गन्दी चुदाई की कहानी में हम पति पत्नी दोनों चुदाई के लिए पागल रहते थे, कुछ नया करना चाहते थे. हमारी शादी की सालगिरह पर मेरी बीवी ने सेक्स का नया कारनामा करने की योजना बनाई.
मेरा नाम देव है. मैं 32 साल का हूँ.
मेरी शादी दस साल पहले हो गयी थी. मेरी पत्नी का नाम रानी है.
हमारे दो बच्चे भी हैं. दोनों बच्चे अपने बाबा दादी के साथ रहते हैं.
मैं 5 फुट 6 इंच का हूँ और मेरी पत्नी रानी 5 फुट 4 इंच की है.
वह बेहद खूबसूरत और 32-29-34 फिगर वाली सेक्सी औरत है.
उसका पिछवाड़ा देखकर अच्छे से अच्छे मर्द का भी लंड एक झटके में खड़ा हो सकता है.
हम दोनों ही सेक्स के बहुत दीवाने हैं. हम दोनों को जब भी मौका मिलता है, हम चुदायी और चुसाई में लग जाते हैं.
यह गन्दी चुदाई की कहानी हमरी इसी दीवानगी की है.
रानी को शादी से पहले सेक्स के बारे में कुछ अधिक नहीं पता था.
वह अनजान थी लेकिन मेरी संगत और मेहनत का नतीजा यह निकला कि वह आज एक बढ़िया सेक्स साथी है.
उसका मेरे प्रति प्यार में किसी भी हद तक जाने की ललक होने से वह कुछ ही समय में भारी चुदक्कड़ बन गयी थी.
फिर पहले बच्चे के बाद अगले 2 साल में वह गाली देना, चुदाई के दौरान गंदी गंदी बात करना और लंड चूसना आदि सब सीख गयी थी.
वह जितना सेक्स में डूबती जा रही है, उतना ही हम दोनों की भूख भी बढ़ती जा रही थी.
अब हम दोनों खूब मस्ती के साथ आधी आधी रात तक चुदाई का मजा लेने लगे थे.
रानी को भी सेक्स कहानियां पढ़ने और गंदी फिल्में देखने में मजा आने लगा था.
वह फिल्मों की नकल करके चुदाई करने लगी थी.
दूसरे बच्चे के बाद तो वह मुझसे रंडी की तरह सेक्स करने लगी थी.
वह चाहती थी कि मैं उसके सामने ही किसी और लड़की को चोदूं या वह खुद मेरे सामने किसी और लंड से चुदे.
हम दोनों रोज रात को प्लान बनाते कि कैसे किसी को ले आएं.
फिर मैंने रानी से बोल दिया- दूसरी लड़की की व्यवस्था तुम्हें ही करनी होगी. तुम जिसे भी मेरे लंड से चुदवाओगी, मैं उसे चोद दूंगा. बस वह तुम्हारी तरह चुदक्कड़ होनी चाहिए.
हम दोनों अपने साथ तीसरी सहयोगिनी को लेकर भी चुदाई करने लगे थे.
यह सब आगे आपको पढ़ने मिलेगा.
हम दोनों चुदाई का पूरा आनन्द लेते हैं. जब तक रानी दो तीन बार लंड न चूस ले, उसका मन ही नहीं भरता.
उसको मुझसे भी चूत चटवाने का जबरदस्त चस्का लग गया है और कुछ ही दिनों में रानी खुद ही चुदने से पहले चूत चटाने लगी है.
उसे लंड चूसने और चूत चटाने में बहुत मजा आने लगा है.
हम दोनों अब अधिकतर टाइम घर के अन्दर नंगे ही रहने लगे हैं.
एक तरह से हम दोनों ही सेक्स एडिक्ट हो गए हैं.
हमारी अधिकतर बातें सेक्स को ही ले कर होती हैं.
हम हमेशा कुछ नया करते रहते हैं और नया करने के बारे में हमेशा सोचते रहते हैं.
हम दोनों एक ही मैनुफैक्चरिंग कम्पनी में काम करते हैं.
यहां 28 औरतें और 31 पुरूष काम करने आते हैं.
उधर ही एक 44 वर्षीय 6 फुट लम्बा और मजबूत कद काठी का आदिवासी भी काम करता है.
वह औरतों की तरह रहता और बात करता है.
उसका नाम सोनाराम है.
उसे सब सोना बाबू कह कर बुलाते हैं.
वह हिजड़ा होने की वजह से सबसे हंसी मजाक करता रहता है. वह हमेशा औरतों के साथ ही रहता है क्योंकि उसकी हरकतें भी हिजड़ों वाली हैं तो महिलाएं भी उसे अपने साथ रखने में सहज समझती हैं.
सोना बाबू कम्पनी में मेरा और रानी का कॉमन फ्रेंड भी है.
वह बहुत अश्लील बातें व हरकतें करता रहता है.
हम सब उसके साथ खूब हंसी मजाक कर लिया करते हैं.
वह मजाक मजाक में कभी मेरा जांघ सहलाने लगता था तो कभी कभी तो लंड भी पकड़ लेता था.
ऐसे ही चेन्जिग रूम में रानी और बाकी की अधिकतर औरतों के जिस्म भी छू लेता था.
वह अक्सर रानी के चूतड़ों पर हाथ रख कर उसके चूतड़ को दबा देता था.
यह बात रानी ने ही मुझे बतायी थी.
हम दोनों अक्सर ये सोचते थे कि इतने तगड़े शरीर का मालिक हिजड़ा कैसे हो गया.
उस दिन मेरी शादी की ग्यारवीं सालगिरह थी हम दोनों ने काम से छुट्टी ले रखी थी और उस दिन हम दोनों कुछ खास करने वाले थे.
पिछली बार मैंने गिफ्ट में धोखे से रानी को उसके कॉलेज के समय के एक लड़के दीपक नाम के लड़के से चुदवा दिया था.
वह लड़का कभी रानी को कॉलेज के समय से ही एक तरफा प्यार करता था.
वह क्या सेक्स कहानी थी, आपको उस बारे में मैं बाद में बताऊंगा.
इस साल रानी ने मुझे रिटर्न गिफ्ट देने की बात कही थी.
जब से रानी ने रिटर्न गिफ्ट में मुझे मस्त गांड दिलाने का वादा किया था, तब से मैं उन तीन हसीनाओं साधना, सीमा और ममता के बारे में सोचने लगा था जो रानी की सहेलियां व सहकर्मी हैं.
बार बार पूछने पर भी वह बताने को तैयार नहीं हुई.
बस वह इतना ही कहती थी कि तुम इस गिफ्ट को कभी भूल नहीं पाओगे.
वैसे भी पिछले दो तीन सालों में मुझसे रानी तीन औरतों को चुदवा चुकी है.
एक पुरानी शादीशुदा सहेली को और अपने मायके की एक भाभी को भी मुझसे चुदवा चुकी है.
परंतु रानी के इस तरह कहने पर मैं सोच नहीं पा रहा था कि वह क्या करने वाली है.
मुझे लगा था कि मुझे इस बार सीमा की गांड मारने का मौका मिलेगा.
वह 5 फुट लम्बी व 30-28-34 की जबरदस्त फिगर की गजब की माल औरत थी.
मैं खुद भी रानी से कई बार उसे चुदवाने के लिए कह चुका हूं.
परन्तु यहां रानी के मन में कुछ और ही खिचड़ी पक रही थी.
रानी ने मुझसे दीपक वाले कांड और मेरे गांड मारने की शौक का बदला लेने का मन ही मन सोच लिया था क्योंकि रानी हमेशा गांड नहीं मरवाती.
वह बहुत ही खास मौकों पर ही वह अपनी गांड का मजा लेने देती है.
रानी जानती थी कि सोना बाबू हिजड़ा है और सेक्स का शौकीन है.
हम दोनों उसके सामने ही सेक्स की बात कर लिया करते थे.
रानी ने योजना बनाई और सोना से पूछा- तू कुछ कर भी पाता है या बस ऐसे ही लटकाए रहता है?
वह बोला- आप से ज्यादा तो मैं औरत मर्द दोनों को ख़ुश कर देता हूं.
रानी ने कहा- ठीक है, फिर मैं जिससे कहूँ, उसे खुश करके दिखाओगे?
वह जीभ निकालकर बोला- आप कहो तो आपको भी खुश कर दूं?
रानी बोली- पहले मेरा काम करके दिखाओ, तो मैं तुम्हें खुद को भी खुश करने का मौका दूंगी.
वह तैयार हो गया.
सालगिरह के दिन रानी बहुत खूबसूरत दिख रही थी.
रानी ने आज बिना साया ब्लाउज के सुर्ख लाल रंग की नेट वाली साड़ी पहन रखी थी जिसमें से उसका लाल रंग का ही स्टाइलिश ब्रा व पैंटी की डिजाइन झलक रही थी.
उसका यह उत्तेजक पहनावा मेरे सीने में वासना की आग को बढ़ावा दे रहा था.
रानी ने मेरी आंख पर काली पट्टी ठीक उसी तरह बांध दी थी जैसे पिछली सालगिरह पर मैंने रानी की आंखों को बांधी थी.
उसने मुझे बेड पर लिटा कर मेरी पैन्ट शर्ट को निकाल दिया.
वह मुझे लिटा कर गिफ्ट का इंतजार करने के लिए कह कर चली गयी.
पांच मिनट के बाद वह किसी के साथ लौटी और साड़ी निकाल कर मेरे पास चिपक कर लेट गई.
उसने मुझे नंगा कर दिया.
मुझे किसी तीसरे के होने का अहसास हो गया था.
आज नया स्वाद चखने को मिलेगा, यह सोचकर ही लंड का तनाव बढ़ने लगा था.
आज मेरी बीवी किसे लायी है, यह जानने के लिए मन मचल उठा था.
रानी ने अपने होंठों को मेरे होंठों पर रख दिया और उसी वक्त किसी ने मेरे लंड को अपने मुँह में भर लिया.
मेरे मन में रानी की हर सहकर्मी का चेहरा नाचने लगा.
मैं उत्सुक था कि रानी किसको मुझसे गांड मरवाने के लिए ले आयी है.
मैंने आंख खोलनी चाही तो रानी ने मना कर दिया.
मेरा सस्पेंस बढ़ता जा रहा था.
वह जो कोई भी थी, पर मेरे लंड को बिना हाथ लगाये बहुत ही सुंदर तरीके से चूस रही थी.
रानी ने उठकर लाइट बन्द कर दी और मेरे मुँह पर अपनी चूत रखकर मेरी पट्टी खोल दी.
अन्धेरा होने व रानी की चूत मुँह पर होने की वजह से मैं कुछ देख नहीं पा रहा था.
रानी ने पूछा- अपना गिफ्ट देखना नहीं चाहोगे?
मैंने कहा- वही देखने के लिए तो बेचैन हुआ जा रहा हूं!
रानी ने कहा- लो देख लो और जितनी गांड मारनी हो मार लो, बस पहले मेरी चूत का पानी सही से चूस लो.
मैंने जल्दी से चूत पर होंठ जमाए और चूत के झड़ जाने के बाद एक बार में ही उसकी चूत का रस साफ कर दिया.
फिर रानी ने लाइट ऑन की तो मैं गिफ्ट देखकर दंग रह गया.
यह तो मेरी ही कंपनी का सोना बाबू था.
रानी की कही बात याद आ गयी कि मैं इस गिफ्ट को कभी भूल नहीं पाऊंगा.
मैंने सोचा भी नहीं था कि रानी मुझसे गांड मरवाने के लिए इस हिजड़े को बुला लेगी.
मुझे सब बहुत अजीब लगा.
मैंने रानी से कहा- यह गांड मरवाने यहां आया है?
इसका जवाब सोना ने दिया- बाबू लंड तो चुसा ही देते हो, एक बार मेरी गांड का भी मजा ले लो.
दरअसल एक बार रानी ने ही लंच टाइम में कम्पनी मेस के कोने में मेरा लंड सोना को चुसवा दिया था.
‘साब मुझे भी लंड के साथ चूत भी चाटने का मौका मिल जाएगा और चुदाई में आपकी मदद भी कर दूंगा.’
मैंने रानी से कहा- इसकी गांड तो मैं मारने से रहा, तुम्हें पता है मुझे लड़कों का शौक नहीं है.
रानी बोली- ये अगर लड़की नहीं है तो क्या हुआ, है तो लड़की जैसा ही. इसकी गांड को ट्राई करने में क्या जाता है?
मैंने कहा- ठीक है, पर अभी तो तुम ब्रा निकाल कर मुझे अपनी चूची पिलाओ और सोना से अपनी चूत चटवाकर तैयार हो जाओ. आज ये तुमको चोदने में मेरी मदद करेगा.
मैं तो पहले ही नंगा था.
अब मेरी बीवी रानी भी नंगी होकर चित लेट गयी.
मैंने सोना बाबू को भी कपड़े निकालकर आने को कहा.
तो उसने झट से अपनी शर्ट निकाल दी पर पैन्ट नहीं निकाली.
उसने रानी की चूत में अपनी जीभ डाल दी.
रानी उस हिजड़े की जीभ अपनी चूत के अन्दर जाते ही मस्त होकर मचलने लगी.
इधर मैं रानी की एक चूची को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा और दूसरी को हाथ से मसलने लगा.
अब तो रानी के मुँह से ‘आह … उह …’ की सिसकारियां निकलने लगीं.
रानी मेरा लंड पकड कर हिलाने लगी.
हम तीनों पर मस्ती सवार हो रही थी.
रानी ने मुझे धक्का देकर लिटा दिया और मेरा लंड चूसने लगी.
सोना बाबू ने रानी के चूतड़ों को उठा कर अपनी मोटी उंगली उसकी चूत में डाल दी और वह किसी कुत्ते की तरह चूत को चाटने लगा.
अब हम सभी से अब चुदाई का नशा बर्दाश्त नहीं हो रहा था.
रानी की चूत से पानी निकलने लगा था और अब उसे तुरंत एक मोटे लंड की जरूरत थी.
असली मजा तो अब आने वाला था.
रानी की निगाह सोना पर पड़ी तो बोली- तुमने पैन्ट क्यों नहीं निकाली सोना, तू भी नंगा होकर आ जा!
सोना बाबू बोला- नहीं, जब आपके पति को मेरी मारनी नहीं है तो मैं ऐसे ही ठीक हूँ.
रानी ने आगे बढ़ कर पैन्ट का हुक खोल दिया और बोली- साले, मैं तेरे सामने नंगी होकर बैठी हूँ और तुझे शर्म आ रही है भोसड़ी के!
यह कह कर उसने झटके से पैंट के साथ साथ सोना बाबू का अन्डरवीयर भी निकाल दिया.
अब जो नजारा सामने था, वह रानी और मेरा होश उड़ा देने के लिए काफी था.
रानी चुपचाप बैठ गयी थी.
हम दोनों को ही अपनी आंखों पर भरोसा नहीं हो रहा था.
जिसे हम हिजड़ा समझते थे और जिसके सामने कम्पनी की अधिकतर महिलाएं चेन्जिंग रूम में कपड़े बदल लेती थीं, वह मादरचोद हिजड़ा नहीं बल्कि एक जबरदस्त मर्द था.
क्या लंड था उसका … आह!
सोना बाबू का लंड मेरे लंड से एक इंच बड़ा था यानि उसका लंड लगभग सात इंच से ज्यादा लम्बा और मेरे लंड से डेढ़ इंच यानि पांच इंच मोटा था जो सोना बाबू की तरह ही अजीब था.
उसके लंड का सुपारा छोटे सेब की तरह फूला हुआ था और लंड जले हुए मोबिल ऑइल जितना काला व चमकदार था.
ऐसा लगता था कि एक तरफ से फुंकी हुई पाइप पर किसी ने सेब को उल्टा करके जामुनी रंग से रंग दिया हो.
वह हमारी सोच के बिल्कुल विपरीत था, उसे देखकर मैं और रानी दंग रह गए थे.
सब कुछ हमारी सोच से अलग था.
रानी की तो कमोवेश चीख ही निकल गयी थी कि जिसे वह आज तक हिजड़ा समझती थी, वह क्या निकला.
यहां तो रानी का गिफ्ट का दांव ही उल्टा पड़ गया था.
रानी को लगने लगा था कि कहीं उसकी ये गलती उस पर ही भारी न पड़ जाए.
हालांकि रानी ने की बार यह कहा था और वह यह चाहती भी थी कि हम दोनों मिल कर किसी के साथ ग्रुप सेक्स करें!
ऐसा पहले हम दोनों चार बार कर भी चुके थे, जिसमें एक बार दीपक वाले कांड को छोड़कर हर बार ग्रुप पार्टनर कोई अन्य औरत ही थी जो रानी के सौजन्य से मिली थी.
मैं चाहता था कि वह कम से कम एक बार और किसी गैर मर्द के साथ मेरी उपस्थिति में चुदे.
पर वह मर्द ऐसा होगा, ये मैंने भी नहीं सोचा था!
खैर छोड़ो … मेरी तो तबीयत खुश हो गई थी कि आज रानी की दो लंड से चुदाई का मजा आएगा.
रानी कुछ कह भी नहीं सकती थी क्योंकि यह गिफ्ट वही लायी थी.
सीमा को तो मैं फिर कभी रानी की मदद से चोद ही लूँगा.
रानी जानती थी कि मेरी तो बिना मांगे ही बहुत पुरानी इच्छा पूरी होने वाली है.
सोना बाबू भी हमारी स्थिति समझ चुका था.
वह धीरे से मुस्कुराते हुए मेरा लंड पकड़ कर बैठ गया और सहलाने लगा.
कुछ देर बाद उसने अपने मुँह में मेरा लंड लेकर रानी को इशारे से पास बुलाया और उसे मेरे बगल बैठने का इशारा किया.
फिर अपने हाथ के बड़े से पंजे को रानी की चिकनी गोरी जांघ पर घुमाने लगा.
रानी का पूरा शरीर उत्तेजना रोमांस और डर से कंपकपांने लगा.
रानी को पता था कि मैं तो पहले से ही उसे किसी से चुदते हुए देखना चाहता था.
पहली बार मेरी बीवी ने मेरे दोस्त दीपक के साथ चुदाई तो जरूर की थी पर वह अलग कमरे में जाकर चुदी थी, तो उसकी किसी गैर मर्द से चुदाई अपनी आंखों के सामने देखने की हसरत बाकी रह गयी थी.
उसके बाद रानी ने कभी मौका भी नहीं दिया था.
आज यह मौका खुद ब खुद उसकी वजह से मिल गया था.
वैसे रानी अब अपनी रजामंदी दे चुकी थी कि मैं जब चाहूँ, वह मेरी पंसद के किसी भी व्यक्ति से मेरे सामने रंडी बनकर चुद कर दिखाएगी.
लेकिन वह मौका इतनी जल्दी और इस रूप में आ जाएगा, वह इसके लिए तैयार नहीं थी.
मेरे लिए भी रानी को रंडी की तरह चुदते देखने का इससे अच्छा मौका नहीं मिलने वाला था.
बस फिर क्या था … मैंने घोषणा कर दी कि रानी मेरा जितनी देर लंड चाटेगी, सोना उतनी देर रानी की चूत चाटेगा और मैं रानी की चूत चोदकर लाईव चूत चोदाई देखूंगा.
मैं बेड पर टांग फैला कर लेट गया.
रानी मेरे लंड पर झुक गयी और सोना रानी की नंगी टांगों के बीच से होता हुआ मेरे पैरों के पास लेट गया.
अब रानी की चूत सोना के होंठों पर टिक गई और रानी के होंठ मेरे लंड पर लग गए.
सोना ने रानी की दोनों चूचियों को अपने हाथ की हथेलियों में दबा लिया और वह अपनी जीभ रानी की चूत में घुमाने लगा.
इससे रानी छटपटा उठी और खूब जोर जोर से मेरे लंड को चूसने व चाटने लगी.
उसकी कसमसाहट के साथ लंड चुसाने का मजा ही आज कुछ अलग था.
सोना ने रानी को अत्यधिक उत्तेजित कर दिया.
दोस्तो, यह सेक्स कहानी आपको कैसी लग रही है, प्लीज मुझे जरूर बताएं.
इसके अगले अंक में आपके लंड चूत से पानी टपकाने की गारंटी के साथ मैं देव, आपसे कुछ वक्त के लिए विदा लेता हूँ.
गन्दी चुदाई की कहानी पर अपने विचार जरूर भेजें.
गन्दी चुदाई की कहानी का अगला भाग: पति पत्नी की चुदास और बड़े लंड का साथ- 2