Xxx डर्टी पोर्न कहानी में पढ़ें कि मुझे अपने पति के दोस्त से चूत मरवा के बहुत मजा आया था. एक बार वे बहाने से हमारे घर आये तो उन्होंने मुझे आगे पीछे से चोदा.
दोस्तो, मैं शिप्रा आपको अपनी चुदाई की कहानी सुना रही थी.
कहानी के पहले भाग
मुझे चुदने में बहुत मज़ा आता है
में अब तक आपने पढ़ा था कि मेरे पति के दोस्त शिशुपाल के साथ मेरा टांका फिट हो गया था और वो मुझे चोदने मेरे घर आ गए थे.
उस समय वो बाथरूम में मेरी ले रहे थे.
अब आगे Xxx डर्टी पोर्न कहानी:
मैंने शिशुपाल के हब्शी लंड को अपनी जीभ से चाटना शुरू कर दिया.
शिशुपाल मेरे सर पर हाथ फेरते हुए बोले- शिप्रा, कैसा लगा मेरी कुतिया?
मैंने कहा- हां शिशु जी, आपके लंड का स्वाद मस्त है.
शिशु जी मेरे होंठों पर लंड घिसने लगे.
मैंने मुँह खोला और शिशुपाल ने मेरे सर को पकड़ कर धीरे धीरे लंड को मेरे मुँह में घुसाना चालू कर दिया.
मैं उम्म औकक करने लगी और उनको हटाने लगी पर उन्होंने मुझे दबोच कर रखा था.
धीरे धीरे उनका लंड मेरे गले तक घुस गया और उनके अंडे मेरे होंठों से चिपक गए.
मेरी सांस रुकने लगी, आंखों से आंसू निकलने लगे और मैं तड़पने लगी.
मेरी हालत देखकर उन्होंने लंड निकाल लिया, तब मेरी जान में जान आई.
मैं हांफने लगी और बोली- शिशु जी, आपने तो मेरी जान निकाल दी.
वे लंड को मेरे गालों पर रगड़ने लगे और बोले- शिप्रा, तू चिंता मत कर छिनाल, मैं तुझे कुछ नहीं होने दूंगा.
उन्होंने फिर से अपने लंड को मेरे मुँह में डाला और घिसने लगे.
मैं फिर से औक औक करने लगी.
जब शिशु लंड बाहर खींचते, तो मैं होंठों से लंड को कस लेती और लंड मेरे होंठों को रगड़ता हुआ निकलता.
ऐसा करने में मुझे बहुत अच्छा लग रहा था.
शिशु बोले- वाह हरामजादी छिनाल वाह … तू तो काफी मजेदार तरीके से लंड चूसती है … चूस बहनचोद चूस!
मैं बोली- शिशु जी, आपके लंड का स्वाद बड़ा मस्त है … मजा आ गया.
काफी देर तक मैं लंड चूसती रही.
फिर वो मेरे मम्मों के बीच में लंड फंसा कर घिसने लगे.
वे बोले- अरे वाह मेरी रंडी, क्या कड़क मम्मे हैं … मजा आ गया.
मैं अपने मुँह से लंड का सुपारा चूसने लगी.
मैंने उनके अंडे भी खूब चूसे.
हम 69 की पोजीशन में आ गए.
उन्होंने लंड मेरे मुँह में रगड़ना शुरू कर दिया.
मैं औक औक करने लगी.
वह तेजी से लंड रगड़ने लगे और थोड़ी देर बाद उन्होंने वीर्य से मेरा मुँह भर दिया.
वे बोले- पी साली कुतिया, पूरा माल गटक जा मादरचोद रांड.
मैं धीरे धीरे पूरा वीर्य गटक गई और उनके लंड को चाट कर बोली- वाह शिशु, आपका माल स्वादिष्ट था, मजा आ गया.
वे मेरे मम्मों पर पेशाब करने लगे और मैं पेशाब से मम्मों को धोने लगी.
मैंने मुँह खोल दिया और वे मेरे मुँह में पेशाब करने लगे.
मैं उनका पूरा पेशाब पी गई.
हम फिर शॉवर के नीचे खड़े हो गए. मैंने उनके बदन को अपने मम्मों से खूब रगड़ा और अगले पड़ाव की तैयारी में लग गए.
हम दोनों गीले बदन नंगे ही बाहर आए.
उन्होंने मुझे पलंग पर लेटाया और मेरी चूत को निहारने लगे.
उन्होंने मेरी जांघों को खूब चूमा और चाटा. फिर झुककर मेरी चूत को चूमा और अपना मुँह मेरी चूत में घुसेड़ दिया.
थोड़ी ही देर में उनकी लपलपाती जीभ मेरी चूत के अन्दर घूमने लगी.
मैं तो बस उछलती रही और उनका सर पकड़कर और अन्दर करती रही.
शिशु जी ने मुझे ऐसे पांच मिनट तक चाटा और मैं झड़ गई.
मैं तो इसी से ही थक गई, लेकिन अभी तो सफ़र की शुरूआत थी.
उन्होंने मेरे ऊपर चढ़कर मम्मों को चाटना शुरू कर दिया. उनका लंड फिर से खड़ा हो गया और मेरी चूत से टकराने लगा.
मैं अपनी कमर उचकाने लगी.
वह बोले- मादरचोद रांड, तू तो चुदने के लिए तैयार हो गई.
मैं टांगें फैलाकर बोली- शिशु जी अब सहन नहीं हो रहा प्लीज, जल्दी से लंड मेरी चूत में घुसा दो ना!
उन्होंने अपना लंड चूत पर रखा और एक झटके में लंड अन्दर डाल दिया.
मेरी आहह निकल गई.
मैं बोली- शिशु, आपने तो मेरी चूत को गड्डा बना दिया है.
उन्होंने मेरी दोनों टांगें अपने कंधों पर फंसाई और तेज़ी से चुदाई शुरू कर दी.
मैं कराहने लगी- आहह आऊ … धीरे-धीरे आहहह … शिशु मज़ाहह आहह रहा है.
मैं अपनी गांड उचकाने लगी.
वह बोले- मादरचोद कुतिया साली … मजा आ रहा है कि नहीं?
मैं बोली- शिशु जी आपने तो मेरी जान निकाल दी … आह काफी मजा आ रहा है.
वो मेरे ऊऊपर उठक बैठक करने लगे. उनका लंड मेरी चूत में सीधा सीधा घुस रहा था और मैंने उनकी कमर कस ली थी.
मैंने थोड़ा सा उठ कर देखा, तो देखती रह गई. वो बड़ी बेदर्दी से मेरी चूत को चोद रहे थे.
मेरी चूत को शिशु ने भोसड़ा बना दिया था. उनका लंड तेजी से चूत में अन्दर बाहर हो रहा था.
तभी चूत ने पानी छोड़ दिया और कमरे में फच फच की आवाज गूंजने लगी.
मैं बोली- शिशु जी आपने तो मेरी चूत की मां चोद दी है, अब चूत को फाड़ दोगे क्या … प्लीज़ थोड़ी धीरे धीरे चोदो ना!
वे बोले- तू चिंता मत कर बहन की लवड़ी, कुछ नहीं होगा रंडी, तेरी चूत मस्त है. मैंने कई लड़कियों और औरतों को चोदा है, पर तेरी जैसी चुदासी औरत कोई नहीं थी. साली रंडी तुझे चोदने में बड़ा मजा आ रहा है.
वे मुझे चूमने लगे और तेजी से मेरी चुदाई करने लगे.
शिशु काफी मस्त तरीके से चोद रहे थे. मैं ‘अम्मम उम्म …’ करने लगी.
उनके झटके काफी तेज हो गए, पलंग भी चरमरा रहा था और मुझे लगा कि कहीं पलंग ना टूट जाए.
थोड़ी देर बाद ही मैं झड़ गई.
अब मुझसे उनका लंड सहन नहीं किया जा रहा था.
मैं कराहती हुई बोली- आहह आह शिशु प्लीइइज … आई ईई छोड़ दोओ.
मगर वे झटके मारते हुए बोले- शिप्रा मादरचोद कुतिया, अभी तो मुझे मजा आने लगा है … और तू बोल रही है कि छोड़ दो. हरामजादी रंडी अभी तो मैं तुझे जी भरके चोदूँगा मादरचोद.
उन्होंने लंड निकाल कर मेरे मुँह में डाला और कहा- लंड चूस छिनाल.
मैं लंड चूसने लगी.
वे बोले- चल कुतिया बन जा शिप्रा.
मैं चुपचाप कुतिया बन गई.
वे मेरे पीछे आए और मेरी चूत में लंड घुसा दिया.
उन्होंने मेरे कंधों को पकड़ा और तेजी से मेरी चूत में लंड पेलने लगे.
कमरे में मेरी चीखें गूंजने लगीं- आईईईई ऊईईईई बचाओ आईईई मर गयी.
उन्होंने मेरे पुट्ठों पर चांटे मारने शुरू कर दिए.
कमरे में फच फच के साथ चट चट चटाक की आवाज सुनाई दे रही थी.
उन्होंने चुदाई रोकी और मेरे बालों को पकड़कर मुझे पीछे खींच लिया.
मेरे मम्मों को निचोड़ते हुए कहा- क्यों री कुतिया साली … कैसा लग रहा है मादरचोदी?
मैं बोली- शिशु जी, आपने मुझे काफी देर तक चोद लिया है … प्लीज अब छोड़ दो ना … बाद में चोद लेना. मुझे प्यास लग रही है.
वे बोले- साली मादरचोद रांड, अभी तेरी प्यास बुझाता हूँ.
उन्होंने मुझे अपने ऊपर से गिरा दिया और मेरे मुँह में लंड डाल दिया.
मैंने उन्हें देखा. वे धीरे धीरे मेरे मुँह में पेशाब करने लगे.
वे मेरे बालों को सहलाते हुए बोले- शिप्रा अपनी प्यास बुझा ले बहनचोद छिनाल.
मैं अपनी आंखें बंद करके धीरे धीरे उनका पेशाब पीने लगी.
पूरा पेशाब पीने के बाद मैं उनके लंड को चूसने चाटने लगी.
मैं बोली- शिशु जी, आपकी गर्म गर्म पेशाब पीने में मजा आ गया.
उन्होंने मुझे खड़ा कर दिया और मेरे मम्मों को सहलाते हुए बोले- शिप्रा तू बहुत बड़ी कुतिया है हरामजादी. तेरे जैसी चुदक्कड़ औरत मुझे अब तक नहीं मिली.
मैं बोली- हां शिशु जी, मैं तो बस लंड की दीवानी हूं. मुझे चुदाई में मजा आता है, पर मेरे पति को चुदाई करने का टाइम नहीं मिलता.
वे बोले- तू चिंता मत कर मादरचोद रांड … आज तुझे जी भरकर चोदूँगा मादरचोद.
हम दोनों चिपक गए और एक दूसरे को चूमने चाटने लगे.
थोड़ी देर बाद ही उनका लंड फिर खड़ा हो गया और मेरी चूत से टकराने लगा.
मैं बोली- शिशु जी, यह शैतान तो फिर खड़ा हो गया!
वे बोले- अरे मादरचोद, ये भी तुझे अभी और चोदना चाहता है.
मैं बोली- प्लीज शिशु जी, अब बिल्कुल भी हिम्मत नहीं है. आपने तो मेरी चूत को फाड़ कर रख दिया है.
वे बोले- बहनचोद रंडी, अब मैं तेरी गांड मारूंगा.
मैं डर गई और मैंने कहा- हे भगवान्, आप क्या करने की सोच रहे हैं. एक बार मेरे पति ने डालने की कोशिश की थी, तो वे नाकामयाब हो गए थे. सिर्फ उनके टोप से ही मैं चीखने लगी थी और यह तो मूसल है शिशु जी … मैं आपकी हर बात मानूँगी, पर मेरी गांड को छोड़ दो.
वे मुझे चूमने लगे और बोले- अरे मेरी जानेजाना, तुझे बिल्कुल भी दर्द नहीं होगा. मैं बिल्कुल आराम से तेरी गांड मारूंगा.
मैं नहीं नहीं करती रही पर उन्होंने मुझे बिस्तर पर गिरा दिया और मेरे मम्मों को सहलाते हुए बोले- शिप्रा मान जा मेरी लौंडिया, देखो दर्द हुआ तो मैं लंड निकाल लूँगा.
वे मुझे चूमने लगे और मेरे मम्मों को दबाने लगे.
थोड़ी देर बाद मैं गर्म हो गई और सिसकारी लेने लगी.
उन्होंने मेरी दोनों टांगों को फैलाया और मेरी चूत के नीचे एक तकिया रख दिया.
मेरी गांड उठ गई और वे मेरी गांड सहलाने लगे.
वे बोले- आह मादरचोद रांड … क्या नरम नरम पुट्ठे हैं.
मैं हंसी और बोली- शिशु जी, आपने तो मेरी ना को भी हां में बदल दिया.
उन्होंने अपनी उंगली मेरी गांड में घुसा दी.
मैं एकदम से पलट गई.
वे उठ कर सामने टेबल से तेल की शीशी ले आए और अपनी उंगली तेल में डुबो कर मेरी गांड में डालने लगे.
मुझे बड़ा मजा आ रहा था और मैं सिसयाने लगी ‘आहह ओह इस्स आह आह ओह.’
थोड़ी देर में उन्होंने पूरा तेल मेरी गांड के अन्दर भर दिया और अपनी उंगली मेरी गांड में घिसने लगे.
मुझे मजा आने लगा और मैं बोली-शिशु जी जल्दी से लंड गांड में घुसा दो.
मैंने भी उठकर उनके लंड पर तेल लगाकर चिकना कर दिया.
वे बोले- चल कुतिया, लेट जा मादरचोद.
मैं तकिये पर लेट गई और अपनी उंगलियों से अपनी गांड फैला कर बोली-प्लीज शिशु जी, अपना लंड धीरे से डालना, मेरी गांड मत फाड़ देना.
उन्होंने मेरी टांगें फैलाईं और लंड मेरी गांड में घुसाने. मेरी गांड फैलने लगी.
मैं कराहने लगी- आह शिशु जी … ओह ओह … प्लीज शिशु जी नहीं … ईईई उफ अह छोड़ दो ना … काफी मोटा लंड है … आईईईई ऊईईईई आआह.
शिशु ने मेरी कमर पकड़ी और जोर लगाया, तो उनका मोटा सुपारा मेरी गांड में घुस गया.
मेरी गांड छिल गई.
मैं थोड़ी सी तड़पी, फिर शांत हो गई.
शिशुपाल जी शायद इसी का इंतजार कर रहे थे; उन्होंने मेरी कमर पकड़ी और जोर का झटका दे मारा.
उनका आधा लंड मेरी गांड में घुस गया.
मैं जोर से चीखी- आईईई ईईई … मर गयी मम्मीईईई … ईईई आहह … बचाओ शिशु जीईई.
शिशु ने मेरी चीख पर कोई ध्यान नहीं दिया और फिर से एक बार जोर से झटका दे मारा.
इस बार पूरा लंड मेरे अन्दर हो गया.
मेरी आंखों में अंधेरा छा गया और मुझे लगा कि धरती हिल गयी है.
फिर शिशु जी ने जो लंड पेला, मुझे ऐसा लगा कि मेरी गांड के दो टुकड़े हो जाएंगे.
मैं चीखने लगी- आई ईईई ऊईई ईई बचाओ … आह छोड़ दो नाआ.
शिशुपाल बोले- वाह हरामजादी, वाह क्या बात है … आह मजा आ गया. अरे वाह मेरे सूरज … कसम से क्या बीवी लाया है … क्या चूसती है रांड आह क्या चुदती है. बड़ी मस्त गांड है शिप्रा की. आह देखो ये हरामजादी साली कुतिया कैसे गांड मरा रही है.
वे जोश में आ गए और तेजी से मेरी गांड मारने लगे.
कमरे में मेरी चीखें गूंजने लगीं- आईई ईई ऊईईईई … आआह बस रुकोओ आहह धीरे धीरे.
मैंने सोचा कि जब मेरे पति कोशिश कर रहे थे तो उनका लंड गांड में घुसा भी नहीं और उन्होंने कहा कि गांड कसी हुई है, पर शिशु ने तो मेरी गांड में अपने लंड को घुसा दिया.
मैंने मन में कहा कि साले सूरज तुझे गांड मारना नहीं आया, तो मेरी गांड को दोषी बना रहा था. शिशु को देख कैसे मेरी गांड का फालूदा बना रहे हैं.
शिशु ने पांच मिनट में मेरी गांड को पोला कर दिया और मेरा दर्द कम हो गया.
मेरी चीखें कम हो गईं और मैं सिसयाने लगी- आहह ओह इस्स … प्लीज छोड़ दो ना दर्द हो रहा है.
शिशु रूककर मेरे गालों को चूमने लगे और बोले- दर्द कम हुआ कि नहीं?
मैं बोली- हां थोड़ा सा कम हो गया है मजा भी आ रहा है.
उन्होंने मेरे बदन को करवट लेकर लिटा लिया और मेरे मम्मे दबाने लगे.
मैं- आह आह धीरे धीरे मसलो … आह ओहह हह प्लीज.
शिशुपाल जी धीरे धीरे मेरी गांड मारने लगे.
वो लंड अन्दर बाहर करते हुए बोले- सच में यार … बड़ी मस्त गांड है तेरी … साली हरामजादी रंडी.
मैं बोली- शिशु जी, आज से मैं भी आपकी और मेरी चूत और गांड भी आपकी.
शिशु जी ने रफ्तार बढ़ा दी और मैं मस्ती में सिसयाने लगी- आहह ओह … क्या मस्त लंड है आपका … आह मजा आ गया आह … और तेज शिशु जी … और तेजी से मेरी गांड मारो!
वे पूरी ताकत से मुझे चोद रहे थे. मेरा बदन दुखने लगा था लेकिन मजा भी बहुत आ रहा था.
मैं बोली- शिशु जी मुझे अपनी गांड का स्वाद तो चखा दो प्लीज.
उन्होंने अपना लंड निकाल लिया और मैं उठ कर लंड को चाटने लगी.
वह बोले- आह मादरचोद रांड … चाट साली … और चाट कुतिया.
मैं बोली- शिशु जी … आह आपका लंड चाटने में बड़ा मजा आ रहा है.
उन्होंने अपना लंड मेरे मुँह में डाला और घिसने लगे.
मैंने जी भरकर लंड को चाटा और फिर अपनी गांड में घुसा कर बैठ गई.
शिशु जी नीचे से मेरी गांड मारने लगे और मेरा बदन उछलने लगा.
मैं कराहती हुई बोली- आहह आह आह अब छोड़ भी दो ना!
उन्होंने मेरे मम्मों को निचोड़ते हुए कहा- आह बहनचोद शिप्रा, मजा आ रहा है चोदने में, रंडी साली कुतिया शिप्रा, तुझे कैसा लग रहा है मादरचोद?
मैं- आह बड़ा मजा आ रहा है.
वे देर तक मेरी गांड मारते रहे, Xxx डर्टी पोर्न का मजा लेते रहे.
फिर उन्होंने मुझे पलटा कर लिटा दिया और मेरी टांगें अपने कंधों पर फंसा लीं.
वो फिर से तेज गति से मेरी गांड मारने लगे.
मैं ‘ओहहहह ओह प्लीज छोड़ दो ना.’ करती रही, पर वे मेरी गांड चुदाई करते रहे.
उन्होंने मेरी गांड को एकदम ढीला कर दिया था.
करीब पंद्रह मिनट तक वे अपने लंड से मेरी गांड का फालूदा बनाते रहे और फिर उन्होंने मेरी गांड को अपने वीर्य से भर दिया.
उनके वीर्य से मेरी गांड की सिकाई हो गई और मैंने अपनी टांगें उनके कंधों से उतारकर बिस्तर पर फैला लीं.
उनकी कमर पर हाथ फेरते हुए कहा- शिशु जी, आपने तो मेरी जान निकाल दी, बापरे कितनी बुरी तरह से मेरी गांड और चूत को पेला.
वे बोले- मेरी मादरचोद रांड, साली तू तो चुदने के लिए ही बनी है बहनचोद. तुझे चोदने में मुझे काफी मजा आया.
उन्होंने अपना लंड मेरे मुँह में डाल दिया. मैं लंड चूसती रही.
फिर वह धीरे धीरे मेरे में पेशाब करने लगे और मैं उनका पेशाब पीने लगी.
पूरा पेशाब पीने के बाद मैं बाथरूम में नहाने चली गई.
नहाने के बाद शिशु जी ने मुझे फिर बिस्तर पर लिटा दिया और फिर से मुझे चोदने लगे.
उस दिन उन्होंने मुझे कपड़े नहीं पहनने दिए. उन्होंने पूरे घर में अलग अलग जगहों पर मुझे जीभर कर चोदा.
शिशु 4 दिन रुके. वो मुझे सूरज के ऑफिस जाने के बाद से लेकर सूरज के आने तक खूब चोदते.
अभी भी जब भी उन्हें मौका मिलता है, तो वह मुझे चोदने के लिए मेरे शहर आ जाते हैं.
इस दौरान मैं कई बार गर्भवती भी हुई, पर उन्होंने हर बार मेरा गर्भपात करवा दिया.
तो कहिए दोस्तो, कैसी लगी Xxx डर्टी पोर्न कहानी!
मुझे लिख कर बताएं.
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