एक्स्ट्रा मैरिटल सेक्स की कहानी पराये मर्दों के लंड का मजा लेने वाली भाभी की है. वह हमेशा किसी गैर लंड से चुदाई का मजा तलाशती रहती है. इस कहानी में उसने बैंक मैनेज़र को पटा लिया.
मेरा नाम मिसेज अलका श्रीवास्तव है।
मैं 32 साल की एक मदमस्त पराये मर्दों से चुदवाने वाली औरत हूँ।
पराये मर्दों के लण्ड पर जान देती हूँ, उनके लण्ड से बेहद प्यार और करती हूँ और उनके लण्ड की पूजा करती हूँ।
सच बताऊँ दोस्तो, मैं पराये मर्दों से नहीं, पराये मर्दों के लण्ड के प्यार करती हूँ।
मैं 5’4″ के कद वाली गोरी चिट्टी शोख़ चंचल और खबसूरत बीवी हूँ।
मेरे स्तन बड़े बड़े और आकर्षक हैं.
मेरी गांड बड़ी मस्त है और मेरी खुली खुली बाहें बहुत ज्यादा ही सेक्सी हैं।
मैं मीठा बोलती हूँ, गन्दी गन्दी बातें भी बोलती हूँ और प्यार से गालियां भी देती हूँ।
मुझे सबसे ज्यादा पसंद है सेक्स!
मैं सेक्स की बातें खूब करती हूँ।
सबसे लण्ड, बुर, चूत, भोसड़ा बोल बोल कर मज़ा लेती हूँ।
मैंने एक दिन सोचा कि क्या मैं ही एक अकेली ऐसी बीवी हूँ जो पराये मर्दों से चुदवाती है या फिर मेरी जैसी पराये मर्दों से चुदवाने वाली और भी बीवियां हैं?
फिर मैंने इस बिषय पर कई बीवियों से खुल कर बातचीत की और सबने मुझे खुल कर बताया भी।
मैं खुश हो रही हूँ यह बताने में कि सबने एक ही स्वर में कहा ‘हां, हम सब पराये मर्दों से खूब चुदवातीं हैं। पराये मर्दों के लण्ड का पूरा मज़ा लेती हैं.’
मौके पाते ही मैं पकड़ लेती हूँ पराये मर्दों के लण्ड … चुदवाने का असली मज़ा तो ग़ैर मर्दों के लण्ड से ही मिलता है।
क्या करूँ … मैं बिना पराये मर्द से चुदवाये रह नहीं सकती.
जब भी पराये मर्द का लण्ड हाथ में आता है तो मन बाग़ बाग़ हो जाता है और दिल की धड़कनें तेज हो जाती हैं।
अब मैं आपको अपनी एक्स्ट्रा मैरिटल सेक्स की कहानी सुनाती हूँ।
देखो यार, सच तो बात यह है कि मैं शादी के पहले ही खूब चुदी हुई थी।
कई लोगों से चुदी थी और कई तरह के लण्ड से चुदी थी मैं!
लेकिन अफ़सोस कि शादी के बाद मुझे एक ही लण्ड के साथ बंध कर रहना पड़ा।
मैं मुंबई में अपने पति के साथ रहती हूँ।
मैंने जैसे तैसे दो साल गुज़ार दिये।
लेकिन मेरा मन लग नहीं रहा था।
मुझे लण्ड हर रोज़ चाहिए था पर वह मुझे मिलता ही नहीं था।
मेरा हसबैंड या तो टूर पर रहता था या फिर बिजी रहता था।
मैं बहुत परेशान हो गयी।
एक दिन मैंने गुस्से में आकर अपने मन में ही हसबैंड को खूब गालियां दी- भोसड़ी के, जब तुझे अपनी बीवी की चूत चोदना नहीं आता, चूत में लण्ड पेलना नहीं आता तो फिर मुझे दूसरों से चुदवाता क्यों नहीं है? उनके लण्ड मेरी चूत में पेलवाता क्यों नहीं है मादरचोद? गांड फटती है क्या तेरी? अरे माँ के लौड़े, बहुत से ऐसे लोग हैं जो अपनी बीवी दूसरों से चुदवाते हैं। तू भी चुदवाकर अपनी बीवी। अगर तू अपनी बीवी औरों से नहीं चुदवायेगा तो फिर देखना कि तेरी बीवी क्या क्या गुल खिलाती है? दूसरे के लण्ड तेरे सामने अपनी चूत में पेलेगी तेरी हरामजादी चुदक्कड़ बीवी?
मैंने अपने मन की भड़ास निकाल तो ली पर मामला हल तो नहीं हुआ।
फिर मैंने सोच लिया कि अब मैं डंके की चोट कर पराये मर्दों से चुदवाऊंगी।
एकाएक ख्याल आया कि एक दिन मैं बैंक गयी थी. वहां का मैनेजर बड़ा हैंडसम है।
उस दिन वह बड़ा स्मार्ट दिख रहा था।
बस मैं तैयार हुई, एक तंग ब्रा पहन ली जिसमें मेरी मस्तानी बड़ी बड़ी चूचियाँ समा नहीं रही थीं, बस निप्पल ही छुपे हुए थे।
पेटीकोट के ऊपर साड़ी पहन ली।
मेरी खुली हुई बाहें बड़ी मस्त और मनमोहक लगतीं हैं।
मेरी गांड उभरी हुई है तो साड़ी में पीछे से बड़ी सेक्सी दिखती है।
मेरा चेहरा गोल और रंग एकदम गोरा है।
मेरी बड़ी बड़ी कजरारी आँखें किसी को भी मदहोश करने वाली हैं।
बस मैं बन ठन कर बैंक पहुँच गयी।
मैनेजर बैठा हुआ था।
उसका नाम था विशाल।
मैं सीधे उसी के पास चली गयी और अपनी बड़ी बड़ी चूचियाँ उसके सामने उसकी टेबल पर रख दीं।
उसने मेरा काम फटाफट वहीं बैठे बैठे कर दिया।
मैंने चलते समय अपना विजिटिंग कार्ड दिया और कहा- आज मेरा मैरिज एनिवर्सरी है, शाम को 8 बजे आ जाना। मैं आपका इंतज़ार करुँगी।
मैं उसे तिरछी निगाहों से आँख मारती हुई चली आई।
शाम को मैंने सारा इंतज़ाम कर लिया और ब्यूटी पार्लर से अपनी झांटें वगैरह बनवाकर समय पर तैयार हो गयी।
वह सही समय पर आ गया। वह सच में बड़ा स्मार्ट और हैंडसम लग रहा था।
मैंने मन में कहा- भगवान् करे कि इसका लौड़ा भी इतना ही हैंडसम हो … तो मज़ा आ जाए!
उसने मुझे एक बुके दिया और छोटा सा गिफ्ट भी।
मैंने ख़ुशी ख़ुशी ज़ाहिर की और थैंक यू कहा।
तब मैंने उसे बड़े प्यार और सम्मान से बैठाया।
वह इधर उधर देखने लगा।
तब मैंने उसे बताया कि मेरा हसबैंड टूर पर गया है इसलिए मैंने किसी और को नहीं बुलाया। सिर्फ तुम हो और मैं!
उस समय मैंने नीचे घाघरा पहना था। ऊपर से मैं बिल्कुल नंगी थी.
अपने बालों को आगे करके मैंने अपने मम्मों को ढक लिया था।
मैं अपने बालों की बार बार झटकती हुई अपनी चूचियों की झलक उसे दिखाने लगी।
वह भी मस्ती से देखने लगा।
मैंने उसे ड्रिंक्स ऑफर की और हम दोनों व्हिस्की का मज़ा लेने लगे।
मैंने पूछा- विशाल, तुम्हारी शादी हो गयी या नहीं?
वह बोला- नहीं मैडम, मेरी अभी शादी नहीं हुई।
मैंने कहा- लेकिन यार, तुम मस्त जवान हो तो शादी क्यों नहीं की?
वह बोला- अरे मैडम, हो जाएगी जल्दी क्या है?
मैंने कहा- अच्छा तो बिना बीवी के रात कैसे गुज़ारते हो?
वह बोला- बस ऐसे ही टी वी, मोबाइल और नेट पर बैठ कर समय बीत जाता है मैडम!
मैंने कहा- मैडम की माँ का भोसड़ा, मैडम की माँ चूत … मैं मैडम नहीं हूँ यार … मैं तेरी अलका भाभी हूँ। बुर चोदी अलका भाभी, भोसड़ी वाली अलका भाभी। मुझे इसी नाम से पुकारो। यह मेरा घर है यार ऑफिस नहीं। आज से तू मेरा भोसड़ी का देवर है।
मैंने एक्स्ट्रा मैरिटल सेक्स करने के लिए जानबूझ कर उसके लण्ड में आग लगाने के लिए गालियां दीं और आग लग भी गई।
वह बोला- तुम बहुत बोल्ड हो भाभी जी?
मैंने कहा- नहीं वो कहो जो मैंने बताया।
वह बोला- तुम बहुत हसीन हो मेरी बुरचोदी भाभी जी!
बस मैं उठी, उसके गले में अपनी खुली खुली बाहें डाल दीं और उसकी चुम्मी लेकर बोली- आज के लिए तुम मेरे हसबैंड हो विशाल! तुम मुझे बहुत अच्छे लगते हो. मैं तुम्हें अपना दिल दे बैठी हूँ। मुझे प्यार हो गया है तुमसे! आज मैं तेरे साथ नंगी होकर अपनी मैरिज एनिवर्सरी मनाऊंगी।
फिर क्या … उसके लण्ड में गज़ब का उछाल आ गया।
मैंने उसका लण्ड ऊपर से दबा दिया और अपने बालों को एक ही झटके में पीछे कर दिया तो मेरे दोनों बड़े बड़े बूब्स उसके सामने नंगे हो गए।
वह बूब्स देख कर होंठ चाटने लगा, बोला- क्या मस्त बूब्स हैं तेरे अलका … तू सच में बड़ी खूबसूरत है माँ की लौड़ी!
मैंने कहा- तू भी बड़ा हैंडसम है माँ के लौड़े।
फिर एक ही सांस में मैंने पूरी शराब पी ली और उसे पिला भी दी।
मैंने कहा- यार विशाल, अब हम दोनों के बीच इन कपड़ों का क्या काम?
तब मैंने उसके सारे कपड़े उतार दिये।
जब चड्डी बची तो उसके लण्ड का उभार साफ़ साफ़ दिख रहा था।
मैंने उसे चूमा और फिर फुर्ती से चड्डी भी खोल डाली।
उसका लण्ड बहनचोद फनफनाकर मेरे सामने खड़ा हो गया।
मैंने मन में कहा- अब आया पराये मरद का लण्ड मेरे हाथ जिसके लिए मैं बहुत दिनों से तरस रही थी।
मैं लण्ड पकड़ कर बोली- वाओ, क्या गज़ब का लौड़ा है मादरचोद … कितना मस्त और जबरदस्त है तेरा भोसड़ी का लण्ड विशाल! मज़ा आ गया यार तेरा लण्ड पकड़ कर!
उसने मेरे घाघरा खोल डाला।
मैं बिल्कुल नंगी उसके सामने खड़ी हो गयी।
मुझे उसके आगे नंगी होने में बहुत अच्छा लगा।
मैं उसे उसका लण्ड पकड़े पकड़े बेड पर ले गयी और उसे चित लिटा कर उसके ऊपर चढ़ बैठी।
अपनी चूत मैंने उसके मुंह पर रख दी और खुद झुक कर उसका लण्ड चाटने लगी।
वह मेरी चूत चाटने लगा।
हम दोनों 69 का मज़ा लगे।
मुझे तो आज बहुत दिनों के बाद कोई मेरे मन का लौड़ा मिला था।
मैं तो वास्तव में बड़ी खुश थी और लण्ड का पूरा मज़ा लेना चाहती थी।
लण्ड का टोपा मुझे बहुत बढ़िया लगा।
मैं तो टूट पड़ी उसके लण्ड पर!
मुझे लण्ड बड़ा प्यारा लग रहा था।
मन करता था कि इसे कच्चा चबा जाऊं।
मैं थप्पड़ मार मार कर लण्ड से बातें करने लगी- तू साला बड़ा मस्त चीज है। मेरी चूत में घुसेगा तू? मेरी चूचियाँ चोदेगा तू? मेरी माँ का भोसड़ा फाड़ेगा तू?
हर बार लण्ड अपना सिर हिला हिलाकर जबाब दे रहा था और मैं एन्जॉय कर रही थी।
उधर विशाल अपनी जबान मेरी चूत में घुसेड़ घुसेड़ कर मेरी चूत चोद रहा था और मैं सिसकारियां ले रही थी।
मस्ती दोनों तरफ गज़ब की थी।
इतने में उसने घूम कर लण्ड गच्च से मेरी चूत में घुसा दिया।
वह मेरी फुद्दी चोदने लगा और मैं भी साथ देने लगी।
मैं तो चुदी हुई थी तो मुझे कोई दर्द तो हुआ नहीं. मैं सातवें आसमान पर थी।
मेरी ख़ुशी का ठिकाना न था।
पराया मरद भी अच्छा … पराये मर्द का लौड़ा भी अच्छा!
एक चुदक्कड़ बीवी को और क्या चाहिए?
विशाल बोला- तू सच में बड़ी कमाल की है भोसड़ी वाली अलका! तेरी चूत भी कमाल की है बहनचोद. तेरी चूत ससुरी बड़ा मज़ा दे रही है। तेरी बहन की चूत अलका … आज मैं तुझे छोडूंगा नहीं। फाड़ डालूँगा तेरी चूत को!
उसकी गालियों ने मुझे और ज्यादा उत्तेजित कर दिया।
मैं ऐसा ही चोदने वाला मर्द चाहती हूँ जो मुझे गालियां दे दे कर चोदे।
मैंने कहा- हाय मेरे राजा, मुझे खूब चोद। मैं तेरी बीवी हूँ यार, मुझे चोद! मैं तेरी रंडी हूँ, मुझे चोद। मुझे पटक पटक कर चोद। मैं बड़ी आवारा हूँ, चुदक्कड़ हूँ, बदचलन हूँ. मुझे चोद। मेरी माँ को चोद, मेरी बहन को चोद, जहाँ चाहो वह लण्ड पेल। पूरा पेल, फाड़ डाल, चीर डाल मेरी बुर ?
मैं खूब सिसिया सिसिया कर चुदवा रही थी, मज़ा ले ले कर चुदवा रही थी।
फिर उसने मुझे घोड़ी बनाकर पीछे से भी चोदा जिसे मैंने खूब एन्जॉय किया।
मैं तब तक खलास हो चुकी थी और वह भी झड़ने लगा।
मैंने उसका सारा वीर्य अपने मुंह में गिरवा लिया और लण्ड का सुपारा चाट चाट कर मज़ा लिया।
यह बात सच है दोस्तो, कि जो मज़ा पराये मरद के लण्ड में है वह मज़ा कहीं और नहीं!
ऐसे ही एक दिन सुबह सुबह किसी ने डोर बेल बजा दी।
मैंने दरवाजा खोला तो सामने एक मस्त जवान लड़का खड़ा था।
वह बोला- मैडम, मैं आशीष मेहरा हूँ आपका पड़ोसी। मैंने अभी कुछ दिन पहले यह फ्लैट किराए पर लिया है।
लड़का मुझे एक ही नज़र में भा गया।
मैंने उसे अंदर बैठाया और अपने पति नकुल श्रीवास्तव से मिलवाया।
दोनों मिलकर बहुत खुश हुए।
मैंने उसे चाय ऑफर की और बातचीत भी की।
पता चला कि वह अभी कुवांरा है, शादी उसकी तय हो गयी है जो नवम्बर में होगी।
वह पेंचकस माँगने आया था, मैंने उसे दे दिया।
उसके बाद मैंने उससे नजदीकियां बढ़ानी शुरू कर दिया।
मेरा पति भी उसके साथ घूमने लगा।
कभी हम दोनों उसकी कार में और कभी वह हमारी कार में घूमने लगा।
नजदीकियां बहुत बढ़ गईं … इतनी कि वह मेरे घर पर मेरे साथ घंटों बना रहता था।
मैं भी उसके घर चली जाती थी और काफी समय गुज़ारती थी।
मेरा शिकार तो उस भोसड़ी वाले का लण्ड था।
मैं उसके लण्ड तक किसी न किसी तरह पहुंचना चाहती थी।
एक दिन मेरा पति 4 दिन के लिए विदेश किसी मीटिंग में चला गया तो बस मुझे एक सुनहरा मौक़ा मिल गया।
शाम को मैंने आशीष को बुला लिया।
मैं एक हल्का सा गाउन पहन कर बैठ गई। नीचे मैं बिल्कुल नंगी थी।
मैंने टेबल पर ड्रिंक्स का सेट लगा रखा था।
उसे मैंने कहा- यार आशीष, आज तुम मेरे साथ ड्रिंक्स लो और एन्जॉय करो।
हम दोनों मस्ती से व्हिस्की लेने लगे।
वह बोला- भाभी जी, आज आप बहुत जम रही हो, बड़ी सेक्सी लग रही हो!
मैंने कहा- अच्छा ऐसी बात है। जम तो तुम भी रहे हो मेरे देवर राजा!
वह बोला- मैं अपने मन की बात कहना चाहता हूँ। अगर तुम बुरा न मानो भाभी जी?
मैं बोली- नहीं मानूंगी। तुम खुल कर कहो?
वह बोला- मुझे यकीन है कि तुम बिना कपड़ों के और ज्यादा खूबसूरत लगोगी। एक बार कपड़े उतार दो न भाभी। मैं तुम्हें नंगी देखना चाहता हूँ।
मैंने कहा- हाय भगवान्, मैं यही तो तेरे मुंह से सुनना चाहती थी। बड़ी देर लगा दी तूने यह कहने में! मुझे तो पराये मर्दों के आगे नंगी होने में बड़ा मज़ा आता है। लो देखो मुझे एकदम नंगधड़ंग!
तभी मैंने अपना गाउन खोल कर फेंक दिया।
वह मुझे बड़ी देर तक नंगी नंगी देखता रहा।
मैं भी घूम घूम कर उसे अपना नंगा जिस्म दिखाती रही।
फिर मैंने अपनी बाहें उसके गले में डाल दीं और उसकी चुम्मी ले ली, उसके सारे कपडे फ़टाफ़ट उतार दिये।
वह जब नंगा हुआ तो उसका लण्ड देख कर मैं खुश हो गई।
मैंने कहा- क्या मस्त लौड़ा है तेरा बहनचोद आशीष! बड़ा मोटा और हैंडसम है तेरा भोसड़ी का लण्ड। मैं तो मर मिटी तेरे लण्ड पर यार!
मैं लण्ड पकड़े पकड़े उसे बेड पर ले गयी और उसे चित लिटा दिया, उसकी दोनों टांगों के बीच नंगी नंगी बैठ कर उसका लण्ड मुठियाने लगी.
उसके लण्ड का सुपारा और साथ में पेल्हड़ भी मैं चूसने लगी और उसकी जाँघों पर फिराने लगी हाथ।
मैंने कहा- आशीष, तू नंगा मुझसे ज्यादा सेक्सी और हॉट लग रहा है। तेरी माँ का भोसड़ा, बहनचोद आज तू आया है मेरी पकड़ में! आज मैं तेरे लण्ड की चटनी बनाऊंगी।
मैं लण्ड पर टूट पड़ी।
वह भी उत्तेजित था।
कुछ देर में उसने पेल दिया लण्ड मेरी चूत में और मैं भी रंडी की तरह घपाघप चुदवाने लगी।
पराये मरद का लण्ड तो मेरे लिए लड्डू, पेड़ा, बर्फी जैसा होता है जिसे मैं फ़ौरन अपने मुंह में रख लेती हूँ।
उसके लण्ड से जो रस टपक रहा था वह बड़ा स्वादिष्ट था।
मैं एक बिल्ली की तरह उसका लण्ड चाटने लगी।
वह कभी लण्ड मेरी चूत में पेलता तो कभी चूत से निकाल कर मेरे मुंह में पेल देता।
मुझे उसका ऐसा करना बड़ा मज़ा दे रहा था।
वह भी मस्ती में बोला- भाभी, तेरी बुर बड़ी मस्त है। बड़ी टाइट है तेरी चूत! तुझे चोदने में मुझे बड़ा अच्छा लग रहा है। तू साली बड़ा मस्त चुदवाती है। सच में तू भोसड़ी वाली एकदम रंडी है। तेरी माँ की चूत … मैं ऐसी बीवियों को बड़ी तबियत से चोदता हूँ। अपने दो दोस्तों की बीवियां भी ऐसे ही चोदता हूँ। वे दोनों भी मेरा लण्ड खूब गपर गपर चाटती हैं। जब भी अकेली होती हैं तो मुझे फोन करके बुला लेती हैं। मैं उसी के घर में उसकी बुर का बाजा बजाता हूँ। जैसे मैं आज तेरे घर में तेरी बुर का बाजा बजा रहा हूँ।
आशीष की बातें मुझे और ज्यादा उत्तेजित कर रहीं थीं।
मैं चुदाई में खो गयी थी बिल्कुल! मैं कब खलास हो गयी मुझे पता ही नहीं चला।
हां, मैंने उसका झड़ता हुआ लण्ड खूब चाटा।
एक घंटे के बाद वह बोला- भाभी जी, एक बार और चोदूंगा तुमको!
मैंने कहा- हां हां, एक बार नहीं, तुम कई बार चोदो मुझे! रात भर चोदो। मैं कहीं जाने वाली नहीं हूँ।
फिर उसने सच में मुझे रात भर चोदा।
तो मेरी एक्स्ट्रा मैरिटल सेक्स की कहानी कैसी लगी आपको?
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