देसी फॅमिली फक स्टोरी में मैंने अपने परिवार में चल रही बाप बेटी चुदाई, भाई बहन चुदाई की बातें बताई हैं. मेरी मम्मी नहीं हैं. मेरी दोनों बहनों से पापा सेक्स का मजा लेते हैं.
दोस्तो, कैसे हैं आप लोग!
यह सेक्स कहानी मेरे पापा और मेरी बहन की चुदाई की कहानी है.
ऋचा दीदी की इस देसी फॅमिली फक स्टोरी की शुरुआत में ही आपका लंड खड़ा हो जाएगा.
मेरे पापा, मेरी बहन को बहुत समय से चोद रहे हैं तो मेरी बड़ी बहन एकदम रंडी बन गयी हैं.
पापा का जब भी मन करता है, वे उसे झुका कर उसकी चूत चोद लेते हैं.
दरअसल पापा के लंड को सुख देने का फैसला दीदी ने ही लिया था.
उस वक्त मेरी मम्मी का असामयिक देहावसान हो गया था.
उनकी मृत्यु के बाद पापा दूसरी शादी करने के लिए तैयार थे.
मेरी दीदी तब जवान हो गई थी तो उसने पापा को दूसरी शादी करने से रोका और उन्हें शारीरिक सुख देने के लिए खुद को उनके लंड के नीचे लिटा दिया था.
ऐसा नहीं है कि पापा ही वासना में अंधे थे, बल्कि दीदी को भी चुदने की ललक थी.
आज की ये सेक्स कहानी तब की है, जब दीदी का पेपर राजस्थान में होना था.
उधर की यूनिवर्सिटी से दीदी कोई कोर्स कर रही थी.
उसके लिए साल में केवल एक ही बार दीदी को पेपर देने राजस्थान जाना पड़ता था.
पर उस वक्त एक से डेढ़ महीने के लिए उधर रुकना पड़ता था.
ठंड का मौसम था.
दीदी को पेपर देने जाना था तो दीदी पापा और ड्राइवर गए.
उधर पापा ने होटल में रूम ले लिया और उधर उन्होंने दीदी को पक्के में चोदा होगा.
चूंकि मैं उनके साथ नहीं गया था तो मुझे ज़्यादा कुछ पता नहीं है.
लेकिन दीदी की चुदाई तो पक्के में हुई होगी, यह बात मैं दावे के साथ कह सकता हूँ.
इसका खुलासा मुझे कुछ दिनों बाद उन दोनों की चुदाई देख कर हो गया था.
उन दोनों की चुदाई के दौरान होने वाली बातों को सुनकर पता चल गया था कि राजस्थान में दीदी ने पापा के साथ किस तरह की चुदाई की थी.
उस दिन घर में पापा और दीदी की चुदाई चल रही थी.
तो पापा बोल रहे थे- राजस्थान के होटल में जैसे लंड पर बैठ कर चूत को ऊपर नीचे कर रही थी, वैसे ही करो न … उस दिन तेरी लेने में बहुत मजा आया था. लंड का माल निकलने के बाद भी लंड पाँच मिनट तक खड़ा रहा था.
पापा की इस बात पर मेरी ऋचा दीदी हंस दी.
‘ऋचा तुम तो चुदाई में एकदम एक्स्पर्ट हो गयी हो!’
तो दोस्तो, मैं बताता चलूँ कि हुआ यह था कि जिस दिन दीदी का पहला पेपर होना था.
उस दिन ही सुबह में ये लोग वहां पहुंचे थे.
पेपर की चिंता छोड़ कर दीदी को चुदाई का भूत सवार था.
ये लोग वहां सुबह सुबह एक होटल में कमरा लेकर अन्दर आ गए.
दीदी का मक़सद था कि बस चुदाई कर ली जाए.
फिर तो केवल कपड़े पहन कर तैयार होना है और वे बिना नहाए भी पेपर देने चली जाएंगी.
उनका असली में तो कोई और ही पेपर होने वाला था.
होटल के कमरे में सबसे पहले वही हुआ, जो होना था.
एक और बात … जब घर में कोई नहीं होता था तो पापा दीदी को बहुत बुरी तरह चोदते हैं.
वे उनकी चीखें निकाल देते हैं, गांड पर तमाचे तमाचे मार कर गांड लाल कर देते हैं.
ये सब मैं इसलिए जानता हूँ क्योंकि पापा को पता होता है कि मुझसे उनको कोई दिक़्क़त नहीं है.
मैंने उनकी चुदाई में कई बार उनकी मदद ही की है.
उस दिन की चुदाई में मुझे मालूम हुआ था कि कई दिन तक उस होटल में पापा ने दीदी की चूत मारी थी.
पापा उस होटल में दीदी के ऊपर से पेपर का स्ट्रेस उतार रहे थे.
वे यह काम दीदी की चूत मार कर कर रहे थे.
मेरे पापा ने ऋचा दीदी की चूत चोद चोद कर फैला दी है.
चूत के जो होंठ होते हैं, उनको भी मोटा मोटा सा कर दिया है.
दीदी की चूत इतनी ज़्यादा फैल गयी है कि मेरा 6 इंच का लंड उसमें खो जाता है.
लेकिन एक बात है मेरी रंडी बहन हम दोनों भाइयों को अपनी चूत का मज़ा दे चुकी है.
पापा जब भी दीदी को कहीं ले जाते हैं, तो ऋचा दीदी को तो बहुत बुरी तरह से चोदते थे.
दीदी जब राजस्थान से वापस घर आई थीं तो वे रात के अंधेरे में आई थीं.
पापा उन्हें हाथ पकड़ कर लिवा कर आए थे.
दीदी राजस्थान से सबके लिए सामान लेकर आयी थीं. सबने अपना अपना सामान लिया और दीदी को थैंक्स बोला.
दीदी मीठा भी लायी थीं.
सबने खाना खाने के बाद घेवर खाया और सब सोने की तैयारी करने लगे.
दीदी भी कम्बल ओढ़ कर मेरे बग़ल में लेट गई थीं.
पापा को दीदी की लेनी थी तो वह दीदी को अपने रूम में बुला रहे थे.
दीदी बोल रही थीं- सर दर्द हो रहा है प्लीज़ पापा … सो जाने दीजिए.
पर पापा को तो अपनी चुदक्कड़ लौंडिया की यानि की दीदी की चूत लेनी थी, जिसे उन्होंने चोद चोद कर अपना रंडी बना लिया था.
दीदी के मना करने पर भी पापा नहीं माने और वे दीदी का हाथ पकड़ कर उनको अपने रूम में लेकर चले गए.
थोड़ी देर तक उन दोनों की बात करने की आवाज़ आ रही थी.
पापा दीदी को गर्म करने में लगे थे.
थोड़ी देर बाद दीदी गर्म हो गईं और पापा के ऊपर चढ़ गईं.
दीदी ने लंबा स्कर्ट और टॉप पहना था.
पापा ने पैंटी तो पहले ही निकाल दी थी. दीदी ने ब्रा पहनी ही नहीं थी.
दीदी ने स्कर्ट ऊपर की और कम्बल पीठ पर लेकर पापा के लंड पर चूत सैट कर के गचक कर अन्दर ले लिया.
पापा के सीने पर अपने चूचे रख कर लेट गईं और अपनी गांड उठा उठा कर चूत मरवाने लगी थीं.
दीदी के मुँह में मुँह डाल कर पापा उनके मोटे मोटे होंठों की चुसाई भी कर रहे थे.
कम्बल ऊपर हो जाने से गांड की जबरदस्त पिसाई चल रही थी.
लंड तो मानो इंजन के पिस्टन की तरह बहुत तेज तेज अन्दर बाहर हो रहा था.
थोड़ी देर बाद पापा अपने आप पर कंट्रोल नहीं कर पाए और उन्होंने दीदी को पकड़ कर लिटा दिया.
स्कर्ट ऊपर करके पापा ने उसे दीदी के हाथों में पकड़ा दिया और ज़ोर ज़ोर से चोदने लगे.
पापा के झटकों के साथ चुदाई चलने लगी थी इस वजह से दीदी के चूचे ज़ोर ज़ोर से ऊपर नीचे हो रहे थे.
दीदी की चूत खोदकर पापा मानो किसी गड्डे में से पानी निकालने में लगे थे.
चोदते चोदते पापा इतनी तेज चोदने लगे कि वे भूल ही गए कि उनके बच्चे दूसरे कमरे में सो रहे हैं.
दीदी की भी तेज स्वर में आवाज़ सिसकारियां ले रही थीं ‘आह पापा … ऊ आह पापा … उई आह आह … उई माँ इ आ …’
मेरा भी दिमाग़ और लंड दोनों खराब हो रहे थे.
मेरे बग़ल में मेरी छोटी बहन सो रही थी.
मैं उसकी गांड सहलाने लगा.
गांड सहलाते सहलाते मैं उसका पेट सहलाने लगा.
वह भी कुछ नहीं बोल रही थी.
मैंने उसके लोअर में हाथ डाल दिया और उसकी चूत को सहलाने लगा.
जैसे ही मैंने अपनी छोटी बहन की चूत में उंगली डाली, तो पाया कि उसकी चूत पहले से ही एकदम गीली थी और रस टपका रही थी.
उसी वक्त मेरी छोटी बहन सोनी ने मुँह मेरी तरफ़ कर लिया और वह मुझे देखने लगी.
मैं उंगली रोक कर सन्न सा रह गया पर वह कुछ नहीं बोली.
एक पल बाद मैंने उसे चूमा तो वह भी चूमने लगी.
अब मैंने उसका लोअर नीचे सरका दिया और उसने भी अपने पैरों से नीचे करते हुए उसे बाहर निकाल दिया.
मैं उसके पैरों के नीचे आया और उसकी दोनों टांगों को फैला कर चूत में उंगली डाल कर चाटने लगा.
उसकी चूत एकदम चिकनी थी, ऐसे लग रहा था मानो आज ही झांटों की सफाई की हो.
मैं अपना सर उसकी चूत पर लगा कर जीभ से चूत की फांकों को खोलने का प्रयास करने लगा.
मेरी छोटी बहन की चूत अभी शायद चुदी नहीं थी.
उसकी चूत की फांकें एकदम चिपकी हुई थीं.
मेरी जीभ के निरंतर चाटने से वह उत्तेजित हो गई और मेरा सर अपनी चूत पर दबाने लगी.
ऐसे ही दस मिनट तक चूत चाटने का सिलसिला चलता रहा.
फिर मैंने अपना लंड उसकी चूत में डालने के लिए उस पर सुपारा लगा कर सैट किया.
तो साली कुतिया नाटक करने लगी और लंड चूत में डलवाने से मना करने लगी.
मैंने सोचा कि अजीब लड़की है.
अभी तो चूत चटवाने का मजा ले रही थी और ऐसे कर रही थी मानो चुदवाने के लिए मरी जा रही हो.
पर जब मैं उसकी चूत पेलने के लिए लंड सैट कर रहा हूँ तो मादरचोदी नाटक कर रही है.
मगर मैं सोनी की चुदास को समझ नहीं सका था. उसने मुझे धक्का देकर नीचे गिरा दिया और खुद मेरे ऊपर चढ़ गयी.
मैं कुछ समझ पाता कि वह अपनी चूत को मेरे लंड से ज़ोर ज़ोर से रगड़ने लगी.
उसने अपना मुँह मेरे मुँह में डाल दिया और चूसने लगी.
अन्दर पापा के कमरे में चल रही दीदी की चुदाई से जितनी तेज आवाज़ आती, ये साली उतनी ही फॉर्म में आ जाती.
कुछ मिनट तक सोनी ने ऐसे ही किया.
फिर उसकी चूत ने बिना चुदवाए पानी छोड़ दिया.
उसकी चूत के मादक स्पर्श से मेरे लंड ने भी रस छोड़ दिया.
मेरी अपनी सगी छोटी बहन की चूत मैं मेरा लंड अभी गया ही नहीं था और हम दोनों को स्खलन का सुख मिल गया था.
आप लोग दुआ कीजिए कि साली जल्द ही खुद आकर मेरे लंड की सवारी करे और बोले- भाई चोद दो … फाड़ दो मेरी छोटी चूत!
रांड साली कुतिया ने अपनी चूत अपनी पैंटी से साफ़ कर ली और बिना पैंटी पहने लोअर पहन लिया.
उसने पैंटी को अपने तकिए के नीचे छिपा दिया क्योंकि पैंटी चूत और लंड के पानी से गीली हो गयी थी.
सोनी की चूत एकदम पाव की तरह फूली थी.
जैसे इंस्टाग्राम पर मैंने नेहा सिंह की फूली हुई कचौड़ी सी चूत देखी थी, ठीक वैसी ही इसकी भी चूत है.
नेहा सिंह की चूत का आकार तो उसके चिपके हुए लोअर से पता चल जाती है, लेकिन ये उतना टाइट लोअर नहीं पहनती है.
दोस्तो, मैं आप सबको सच बताऊं कि मेरे बेटीचोद बाप का पेट अपनी बेटी की चुदाई से भरता ही नहीं है.
अब तो मेरे हरजाई बाप ने मेरी दोनों बहनों को चोद चोद कर उनकी चूतों का भोसड़ा बना दिया है.
उसने छोटी बहन को कैसे चोदा था, वह सेक्स कहानी आपको बाद में लिखूँगा.
अभी इस देसी फॅमिली फक स्टोरी का ही मजा लें.
अपने बाप की हवस की क्या कहूँ कि वे किस तरह के हैं.
मौक़ा मिलने पर मेरा बाप मेरी मौसी को भी अपने लंड के नीचे लिटा लेता है और बाहर की तो उसकी कई रंडियां गुलाम हैं.
मैंने अपने हरामी बाप को सबसे ज़्यादा अपनी बड़ी बहन ऋचा को चोदते हुए देखा है.
दीदी अगर घर में है तो पापा दीदी की ही लेंगे.
मेरी रांड बन चुकी दीदी को भी अपने बाप से चुदवाने में कोई दिक़्क़त नहीं है.
वह तो हम लोगों के सो जाने के बाद खुद ही अपने बाप के लौड़े से चुदवाने चली जाती है.
इतनी सी उम्र में दीदी ने हज़ारों बार बाप से चुदवाया होगा.
दीदी ने मुझसे कैसे चुदवाया था और सोनी की चूत की सील किस तरह से टूटी, वह सब आपको अगली बार लिखूँगा.
तो दोस्तो, मैं अपनी बहन की चुदाई की कहानी आपके सामने आगे भी लाता रहूँगा.
इस बीच आपको जिसकी भी मिले, उसकी चूत का मजा लेते रहिए.
मेरी यह देसी फॅमिली फक स्टोरी आपको कैसी लगी?
प्लीज मेल करके मुझे बताएं या अपने सुझावों को कमेंट्स के माध्यम से मुझ तक पहुंचाएं.
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धन्यवाद.