मेरे प्रिय पाठको, रिश्तों में चुदाई की मेरी सेक्स कहानी के पहले भाग
पुत्र वधू की सुहागरात-1
में आपने पढ़ा कि मैंने अपनी पत्नी की मृत्यु के पश्चात् अपने बेटे की शादी की. एक दिन मैं दफ्तर से जल्दी घर आया तो मैंने अपनी पुत्रवधू को पूर्ण नग्न बिस्तर में सोती पाया. उसके बाद मेरी बहू ने मुझे बताया कि मेरा पुत्र समलैंगिक है, उसे किसी लड़की में कोई दिलचस्पी नहीं है. उसें आगे बताया कि वो अपनी कामवासना की अग्नि में जलती रहती है और इसे शांत करने का कोई उपाय खोज नहीं पा रही है.
पूजा की बातें सुनकर मुझे अपने बेटे अंकुश पर बड़ा गुस्सा आ रहा था. फिर मैंने काफी सोचा कि बहू की यौन तृप्ति का क्या साधन हो सकता है. अंत में मुझे यही सही लगा कि अपनी बहू पूजा को मुझे खुद ही चोद कर उसे खुश करना चाहिये, नहीं तो घर की इज़्ज़त बाहर लुटेगी.
यह तय करके मैंने पूजा से खुली बातें करना शुरु किया ताकि अगर उसका मन मेरे साथ चुदवाने का हो तो मुझे भी एक लम्बे अरसे के बाद चूत चुदाई का सुख मिल जायेगा और पूजा भी कहीं बाहर किसी और से चुदवाने का नहीं सोचे.
मैं बोला- नहीं पूजा बेटी, तुम घर की इज़्ज़त को बाहर मत लुटाओ. पूजा, अगर तुम्हें सही लगे तो क्या हम एक दूसरे के काम आ सकते हैं?
पूजा बोली-पापा जी, मैं कुछ समझी नहीं?
अब आगे:
मैं बोला- पूजा बेटी देखो, जिस चीज़ के लिये तुम परेशान हो, वही कमी कई बार मुझे भी खलती है. अंकुश की मम्मी के जाने के बाद इतने साल से मैं भी अकेला रोज़ रात को अपने हाथ से ही काम चला रहा हूँ. अगर तुम चाहती हो कि घर इज़्ज़त बाहर ना लुटे और तुम्हारी जरूरत घर में ही पूरी हो तो हम दोनों ससुर बहू एक दूसरे के तन की भूख को मिटा सकते हैं अगर तुम्हें कोई ऐतराज़ ना हो…
पूजा बोली- सच्ची? अगर आप ऐसा कर सकेंगे तो मुझे बड़ी खुशी होगी कि मुझे जीने का रास्ता मिल गया.
मैंने तुरंत अपनी बहू को अपने आलिंगन में भर लिया. जैसे ही वो मेरे आलिंगन में आई मेरा लंड फिर से टन से खड़ा हो गया जो पूजा के बदन को छू रहा था. पूजा ने भी सोचा कि बाहर चुदवाने से तो अच्छा है कि मैं घर में ही चूदवाऊँ. एक बार की शर्म है फिर तो हमेशा का आराम!
पूजा मेरे बदन से लिपट के रोने लगी.
मैंने अपनी बेटी जैसी पुत्रवधू के होंठों का चुम्मा किया और वो भी मुझे किस करने लगी.
मैं बोला- पूजा, अब तो एक ही रास्ता है कि हम दोनों ही एक दूसरे की मदद करें… लेकिन अगर अंकुश को पता चला तो?
पूजा बोली- अंकुश को कुछ फर्क नहीं पड़ेगा चाहे उसके सामने ही हम कुछ भी करें!
मैंने पूजा का मन भी टटोल लिया कि वो भी लंड की भूखी थी. मैंने उसकी ब्लाउज निकाल दी, उसके बड़े बड़े चूचे ब्रा फाड़ के आज़ाद होने के लिये फड़फड़ा रहे थे. उसकी चूचियों को ब्रा के ऊपर से ही जोर से दबाया तो उसकी सिसकारी निकाल गई जैसे पहली बार उसकी चूची को किसी आदमी ने दबाया हो. मैंने उसकी ब्रा भी निकाल दी और उसकी चूचियां देख कर मैं हेरान रह गया कि मेरे लड़के को इतनी मस्त लड़की मिली फिर भी चूतिया साला लोंडेबाज़ है.
पूजा भी कामवासना से आपे से बाहर हो गई और मेरे लंड को लुंगी के ऊपर से ही पकड़कर दबाने लगी.
मैंने कहा- पूजा यार, मेरी लुँगी निकाल के पकड़ लो… अब क्या शरमाना! अगर हमने चूत चुदाई करनी ही है तो खुल के करें ना!
मेरी बहू पूजा ने फौरन मेरी लुँगी निकाल दी और मेरा लंड पकड़ कर मसलने लगी, वो बोली- आपका तो बड़ा कड़क मोटा है, किसी जवान से क़म नहीं है.
मैं बोला- बेटी पूजा, पिछले तीन साल से यह नाग जैसे सोया हुआ था, आज तेरी चूत देख कर यह जागा है. मैं जब अपना लंड पकड़ के हिलाता था तो ये इतना बड़ा नहीं होता था.
पूजा बोली- हाँ पापाजी, मैं भी अपनी चूत में खीरा, केला गाजर मूली आदि डाल के अपने आप को चोदा करती थी कि इस चूत कि आग कुछ तो शांत हो… लेकिन फिर सारी रात तड़फती रहती हूँ. आप मेरी आग को शांत कर दो वर्ना मैं पागल हो जाऊँगी.
मैं बोला- पूजा रानी, आज के बाद ना तुम और ना मैं सेक्स के भूखे रहेंगे।
मैंने पूजा की साड़ी निकाल दी और फिर उसका पेटीकोट भी निकाल दिया, इस तरह से मैंने अपनी पुत्रवधू को पूरी नंगी कर दिया और खुद भी अपने कपड़े उतार कर नंगा हो गया।
मेरे बेटे की पत्नी की चुत के बाल काफी बढ़े हुए हुए थे जिन्हें मैं पहले भी देख व्हुका था जब वो पूरी नंगी सोयी हुई थी, मैं उसकी चुत के बालों में उंगली फिरा कर खेलने लगा। फिर मैंने पूजा की चुत के दाने को धीरे धीरे अपनी एक उंगली से मसला तो पूजा एकदम गर्म हो गई थी, वासना के मारे उसके मुँह से सिसकारी निकल रही थी।
मैंने नीचे झुक कर उसकी चुत पर जोर की पप्पी ली। फिर पूजा की चुत पर हल्के हल्के से जीभ फिराने लगा। पूजा की सिसकारी ‘आह उम्म्ह आह ओह…’ निकल रही थी। इसके साथ ही पूजा की सारी शर्म भी लुप्त हो गई थी, अब वो पूरी निर्लज्जता से मेरा लंड अपने मुंह में लेकर चूसने लगी. मैं उसकी चूचियों को कस कस के मसल रहा था और वो मजा ले लेकर मेरा लंड चूसती रही.
फिर मैं उसे अपनी गोदी में उठा कर कमरे में ले गया और पूजा मेरी गोदी में ही मेरे मुँह में अपनी जीभ डाल के मेरे होंठ को चूसने लगी, किस करती रही. उसे पलंग पर लिटा कर मैं उसके नंगे शरीर के ऊपर चढ़ गया और उसके होंठ, गाल, गर्दन पर लगातार किस करने लगा और पूजा की अविरत सिसकारी निकल रही थी, वो भी मुझे हरेक जगह प्यार कर रही थी, मेरे लंड को उसने अपने हाथ में पकड़ रखा था जैसे कोई बच्चा डर रहा हो कि उसका खिलौना कोई चुरा ना ले.
धीरे धीरे नीचे आकर के मैंने उसकी चूचियाँ अपने मुंह में लेकर के चूसनी चालू की. पूजा के मुँह से लगातार उम्म्ह… अहह… हय… याह… निकल रहा था.
फिर मैंने उसके पेट पे अपनी जीभ रखी तो वो बोली- ओह पापा, आप तो बड़े सेक्सी हैं, आपको वाकयी लड़की को प्यार करना खूब आता है, करो और करो! अपने बेटे की कुंवारी बीवी को खूब प्यार दो!
मैंने उसकी नाभि पर किस किया और जीभ से उसको कुरेदने, चूसने लगा.
मेरी बहू बोली- पापा जी, बहुत गुदगुदी हो रही है और अब मैं काफी गीली हो गई हूँ नीचे!
मैं बोला- पूजा बेटा, चुदाई भी एक कला है। अच्छी तरह से पहले एक दूसरे के बदन से खेलना चाहिए जिससे दोनों जने खूब गर्म हो जायें। उसके बाद ही हमने आगे सेक्स की शुरुआत करनी चाहिए.
पूजा ने करवट लेकर मुझे नीचे लिटा लिया और खुद मेरे नंगे बदन के ऊपर चढ़ गई और अब वो मेरे सारे बदन को चाटने लगी। धीरे धीरे नीचे आते हुए वो मेरे बदन को चूसती हुई मेरे लण्ड के पास आई और मेरे लण्ड को जीभ से ऊपर ऊपर से चाटने लगी. उस के बाद वो मेरी गोली को चाटने लगी।
फिर मेरी बेटी से रहा नहीं गया और उसने अपने ससुर के लण्ड को अपने मुँह में ले लिया, मेरे लण्ड को वो चूसने लगी और बोली- पापा, एक बार मेरे मुँह में ही रस छोड़ दो! फिर थोड़ी देर बाद मेरी गर्म चुत को अच्छे से चोदना।
मैं बोला- पूजा रानी, मेरा रस इतनी जल्दी नहीं निकलने वाला!
पूजा बोली- वाह पापा जी, आप में तो बड़ा दम है।
फिर पूजा उठी, मेरे लंड को अपने हाथ से सीधा खड़ा करके उस पर अपनी चूत का छेद टिका कर बैठने लगी, मेरा लन्ड उसने अपनी चुत में डालना चालू किया लेकिन उसकी बिनचुदी कुंवारी चुत में मेरा मोटा लन्ड आसानी से घुस नहीं रहा था।
अब मैंने पूजा को नीचे बिस्तर पर लिटाया और मैं उसके ऊपर आ गया. अपना लंड उसके होंठों के पास लाकर मैंने पूजा को बोला- पूजा बेटी, मेरा लन्ड मुँह में लेकर गीला कर लो और थोड़ा थूक लगा लो इससे मेरा लन्ड चिकना हो जायेगा और तेरी चूत में जाने में आसान रहेगा.
पूजा ने मेरा लन्ड मुँह में लेकर काफी गीला कर दिया और थोड़ा थूक भी लगा दिया. मैंने उसकी दोनों टांगें काफी फैला दी और पूजा ने दोनों हाथ से चूत को जितना खुल सकती थी खोली.
मैंने अपना लन्ड उसकी चूत के मुँह पे रख के एक झटके से उसकी चूत में घुसेड़ा, लन्ड का सुपारा जैसे ही पूजा की चूत में घुसा वो चिल्ला पड़ी- हाय पापा जी… मर गई मैं… निकाल लो इसे! बहुत दर्द हो रहा है…
लेकिन मैंने अपनी बहू की एक नहीं सुनी और फिर दूसरी बार जोर से झटका मार के लन्ड को अपनी बहू की चूत में पूरा घुसेड़ दिया. ससुर का पूरा लंड बहू की कुंवारी चूत में घुस कर उसे फाड़ चुका था.
पूजा दर्द से चिल्ला रही थी. मैंने अपने लन्ड को बहू की चूत में पड़ा रहने दिया और पूजा को किस करने लगा. साथ ही कहा- पूजा यार तुम भी मुझे प्यार करो, बस पांच मिनट में तुम्हारा दर्द कम हो जाएगा, तब मैं तुम्हारी चूत में धक्के मारना शुरू करूंगा.
पूजा भी मुझे कस के प्यार करने लगी.
थोड़ी देर बाद मैंने पूजा की चूत में धीरे धीरे धक्के मारना चालू किया. अब पूजा को दर्द नहीं हो रहा था और वो बोली- पापा, जोर से धक्के मारो, मेरी चूत को आज फाड़ दो, शादी से लेकर अब तक ये कई महीनों से प्यासी है.
15 मिनट तक चोदने के बाद मेरे लन्ड का रस निकलने लगा, पूजा बोली- पापा, बड़ा मज़ा आ रहा है, सारा रस मेरी चूत में डाल दो. गरम गरम रस… आह पापा, आपने तो आज मेरी चूत की प्यास बुझा दी. आज से मैं आपकी बीवी हूँ. रोज़ मेरी चूत चोदना. मेरी सुहागरात असल में आज ही मनी है.
मैं बोला- पूजा डार्लिंग, सच में मुझे भी यही लग रहा है कि आज मैं तुम्हारे साथ सुहागरात मना रहा हूँ.
पूजा बोली- पापा, मैंने अन्तर्वासना पर कई सेक्स कहानी पढ़ी हैं और तब मुझे ये लगता था कि ये सब कहानियां काल्पनिक हैं, रिश्तों में चुदाई कैसे संभव है. लेकिन आज मुझे लग रहा है कि हालत में किसी भी तरह के रिश्तों में चुदाई संभव है. जैसे मज़बूरी ने हम दोनों को चोदने का मौका दिया. अब आप मुझे रोज़ चोदना. अब मैं आपका लन्ड लिए बिना नहीं रह सकती.
मैंने अपनी बहू की नई नवेली चूत में जोर जोर से धक्के मारने शुरू किये और कुछ ही देर में मेरी बहू सिसकारियान भर कर, किलकारियां मार मार कर झड़ गयी, मैंने भी अपना रस उसकी गर्म चूत में ही छोड़ दिया.
मैं और पूजा काफी देर तक नंगे ही पड़े रहे.
मेरी कहानी आपको कैसी लग रही है, मुझे मेल करके बताएं!
कहानी जारी रहेगी.
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कहानी का अगला भाग: पुत्र वधू की सुहागरात-3