शुरू हो गई और हम घर पर ही फंस गए.
मैंने मम्मी को फोन करके कहा- हम घर से निकल गए थे पर बारिश की वजह से एक दोस्त के घर रुक गए हैं.
ये सब मैंने इसलिए कहा ताकि किसी को शक न हो.
अब बारी थी शालू की … वह एक कुर्ती और प्लाजो पहन कर आई थी.
मैंने उसे कपड़े देते हुए कहा- तुम कुर्ती उतार कर ये पहन लो, पर प्लाजो मत उतारना.
वह तैयार होने लगी.
मैं भी तब तक कुर्ता पजामा पहनने लगा.
जब मैं अपने कमरे से तैयार होकर नीचे आया, तब तक वह तैयार हो चुकी थी.
सज धज कर वह मम्मी पापा के बेड पर बैठी थी.
मैंने अन्दर आकर दरवाजा बंद किया और शालू को गिफ्ट दिया.
वह खुश हो गई.
मेरे कहने पर उसने गिफ्ट खोला तो उसमें 2 अंगूठी, 1 मंगलसूत्र और सिंदूर की डिब्बी थी.
पहले हमने एक दूसरे को अंगूठी पहनाईं और फिर मैंने उसे मंगलसूत्र पहनाकर उसकी मांग भर दी.
उसने मेरा आशीर्वाद लिया और फिर शुरू हुआ खेल.
मैंने उसको किस करना शुरू किया.
मेरा लंड खड़ा हो गया.
उसे देख कर शालू बोली- अभी सब्र करो … मैं तो अब तुम्हारी ही हूं.
मैंने कहा- मुझे तो हो जाएगा … पर इसे सब्र नहीं है. ये जल्दी से सब कुछ पा लेना चाहता है.
वह कुछ नहीं बोली, बस किस कर रही थी.
लगभग दस मिनट बाद मैंने उसकी साड़ी निकाल दी.
अब वह सिर्फ ब्लाउज और पेटीकोट में थी.
मैं उसके बूब्स दबाने लगा.
उसने मेरा कुर्ता उतार दिया.
फिर मैंने अपना पजामा भी उतार दिया.
मेरा एक हाथ उसके बूब्स पर और दूसरा उसकी चूत पर था. उसकी सांसें गर्म हो रही थीं.
वह मेरे में समा जाना चाहती थी.
मैंने अपने दांतों से उसका ब्लाउज भी खोल कर उतार दिया.
फिर उसका पेटीकोट भी.
अब वह मेरे सामने ब्रा और प्लाजो में थी.
वह एकदम सऊदी अरब की मल्लिका दिख रही थी.
फिर उसने अपना प्लाजो उतार दिया और मेरा अंडरवियर नीचे कर दिया.
उसने मेरा लंड देखा तो मुँह में लेकर चूसने लगी.
पहली बार किसी ने मेरा लंड चूसा था … सच में मजा आ गया.
मैं काफी उत्तेजित था तो मैं 2 मिनट में ही उसके मुँह में झड़ गया.
वह सारा माल पी गई.
फिर वह हंसने लगी और बोली- तुम्हारा इतनी जल्दी निकल गया. फिर तो तुम मुझे संतुष्ट ही नहीं कर पाओगे.
मैं बोला- देखते हैं.
फिर हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए और मैं उसकी पैन्टी के ऊपर से उसकी चूत चाटने लगा.
वह पुनः मेरा लंड चूसने लगी.
कुछ देर उसने गाली देते हुए कहा- मादरचोद, पैन्टी निकाल कर चूस ना … ऐसे मजा नहीं आ रहा है.
मैं बोला- साली रंडी, अब तू देख!
मैंने यह कह कर उसकी पैंटी फाड़ दी और उसकी चूत को जोर जोर से चूसने लगा.
उसकी कामुक सिसकारियां निकलने लगीं.
कुछ देर बाद वह बैठ गई और मेरा सर अपनी चूत में घुसाने लगी.
चूत चटवाने के बाद उसने मुझे अपने से अलग किया और बोली- अब दूध चूस.
मैंने उसकी ब्रा को खोल दिया और चूचों को देखकर हैरान रह गया
एकदम सफेद मक्खन के जैसे थे उसके चूचे!
मैंने उसके दोनों चूचों को बारी बारी से चूसा और एकदम लाल कर दिया.
वह बोली- बस कर, अब मेरी चूत में अपना लंड डाल.
मैं उठा और उसे चुदाई की पोजीशन में लिटा कर उसकी चूत में अपना 5.5 इंच का लंड एक झटके से डाल दिया.
वह चिल्लाने लगी और मुझे धक्का देने लगी.
जबकि अभी केवल मेरे लंड का टोपा ही उसकी चूत में गया था.
मैं उसे किस करने लगा और कुछ देर बाद मैंने अपना पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया.
उसकी आंखों से आंसू निकल आए … उसे बेहद दर्द हो रहा था.
मैंने कहा- मजा आ रहा है सुहागरात में?
शालू ने कहा- दर्द हो रहा है, पर बहुत मजा आ रहा है.
मैंने कहा- हां तो फिर मजा लो.
मैंने उसे खूब चोदा, पोजीशन बदल बदल कर मैं उसे चोदता रहा.
चुदाई के साथ साथ मैंने उसके दूध भी चूसे.
जब मैं उसके दूध चूसता हुआ चूत में लंड पेल रहा था तो उसकी आह आह्ह की कामुक आवाजें मेरे लौड़े में आग लगाने का काम कर रही थीं.
वह लगभग 15 मिनट बाद झड़ गई.
मैंने लौड़े को चूत से हटाया और उसका नमकीन पानी पी लिया.
पर मैं अभी तक नहीं झड़ा था तो मैंने उसको वापस चोदा और लगभग दस मिनट बाद मैं भी झड़ने वाला हो गया था.
मैंने उससे कहा- रस निकलने वाला है, किधर लेना है?
उसने कहा- अन्दर ही छोड़ दो, जो होगा देखा जाएगा.
मैंने उसकी चूत लबालब भर दी.
अब हम दोनों थक कर सो गए.
सुबह जब आंख खुली तब देखा कि सुबह के सात बज गए थे.
बारिश भी रुक गई थी पर सड़क पर पानी दिख रहा था.
शायद इसी लिए घर पर मम्मी पापा भी नहीं आए थे.
लेकिन इस मौके का फायदा उठा कर हम दोनों ने खूब सुहागरात सेक्स का मजा किया.
सुबह मैंने उसे जगाया और उसको फिर से चोदा.
कुल मिलाकर हमने 3 राउंड चुदाई की.
फिर वह अपने कपड़े पहन कर अपने घर चली गई.
मैंने कमरे की सफाई की और फिर सो गया.
अब हम दोनों खूब चुदाई करते हैं और अब हमारे मम्मी पापा को भी मालूम चल गया है कि हम दोनों मानने वाले नहीं हैं तो वे सब भी हमारी शादी के लिए राजी हो गए हैं.
आपको मेरी GF सुहागरात सेक्स कहानी कैसी लगी, प्लीज मेल से बताएं.
[email protected]